अजीब दास्तान चुदाई का

हैलो दोस्तो में हर्ष फिर से आप के सामने अपनी नई कहानी लेकर हाजिर हूं दोस्तो ये कहानी में मन से बनाकर कर लिखी है उसमे कोई सच्चाई नहीं सिर्फ ये आप के मनोरंजन के लिए है और कहानी में कुछ कमी या कुछ मिस्टेक हो तो बताना जरूरी आप के कमेंट का इंतजार रहेगा मुझे।
तो दोस्तो किस्सा ऐसा है कि एक बार में और मेरे चाचा इंदौर से भोपाल किसी काम से कार से जा रहे थे कि अचानक में चोक गया कि सुनसान रोड के किनारे खड़ी एक खूबसूरत लड़की मुझे रुकने का इशारा कर रही थी।

उसने सफ़ेद साड़ी पहन रखी थी इतनी रात गए एक लड़की को देखकर में एक बार ठिठका किन्तु फिर भी अपने चाचा संजय से कार रोकने के लिए कहा हमने कार उसके नजदीक जाकर रोकी मैने और चाचा ने उस खूबसूरत लड़की को देखा। वह 27-28 साल की तीखे नक्श वाली दुबली पतली मगर बहुत खूबसूरत थी वह लड़की मेरे करीब पहुंच कर बोली मुझे सिविल लाइन क्षेत्र में स्टेट बैंक के निकट भोपाल तक जाना है वहा तक पैदल जाना मेरे लिए नामुमकिन है। क्योंकि यहां न रात को बस मिलती है न ट्रेन ये उसने शरमाते हुए कहा। मैने कहा कोई बात नहीं आप आइए और बैठ जाइए पीछे की सीट पर वो लड़की बैठ गई लेकिन अगले ही पल उसने कहा आप ने मुझे लिफ्ट दी इसके लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद हम उसकी मंजिल की तरफ चल दिए।

बस रोक दीजिए उसकी मीठी आवाज सुनकर चाचा ने कार रोक दी। वह लड़की कार से उतरकर आभार व्यक्त करते हुए बोली धन्यवाद आपका। में भी वही उतर गया क्या मालूम इतनी रात में उसे मेरी कोई जरूरत पड़ जाए। कार स्टार्ट कर चाचा वहा से निकल गए। इस समय वो स्टेट बैंक से आगे वाई और क्लब के अंतिम छोर पर पेड़ की छाव में एकांत वातावरण रहस्यमय लग रहा था। दूधिया बल्ब की रोशनी की किरणों का पेड़ की टहनियों व पतो को भेदकर आता हुआ झिलमिलाता प्रकाश उस लड़की के रूप को निखार रहा था मैने उससे पूछा आप कहा रहती है? आखिर हिम्मत करके मैने उससे पूछ लिया। वह हसी फिर बोली यह न पूछो तो बेहतर होगा। मेरी हिम्मत और जित करने पर उस लड़की ने अपना नाम ममता बताया।

मैने ऐसे ही उससे कहा मैने कही आप को देखा है अवश्य देखा होगा उसने कहा। फिर मैने कहा इतनी रात को हम खड़े रहेंगे तो कोई चोर समझ कर हमे पुलिस वाले उठा कर ले जाएंगे इससे अच्छा तो मेरे जीजा जी यही नजदीक रहते है। मैने झिझकते हुए कहा कोई बात नहीं आज हम दोनों एक साथ ही रात गुजार लेगे ममता ने एक कटिली मुस्कान चेहरे पर लाकर कहा। ममता के इस आमंत्रण पर आश्चर्यचकित हुए बिना न रह सका।

में बोला मगर इतनी रात में एक लड़की के साथ देखकर जीजाजी ये कहकर में चुप हो गया ममता ने कहा अरे आप इसकी फिक्र क्यों करते हो मुझे अपने जीजा के घर ले चलिए जीजाजी से कहदेना मेरी कलासफेलो आई है ममता ने अपनी सुनहरी आंखो का जादू डालते हुए कहा। कुछ देर बाद हम मेरे जीजाजी के घर पहुंच गए। जीजा ने पूछा कैसे आना हुआ हर्ष मैने कहा बस यहां किसी काम से आया था तो सोचा जीजाजी से मिलता हुआ चलू जीजा ने कहा ये ती अच्छा है आज तेरी दीदी भी घर पर नहीं है कहीं शादी में बहार गई है मैने कहा ठीक है जीजाजी आप को कोई प्रॉब्लम ती नहीं न उन्होंने कहा नहीं ।

