कॉलेज की सबसे आवारा लड़की को शादी का झासा देकर चोदा

मैं रजनीश जैन आप सभी का नॉन वेज स्टोरी में स्वागत करता हूँ। मैं नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक हूँ। आज आप लोगो को अपनी कहानी सुना रहा हूँ। दोस्तों मैं उन दिनों दिल्ली के आत्माराम कॉलेज में पढता था। जैसे ही हमारा बी कॉम आनर्स का सेशन शुरू हुआ हमारे क्लास में एक बहुत ही मस्त लड़की पढने आई। उसका नाम स्मृति चोपड़ा था। वो बहुत सेक्सी और मस्त माल थी। वो पंजाबी थी और पटियाला की रहने वाली थी। दिल्ली में उसकी दीदी की शादी हुई थी, वही वो रह रही थी और हमारे कॉलेज में उसने एड्मीशन ले लिया था।

दोस्तों, उसके आते ही मेरी क्लास के सारे लड़के उसके पीछे पागल हो गये। स्मृति बहुत फैसनेबल लड़की थी। वो टॉप, टी शर्ट, जींस और मिनी स्कर्ट पहनकर कालेज आती थी। उसकी स्कर्ट उसके घुटनों के हमेशा उपर रहती थी और क्लास के सभी चुदासे लड़के रोज उसकी खूबसूरत टांगो के दर्शन रोज कर लेते थे। दोस्तों, जब हमारे प्रोफेसर्स पढ़ाने आते थे तो वो भी स्मृति चोपड़ा को खूब ताड़ते थे और आँखें सेक लेते थे। ये रिकार्ड था की स्मृति चोपड़ा आज तक कभी सलवार सूट पहन कर कॉलेज नही आयी। वो हमेशा जींस टॉप, स्कर्ट, मिनी स्कर्ट और ब्लाउस पहन कर आती थी। धीरे धीरे मेरे क्लास के लड़के उसे लाइन देने लगे। फिर एक लकड़े आर्यन ने स्मृति को पटाकर चोद दिया और उसका विडियो बनाकर इंटरनेट पर डाल दिया। सब लडकों ने वो विडियो देख देखकर खूब मजा मारा और सबने मुठ मारी। मैंने भी वो विडियो देखा तो खूब मुठ मारी मैंने।

कुछ दिनों बाद स्मृति का दूसरा विडियो वायरल हो गया जिसमे हमारे ही क्लास का एक दूसरा लड़का रविन्द्र स्मृति का मुंह अपने लंड से चोद रहा था। स्मृति किसी प्यासी कुतिया ही तरह बड़े मजे से रविन्द्र का मोटा लंड मुंह में ली हुई थी और किसी लोपीपॉप की तरह चूस रही थी। दोस्तों इस तरह मेरे क्लास की सबसे मस्त माल स्मृति के  एक के बाद एक ५ चुदाई वीडियोस वायरल हो गए। स्मृति जैसी मस्त माल को एक एक करके ५ लड़कों ने चोदा और विडियो बनाकर वायरल कर दिया। हमारे बी कॉम ओनर्स क्लास के हर लड़के के मोबाइल में स्मृति का चुदाई वाला विडियो जरुर था। हमारे क्लास के सर लोगो ने भी स्मृति का चुदाई वाला विडियो देखा और खूब मजे मारे। धीरे धीरे सारे लड़के जान गये की स्मृति एक नम्बर की आवारा और चुदक्कड लड़की है और उसको पटाकर बस चोद लो जीभरके। इसलिए मैं भी स्मृति को लाइन मारने लगा। एक दिन वो मुझसे मिली तो रोने लगी और अपना हाल सुनाने लगी।

“स्मृति !! तुम रोज रोज लड़को से चुदवाती हो, सबका लम्बा लम्बा लंड खाती हो, तुमको पता है क्लास में सब तुमको बहुत बुरी और गन्दी लड़की मानते है” मैंने कहा तो स्मृति फूट फूट कर रोने लगी।

“रजनीश! तुम ही बताओ की क्या कोई लड़की इतनी बेशर्म और आवारा होगी की चुदवाएगी और अपना विडियो खुद बनवाएगी??” स्मृति बोली

