हेल्लो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम जया है। मैं केवलपुर में रहती हूँ। केवलपुर जिला बहराइच में पड़ता है। मेरी उम्र 36साल की है। मैं देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती हूँ। मै बहुत ही हॉट और सेक्सी हूँ। मेरा बदन बहुत हीगोरा है। मेरे गोरे बदन खेलने वालो की संख्या बहुत ही ज्यादा है। मैने अपने बदन का मजा बहुत लोगो को दिया है। मैं चुदने की बहुत प्यासी रहती हूँ। मेरा फिगर 36,34,38 है। मेरे इस फिगर पर कई सारे लोग दीवाने हैं। मैं उन्हें खूब मजा दे चुकी हूँ। मैंने अब तक कई लंड खाये है। मुझे बड़ा मोटा लंड बहुत ही पसन्द है। रोज रोज एक नया लंड खाने को मन करता है। लेकिन रोज रोज एक नया लंड कहां मिलने वाला है। नये लंड को मैं अच्छे से चूस चूस कर माल निकाल लेती हूँ।
मुझे भी अपनी चूत को चटवाना बहुत ही अच्छा लगता है। मैं अपने चूंचियो को खूब पिलाती हूँ। मेरी चूंचियो को पीने के लिए सब लोग अपनी जीभ लप लपाते हैं। मैंने कई लोगो को अपने चूंचियों को दर्शन कराके उनको अपने दूध को पीने का मौका दिया है। मेरी चूत को हर नया लंड बहुत अच्छा लगता है। मेरी चिकनी चूत को देखकर हर कोई चाटने लगता है। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ।
दोस्तों मै एक शादी शुदा औरत हूँ। मेरी शादी को 7 साल हो गए। लेकिन मेरे पति का लंड बहुत छोटा हैं। इसीलिए ठीक से वो मेरे साथ सेक्स नहीं कर पाते हैं। मेरी चुदाई की प्यास भी नहीं बुझा पाते हैं। इसीलिए मुझे अपनी प्यास बुझाने के लिए दुसरे मर्दो का सहारा लेना पड़ता है। मैंने अब तक कई लोगो का सहारा लेकर अपने चूत की प्यास बुझाई है। मेरी चूत की प्यास बुझाने के लिए लोग हमेशा तैयार रहते हैं। मेरे देवर ने और मेरे पडोस के कई लोगो ने मेरी चूत की प्यास बुझाई है। मैं जब अपने मायके जाती हूँ। तो वहाँ मेरी चूत की प्यास बुझाने वालो की संख्या बहुत ज्यादा है। मैं अपने मायके में 18 साल से ही चुदवा रही हूँ।
वहाँ मुझे चोदने वालों की संख्या इसीलिए ज्यादा है। मुझे अक्सर वहाँ कोई न कोई मुझे चोदने के लिए मिल जाता है। मुझे अपनी चूत चुदाई से ज्यादा गांड की चुदाई में मजा आता है। मैंने कई लड़को को अपने चूट और गांड को चोदने का मौका दिया है। मुझे सबसे अच्छे से चोदकर मजा दिया मेरे भतीजे राज ने। मैं राज से चुदवाने के बाद आज तक उसकी चुदाई की तारीफ़ करती फिरती हूँ। राज ने मेरे साथ किस तरह से सेक्स किया। मै आपको अपनी इस कहानी में बताती हूँ। राज दिल्ली में जॉब करता है। कद उसका 6 फ़ीट से थोड़ा ज्यादा है। राज का लंड 10 इंच का है। राज मेरे जेठ का लड़का है। राज कभी कभी घर आता था। राज एक दिन अपने रूम में सोया था। मैं किसी काम से उसके कमरे में गई थी। राज का लंड खड़ा था। राज सीधे लेटा था। चादर ऊपर उठा थी। मैं देखते ही समझ गई राज का लंड काफी बड़ा होगा।
मैंने राज के लंड को चुपके से जाकर छू लिया। राज सो रहा था। मैंने राज के लंड को कुछ गीला गीला महसूस किया। राज ने अपने चादर के अंदर झड़ चुका था। राज की अभी शादी नहीं हुई थी। राज की शादी को कभी 2 साल थे। राज को पंडित ने बताया था कि तुम दो साल बाद शादी करना। अभी तुम्हारे नक्षत्र ठीक नहीं हैं। मुझे राज का लंड बहुत पसंद का गया। मैं राज से चुदने के बहाने ढूंढने लगी। राज का खड़ा लंड सोच सोच कर मैं रोज अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत की प्यास बुझाती थी। राज के सामने मै बहुत ही हॉट और सेक्सी बनकर जाती थी। राज भी मुझे घूरता रहता था। लेकिन वो मुझे अपनी चाचीसमझता था। राज शायद इसी वजह से कुछ नहीं कह रहा था। राज भी बहुत ही स्मार्ट बन्दा है। मै राज के सामने जाती तो अपनी ब्रा की पट्टियों को अक्सर बाहर करके जाती थी। राज मेरी ब्रा की पट्टियो सहित मुझे बहुत ही घूर घूर कर देखता था। राज का लंड भी खड़ा हो जाता था। मैं उसके पैंट में देख लेती थी।