क्या आप एक दिन के लिए मेरे पति बनोगे संध्या ने कहा

मेरा नाम सुशील है, मैं दिल्ली में रहता हु, मेरे सामने वाली फ्लैट में एक कपल रहता है वो दोनों एक कंपनी में काफी अच्छे पोस्ट पे जॉब करते है, उनका नाम रवि और संध्या है, रवि अपने कंपनी काम के सिलसिले में ह्य्द्राबाद चला गया, सिर्फ संध्या ही घर पे थी, मेरे घर से उन दोनों का काफी लगाव था, हमलोग मिलजुल कर हमेशा पार्टी करते है, एक दिन संध्या के पिताजी का फ़ोन आया की की बेटी तुम्हारे नाम का एक इन्शुरन्स था जो मिलने बाला है उसमे तुम्हारा हस्ताक्षर चाहिए, वो भी कल सुबह दस बजे ही मैनेजर ने बुलाया है, मैं फिर २ बजे दुबई के लिए निकल जाऊँगा मेरी फ्लाइट लखनऊ से है, क्या तुम रात की ट्रैन से आ सकती हो, उनका घर आगरा में था, तो संध्या बोली पापा अभी रात को कैसे आ सकते है, आजकल ट्रैन में काफी भीड़ है इस्सवजह से, मैं रवि से बात करती है, तो संध्या ने रवि से बात की, तो रवि ने कहा एक काम करना कल सुबह चली जाना सुशील को बोलना की वो कार से तुम्हे ले जाये, रवि ने मेरे से बात की, मैं हां कह दिया क्यों की मैं घर पे अकेला था मेरी वाइफ गावं गयी थी. सुबह पांच बजे ही निकल पड़े और आगरा टाइम से पहुंच गए, काम निपटा के संध्या ने अपने पापा को भी २ बजे सी ऑफ किया, फिर हम दोनों खाना खाए, काफी थक गए थे, तो हम दोनों ने डिसाइड किया की रात को यही कोई होटल में रह जाते है अलग अलग कमरा ले लेंगे, तो ये बात संध्या ने रवि को फ़ोन कर के बताया, रवि बोला अरे यार अलग अलग कमरा क्यों लोगो अलग अलगे बेड बाला ही एक कमरा ले लो.

मैं ये बात तो नहीं कह सकता था की एक ही कमरे में हम दोनों रूक जाये, पर अच्छा नहीं लग रहा था. खैर रवि ने ही इजाजत दे दी तो अच्छा हुआ, फिर मैंने सोचा की चलो ताजमहल देखा जाये, और हम दोनों ताजमहल देखने चले गए, पर वह पे एक अजीव सा वाक्या हुवा, संध्या ने कहा सुशील जी क्या आप एक दिन के लिए मेरे पति बनोगे? मैं भौचक रह गया की क्या बोल रही है, तो उसने कहा आप परेशान ना हो, आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो, इसलिए मैंने आपसे कहा क्यों की आज मौक़ा भी है, और हम दोनों साथ भी है, मैं आपको बहुत चाहती हु, पर मैं अपने पति को भी बहुत चाहती हु, मैं ये नहीं चाहती की ये बात मैं दिल्ली में आपको बोलू, पर आज हमारे पास मौक़ा है.

मैंने कहा ये बात किसी को पता चल गया तो, तो संध्या बोली किसी को क्यों पता चलेगा और रवि को पता भी है की हम दोनों आज आगरा में है और रात में यहीं रुकेंगे, कोई दिक्कत नहीं है, फिर हमदोनो ताजमहल को निहारते हुए आगे बढ़ने लगे, तभी संध्या अपने हाथ पे पीछे पकड़ के मेरे साथ चलने लगी जब मैं कुछ नहीं बोला तो अपना सर मेरे कंधे पे रख ली, मैंने भी अपना हाथ घुमाकर उसके कमर को पकड़ लिया दोनों साथ साथ और काफी करीब आ गए, उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरे छाती को टकरा रही थी, मुझे काफी अच्छा लग रहा था क्यों की संध्या काफी सेक्सी और गोरी, भरा पूरा बदन बाली औरत आप यूँ कहिये की लड़की थी क्यों की उसे कोई बच्चा नहीं था, मैंने पूछा की संध्या जी आपके शादी के २ साल हो गए पर बच्चा नहीं है तो वो बोली की अभी ऐश की ज़िंदगी जीना चाहती हु,

करीब ८ बजे हम दोनों खाना खाके होटल आ गए, संध्या बाथरूम में गयी और रेड कलर की एक बहुत ही सेक्सी गाऊन निकाली वो अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, उसकी चूचियाँ साफ़ साफ़ दिख रही थी, बड़े बड़े सुन्दर से, निचे रेड कलर की पेंटी हल्का हल्का दिखा रहा था, उसके नाभि काफी सेक्सी लग रही थी क्यों की पेट उसका गोल और काफी सेक्सी था, वो मदहोश करने बाली डिओडरेंट लगाई थी, मैंने तो एपीआई बाहो पे लेने के लिए बेताब था वो भी उसकी मुद्रा में थी. अाखिर हम दोनों एक दूसरे को पकड़ के किश करने लगे मैंने संध्या के गाउन को खोल दिया फिर उसकी दोनों बड़ी बड़ी चूचियाँ को अपने हाथो से दबाने लगा और और निप्पल दाँतो से दबाने लगा वो काफी सेक्सी हो गयी थी, वो मेरे कपडे खोल दी और मेरा मोटा लंड अपने मुह में लेके चूसने लगी, मैं भी उसके बूर के चाटने लगा क्यों की मेरा लंड उसके मुह के पास था और उसका गांड और बूर मेरे मुह के पास था, उसके बूर से गर्म गर्म पानी निकलने लगा में उसे चाटने लगा.

फिर वो उलट गयी और मेरे ऊपर चढ़ के के मेरे होठो को किश करने लगी और फिर मेरे लंड को पकड़कर अपने बूर के पास ले जाके बैठ गयी मेरा मोटा लंड उसके बूर में समा गया और अब वो उछल उछल के चुदवाने लगी, मैंने भी निचे से जोर जोर से धक्का दे रहा था, वो अपने हाथो से अपने चूच को मसल रही थी बाल उसके खुले थे उस समय काफी सुन्दर लग रही थी, आखिर बीस मिनट बाद हम दोनों झड़ गए फिर मैं थोड़ा देर बाद बहार निकले और एक मेडिकल शॉप से वियाग्रा का टेबलेट ले के आये, फिर मैंने टेबलेट ली और चुदाई करना सुरु, यार क्या बताओ रात भर हम दोनों चुदाई करते रहे, विआग्रा खाके, दूसरे दिन भी दिन भर चुदाई किये और शाम को पांच बजे दिल्ली के लिए निकले इस बीच रवि का फ़ोन आया था तो कह दिया था की हम लोग दिल्ली पहुंच गए. आपको ये कहानी कैसी लगी शेयर जरूर करे प्लीज.

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