गर्लफ्रेंड की माँ की रंगीली चूत चोदने में बड़ा मजा आया

हेल्लो दोस्तों, मैं आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मेरा नाम दुष्यंत तोमर है। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई वाली मदमस्त कहानियाँ नही पढ़ता हूँ और मजे मारता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मेरी गर्लफ्रेंड का नाम जयश्री था। वो बहुत सेक्सी और हॉट लड़की थी और मेरे साथ कॉलेज में पढ़ रही थी। मैं हर हफ्ते जयश्री के घर जाता था। मैं जयश्री को कई बार चोद भी चुका था। उसकी चूत बहुत मस्त थी बिलकुल गुलाबी गुलाबी। पर कुछ दिनों से मैं देख रहा था की जयश्री की माँ मुझ पर कुछ जादा ही आसक्त थी। मैं कुछ समझ नही पा रहा था। एक दिन जब मैं जयश्री के घर गया तो वो बाहर गयी थी।

“ओके आंटी मैं बाद में आता हूँ” मैंने कहा और चलने लगा

“अरे बेटा तुम हमेशा जल्दी में रहते हो। एक मिनट बैठो तो” आंटी बोली। मैं जयश्री की माँ को आंटी कहकर ही बुलाता था। उन्होंने मुझे जबरदस्ती बिठा लिया और काफी बना लायीं। फिर उन्होंने अचानक मेरे पैर पर हाथ रख दिया। मैं उनका इशारा कुछ समझा नही।

“बेटा तुम और जयश्री सिर्फ मिलते हो या कुछ करते भी हो??” आंटी ने पूछा। मैं उनकी बात समझ गया था। मैं मुस्कुराने लगा।

“आंटी कभी कभी हम दोनों सेक्स कर लेते है” मैंने झेपते हुए दूसरी तरफ देखते हुए कहा।

“नही बेटा, अब तुम लोगो को चुदाई के मजे ले लेने चाहिए। अब तुम दोनों बड़े हो चुके हो, 18 साल पार कर चुके हो। बालिग़ हो चुके हो इसलिए अब तुम दोनों को सेक्स कर लेना चाहिए” आंटी बोली। ये सुनकर मैं काफी हैरान था क्यूंकि वो बिना किसी शर्म के खुलकर चुदाई शब्द का प्रयोग कर रही थी।

“बेटा कभी मेरा भी हाल चाल ले लिया करो” जयश्री की माँम मुझसे बोली और मेरे पैर पर उन्होंने हाथ रख दिया और सहलाने लगी। मैं थोड़ा घबरा गया था।

“आंटी मैं कुछ समझा नही???” मैंने जानबूझकर अनजान बनते हुए कहा

“देखो बेटा अभी तुम जवान हो। मेरी बेटी की चुद्दी [चूत] में लंड डालकर उसे चोदते हो और बजाते हो पर मेरा कभी कभी मेरा भी ख्याल कर लिया करो। तुम तो जानते ही हो की जयश्री के पापा 6 साल पहले ही स्वर्गवासी हो गए थे। मैं इधर लंड खाने के लिए तरसती और तड़पती रहती हूँ। बेटा किसी दिन मेरी भी चूत की सेवा कर दो” आंटी बोली

दोस्तों, ये सुनकर तो मैं अचानक से उत्तेजित हो गया था। क्यूंकि अब मेरी लिए एक और चूत का इंतजाम हो गया था। मेरा तो अभी ही आंटी को चोदने का मन करने लगा।

“आंटी तुम कहो तो आज ही तुम्हारी चुद्दी की सेवा कर दूँ” मैंने कहा और आंटी के हाथ में लेकर मैं किस करने लगा। वो भी चुदने को पूरी तरह से तैयार हो गयी थी।

