भाई ने विधवा बहन को रखैल बनाकर चोदता है

Bahan Bhai, Sex Slave, Vidhwa Sex Story, जी हां मेरे दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक ऐसी कहानी शेयर कर रही हु, जिससे आपको पता चलेगा की कभी कभी पाक रिश्ता भी इंसान को उस मुकाम तक ले जाता है जहा पर रिश्ते के डोर तार तार हो जाता है. मेरी जिंदगी की ये कड़वी कहानी आज मैं आप को www.nonvegstory.com पे सुना रही हु, आशा करती हु की मैं अपनी हु बहु बात आप तक पहुँचाऊँ।

ऐसे मुझे कोई मलाल नहीं है की मैंने क्या किया सही किया की गलत किया, क्यों की मैं कोई नहीं होती हु अपने ज़िंदगी का फैसला करने बाली, ये तो ज़िंदगी है, समय का तकाजा है, कई वो भी चीज करना होता है जिसका इंसान कभी कल्पना भी नहीं करता है. पर मैं खुश हु, मेरी इस ज़िंदगी से, शायद आप भी सहमत हो जायेगे की मैंने जो किया वो गलत नहीं बल्कि सही है.

मैं 35 साल की हु, मेरे पति का देहांत दो साल पहले हो गया है, मेरी ज़िंदगी शादी के बाद भी सही तरह से नहीं चल रहा था क्यों की मेरा पति एक नम्बर का काम चोर और शराबी था, मैं अपने घर में रानी के तरह रही थी, पर ससुराल आकर मुझे इतनी प्रॉब्लम हुई मैं आपको अपने शब्दों में नहीं कह सकती.

मैं काफी दिक्कतों का सामना की, मैं अपने घर को ठीक करने की कोशिश की पर ये सब नहीं हो सका और ज्यादा शराब पिने की वजह से मेरा पति इस दुनिया से चल बसा. मेरा पास बस मेरा रिंकू ३ साल का बेटा एक घर और कुछ भी नहीं बचा. पति के मौत के समय तो लोगों ने ढाढस बंधाया की कोई दिक्कत नहीं होगी पर क्या बताऊँ दोस्तों, तीन से चार महीने में ही मेरी हालत खराब हो गई थी।

मेरा भाई राघव २९ साल का है, उसकी शादी नहीं हुई है वो मेरा एकलौता भाई है, उसने मेरी मदद करनी सुरु की, पर मैं हरेक महीने कैसे मदद ले सकती थी इस वजह से मैंने मोहल्ले के बच्चो को पढ़ाने लगी. थोड़ा थोड़ा गुजारा होने लगा पर कोई कोई महीना ऐसे आता था की अपने बच्चों का फ़ीस स्कूल में नहीं दे पाती थी, एक दिन मेरा भाई जब आया तो मैंने कहा राघव मेरी हालत बहुत ख़राब हो गई है, मैं क्या करूँ कई साहूकार है जो रोज रोज पैसे मांगने आता है।

मैं उसके अगले महीने टाल देती हु, पर वो नहीं मान रहा था, उसने तुरंत ही ४००० रूपये निकाल कर दिया और कहा लो दीदी अपना काम चला लेना, पर उसने पैसे के साथ वो मेरी छाती पर हाथ रख दिया और कहा जब भी जरुरत हो बता देना, मैंने उसका हाथ झटक दिया, क्यों की मुझे अच्छा नहीं लगा की मैं पैसे के बदले में अपने जिस्म का सौदा करूँ.

Hot Sex Kahani  बहन की बेटी की चुदाई की सच्ची कहानी

उसके बाद वो तुरंत ही वह से उठकर चला गया, और फिर कई दिनों तक फ़ोन नहीं किया ना तो मैंने की, फिर मैं ही एक दिन उसको फ़ोन किया और कहा की बहुत दिन हो गया है आ जाओ, तो वो शाम को आया पर वो मुह बना रखा था, चुपचाप था, मैंने उसके कहा क्यों नाराज है अपनी बहन से, मेरा इस दुनियां में तेरे सिवा और है ही कौन अगर तू ही नाराज हो गया तो मैं किसको अपना दर्द बाटूंगी, वो बोला कहती हो अपना पर करती हो पराये की तरह मैं जब आपकी जरूरतों को समझ सकता हु।

तो आप क्यों आँख मुंड लेती हो और झटक देती हो जब मुझे आपकी जरूरत होती है, मैं समझ गई की मेरा भाई, हेल्प करने के कीमत पर मेरे जिस्म को पाना चाहता है, मैं पांच मिनट के लिए चुप हो गई और सोचने लगी, की क्या होगा आगे, अगर मैं इससे हेल्प नहीं लेती हु और अगर मदद लेती हु तो क्या होगा, मैंने अपनी नजरो के सामने वो सारे दृश्य लाने की कोशिश करने लगी, मुझे लगा की मुझे अभी अपने भाई को खोना नहीं चाहिए, अगर मैं बाहर कुछ भी करती हु तो लोग मुझे भेड़िये की तरह नोच देगा, क्यों ना घर की बात घर में ही रह जाये.