राज की चैन धीऱे धीऱे ऊपर उठने लगती थी।
एक दिन मैंने राज से चुदने का प्लान बनाया। सब लोग मथुरा जाने वाले थे। राज को दो तीन दिन बाद दिल्ली जाना था। इसलिए राज ने जाने से मना कर दिया। मैंने भी नाटक किया की मेरी तबियत खराब है। दूसरे दिन हम और राज ही घर पर थे। राज बैठा अपना लैपटॉप लिए कुछ काम कर रहा था। मैं भी वही पास बैठ गई। मैंने अपना छोटा वाला ब्लाउज पहन लिया था। उस दिन घर पर कोई नहीं था। राज मेरे चुच्चो को घूर कर देख रहा था। मैंने अपने चुच्चो के पास से साड़ी को भी एक किनारे कर रखा था। राज मेरी चूंचियो को पकड़ कर खेलना चाहता था। मैं जोर से उठी। मैंने अपने कमर में मोच आने का नाटक किया। राज यो घात लगाए बैठा ही था। उसने तुरंत कहा -” आओ चाची मै मूव लगा कर मालिश कर देताहूँ”। राज ने मुझे सोफे पर लिटाया। मैंने झूंठ मूठ का उफ्फ्फ….ओह्ह… ओह्ह…ओआह् का नाटक करके लेट गई। राज मूव लेकर मेरे कमर पर मलने लगा।
राज के हाथ मेरे कमर पर लगते ही मेरी चूत में करंट लग गया। राज अपने हाथों से मेरी कमर को मालिश कर रहा था। पीछे मेरी ब्रा का हुक दिख रहा था। मैंने नये मॉडल का ब्लाउज सिलवाया था। पीछे ब्लाउज एक पट्टी की तरह पतली थीं। ब्लाउज में मेरी ब्रा को देखकर राज का भी प्रेसर बढ़ रहा था। मैंने राज की तरफ सीधा लेटकर कहने लगी-” राज मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है”। राज-“कहाँ चाची बताओ मै मूव लगा दूं”। मै-“जहां दर्द हो रहा है। मैं नहीं बता सकती हूँ”। राज-” चाची शरमाओ नहीं। बताओ कहाँ दर्द हो रहा है”। मैंने कहा-“राज वहाँ मूव नहीं लगाया जा सकता है”। राज-“बताओ चाची मै हाथ से ही मालिश कर दूं”। राज का हाथ मेरी चूत के थोड़ा ऊपर था। मैंने कहा-“तुम्हारे हाथ के थोड़ा नीचे”। राज ने कहा अभी मालिश किये देता है। राज मेरी चूत पर ऊपर से ही मालिश करने लगा। मैने राज को कहा-“राज ऊपर से नही आराम मिल रहा है। तुम अंदर हाथ करके करो”। राज-“चाची मैं वो वो वहाँ कैसे हाथ ले जाऊं” नहीं रहने दो। मैंने कहा-“मान लो तुम अपने चाचा की जगह हो”। राज-” चाचा का तो वहाँ पर पूरा हक है। वो तो वहाँ रोज छूते हैं”। मै-” तुम्हे भी हक देती हूँ। तुम जैसे भी चाहो कुछ भी ककर सकते हो वहाँ। बस तुम एक बार मेरा दर्द ठीक कर दो”।
राज-” पहले तुम्हे ये साड़ी ढीली करनी होगी। मैंने साड़ी ढीली कर ली। साडी ढीली करते ही राज ने अपना हाथ मेरी चूत के करीब ले जाकर मसलने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। धीऱे धीऱे मेरी साड़ी खिसकती गई। मैंने उस दिन पैंटी नहीं पहनी थी। मेरी चूत के दर्शन करके राज भी मुझे चोदने का मूड बना लिया। राज ने कुछ देर तक मालिश करके मेरी चूत के बारे में कहने लगा। चाची ये बहुत नाजुक है। बड़ी सॉफ्ट है। इसे हांथो से ना मसल कर मैं अपनी जीभ से चाटता हूँ। राज ने अपनी जीभ मेरी चूत पर लगा दिया। राज की जीभ चूत पर लगते ही। मैं सिमट गई। राज ने अपनी जीभ से मेरी चूत के दोनों टुकड़ो को चूस चूस कर काट रहा था। मैंने राज का सर पकड़ा और कहने लगी। सी..सी…सी… चाट और चाट मेरी चूत को!!और अच्छे से पी मेरी चूत!!” राज चाटता रह ऐसे ही मुझे आराम मिल रहा है। राज मेरी चूत को चाटने में मस्त था। राज का सर मै अपनी चूत में दबाये हुई थी। राज मेरी चूत को अच्छे से चाट रहा था।