“चल बेटा, शुभ काम में देरी कैसी???” आंटी बोली और मुझे लेकर अंदर कमरे में चली गयी। ये बहुत बड़ा सा कमरा था। ये आंटी का बेडरूम था। इसी कमरे में अंकल ने आंटी की चूत कसके मारी थी और जयश्री पैदा हुई थी। हम दोनों अब बेड पर बैठ गये और एक दूसरे को बाहों में भरके किस करने लगे। दोस्तों जयश्री की माँ की उम्र 35 साल होगी। उम्र थोड़ी ढल गयी थी पर माल अभी भी वो टाईट थी। चेहरे पर थोड़ी झुर्री पड गयी थी पर आंटी की असली खूबसूरती तो उनके ब्लाउस पर से दिखती थी। उफ्फ्फ्फ़ 40” के जो गोल गोल मम्मे थे आंटी के की मुर्दा भी देख ले तो जाग जाए। मैं जब भी जयश्री के घर आता था आंटी के मम्मे जरुर ताड़ता था और आज किस्मत से उनको चोदने का महान मौका मुझे आज मिलने वाला था।

मैंने आंटी को बाहों में भर लिया और हम दोनों बेड में लेट गए और होठो पर किस करने लगे। आज भी जयश्री की माँ ठीक ठाक माल थी और चोदने लायक सामान थी। उसकी साँसों की खुशबू मुझे दीवाना बना रही थी। हम दोनों प्रेमी प्रेमिका की तरह एक दूसरे का चुम्बन ले रहे थे। मुझे विश्वास नही हो रहा था की जिस माल को मैं मन ही मन चोदने के सपने देखा करता था आज वो मुझे चोदने को मिल रही थी। हम दोनों गरमा गर्म चुम्बन में डूब गए थे। मैंने उन्हें बाहों में भर लिया था और सहलाए जा रहा था।

“बेटा तू बड़ा हैण्डसम है!!” जयश्री की माँम बोली

“आंटी आप भी बहुत अच्छी दिखती हो!!” मैंने कहा

उसके बाद बाद मैंने उनके उपर चढ़ गया और उनके गुलाबी होठ चूसने लगा। फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटा दिया। 40” के गोल गोल मम्मे जैसे ब्लाउस को फाड़कर बाहर आने को बेताब दिख रहे थे। मैंने अपना हाथ आंटी के दूध पर रख दिया।

“क्यों आंटी कितना साइज है आपके बूब्स का?????” मैंने पूछा

“40” आता अभी तो” आंटी बोली

“शानदार!!” मैंने कहा फिर हाथ से उनके दूध मैं दबाने लगा। आंटी को भरपूर मजा मिल रहा था। मैं एक बार फिर से नीचे झुक गया था उनके होठ चूसने लगा था। मेरी गर्लफ्रेंड जयश्री अभी घर पर नही थी इसलिए मैं आराम से उसकी माँ को इतनी देर में चोद सकता था। मेरी आँखों में वासना उतर आई थी। आज मुझे किसी भी तरह आंटी की चुद्दी को चोदना था। मैं पागल हो रहा था। मैं उनके होठ भी चूस रहा था और उसके दूध ब्लाउस के उपर से दबा रहा था। कुछ देर तक ऐसा ही चलता था। मैं दोनों दूध को मींज लिया। उसके बाद जयश्री की माँ ने खुद ही अपनी साड़ी निकाल दी। फिर उन्होंने अपना ब्लाउस खोल डाला। मैं भी सेक्स के नशे में आ गया और मैंने अपनी लाल रंग की कॉलर वाली टी शर्ट उतार दी। जयश्री की माँम ने अपनी गुलाबी रंग की ब्रा भी खोल कर हटा दी थी।

दोस्तों जब मैंने उसकी माँ को नग्न हालत में देखा तो मेरा तो लंड की खड़ा हो गया था। वो नंगे जिस्म में क्या मस्त चोदने लायक माल लग रही थी। मैं आंटी को पकड़ लिया और चूमने लगा। मैंने उनके चक्कर में पूरी तरह से पागल हो गया था और माँ जी को हर जगह चूम रहा था। उसके गाल, नाक, गले, मत्थे, सब जगह मैं पप्पी ले रहा था। वो भी बहुत सेक्सी और चुदासी फील कर रही थी। वो भी मुझे हर जगह किस कर रही थी। हम दोनों मजे करने लगे। हम दोनों एक दूसरे को खा लेना चाहते थे। जयश्री की माँ मेरे सीने के गोल गोल घुघराले बालों को चूम रही थी और सहला रही थी।

