हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम पल्लवी पाण्डे है, मै अहमदाबाद कि रहने वाली हूँ। मेरी उम्र लगभग 19 साल है। आज मै आप सभी को ऐसी कहानी बताने जा रही हूँ जो मेरी जिंदगी में घटती हुआ है। इस देश में जिस डॉक्टर को भगवान कहते है, लेकिन बहुत से डॉक्टर भगवान नही हैवान होते है। आज मै एक कहानी सुनाने जा रही हूँ जो मेरी कहानी है और मेरे भाई के इजाक के बहाने डॉक्टर ने मेरी चूत बजाई और अपने लौड़े को मेरी मुह डाल कर मुझको खूब चूसाया।
मै एक गरीब घर की लड़की हूँ, मेरे घर में मै, मेरी माँ और मेरा छोटा भाई रहते है। मेरा एक बड़ा भाई भी लेकिन वो बाहर कमाता है और हमारे लिये पैसे भेजता है। मेरे पीता जी बचपन में गुजर गये थे, मै गरीब घर से जरुर हुईं लेकिन किसी आमिर घर के लडकियो से कम सुंदर नही हूँ। मेरे पीछे गावं के सारे लड़के लगे रहते है लेकिन मै किसी को भाव नही देती हूँ। वैसे तो मै बहुत ही सुंदर हूँ, मेरी आंखे, मेरे लाल गाल और पतले से होठ मेरे छोटे से चहरे पर बहुत सुंदर लगते है। मेरी आंखे तो बहुत ही कटीली है, और आँखों की पलके तोर काफी बड़ी बड़ी है, जिससे आँखों की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। मेरे काले काले बाल जो की मेरे कमर से होती हूँ मेरी गांड को छूती है। मेरे कमसिन और मुलायम चूची की बात करे तो बहुत ही मस्त और काफी आकर्षक है। मेरे मम्मे अभी बहुत ही टाइट और काफी सुडोल क्योकि मैंने अपने मम्मे किसे से भी नही दबवाया है। केवल जब मेरा मन करता था तब मै ही खुद दबा लेती थी। और मेरी चूत तो अभी खुली तक नही है। मेरी चूत का ताला मै किसी को खोलने नही दिया है। मेरी चूत में तो ठीक से मेरी उंगली भी नही जाती है। मैंने बहुत बार अपनी चूत में उंगली की है, लेकिन जैसे है थोड़ी सी उंगली जाती वैसे ही दर्द होने लगता था इसलिए मै ज्यादा अंदर तक उंगली नही करती थी। मेरे घर के बगल में लड़का रहता था, जोकि बहुत स्मार्ट था,मै उसको चाहने लगी थी और वो भी मुझे देख कर हस्त था, एक दूसरे को चाहते चाहते हम दोनों करीब आ गये। और मै एक रात उसके साथ बिताया, उसने पूरी रात मेरी खूब चुदाई की और मेरी चूत का ताला खोल दिया। पूरी रात चुदाई करने के बाद दूसरे दिन से उसने मुझे देखा तक नही। बाद में पता चला कि वो मेरा नही बल्कि मेरी चूत का दीवाना था और उसने मेरी चूदाई करे मेरी तरफ देखा नही। उस चुदाई के बाद मैंने फिर किसी लड़के से नही चुदवाया। मै जान गयी थी कि लड़के केवल चूत के पीछे ही भागते है। सारे लड़के प्यार के नाम पर अपनी हवस को मिटाते है बस।
कुछ दिन पहले कि बात है, मेरे गावं में एक काफी पढ़ा लिखा नया डॉक्टर आया। सब लोग उसकी बहुत तारीफ करते थे, कि वो बहुत अच्छा डॉक्टर है, और बहुत ढंग से बात करता है। ऐसी बहुत सी बातें उस डॉक्टर के बारे में सुना था। एक बार मेरी थोड़ी तबियत खराब थी मै भी उसी डॉक्टर से दवाई लेने गई। जब मै वह पहुंची तो उस दिन उसके केबिन में कोई मरीज नही था। केवल मै अकेली थी, उसने मुझे बैठाया और मेरी सारी परेशानियो के बारे में पूछा। कुछ देर बाद मैंने देखा उसकी नजर मेरे ऊपर थी वो मेरे मम्मो को ताड़ रहा था, मैंने अपने दुपट्टे से अपनी चीची को ठीक से ढक लिया, डॉक्टर मुझे बहुत बुरी नजर से देख रहा था, मै समझ गई कि ये डॉक्टर बहुत ही हरामी है। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। मै जल्दी से वहा से दवाई ले कर चली आई। मेरी तबियत उस दिन ठीक नही हुई तो माँ ने कहा – “जाओ एक दिन की दवाई और ले आओ ठीक हो जाओगी.