“….मैं कुछ समझा नही..” मैंने कहा

“रजनीश …..मैं अपने पहले बॉयफ्रेंड आर्यन से बहुत प्यार करती थी, पर उसने मुझे प्यार में धोका दिया। उसने मुझे चोदने से पहले कैमरा ऑन करके कमरे में छुपा दिया और मेरी पूरी विडियो बना ली। उसके बाद उसने मुझे बैकमेल करना शुरू कर दिया। मुझसे आर्यन ने १ लाख रूपए मांग लिए और अपने दोस्त रविन्द्र से चुदवा दिया। और इसी तरह हर बार वो लोग मेरा विडियो बना लेते और मुझे ५ लड़कों से इसी तरह ब्लैकमेल करके चुदना पड़ा। और अब सब लोग सोचते है की मैं बदचलन और आवारा लड़की हूँ। मेरे १ नही ५ ५ बॉयफ्रेंड है” स्मृति बोली दोस्तों अब मुझे साफ़ समझ आ गया की स्मृति कोई आवारा चुदासी लड़की नही थी। वो एक अच्छी लड़की थी। वो फूट फूट कर रोने लगी तो मेरी आँख भी भर आई।

“रजनीश!! मेरे ५ ५ चुदाई वाले विडियो इन्टरनेट पर पड़े है, अब कौन मुझसे करेगा शादी???” स्मृति बेहद दुखी होकर बोली

“स्मृति!! मैं तुमसे शादी करूँगा” मैंने कहा और उसको गले से लगा लिया

“स्मृति !!…मुझे सच्चाई पता चल गयी है, तुम कोई चुदासी लंड की प्यासी लड़की नही हो, तुम एक अच्छी नेक, शरीफ और पूरी तरह से पवित्र लड़की हो” मैंने कहा और उसे मैंने सीने से लगा लिया। धीरे धीरे हमारी दोस्ती प्यार में बदल गयी। असलियत ये थी की मैं अगर ये सब नाटक नही करता तो स्मृति कभी मुझे चूत नही देती। कुछ दिनों में स्मृति मेरी माल बन गयी और मुझसे पट गयी थी। मैं उससे रोज शादी करने की बात करता था, इससे वो पूरी तरह से आश्वास्त थी की मैं उससे शादी जरुर करूँगा। एक दिन हम दोनों लोधी पार्क में बैठे हुए थे। वहां पर सभी जोड़े अपनी अपनी माल के साथ में बैठे थे और आपस में प्यार कर रहे थे। बार बार छक्के आकर सभी जोड़ों से पैसा मांगते थे।

एक छक्का मेरे पास भी ताली पीटता हुआ आ गया तो मैंने २० रूपए निकालकर दे दिए। उनके बाद कोई नही आया। जब मैंने देखा की सभी लड़के अपनी अपनी सामान को लेकर किसी झाड में बैठ गये है और दूध पी रहे है और चूत में ऊँगली कर रहे है, तो मैं भी अपनी माल स्मृति को लेकर एक कनेर के फूल वाली झाड में चला गया। यहाँ हमे कोई नही देख रहा था। मैंने स्मृति को बाहों में कस लिया और उसके मस्त मस्त ओंठ पीने लगा। मेरा आखरी मकसद उसको चोदना था और उसके रसीले बूब्स पीना था। यही मेरा असली मकसद था। आज स्मृति से जींस टॉप पहन रखा था। मैंने उसकी जींस की जिब खोल दी और अपना हाथ अंदर डाल दिया। मुझे उसकी पेंटी मिल गयी। मैं हाथ अंदर डाल दिया और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा।

“रजनीश…..कोई देख लेगा…..यहाँ मेरी चूत में ऊँगली मत डालो….. कोई देख लेगा” स्मृति बार बार बोल रही थी। पर मैं आज फुल मूड में था। उसको चोदने का मेरा बड़ा दिल कर रहा था। मैंने उसकी एक नही सुनी और धीरे धीरे मैं अपनी गर्लफ्रेंड स्मृति की चूत में लगातार ऊँगली करता रहा। मैंने उसे पार्क की नर्म घास पर लिटा दिया था। और उसका टॉप मैंने उपर कर दिया था और ब्रा को मैंने उचका दिया था। और बड़ी देर से मैं सिर्फ २ काम ही कर रहा था। उसकी निपल्स को अपनी उँगलियाँ से मसल रहा था और स्मृति की रसीली चूत में ऊँगली कर रहा था। लगातार १ घंटे तक फोरप्ले करने के बाद स्मृति बहुत जादा गर्म हो गयी। वो चुदवाने के फुल मूड में आ गयी थी।