तभी तो उठ कर खड़ा हो गया, और बोला ठीक है मैं समझ गया चलता हु, मैंने कहा क्यों जायेगा, मुझे तुम्हारी जरूरत है, तुम छोटी छोटी बात पर नाराज मत हो, समय आने पर सब ठीक हो जायेगा, थोड़ा तो टाइम दो, एक काम कर राघव मेरे प्यारे भाई, आज रात यही रूक हम ऐसे भी घर पर आज तू अकेला ही होगा क्यों की मम्मी और पापा तो हरिद्वार गए है कल आएंगे तो तू अकेले घर पर क्या करेगा, वो रूक गया।

अब मैं उसको थोड़ा खुश देख रही थी, मैं नहाने चली गई, जब मैं बाथरूम से वापस आई तो सिर्फ पेटीकोट पहने ही थी, पेटीकोट का नाड़ा अपनी चूचियों के ऊपर से बाँध राखी थी, और पेटीकोट घुटनो के ऊपर था, मेरी नजर अचानक राघव के ऊपर पड़ी वो मुझे ऊपर से नीच तक घूर कर देख रहा था, मेरी मोटी मोटी गोल गोल जांघे और ऊपर से नाड़ा से दबा हुआ चूची बाहर को निकल रही थी, मेरा गोरा चौड़ा सीना बाल खुले हुए, वो तो बिना पालक झपकाते हुए देख रहा था, मैंने कहा तू भी नहा ले तब तक मैं खाना बना रही हु।

Hot Sex Kahani  फूफा जी ने मेरी टाइट चूत को फैला दिया

वो उठा और तौलिया वही सोफे पे पड़ा था, उठाया और बाथरूम के तरफ जाने लगा मैं बीच में ही कड़ी थी, बीच में एक गली सी है जहा बाथरूम जाया जाता है, मैं वही आयने को देख कर बाल सुखा रही थी, वो गुजरा पर मेरी गांड में अपना लौड़ा रगड़ता हुआ गया, मैंने उसको देखि वो एक सेक्सी मुस्कराहट दे रहा था, मैं भी एक सेक्सी निगाह डाली, और वो अंदर चला गया, मैं वैसे ही बाल सुखा रही थी, तभी राघव बोला दीदी सेम्पू है।

मैंने कहा हां ऊपर देख ले, जहा साबुन रखा है उसने कहा नहीं दीदी यहाँ तो कुछ भी नहीं है, मैंने कहा ठीक है देती हु, मैंने सेम्पु का एक पाउच जो की फ्रीज़ पर रखा था, लेजाकर बोली लो, उसने थोड़ा दरवाजा खोला और जैसे ही मैंने उसके हाथ में सेम्पु दिया वो मुझे खीच लिया और झरना चालु कर दिया, मैं भीग गई, मेरी चूचियाँ पेटीकोट के ऊपर से ही दिखने लगी, क्यों की कपड़ा चिपक गया था, वो मेरे होठ को चूमने लगा, और पीठ को सहलाने लगा.

मैंने चुपचाप कड़ी रही, वो मेरे मदमस्त बदन को सहला रहा था, और मेरी चूचियों को दबा रहा था, फिर उसने नाड़े की गाँठ को खोल दिया, पेटीकोट नीच गिर गया झरना चल रहा था मैं भीग रही थी वो भी भीग रहा था, मैं नंगी खड़ी थी, वो आआह आआअह क्या मस्त फिगर है, वो मेरी चूत में ऊँगली डालने लगा, मैं आज ही अपने चूत की सेविंग की थी, चिकनी चूत देखकर वो पागल हो गया, वो निचे बैठ गया और फिर अपना मुझे मेरे चूत में बीच में ले गया, मैंने भी पैर फैला दी, वो चाटने लगा, वो करीब बीस मिनट तक चाटते रहा अब मेरे तन बदन में आग लग गई थी।

मैंने भी उसका सर पकड़ कर उसको अपने चूत पे रगड़ने लगी, और कहने लगी, ले बहन चोद, चोद आज, मार मेरी चूत के, मादरचोद, तू तो बहुत कमीना निकला, राघव भी बोलने लगा, हां ठीक कह रही है रंडी, मैं आज से तुम्हे दीदी नहीं बल्कि रखैल कहूँगा, तू आज से मेरी रंडी है, हां मैं बहन चोद हु, आज तो तुम्हे पता चलनी चाहिए की भाई जब बहन को चोदता है तो कितना मजा आता है, मैंने कहा ठीक है हरामी आज देख ही लेते है.

उसके बाद वो मुझे उठा कर बैडरूम में ले गया, और मेरी टांगो को फैला दिया, और अपना लंड मेरे चूत के बीचो बीच रख कर एक जोर का झटका दिया, लंड पूरा मेरे चूत में समा गया क्यों को मेरी चूत पहले से ही काफी गीली हो चुकी थी, अब वो जोर जोर से चोदने लगा, मेरे मुह से सिर्फ हाय हाय हाय उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ़ आआह आआअह की आवाज निकल रही थी, मैं भी अपना गांड उठा उठा के चुदवा रही थी।

Hot Sex Kahani  बहन की तड़पती जवानी को शांत किया उसका भाई

वो मुझे कभी आगे से कभी पीछे से कभी घोड़ी बना के खूब चोदा, सच पूछिये तो मुझे आज तक इतना मजा चुदवाने में नहीं हुआ जितना मैं अपने भाई से चुदवा कर खुश हुई थी. फिर क्या था पहली बार मुझे वो एक घंटे तक चोदा, फिर वो झड़ गया, उसने फिर दस हजार निकाला और मुझे दिया, बोला लो, एक महीना का खर्च, फिर उस दिन के बाद वो मुझे रोज चोदने लगा, पर एक जो अच्छी बात है की सैलरी उठाते ही वो मुझे सारे खर्चे दे जाता है।

4.5 2 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
1 Comment
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Mast he