मेरा मन दवाई लाने को नही कर रहा था, लेकिन मज़बूरी में जाना ही पड़ा। जब मै वहां पहुची तो, डॉक्टर साहब एक मरीज को देख रहे थे , कुछ देर बाद मेरा नम्बर आया। उसने मेरे हाथ को पकड लिया और मेरी नाडी चेक करने लगे, नाडी चेक करने के बहने वो मेरे हाथो को सहलाने लगा। और मुझसे कहा – “तुम्हारे हाथ बहुत मुलायम है”, दवाई देते हुए डॉक्टर मुझे लाइन मार रहा था। कुछ देर बाद जब डॉक्टर ने मुझे दवाई दे दी, तो उसने मुझसे कहा – “तुम बहुत ही अच्छी हो और काफी सुंदर भी हो। मै तुम से एक सौदा करना चाहता हूँ, मै तुमसे दवाई के कभी भी पैसे नही लूँगा, बस तुम एक रात मेरे साथ सो लो, और मै तुम्हे अलग से पैसे भी दूँगा”। मैंने उससे कहा – तुम्हारे घर में माँ बहन नही क्या ?? जो किसी की बहन को ऐसे रात बिताने के लिये कह रहें हो।
मैंने उससे कहा – “अपना ये सौदा अपने पास रखो, और मै को रंडी नही हूँ कि कुछ पैसो के लिये अपने जिस्म को बेच दूँ”। मै वह से चली आई।
कुछ महोनो बाद मेरे छोटे भाई कि अचानक से तबियत खराब हो गयी, मेरे घर में मुश्किल से कुछ ही पैसे थे भैया ने कहा था कुछ दिनों में पैसे भेज देंगे, लेकिन उन्होंने भी पैसे नही भेजे थे। मै अपने छोटे भाई को लेकर जल्दी से डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने बताया इससे निमानिया हो गया है और आप जल्दी से पैसे लाइये, मै इसका इलाज शुरू करता हूँ। मैने डॉक्टर से कहा – “अभी ह्मारे पास ज्यादा पैसे नही आप बाद में ले लेना”।
तो डॉक्टर ने कहा – “मैंने तुम को उस दिन कहा था कि मै तुमसे कभी पैसे नही लूँगा। लेकिन तुम नही मानी थी मै आज भी तुमको वो ऑफर फिर दे रहा हूँ। तुम मुझे पैसे मत देना ,मै तुम्हारे भाई का इलाज कर दूँगा लेकिन मेरी बात नही मानोगी तो मै इलाज नही करूँगा”। मुझे डॉक्टर की बात मजबूरन माननी पड़ी मैंने उससे कहा – “आप इलाज करो मै वही करुँगी जो आप कहेगे”। डॉक्टर ने मेरे भाई को ठीक कर दिया, और मुझसे कहा – आज शाम को घर आ जाना। मैंने कहा – ठीक है मै आ जाउंगी।
जब शाम हुई तो मै डॉक्टर के घर आई, मैंने देखा उसकी और उसके पत्नी की तास्वीर दीवार पर टंगी थी, डॉक्टर साहब मुझे अपने बेडरूम में ले गये, और अपने कपड़े उतारने लगे, अपने कपडे उतारने के बाद उन्होंने मेरे सूट को निकाल दिया और मेरी सलवार के नारे को भी खोल दिया और उसको भी निकाल दिया। मै अब केवल पैंटी और ब्रा में बची थी। डॉक्टर ने मेरे कपडे निकलने के बाद उन्होंने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे पैरों को चुमते हुए मेरी चिकनी जांघ को चुमते हुए मेरी चूत को भी चूमा और फिर मेरी कमर को चुमते हुए मेरे मम्मो को दबाते हुए और चुमते हुए मेरे गाल को चूमने लगे और कुछ ही देर में उन्होंने मेरे होठो को चुमते हुए चूसने लगे। वो मेरे होठो को किसी लामचूस की तरह से बार बार चूस रहे थे और मै धीरे धीरे उनसे चिपकने लगी थी। