मकान मालकिन और उनकी बेटी को चुदाई गांड में ऊँगली घुसा के

मेरा नाम प्रेम है मैं दिल्ली के मॉडल टाउन मे अपनी फेमिली क साथ रहता हूँ, मेरे घर मे मम्मी पापा और मैं हूँ, हम रेंट पे रहते है, मकान मलिक की मृत्यु हो गई थी, और घर मे बस आंटी और उनकी लड़की(अनु) जिन्हे मैं दीदी कहता था रहते थे, ह्म दोनो की फॅमिली मे अच्छी बनने लगी. पर मैं बहुत शर्माता का था तो उनलोगो से बात नहीं करता था. एक बार की बात है बार दीदी कही शादी मे गई थी तो सुबह आने वाली थी तो आंटी ने कहा की मैं उनके यहा सोने आ जाऊं क्यों की आंटी को डर लगता था अकेले सोने में, मम्मी ने मुझे भेज दिया.आंटी की उम्र 50 साल थी, और चुचे बड़े थे पर उतने टाइट नहीं थे, पर मुझे फ़र्क नि पड़ता क्यूकी कैसे व हों चोदने मे हमेशा मूठ मरने से ज़्यादा ही मज़ा आता ह. मैं गया तो उनलोगो क पास एक ही बेडरूम था.

तो हम और आंटी दोनो बेड के एक कोने पर सो गये. आंटी ने नाईटी पहनी थी, शायद वो शर्मा रही पर डर लग रहा था इसलिए मुझे बुला लिया था. और एकदम किनारे पर सोई थी बेड के, की तभी फिसल क बेड से नीचे गिर गई. मैं तुरंत उनके पासा गया और तुरंत उनके कमर मे हाथ डाल के उठाने लगा मैने सोचा इसी बहाने छूने को तो मिलेगा मैने उन्हे बेड पर लिटाया, उनकी गांड मे चोट लगी थी पर मेरे सामने वो सहला नहीं पा रही थी, उन्होने मुझे किचन से पानी लाने को कहा, मैं समझ गया और दरवाजे से देखने लगा मेरे जाते वो गंद को सहलाने लगी, और दर्द से अजीब फेस बना रही थी, मीन्स ज़्यादा चोट लगी थी, मैं पानी ले के आया ,वो फिर नॉर्मल होने की कोसिस करने लगी,

मैने पूछा आंटी कहा चोट लगी ह, कोई क्रीम लगा लो, वो बोली नि कहीं नहीं लगी, पर उनके आँखो मे आँशु थे, मुझे दया आई और मैने कहा आंटी डोंट वरी आप लगा लो मैंने एक क्रीम आलमारी से निकाल के दिया और कहा तब तक आप लगा लो मैं छत पर से घूम कर आता हु , मैं उन्हे क्रीम देके चला गये जब कुछ देर बाद आया तब व आंटी रो रही थी, मैने पूछा क्या हुआ, तो उन्होने कहा मैं क्रीम नहीं लगा पा रही हु और दर्द भी काफी हो रहा है, तो मैने तुरंत कहा मैं लगा देता हूँ,आप शरमाइए ना मैं आपकी बेटी से व छोटा हूँ मुझसे क्या शरमाना.

तो काफ़ी सोचने क बाद उन्होने कहा ठीक है लगा दे. वो पेट क बाल लेट गई, मैने तुरंत उनकी नाईटी कमर से ऊपर तक की, और इससे पहले वो कुछ कह पाती मैने उनकी पेंटी खीच के उतार दी और गांड पे मूव लगाने लगा, फिर वो कुछ नहीं बोली, आंटी मेरे सामने बिल्कुल नंगी उनकी गांड बड़ी थी, मैं दोनो चूतडो को फैला कर मालिश कर रहा था ताकि उनका छेद दिख सके, छेद बहुत छोटा था जैसे किसीने आज तक उनकी गांड मारी ही नहीं हो, मैं खूब अच्छे से मालिश कर रहा था ,और उनके छेद पर व उंगली ले जा रहा था,

