Hindi Sex Story Bhai Bahan Ki Chudai : हेलो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।
मेरा नाम सोनाक्षी है। मैं उत्तर प्रदेश के एक गांव में रहती हूँ। जिसका नाम तिवारी पुरवा है। मैं देखने में बहुत ही जबरदस्त लगती हूँ। मेरे मम्मे बड़े ही सख्त है। जिनको दबाने में बहुत मजा आता है। मैंने अपनी चूंचियों को दबा दबा कर बढ़ाया है। मैं बॉथ रूम मे अपने चूंचियों से खूब दबा दबा कर खेलती हूँ। मुझे चूंचियो को दबाने में खूब मजा आता है। लड़के मेरे पर मरते है। मेरी स्कूल के सारे लड़के मुझे बहुत पसंदकरते हैं। मै अभी 12 में पढ़ती हूँ। मेरे चुच्चे उछल उछल कर लड़को का लौड़ा खड़ा कर देते है। लड़के बहुत ही परेशान रहते हैं मुझे चोदने के लिए। लेकिन मुझे किसी और से चुदने का मन ही नहीं करता। मेरा सारा चुदाई का नशा मेरा भाई उतारता है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ।
दोस्तों ये बात तब की है। जब मै 10 में पढ़ती थी। मैं और मेरा भाई दोनों ही स्कूल जाते थे। मेरा भाई मुझसे दो साल बड़ा है। इसका नाम राज है। वह उस समय 12 में पढता था। मेरे ही कॉलेज में पढता था। उसका साथ जाना मेरे लिए बहुत अच्छा रहता था। मुझे स्कूल में कोई भी लड़का नहीं देखता था। लेकिन राज की पढ़ाई ख़त्म हुई। वो डिग्री कॉलेज में दाखिला ले लिया। मैं वही पर रह गई। मुझे अकेले कॉलेज जाने में बहुत डर लगता था। मै अकेले कॉलेज नहीं जाना चाहती थी। भाई का डर उस कॉलेज के लड़कों को बहुत ज्यादा थी। भाई के साथ ना होने पर धीऱे धीऱे सारे लड़के मुझे देखने लगें।
हर दिन कोई ना कोई मुझे देख कर लाइन मारता था। मैं तंग आ चुकी थी। मैंने कॉलेज न जाने का फैसला किया। लेकिन डर लग रहा था। कही भाई ने पूंछा यो क्या कह दूँगी। इसी डर से मै कॉलेज जाने लगी। राज एक दिन मुझसे पूछा- “तुम्हे कुछ कोई कहता तो नहीं” मैंने ना बोल दिया। एक दिन एक लड़के ने मुझे चिट्ठी दी। वो चिट्ठी मेरे बैग में रख कर चला गया। मुझे पता भी नही चला। मैंने अपना बैग चेक किया तो उसमें चिट्ठी पड़ी थी। मैं चिट्ठी निकाल कर पढ़ ही रही थी। अचानक पीछे से मेरा भाई राज आ गया। मैंने चिट्ठी को छिपाने की कोशिश की। लेकिन उसने चिट्ठी छिपाते देख लिया।
मैंने राज को बहुत समझाया लेकिन वो मेरी बात नहीं माना। उसने मेरे हाथों से चिट्ठी छीन ली। उसने चिट्ठी खोल कर पढने लगा था। उसने लिखा था। “सोनाक्षी मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।मैं तुमसे आज शाम को पास वाले पुल पर मिलना चाहता हूँ। मेरा मिलना आज बहुत जरूरी है। मैं तुम्हारा शाम को इन्जार करूंगा”
चिट्ठी पढ़ते ही उसका चेहरा लाल लाल हो गया। उसकी आँखे देख़ कर मुझे दर लग रहा था। उसको पढ़कर मेरे ऊपर शक होने लगा। उसने मेरे बाल पकड़ कर दीवाल से सटा दिया। दो तीन थप्पड़ लगाकर कहने लगा- “आज रात में तेरी ख़बर लेता हूँ। पहले शाम को उस कुत्ते से मिलता हूँ” मैं बार बार राज को बताती मैने कुछ नहीं किया है। शाम को राज ने पुल पर जाकर लड़के को खूब मारा। वह चिट्ठी मेरे कॉलेज का एक लड़का रखा था। उसका नाम रमन था। उसी ने चिट्ठी रखी थी।