में ममता को अंदर कमरे में लेकर गया वहा में और ममता पलंग बैठे ममता ने कहा आज की रात हम साथ साथ गुजारेंगे खाने के लिए मैने जब ममता से पूछा तो उसने मना कर दिया।मेरे जीजा बोले आज मौसम में ज्यादा ठंड नहीं है इसलिए में बहार ही सोजाउगा मैने कहा हां जीजा बहार ही बिस्तर लगा देता हूं आप का जीजा जी का बिस्तर लगाकर जैसे ही में कमरे में अंदर आया तो ममता ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मेरे सीने पर सिर रखकर बोली हर्ष तुमसे बहुत अधिक प्यार करती हूं आज की रात मेरे और तुम्हारे प्यार की यादगार रात होगी वह मुझे चूमते हुए पलंग की तरफ बड़ गई मगर पहले दरवाजा अंदर से बंध किया और मेरे पास आके मुझे जोर से गले लगा दिया और पागलो की तरह मुझे किस करने लगी।


उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि वो सेक्स की बहोत प्यासी है।थोड़ी देर बाद मैंने भी उसका साथ देना सुरु कर दिया। किस करते हुए मेने उसकी गांड दबाना सुरु कर दिया।पंद्रह मिनट के किस के बाद वो घुटनो के बल बैठ गयी और मेरा पैंट उतारकर लंड मुह में ले और जोर से वो चूस रही।मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था लंड पाँच मिनट चूसने के बाद उसने मेरे सभी कपड़े उतार दिए और पूरे बदन को चूमने लगी। बादमे उसने मुझे कहाकि तुम क्यू ऐसे ही खड़े हो तुम भी कुछ करो।फिर मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया।उसने नीचे पिंक कलर की ब्रा पहनी थी ।में उपर से ही बूब्स जोर से दबाने लगा और वोह आह ऊह ऐसी आवाजे निकालने लगी फिर मैंने एक जटके में ब्रा उतार दी ओर दोनो बूबस को बारी बारी से चूसने लगा ओर चूस चूस के लाल कर दिए। बाद मे में उसके पेट को चूमा ओर धीरे से नीचे की ओर गया। मेने उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटिकोट नीचे गिरा तो मेने देखा की उसने नीचे भी पिंक पैंटी पहनी थी। मेने उसकी चूत को उपर से चूमा ओर पैंटी निकल दी।उसकी चूत गीली थी और एक मोहक खुसबू आ रही थी वो मुझे अपनि ओर खींच रही थी।


फिर मेने उसका रस पिया तो वो कांप उठी मेंने उसकी चूत में जीभ से चोदता रहा और वो कहने लगी ऐसे ही करते रहो।बहोत दिनों के बाद ऐसा मज़ा मिला है। में आज तुम्हारी हु तुम जो चाहो वो कर सकते हो।ओर थोड़ी जोर से उसने कहा अब तड़पाओ मत जल्दी से अंदर डाल दो। फिर उसको बेड पर लिटा दिया ओर उसकी दोनो टांगे चौड़ी कर दी। फिर लंड का सूपाड़ा चूत के मुँह पर रख के एक जोर से धक्का दिया तो सूपाड़ा अंदर चला गया और उसकी चीख निकल गयी।उसकी चूत टाइट थी क्युकी उसने बहोत टाइम से नही चुदवाया। फिर मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा और जोर से एक धक्का दिया तो लंड चूत चिर कर अंदर चला गया तो उसके आंख में आंसू गए। फिर थोड़ी देर रुकने के बाद जब दर्द कम हुआ तब धीरे धीरे धक्के देने चालू करे बादमे स्पीड बढ़ा दी अब वो भी मजा ले रही थी। 20 मिनीट में वो 2 बार जड़ी ओर दोनो बार उसकी चूत का पानी मे पी गया। अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने कहा कहा पानी छोड़ु , तो उसने कहा अंदर ही छोड़ दो और 5-6 जोरदार जटके के बाद में जड़ गया और उसकी चूत मेरे पानी से भर गई।

बाद मे हम दोनों थक कर वही लेट गए और मुझे कब नींद आगई पता ही नहीं चला जब सुबह में उठा तो ममता नहीं थी। मैने अपने जीजाजी से पूछा तो उन्होंने कहा कोन ममता यहां ती तू अकेला ही आया था अब चोकने की बारी मेरी थी क्या ये खबाब था या हकीकत मगर जब में रूम में आया तो एक खत मिला उसने लिखा था हर्ष तुम मुझे जानते हो तुम्हारे साथ तुम्हारे ही कॉलेज में हम साथ  पढ़ाई की थी में तुमसे बहुत प्यार करती थी मगर तुमने मुझे कभी ध्यान ही नहीं दिया तुम्हार प्यार मेरे दिलो दिमाक पर इस क़दर हावी था कि तुम्हे खोने के डर से अच्छा है तुम्हे मर कर पा लू हर्ष मैने तुम्हे आज पा लिया और तुम्हारा प्यार भी इसके बाद तुम्हारी लाईफ में कभी नहीं आउगी तुम खुश रहना। ये खत परकर मेरी आंखो में आशु बहने लगे सच्चा प्यार शायद नसीब बालों को ही मिलता है गुड बाय दोस्तो आप लोगो को ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये –
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