वो मजे से मालिश करवा रही थी उन्हें आराम लग रहा था वो कुछ नहीं कह रही थी, मैने पूछा आंटी कैसा लग रहा ह तो उन्होने कहा अब अब रहने दो, मैने कहा थोड़ी देर और कर दूं वरना फिर दर्द करने लगेगा तो उन्होने कहा थी है, कुछ देर बाद वो सो गई और मैने उन्हे सीध घुमाया मेरे सामने उनकी एकदम नंगी बूर थी मैने उनकी टाँगे फैलाई तो मुझे वहा गीला महसूस हुआ मैं समझ गया आंटी को मजा आ रहा था, बस अब तो मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैने तुरंत उनकी बूर पर अपना मूह रख दिया और चाटने लगा ,क्यूकी मैं जनता था अगर वो जाग व गई तो चाटने से उन्हे इतना मज़ा आएगा की वो ना नि करेंगी, उनके मूह से सिसकियाँ लेने की आवाज़ आ रही थी पर आँखे बंद थी मैने उनकी नाइटी को पूरा निकल दिया,उन्होने ब्रा नहीं पहना था,

अब वो बिल्कुल नंगी थी,मैं व अपने सारे कपड़े निकाल के सो गया उनके उपर,बड़ा मज़ा आ रहा था, मेरे सीने क नीचे उनके चुचे और मेरे लंड क नीचे उनकी बूर. मैं जानता था वो जाग रही और उनकी बूर चाटने की वजह से वो गरम व हो चुकी थी,पर मैं चाहता था वो सोने का नाटक छोड़े,क्यूकी अगर सोने क नाटक मे चोदा तो वो फिर शायद मौका ना दे पर अगर जागते हुआ चोदा तो जब चाहूँगा तब बूर मिलेगी,

मैं उनके सरीर से उतरा और किनारे जाके सो गया,उन्हे समझ नहीं आया मैं ये क्या कर रहा हूँ,उन्हे बूर की गर्मी पागल कर रही थी इसलिए वो मेरी तरफ आई और मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी,मेरा 7 इंच का लंड एकदम टन गया था,उन्होने मूह मे लिया और चूसने लगी,मैं उनके बाल को सहलाने लगा वो मेरी तरफ देखी और मुस्कुरा दी,फिर उन्होने का अब प्लीज मुझे चोद दो अब बर्दाश्त नहीं हो रहा,मैने कहा जानू थोड़ा और चूसो ना मेरा लंड,फिर हम 69 पोज़िशन मे आ गये.वो तैयार नहीं थी वो बस चुदना चाह रही थी, पर मेरे ज़ोर देने पर आ गई,मे उनकी बूर चाट रहा था,और अपनी एक उंगली मे थूक लगा क उनकी गांड मे घुसा रहा था,एक उंगली किसी तरह घुसी पर वो चिल्लाई, दर्द होता है गांड में और तुम्हे गांड में क्या मिल रहा है गांडू, ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

फिर उन्होने मेरी तरफ गुस्से से देखा मैं डर गया,वो घुमी और मुझे खीच केअपने उपर किया और मेरे लंड को हाथ मे पकड़ क अपनी बूर क छेद पे रखा .मैं समझ गया अब इससे बर्दाश्त नहीं होगा,मैने ज़ोर से धक्का मारा और आधा अंदर गया,बूर गीली थी पर टाइट भी थी इतनी दिन से चूदि नहीं होगी ना, मैं धक्के पे धक्के मरता रहा 10 मीं बाद उन्होने कहा अंदर अपना माल मत निकालना,जब मेरा निकलने वाला हुआ तब मैने अपना लंड बाहर निकाला और वो मूह मे लेकर चूसने लगी.कुछ देर बाद मैं उनके मूह झड़ गया,

वो तो पहले ही 3 बार झड़ चुकी थी,फिर हम वैसे ही सोए रहे नंगे,सुबह व होने वाली थी,हम दोनों एक दूसरे को पकड़ के सो गया, सुबह जब नींद खुली तो उनकी बेटी के आवाज से, वो खिड़की से झांक के देख रही थी और मम्मी मम्मी चिल्ला रही थी, उसने हम दोनों को नंगे देख लिया, फिर आंटी फटा फट नाइटी पहन के दरवाजा खोली, उनकी बेटी अंदर आई और बोली यहाँ रात भर क्या चल रहा था मम्मी, उसकी मम्मी और मैं एक दूसरे का मुह देख रहे थे, आंटी बोली कुछ भी नहीं बस वो मेरा मालिश कर रहा था मैं बाथरूम में गिर गयी थी. उसके बाद क्या हुआ दोस्तों, मैं आगे की कहानी में बताऊंगा मैंने उनकी बेटी को भी चोदा उसी  दिन, ये सब कैसे संभव हुआ मैं आगे की कहानी में आपको बताऊंगा.

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