भाई के मार कर पूंछने पर उसने सब सच सच उगल दिया। बचपन से ही मैं और राज एक साथ एक ही बिस्तर पर लेटते थे। पढ़ाई करना रहता था। तो साथ में ही पढ़ने में ज्यादा मजा आता था। फिर एक साथ सो भी जाते थे। आज शाम को भी राज बिस्तर पर मेरे साथ लेटने आया। डर के मारे मेरी गांड़ फ़टी जा रही थी। मुझे अब तक कभी भी भाई ने मुझे ऐसे नजर से नही देखा था। उसकी नजर आज मुझे बहुत ही अजीब लग रही थी। मैंने उसकी तरफ ना देख कर अपना मुह घुमा लिया। मैंने उससे नाराज होने का नाटक किया। नाराज देखकर उसने मेरा चेहरा अपनी तरफ करके। मेरी आँखों में आँखे डाल कर बात करना चाहता था।
राज भाई- “क्या बात है सोनाक्षी आज तुम्हारी नजर नीची क्यों है”
मै- “कुछ नही वैसे है”
राज भाई- “सॉरी मैंने तुम पर शक किया”
मै- “बड़ी आसानी से सॉरी बोल दिया। मैंने बताया था। मैंने कुछ नहीं किया। फिर भी विश्वास नही है अपनी बहन पर”
राज भाई- “मैंने इसीलिए तो सॉरी बोला था। मुझे बाद में ये सब पता चला”
मै मन ही मन खुश हो रही थी। चलो गलती का एहसास हो गया। लेकिन उसकी गालियों ने मेरे मन में चुदने की प्यास जगा दी। मैं भी चुदने को तड़प रही थी। अभी तक कुंवारी होने के कारण मुझे आज चुदाई का आनंद चाहिए था। मै सोंच रही थी। काश! मेरा भाई आज मेरी तड़प को शांत कर देता।
राज ने कहा- “मानता हूँ तुम्हे भी अपना कोई बॉयफ्रेंड चाहिए। लेकिन मैं ये नही चाहता की कोई तुम्हारा गलत इस्तेमाल करे”
मैं- “मैं भी नही चाहती इसीलिए मैंने आज तक किसी लड़के को अपना बॉयफ्रेंड नहीं बनाया”
राज- ” मै तुम्हे अच्छे से समझता हूँ। लेकिन मैं क्या करूँ? तुम्हारे पास चिट्ठी ही ऐसी थी”
मै- “कोई बात नहीं”
राज- “लेकिन एक बात बोलूं”
मैं- “हाँ बोलो”
राज – ” तुम्हे मै हर तरह का सुख दे सकता हूँ। लेकिन तुम कभी ये सुख किसी और को न देना”
इतना कहकर राज ने किस किया। लेकिन आज का किस गालो पर ना करके मेरे होंठ पर कर लिया। मेरी चूत में कीड़े काटने लगे। मै चुदने को बेकरार होने लगी। उसके साथ कैसे सेक्स करती। मुझे नींद नहीं आ रही थी। राज भी अपनी आँखे खोले मुझे ही ताड़ रहा था। लग रहा था अभी चोद ही डालेगा। मुझसे नहीं रहा जा रहा था। हम दोनों को पता था की सेक्स की जरूरत है। लेकिन भाई बहन के रिश्ते का डर था। कुछ देर बाद मैं उससे चिपक गई। राज ने मुझे हरी सिग्नल दे ही दिया था। वह अपना ऊछ मेरे मुंह मेरे मुह के करीब लाकर कहने लगा।
राज- “क्या बात है। गर्लफ्रेंड की तरह बना लू तुम्हे”
मै- ” हाँ मुझे तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनने का मन कर रह है”
मै उसको अपना बॉयफ्रेंड मान चुकी थी। मैंने उसके लौड़े की कई बार छुआ था। पहले जब भी वह सोता था तो मैं उसका लौड़ा चुपके से छू लेती थी। मुझे राज का लौड़ा बहुत ही अच्छा लगता था। उसका मोटा लौड़ा अपने चूत में डलवाने को मन कर रहा था। राज मुझे कस के पकड़ कर मेरे होंठो पर अपनी होंठ टिका दिया। उसका होंठ बहुत ही मजा दे रहा था। वह बहुत ही गोरा था। उसके होंठ भी काफी लाल लाल दिखता था। मैं और राज जिस रूम में सोते थे। उस रूम में कोई औऱ नही रहता था। उसका होंठ बहुत सॉफ्ट था। लड़कियों से भी ज्यादा नाज़ुक थे।
