Uncle Niece Sex Story, चाचा भतीजी सेक्स कहानी : आज मैं आपको अपनी कहानी सूना ही देता हूँ। कब से सोच रहा हु अपनी कहानी आपके साथ शेयर करूँ पर आज मुझे हिम्मत हो ही गया की अपनी सेक्स कहानी यानी चुदाई की कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर शेयर कर सकूँ।
दोस्तों बिना समय बर्बाद किये आपके लंड को खड़ा कर दूंगा और कोई महिला या लड़की है तो तुरंत ही मैं उनके चुत में पानी ला दूंगा अपनी कहानी सूना कर।
मैं अपनी सगी भतीजी को जंगल में ले जाकर चोदा आखिर ऐसा कैसे हुआ और जंगल क्यों जाना पड़ा अब बता रहा हूँ। एक दिन की बात है मेरे घर वाले किसी रिस्तेदार के यहाँ जा रहे थे शादी में। घर में करीब 10 से ज्यादा ही लोग थे। और गाडी एक थी बोलेरो। सब लोग कैसे आते? तो सब एक दूसरे के गोद में भी बैठ गए जो छोटे थे।
मेरी गोद में मेरी भतीजी बैठी थी। लड़कियां कब जवान हो जाती है किसी को नहीं पता पर घरवाले को लगता है अभी छोटी ही है। यही गलती हरेक लोगों से हो जाती है तब तक वो लड़की चुद जाती है चाहे घर वाले से या बाहर वाले से। वही हुआ।
जब वो मेरे गोद में बैठी तो मेरा ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। पर मैं अपने मुँह को ऐसे बना रहा था की मानो मुझे बहुत बुरा लग रहा है। पर मुझे भीतर ही भीतर काफी ख़ुशी हो रही है। गर्मी का मौसम था। गाडी चल पड़ी थी करीब पांच घंटे का रास्ता था। शुरआत के एक दो घण्टे बहुत ही सभ्य तरीके से रहा। ऐसा लग रहा था मैं एक अच्छा गार्जियन हूँ। उसके बाद जब सबको नींद आने लगी सब लोग सोने लगे। मेरी भतीजी भी सोने लगी।
तब मैं धीरे धीरे गांड सालनाने लगा उसके बाद मैं उसको चूचियों पर हाथ रखने लगा मानो की मैं उसको संभाल रहा हूँ। शुरआत में भतीजी को भी लगा की मैं केयर कर रहा हूँ. और उसको गिरने से बचा रहा हूँ पर कुछ ही देर में उसको भी एहसास हो गया की मैं उसको जिस्म को टटोल रहा हूँ
हुआ यों की जब गाडी हिलती तो मैं उसको चूचियों को दबा देता उसको लगता की गाड़ी हिलने की वजह से हुआ है। उसके बाद मैं उसके गांड को सहालने लगा पहले वो एक पेअर के घुटने के ऊपर बैठी थी। जब सब लोग सोने सोने को हो गए तो मैं उसको बिच में ले लिया।
अब उसकी गांड जैसे ही मेरे लंड के बीचो बिच आया मेरा लंड उफान पर पहुंच गया खड़ा हो गया। कड़ा हो गया। सुमि (मेरी भतीजी) को पता चल गया की चाचा को बाबू खड़ा हो गया है। पहले तो उसको ख़राब लगा क्यों की वो आगे पीछे हो रही थी। लंड से बच रही थी। पर मैं उसको अच्छे से दबा कर अपनी गोद में बैठा लिया तो वो भी आराम से बैठ गयी.