“अब मुझे चोद ही लो मेरी जान……तुमने मुझे इतना गर्म कर दिया है की अगर तुम मुझे नही चोदोगे तो मैं किसी और लड़के को बुलाकर चुदवा लुंगी” स्मृति बोली और हाथ पाँव पटकने लगी। मेरा तीर निशाने पर लग गया था। मैंने उसे गर्म कर लिया था। मैंने अपनी शर्ट और जींस निकाल दी और स्मृति को सीधा लिटा दिया। फिर उसके उपर मैं लेट गया और उसके दूध पीने लगा। मैं एक घनी झाड में छिपा हुआ था, इसलिए हम लोगो को कोई नही देख सकता था। मैं अपनी नयी गर्लफ्रेंड स्मृति के उपर लेट गया और उसके मस्त मस्त चुच्चे मैं पीने लगा। वो बहुत मस्त हो गयी थी और मुंह से बेहद गरम गरम सिसकारी वो निकालने लगी थी।

“आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…मम्मी ….मम्मी….आह्ह्हह्ह ..चूसो रजनीश….और मेरे निपल्स चूसो….” स्मृति चिल्ला रही थी। उसकी गर्म गर्म चुदास की आवाज मेरे अंदर कामवासना और भगनासा का संचार कर रही थी। मैंने उसके मस्त मस्त ३६” के दूध खूब मजे लेकर पिए और निपल्स को चूस चूस कर टन्न कर दिया। फिर मैं स्मृति की बुर पीने लगा। उसकी चूत बहुत मस्त और भरी हुई थी। मैं चूत को इस तरह चाट रहा था जिसे उपसर कोई शहद लगा हुआ हो। कुछ देर बाद मैंने अपना लंड अपनी नयी गर्लफ्रेंड स्मृति के भोसड़े में डाल दिया और उसे मजे लेकर चोदने लगा। स्मृति ने मुझे बाहों में कस लिया और सच्ची प्रेमिका की तरह चुदवाने लगी। भले तो मेरे क्लास के 5 लकड़ो ने स्मृति को धोखे से चोद लिया था, पर लंड तो बुर में डाल ही दिया था। इसलिए अब मैंने मन ही मन सोच लिया था की इस रंडी को खूब चोदूंगा। रोज इसको शादी का झासा दूंगा और उसकी बुर मारूंगा।

भला जो लौंडिया ५ लड़कों से पहले ही चुद चुकी है, उससे कोई शादी कैसे कर सकता है। मैं ये सारी बाते बार बार सोच रहा था और स्मृति को धकाधक पेल रहा था। स्मृति ने मुझे दोनों बाहों से कस दिया और कसके पकड़ लिया। मैं पट पट करके उसको चोदने लगा। दोस्तों, बाहों में भरकर किसी लौंडिया को नंगी करके चोदने में तो परम सुख मिलता है। मैं भी इसी समय ये सुख उठा रहा था। उस लोधी पार्क में जब दूसरी जोड़ियाँ चुदाई में मग्न थी तो मैं भी अपनी गर्लफ्रेंड स्मृति को पेल रहा था और उसकी सुखी चूत में लंड की सप्लाई कर रहा था। मैं जोर जोर से उसे ठोंकने लगा। उफफ्फ्फ्फ़…क्या भरी हुई कसी बुर थी मेरी माल की। कुछ देर बाद मैंने अपना माल उसके भोसड़े में ही गिरा दिया। पार्क में बहुत सारे पेड़ लगे थे। बहुत हरियाली थी जो दिल को बहुत सुकून पंहुचा रही थी। ताज़ी ठंडी हवा बहुत अच्छी लग रही थी।

हम दोनों काफी देर तक प्यार करते रहे। मेरी नई माल और गर्लफ्रेंड स्मृति पूरी तरह से नंगी थी और मुझसे चिपकी हुई थी।