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। कुछ ही देर में वो बहुत ही उतावले होने लगे और मेरे होठो को काटने लगे और साथ ही मेरे मम्मो को भी दबाने लगे थे। मै धीरे धीरे सिससकने लगी थी। पहले तो मै शर्मा रही थी लेकिन जब मेरे अंदर जोश भडक गया तो भी डॉक्टर साहब को अपने बाहों में जकड लिया और उनके होठो को चूसने लगी। मैं भी उनके बदन को सहलाते हुए उनको किस कर रही थी। हम दोनों बहुत ही कामातुर होने लगे थे। वो लगातार 40 मिनट तक मेरे होठो को काट काट कर पी रहें थे और मै भी उनसे लिपटी हुई उनके होठो को लगातार पी रही थी।
बहुत देर तक किस कारने के बाद डॉक्टर साहब ने मेरी चुचियो को देखने के लिये मेरे ब्रा को निकाल दिया और मेरे मम्मो को बहुत ही उत्तेजना से दबाने लगे, कुछ देर तक मेरे मम्मो को दबाने के बाद उन्होने मेरे मम्मो को पीना शुरू किया। वो मेरे मम्मो को किसी बच्चे की तरह पी रहें थे, ऐसा लग रहा था की मै उसकी माँ हूँ और वो मेरे चुचियो से दूध पी रहा हो। धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा था। जब डॉक्टर साहब मेरे मम्मो को दबा दबा कर पी रहें थे और मै सिसकते हुए ..आह अहह अहह ओह्ह्ह ओह करके धीरे धीरे मचल रही थी। वो मेरे मम्मो के निप्पल को अपने धारदार दांतों से कटे और मेरे मम्मो को पीने लगते। कभी कभी तो वो मेरे पूरे मम्मो को अपने मुह में भर लेते जिससे उनके दांत मेरी चुचियो में लगने लगते और जोर जोर से अह्हह्ह….अहह … ओह्ह्ह, ओह ओह … करके चीखने लगती।
बहुत देर तक मेरी चुचियो को पीने के बाद डॉक्टर साहब ने अपने लंड को मेरे हाथो में पकड़ा दिया और मुझसे कहा – “चूसो मेरे लंड को मैंने उनके लंड को चुसने से मना कर दिया”, तो उन्होंने जबरदस्ती मुझसे अपना लंड चुसवाने लगे। कुछ देर उनके लंड को चुसने के बाद मुझे भी अच्छा लगने लगा था। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। मै उनके लंड को मस्ती से चूसने लगी थी, मेरे लंड चूसने से उनके लंड की ताकत और भी बढ़ रही थी, जिससे लंड और भी टाइट होता जा रहा था। बहुत देर तक अपने लंड को चूसने के बाद डॉक्टर ने मेरे मम्मो को दबाते हुए मेरी चूत को सहलाने लगे।
मेरे मुह से लंड निकलने के बाद वो मेरी चूत को सहलाते हुए मेरी पैंटी को निकाल दिया औ मेरी चूत की खुशबू लेते हुए वो मेरी चूत की पीने लगा। वो मेरे आधी कुवारी और रसीली चूत की अपने जीभ से चाटने लगा था। डॉक्टर साहब बार बार मेरी चूत की मुलायम और लाल दाने को अपने खुरदरी जीभ से चाट रहें थे जिससे मै मचल कर तडप रही थी और अपने कमर को उठाते हुए अपने मम्मो को दबा रही थी। वो मेरी चूत को मुह में भर के अपने मुह के अंदर की ओर खीचते जिससे मेरे चूत के एक अजीब सी लहर उठी और मेरे पूरे शरीर में फ़ैल जाती जिससे मै तड़प के चीखने लगती। ऐसे ही बहुत देर वो मेरे चूत को पीते रहें जब तक मेरी बुर का पानी नही निकला।