मेरा लंड उसकी गांड के बिच दबा था। वो अब मजे लेने लगी जब्ब जब्ब गाडी हिलती वो और भी गांड को रगड़ देती। अब वो मेरे हाथ से चूचियां भी मसलवाने को आतुर होने लगी। वो बार बार मेरा हाथ अपनी दोनों बूब्स पर रख देती और कातिल निगाहों से मुझे देखती।
ओह्ह्ह्ह मुझे भी मजा आने लगा और उसे भी मजा आने लगा। आँखों ही आँखों में बात होने लगी जिस्म की. पर कुछ ही देर बाद हम लोग अपने रिस्तेदार के यहाँ पहुंच गए। वहां पर शादी थी इसलिए सब मिलकर गए थे। अब मुझे कुछ भी नहीं सूझ रहा था मेरा ध्यान अपनी भतीजी पर भी था। वो भी बार बार घर से निकलकर मुझे ही झांकती और देखती। मैं समझ गया था वो भी आतुर हो रही है मिलने को। मैंने उसको मुँह से खून लगा दिया था। अपना लंड गांड में रगड़ कर। वो अब मुझे ही बार बार घर रही थी। मैं उसको सभी बातों को समझ रहा था।
तभी वो आई वह पर मेरे भैया भी बैठे थे यानी उसके पापा। जहा हमलोग गए थे उनका घर जंगल के बगल में था। वो लोग हिल में थे. वह का मौसम बहुत अच्छा लग रहा था। शाम होने को थे तो चिड़ियाँ चहचहा रही थी। बड़ा ही मनोरम स्थान था।
तो मेरी भतीजी आई और अपने पापा को बोली पापा आप जंगल के तरफ ले चलोगे बहुत मजा आएगा। हरा भरा देखना है और सुना है सामने झरना भी है। तो भइया बोले अरे नहीं नहीं सुबह जाना अब मुझे फुर्सत नहीं होगा. रात को बरात आने वाली है। यहाँ लोग क्या कहेंगे घूमने चला गया है इसलिए यहाँ रहना जरुरी है।
तभी तो बोल उठी चाचा आप ही चलो जल्दी आ जायँगे। तो मैं बोल दिया मैं भी ज्यादा देर नहीं रहूंगा. तो भैया बोले जा जा अँधेरा हो जाएगा इसलिए जल्दी घुमा ला। ओह्ह्ह्हह्ह आर्डर मिल गया था। मजा आ गया था उसने मुझे तिरछी नजर से देखा मैं भी वासना भरी निगाह से देखकर लंड के तरफ इशारा कर दिया.
हम दोनों जंगल के तरफ चले गए। सब लोग शादी में बीजी थे तो अपने अपने काम में थे. जंगल के तरफ कोई नहीं था। जैसे ही जांगले में हमलोग थोड़े दूर ही गए। झाडिया आने लगी तभी वो दौड़कर आई और मेरे होठ को चूसने लगी। मैं भी उसको उठा लिया और होठ चूसने लगा। गांड को सहलाने लगा तो वो बोली इसमें क्या रखा है आज पांच घंटे तो इसी को सहला रहे हो।
वो झाडी के पास बैठ गयी। मैं उसका टॉप्स उतार दिया और लिटा दिया। छोटी छोटी बूब्स को पहले खूब मसला जब तक लाल नहीं हो गया उसके बाद पीया जब तक उसने मुझे छोड़ने नहीं बोली। फिर पहुंचा उसके चुत तक। जैसे हाथ रखा चुत उसका पानी पानी हो गया था। ऊँगली किया तो वो सिहर गयी.
मैं उसका जीन्स निचे कर दिया एक टांग में फंसा कर ही राखी पेंटी और जीन्स। और दोनों पैर को फैला दी। मैं अपना लंड उसके चुत पर सेट किया और जोर से घुसा दिया। उसके चुत में पूरा लंड चला गया। तो मैं पूछा किसी और से पहले भी चुदवा चुकी हो क्या। क्यों की आराम से लंड चला गया। तेरी चुत टाइट तो है पर उतना नहीं जितना कुंवारी लड़की का होने चाहिए। वो बोली नहीं नहीं ये तो बैगन का कमाल है।
मैं समझ गया वो अपनी चुत में बैगन घुसाती होगी। उसके बाद मैं पेलने लगा। चूचियां दबा दबा कर उसको जब चुत में धक्के देता तो वो आह आह आह आह करती कभी कभी धीरे धीरे कहती।
वो भी गांड उठा उठा कर चुदवाती और मैं जोर जोर से धक्के देता. करीब दस मिनट तक ऐसे ही चोदा फिर वो ऊपर आ गयी और मेरा लंड चुत में रखकर बैठ गयी. पूरा लंड उसके चुत में घुसा गया. अब वो उछल उछल कर चुदवाने लगी। और मैं निचे से धक्के देने लगा. करीब आधे घंटे की चुदाई में वो थक गयी और मेरा भी वीर्य निकल गया.
मेरी भतीजी सारे वीर्य को पी गयी और फिर से मुझे किस करि और फिर हम दोनों वापस आ गए. फिर क्या दोस्तों अब तो हम दोनों में चुदाई का प्रगाढ़ रिस्ता हो गया है। मैं आपको जल्द ही अपनी दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखने वाला हूँ वो बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी कहानी होगा.
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