राज मेरे होंठो की चुसाई बहुत ही मज़े ले ले कर कर रहा था। आज पहली बार मेरे होंठ को कोई चूस रहा था। मेरी साँसे गर्म हो रही थी। पहली बार मुझे ऐसा सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उसके होंठ को मैंने चूस चूस कर लाल लाल कर दिया। वह भी मेरे होंठ को चूसने में बहुत ही व्यउसने भी मेरे होंठो को चूस चूस कर लाल लाल कर दिया। जीवन का मेरा ये कब तक का सबसे हसीन पल लग रहा था। अपनी जीभ अंदर डाल कर वह मेरी जीभ से जीभ लड़ा कर मेरी जीभ चूस रहा था। अजीब अजीब तरीके से किस करना मै भी सीख रही थी। उसने अपना हाथ डरते डरते मेरी चूंचियो पर रख दी। मेरे बड़े बड़े टमाटर को कस के दबा दिया।
मेरी सिसकारियां निकालने लगी। मै“…अहहह्ह्ह् हह स्सीईईईइ. …अअअअअ… आहा …हा हा हा” की सिसकारियां भरने लगी।मै उसके हाथ से अपनी चूंचियो को दबाने लगी। राज भी समझ गया मै आज चुदवाने को तड़प रही हूँ। राज का भी चोदने का मन आज कर रहा था। वो भी आज जोश में आ गया। पहले कभी भी उसने मेरे साथ ऐसा नहीं किया था। इसीलिए मुझे राज से डर लगता था। राज अपने हाथों से मेरे मम्मो को रगड रहा था। किसी तरह मै अपनी सिसकारी न निकालने को कंट्रोल कर रही थी। घर का कोई देख लेता तो कयामत आ जाती। आज भाई अपनी बहन के साथ सेक्स करने में व्यस्त था।
मै उस दिन टी शर्ट और हॉफ लोअर पहन कर लेटी थी। वह मेंरी चूंचियो को हाथो में लेकर बहुत ही मजे ले ले कर खेल रहा था। उसका हाथ मेरी बूब्स को बहुत तेजी से दबा रहा था। मै गर्म गर्म साँसे छोड़ रही थी। मै काफी गर्म हो गई। वह बिस्तर से उठ कर दरवाजा को कुण्डी मारने के लिए चला गया। मुझे अब यकीन हो गया। आज तो पक्का मेरी चूत चुद जायेगी।राज ने आकर मुझे आकर उठने को कहा। मै खड़ी हो गई। उसने मेरी टी शर्ट निकाल दी। राज ने मेरी टी शर्ट को निकाल कर मेरी ब्रा में पैक चूंचियो देख रहा था। देखते ही पागलों की तरह उस पर टूट पड़ा। उसने मुझे लिटाकर।
मेरी ब्रा को निकाल दिया। मेरी चूंचियां साफ़ साफ़ दिखने लगी। मेरी दूध की तरह गोरी चूंचियो पर काले रंग का निप्पल चार चांद लगा रहा था। दूध पीने के लिए अपना मुह लगाकर निप्पल को को पीने लगा।मैं“….अई…अई….अई….अई…. उहह् ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह…” की आवाज निकाल कर अपनी चूंचियां चुसवा रही थी।मै जोश में आकर उसका सर अपनी चूंचियो में दबा रही थी। कुछ देर तक पीने के बाद उसने अपना कपङा निकाल कर बिलकुल नंगा हो गया। मै राज के लौड़े को देखने को बेताब हों रही थी। मैंने उसका लौड़ापैंट से निकलते देख कर चौक गई। बाप रे इतना बड़ा लौड़ा पहली बार देखने को मिल रहा था। ब्लू फिल्म मे भी इतना बड़ा मैंने नहीं देखा था। मैंने राज के लौड़े को अपनी हाथो में लेकर खेलने लगीं। मैंने कभी सेक्स तो नहीं किया था। लेकिन मैंने ब्लू फिल्म खूब देखी थी। उसके लौड़े को अपने हाथों में आगे पीछे कर रही थी। राज का लौड़ा आगे पीछे करने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
मै उसे अपने मुँह में रखकर लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। उसकी दोनों गोलियां झूल रही थी। मैंने एक एक गोली को रसगुल्ले जैसे अपने मुह में भर लिया। खूब चुसाई की। राज मेरी मुह में ही अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगा। गले तक अपना टोपा लगाकर बाहर निकाल रहा था। राज ने मुझे खड़ा किया। मेरे लोअर को उसने नीचे सरका दिया। उसका लौड़ा सीधे ही खड़ा था। मेरी चूत के छेद के ठीक सामने लग रहा था। राज ने मुझे लिटा दिया। उसने मेरी पैंटी को निकाल कर। मेरी चूत के दर्शन किया। उसका लौड़ा खड़ा मुझे चोदने को बहुत ही जल्दी जल्दी ऊपर नीचे हो रहा था। मेरी चूत पर अपनी जीभ को लगा दिया। पहली बार मुझे अपनी चूत पर किसी का जीभ लगवाने में बहुत ही अजीब लग रहा था। राज मेरी चूत चटाई कर रहा था। दोनो कमल की पंखुडियो जैसी मेरी चूत को उसकी जीभ बहुत की कामुकता से चूस रही थी।