“जान……एक बार और चूत दे दे” मैंने कहा

“नही नही…” बाद में ले लेना

“नही जान…..देख मेरा लंड तेरे हाथ जोड़ रहा है। बार बार कह रहा है की स्मृति चोपड़ा …प्लीस अपनी बुर एक बार और चोदने दे” मैंने कहा। मैंने तरह तरह की बाते बनाई, आखिर में स्मृति चोपड़ा को मैंने पटा लिया। मैंने उसी झाडी में ही अपने लंड पर बिठा लिया और मजे लेकर चोदने लगा। एक बार फिरसे मैंने अपने लंड की ट्रेन स्मृति की चूत की पटरी पर दौड़ा दी। वो बड़े आराम से मेरे लंड की सवारी करने लगी जैसे कितनी बार इस तरह चुदवा चुकी हो। स्मृति मेरी कमर पर लंड चूत में लेकर बैठी हुई थी। वो खुद ही कमर मटका मटकाकर चुदवा रही थी। मेरे हाथ उसकी लटकती २ निपल्स पर चले गये थे। मैंने उसके झूलते आमों को हाथ में लेकर सहला रहा था और स्मृति की काली काली निपल्स को अपनी उँगलियों से ऐठ रहा था। इससे वो सी सी की आवाज निकाल रही थी और और जादा कामोत्तेजित महसूस कर रही थी।

फिर मैंने भी नीचे से सधे हुए धक्के मारना शुरू कर दिया और चट चट की आवाज करते हुए स्मृति इरानी एक बार फिरसे चुदने लगी। मैं ६ वा नम्बर का लड़का था जो स्मृति चोपडा को चोद रहा था। और उसकी रसीली बुर का स्वाद ले रहा था। जब मैं बेहद सधे हुए तरीके से नीचे से धक्के मारने लगा तो स्मृति को बेहद मजा आया। इस तरह, ऐसी ठुकाई उसकी किसी ने नही की थी। आज स्मृति जैसी झक्कास मॉल को चोद कर मेरी वासना की आग और जादा धधक उठी थी। आज मैं जी भरकर अपनी प्यास बुझा लेना चाहता था। आज मैं उसको इतना जादा चोद देना चाहता था की उसकी कामपिपासा पूरी तरह से शांत हो जाए। हम दोनों ने एक दूसरे की हथेली पकड़ ली थी, इससे काफी सहारा मिल रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने लंड पर पानी की गीली गीली फुहार महसूस की। स्मृति मेरे लंड पर बैठे बैठे झड़ गयी थी। मैंने उसको झड़ते हुए देखा। किस तरह उसका चेहरा ऐठकर पिचक गया था। मैंने साफ़ देखा। मुझे ये जानकर बहुत सुख मिला की मुझसे पहले स्मृति ही मेरे लौड़े पर झड़ गयी। मर्दों के लिए ये बड़ी गर्व बाली बात होती है। मैंने उसकी चुदाई जारी रखी और नीचे से गहरे गहरे धक्के स्मृति की बुर में मारता रहा। बड़ा नशीला नशीला अहसास था वो। बड़ी नशीली रगड़ थी।

फिर मैंने स्मृति के चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया और जल्दी जल्दी उसको चोदने लगा। उसकी चूत कुप्पा जैसी फूल गयी थी। मैंने अपने दोनों हाथ स्मृति की सेक्सी कमर पर रख दिए और उसे हवा में किसी बाल की तरह उछालने लगे। फिर मैं स्मृति के मस्त मस्त चुतड़ हाथ से सहलाने लगा और गहरे धक्के मारते हुए मैं उसकी रसीली गुलाबी चूत में शहीद हो गया। दोस्तों वो मुझ पर अँधा विश्वास करने लगी। मैंने ३ साल तक उसको रगड़कर चोदा और उसकी गांड मारी। बी कॉम ओनर्स के बाद मेरी पढाई खत्म हो गयी। कुछ दिनों में मेरी शादी के लिए एक बड़े घर से ऑफर आया तो मैंने तुरंत शादी कर ली। मुझे दहेज़ में २० लाख नकद मिले। एक दिन स्मृति मुझे रस्ते में मिली तो रो रोकर मुझसे पूछने लगी की मैंने उससे शादी का वादा किया था।

“जान……वो सब एक नाटक था जो मैंने तुम्हारी रसीली बुर चोदने के लिए किया था” मैंने कहा और चलता बना। एक बार फिर से स्मृति चोपड़ा को किसी ने शादी का झासा देकर चोदा था और इस बार वो शख्स मैं था। सायद स्मृति चोपड़ा की किस्मत में इसी तरह बार बार धोखे खाकर चुदना ही लिखा था। यही उसकी किस्मत थी। ये कहानी आपको कैसी लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दें।

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