मेरी चूत के पानी को पीने के बाद उन्होंने मेरी चूत को चोदने के लिये मेरी चूत को फैलाते हुए अपने लंड को मेरी चूत के बीच में रख दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में रगडने लगे, और कुछ ही देर बाद उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगाकर किसी जानवर की तरह से मेरी चूत में अपने लंड को डालने लगे, उनका लौड़ा काफी मोटा था और मेरी चूत का छेद थोडा छोटा था, इसलिए जब उनका लंड मेरी चूत गया तो मै बड़ी तेज से चीखने लगी, और अपने चूत को मसलने लगी। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। डॉक्टर साहब मेरी चूत को तेजी से बजाने लगे और मै बेड के चादर को अपने हाथो से पकडे हुए अपने बदन को ऐठते हुए चीख रही थी। डॉक्टर का लंड मेरी के अंदर जाता तो ऐसा लगता जैसे कोई छोटी लौकी मेरी चूत में जा रहो हो। मेरे दिमाग में बड़ी जोर की यौन उत्तेजना होनी लगी। मेरे जिस्म की रग रग में, एक एक नश में खून फुल रफ्तार से दौड़ने लगा। और मै अपनी चुचियो को मसलते हुए बड़ी तेज तेज से आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…….मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ….ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ..”प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह… आराम से चोदो मेरी फाड़ दोगे क्या ,… उनहू उनहू ..करके मै चीखने रही थी और मेरी चूत कुछ ही देर में दर्द से गीली हो गयी।
डॉक्टर साहब ने मुझे अपने ऊपर बिठा लिया और खुद नीचे लेट गये और मेरी चूत में अपने लंड को डाल दिया और मेरी कमर को पकड कर ऊपर नीचे करने लगे। ये वाला तो पहले से भी ज्यादा दर्द दे रहा था, कुछ देर बाद में खुद ही ऊपर नीचे होने लगी और अपने चूत को दर्द से जल्दी जल्दी मसलने लगी थी। और जोर जोर से चीख भी रही थी। बहुत देर तक वो मेरी चूत को इस तरह से चोदा।
फिर उन्होंने मुझे नीचे लिटा दिया, और मेरे पैरों को उठा दिया जिससे ,मेरी चूत बिल्कुल खुल गई और वो मेरी चूत को चोदने लगे। कुछ देर में वो अपनी पूरी ताकत लगा कर चोदने लगे ऐसा लग रहा था की मेरी बुर आज ही फट जायेगी, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथो से मुठ मारने लगे। कुछ देर लगातार मुठ मारने पर उनका वार्य निकलने वाला था , उन्होंने अपने लंड को मेरे मुह के तरफ कर दिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने लगे। उनके लंड से वार्य निकलने लगा और मेरे मुह को पूरा सफ़ेद कर दिया।
मैंने अपने मुह को साफ किया और अपने कपडे पहन लिया, लेकिन डॉक्टर साहब का मन नही भरा था, इसलिए उन्होंने मुझे जबरदस्ती एक राउंड और चोदा। और उसके बदले में मुझे कुछ पैसे भी दिए।
मुझे पैसो को कोई जरूरत नही थी लेकिन आप लोग बताइए क्या इस डॉक्टर ने ठीक किया या गलत?? मै डॉक्टर को क्या कहूँ हैवान या भगवान जिसने मेरे भाई के इलाज के बदले मेरी चूत को चोदा। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है।
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