उसकी जीभ धीऱे धीऱे मेरे चूत की बीच में आने लगी थी। उसको मेरी चूत चाटने में पता नहीं क्या मजा आ रहा था। मेरे चूत को अपने जीभ से चाट चाट कर अपनी प्यास बुझा रहा था। उसने अपने दांतों से मेरी चूत के दाने को काट रहा था। दाने को काटते ही मेरी मुह से “उ उ उ उ उ…अअअअअ आआआआ….सी सी सी सी…ऊँ …ऊँ…ऊँ…” की सिसकारियां निकल रही थी। उसने मेरी चूत को पीना बंद किया। वह अपना लौड़ा मेरी चूत पर रगड़ने लगा। राज के लौड़ा रगड़ते ही मैं बहुत ही गर्म हो रही थी। मेरी चूत के कीड़े जोर जोर से काट रहे थे। उसका लौड़ा मै चूत में डलवाने को बेकरार होती जा रही थी। मैं अपने नाखूनों को उसकी गांड़ में गड़ा रही थी।
कुछ देर बाद उसने धक्का मार कर अंदर घुसाने लगा। उसका लौड़ा अंदर घुस तो किसी तरह गया। मेरी चूत फट गया। राज के लंड ने मेरी चूत को फाड़ डाला। मै जोर से “….मम्मी…मम्मी…सी सी सी सी…हा हा हा ….ऊऊऊ …ऊँ…ऊँ..ऊँ…उनहूँ उनहूँ…” की आवाज निकल गई। मैंने अपनी सील बहुत ही पहले ऊँगली करके तोड़ ली थी। मेरी चूत बहुत ही टाइट थी। उसने अपना पूरा लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। उसका पूरा लौड़ा मेरी चूत में अंदर बाहर हो रहा था। उसका लौड़ा मेरी चुदाई करके मेरी चूत को फाड़ रहा था। उसने अपने लौड़े से आज मेरी चिकनी चूत को फाड़ डाली। उसने मेरी टांगों को उठा कर मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल कर चोदने लगा। इतनी जोश में हो रही चुदाई बहुत ही आनंददायक थी।
मुझे दर्द में भी मजा आने लगा।चूत के फटने पर मुझे बहुत ही दर्द हुआ। राज का लौड़ा मेरी चूत को फाड़ फाड कर भरता बना रहा था। वह मेरी खूब जोर जोर से चुदाई कर रहा था। उसकी दोनों गोलियां मेरी गांड़ पर ठक ठक लड रही थी। राज की तेज चुदाई की स्पीड से मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं तेज तेज से“…उंह उंह उंह..हूँ..हूँ…हूँ…हम ममम अह्ह्ह्हह…अई….अई…अई…” की आवाज निकाल कर चुदवा रही थी। राज ने चूत का हावड़ा पुल बना दिया। कब आसनीं से इतना मोटा लौडा अंदर बाहर हो रहा था।
राज ने मुझे बिस्तर के सहारे झुका कर। मेरी कमर को पकड़ कर अपना लौड़ा गप्पा गप्प पेलने लगा। मेरी चूत ने अपना माल निकालना शुरु किया। मै पूरी तरह से झड़ गई। राज ने मेरी चूत के पानी को अपने लौड़े से मथ करके उसका मलाई बना डाला। उसके लौड़े पर मेरी चूत की मलाई लग गई। राज भी अब झड़ने को हो गया। कही मै उसके बच्चे की माँ न बन जाऊं। उसने अपना लौड़ा निकाल कर बाहर कर लिया। उसने अपना सारा माल मेरे पेट पर ही झड़ दिया। मैंने कपङा उठाकर साफ़ किया। रात में उसने मेरी कई बार चुदाई कर मेरी गांड़ भी फाड़ी । हम दोनो अब रोज रात को नंगे ही लेटते हैं। राज मुझे हर दिन चुदाई का सुख देता है। मुझे अब खूब मजा आता है। रोज रोज हर एक नए स्टाइल में चोदता है। कहानी आपको कैसेलगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।
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