राज मेरी चूत को चाट चाट कर लाल लाल कर दिया। लाल लाल चूत मेरी गर्म लोहे की तरह हो गई। राज ने मेरी चूत के दोनों टुकड़ो को काट काट कर चूस रहा था। मैंने राज को अपनी चूत और अच्छे से चाटने को कह रही थी। मै-“राज अच्छे से पी मेरी चूत!! काट काट कर चूत को आज काट ही डाल”। राज के चूत को काटते ही। मैं सी…सी…सी. “आ आ आ अह्हह्हह…ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई..अई…अई…मम्मी….” की आवाज के साथ मैं अपनी चूत चुसवा रही थी। राज मेरी चूत के टुकड़े को काटते काटते मेरी चूत के दाने को काट रहा था। राज का लंड भी पैंट फाड़कर कर बाहर आने को तैयार था। मेरी चूत के दाने को राज अपनी दांतो से काट रहा था।
चूत को दांत से दबाते ही मेरी मुँह से “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा… ओ हो हो…” करती रहती थी। राज ने मेरी चूत को पीकर उसका रस निकाल लिया। राज ने सारा रस बाहर सेचाटकर। मेरी चूत में अपना जीभ अंदर तक डालकर चाटने लगा। मेरी चूत में अंदर तक लगा माल राज ने चाट लिया। राज की नजर मेरे ब्लाउज पर पडी। राज ने मेरी ब्लाउज का हुक खोल दिया। राज जे ब्लाउज खोलते ही मेरे संपूर्ण चूंचियो के ब्रा सहित दर्शन जो गये। राज ने मेरी चूंचियो को देखकर अपना लंड मलने लगा। राज ने ब्रा की पट्टियो को छू कर खोलनें लगा। जिस ब्रा को देखकर ही अपना लंड खड़ा कर लेता था। आज उसे ही छूकर अपना लंड मसल रहा था। राज ने मेरे ब्रा का भी हुक खोलकर मेरी ब्रा और ब्लाउज को निकाल दिया। राज मेरे होंठ को चूमते हुए। मेरी सॉफ्ट और खूबसूरत मम्मो को दबाने लगा। राज ने मेरी चूंचियो को मसलना शुरू किया। राज ने अपना मुँह मेरे चूंचियों नके काले निप्पल पर लगा दिया। राज मेरी चूंचियों का रसपान कर रहा था।
राज का लौड़ा बाहर आने को तड़प रहा था। मैंने राज के पैंट की बटन को खोल दिया। राज की पैंट से मैंने उसका बड़ा मोटा लाठी जैसा लंड निकाला। राज का लंड फुंकार मार खड़ा हो गया। राज का लौड़ा मेरी चूत में घुसने को तैयार था। राज ने अपने लौंडे को बाहर निकाल कर अपना पेंट निकाला। राज को मैंने अपनी प्यारी सी चुद्दी में लौड़ा डालने को कहा। राज ने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रगड़ने लगा। मै चुदने को तड़पने लगी। राज ने अपना लौंडा बार बार मेरी चूत के दोनों टुकड़ो के बीच खेल रहा था। लग रहा था किसी नहर में मगरमच्छ घूम रहा हो। राज ने मुझे खूब तड़पाया। मैंने राज को कहा-“राज अब अपना बड़ा लंड घुसा दो मेरी चूत में”। राज ने एक पल भी न गवांये। मेरी चूत में अपना लौड़ा घुसा दिया। राज का 10इंच के लौड़े का सुपारा भी मेरी चूत में घुसा था। मै चीख पड़ी। “उ उ उ उ उ…अअअअअ आआआआ….सी सी सी सी…ऊँ…ऊँ…ऊँ…” की आवाज निकल रही थी। राज ने फिर से धक्का मारा। इस बार आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। राज ने बार बार धक्का मार कर अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
राज का पूरा लंड घुसते ही। राज अपना लंड जड़ तक मेरी चूत में अंदर बाहर कर रहा था। मेरी चूत को आज अच्छे से फाड़ डाला था। मेरे पति का लुल्ला बहुत ही छोटा था। वो बस बाहर ही चोदा करते थे। आज मेरी चूत को अंदर तक लौड़ा लेने का मौका मिल रहा था। मेरी चूत में अंदर तक लौड़ा डाल डाल कर राज ने पानी निकलवा लिया। राज का लंड मेरी चूत के पानी से भीग गया। राज ने अपना भीगा लंड मेरी चूत में जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा। कुछ देर बाद राज ने अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाला। मुझे सोफे पर झुका कर अपना लंड पीछे से मेरी चूत में घुसा दिया। राज मेरी कमर को पकड़ कर अपना लंड अंदर बाहरकरके जोर जोर से चोदने लगा। राक़ज के लौंडे का भयानक चुदाई देख कर मेरी चूत की जान निकल रही थी। मेरी चूत जल्दी जल्दी अपना पानी छोड़ने लगी। राज पानी में ही अपना लंड झमा झम कुदाये चोद रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। राज ने मेरी चूत को चोदकर उसका भोषणा बना डाला। अब उसे मेरी भोषणे जैसी चूत चोदने में कोई मजा नहीं आ रहा था।
राज ने अपने लौंडे को बाहर निकाला। राज का भीगा लंड बाहर निकल आया। राज ने मुझे और झुका कर कुतिया स्टाइल में कर दिया। राज ने अपना लौड़ा मेरी गांड पर रख दिया। राज ने अपना लौड़ा मेरी गांड में घुसाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन राज का लौड़ा मेरी चूत में घुसने को तैयार नहीं था। राज अपने लंड को आगे पीछे करते हुए मुठ मारता। मेरी गांड पर थूक कर अपना लौंडा मेरी गांड पर पटक रहा था। राज का लंड मेरी गांड फाड़ने को तैयार हो गया। राज ने थोड़ा सा थूक लगाया। अपना लौड़ा गांड के छेद से सटा कर लौड़े को पकडे पकडे धक्का मारा। मेरी गांड में राज का लौड़ा घुस गया। मैं दर्द से तड़पने लगी। मैं“….अई…अई.. ..अई….अई…. उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह…” चिल्ला रही थी।
राज ने अपना लौड़ा धीऱे धीऱे करके सारा का सारा लौड़ा अंदर मेरी गांड में घुसा दिया। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। राज मेरी गांड की बहुत धीऱे धीऱे से चुडाई कर रहा था। मै पहले बहुत चिल्ला रही थी। लेकिन धीऱेधीऱे मेरी आवाज कम होती गई। मै अब चुपचाप अपनी गांड चुदवा रही थी। राज मेरी गांड में अपना लंड जोर जोर से पेलने लगा। मुझे फिर एक बार गांड ने दर्द होने लगा। मै फिर से “…उंह उंह उंह..हूँ..हूँ…हूँ.. .हम मम म अहह्ह्ह्हह. ..अई….अई…अई…” की आवाज निकालने लगी। मै भी कुछ देर बाद दर्द आराम होते ही गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। राज का लंड मेरी गांड फाड़कर उसका भरता बना डाला। मेरी टाइट गांड को राज ने फाड़ कर उसे ढीला कर दिया। राज की गांड चुडाई की स्पीड बढ़ती ही जा रही थी।
राज भी झड़ने वाला हो गया। राज-“चाची मैं छूटने वाला हूँ”। मैंने कहा-“डाल दे मेरी गांड में अपना माल”। कहते ही राज ने अपना गर्म गर्म माल मेरी गांड में गिरा दिया। राज का लौंडा भी अब सिकुड़ने लगा। राज ने अपना लौड़ा बाहर निकाला। मैंने राज के लंड को साफ किया। अपनी गांड से मैंने राज के माल को निकाल कर चाट गई। राज जब भी अब घर आता है। हम दोनों कही न कही अपनी सेक्स करने का अड्डा ढूंढ जो लेते हैं। राज मेरे साथ सेक्स करके मुझे अच्छे से संतुष्ट कर देता है। मुझे भी राज से चुदवाने में खूब मजा आता है। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।