फिर मैंने उनके 40” के दूध हाथ में ले लिए और जल्दी जल्दी दबाने लगा। वो “सी सी सी सी.. हा हा हा…..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलकर। दोस्तों आंटी के दूध तो बहुत ही खूबसूरत थे। मैं बार बार उनके आफ़ताब से दूध को सहलाए जा रहा था। फिर मैंने दबाने लगा। जयश्री की माँ भी मुझे बार बार किस कर रही थी। फिर मैं लेटकर उनके मम्मो को मुंह में लेकर चूसने लगा। आज तो मेरी लोटरी की निकल पड़ी थी। जयश्री को तो मैं कई बार चोद चुका था, आज उसकी माँ को चोदने जा रहा था। धीरे धीरे मुझ पर वासना पूरी तरह से हावी हो गयी और मैं आंटी के मम्मो को दबा दबाकर चूसने लगा। वो मम्मे नही बड़े बड़े आम थे जो की बहुत मीठे थे। मैं आंटी की जवानी का भरपूर मजा ले रहा था और मुंह लगाकर उनके दूध को चूस रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

उधर आंटी की धीरे धीरे चुदासी हो रही थी। वो बार बार अपनी कमर को उठा रही थी। मेरे सिर पर बार बार वो अपने हाथ से सहला रही थी। साफ था की उनको भी भरपूर सुख मिल रहा था। मैंने फिर उसकी पीठ में अपने दोनों हाथ हाथ डाल दिए। मैंने उनको पड़क कर करवट ली तो जयश्री की माँम उपर आ गयी और मैं नीचे चला गया। मैं बार बार उनकी चिकनी पीठ को सहला रहा था। मुझे बहुत आनंद प्राप्त हो रहा था। मैं आँखें बंद करके उनके 40” के गोल गोल सुंदर दूध को चुसे जा रहा था। वो भी अपनी आँखें बंद करके मुझे अपनी रसीली गोल छातियां पिला रही थी। आज आंटी जी खुद चुदवाने के मूड में थी। दोस्तों उसकी छातियों के चारो पर 5 सेमी के आकर वाले गोल गोल घेरे थे जो बहुत ही सेक्सी लग रहे थे। मेरा तो लंड खड़ा हो चुका था और उसमे से रस भी निकलने लगा था।

मेरे साथ जयश्री की माँ की नंगी कामुक पीठ को बार बार सहला रहे थे। उनके गोरे जिस्म की त्वचा बहुत चिकनी और रेशमी थी। आज भी 35 साल की होने के बादजूद उसका बदन कसा हुआ था। मैं एक चूची पीता, फिर कुछ देर बाद उसे चूसकर दूसरी चूची मुंह में ले लेता और चूसने लग जाता। आधा घंटा तो यही खेल चला। मैंने उनको दोनों बूब्स को चूस लिया। अब उसकी चूत मारनी थी। मैंने उनका पेटीकोट खोल दिया। फिर पेंटी भी निकाल दी। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गयी थी।

“आंटी आओ मेरे लौड़े पर बैठ जाओ!!” मैंने जयश्री की माँ से कहा

“….पर बेटा मुझे तो सिम्पल लेट कर चुदाना ही आता है!! आंटी बोली

“अरे आंटी आप खामखा डर रही हो। आओ आप मेरे लौड़े पर बैठ जाओ। कैसी चुदाई करनी है मैं आपको सिखा रहा हूँ” मैंने कहा

फिर जयश्री की माँम को मैंने अपने लौड़े पर बिठा लिया। आज पहली बार वो इस तरह चुदाई करने जा रही थी। ये उनका फर्स्टटाइम था। उन्होंने अपने हाथ मेरे हाथ में रख दिए। मैंने अपनी उँगलियाँ उनके हाथों को फंसा ली। फिर धीरे धीरे मैंने उसकी चुद्दी में नीचे से धक्का मारना शुरु कर दिया। धीरे धीरे वो चूदने लगी। दोस्तों वो बहुत खूबसूरत माल लग रही थी। मैं उनको नीचे से धक्के देने लगा। कुछ देर में मेरा लंड जल्दी जल्दी उनकी चूत में उपर नीचे फिसलने लगा और जयश्री की माँम चुदने लगी। उन्होंने मेरे हाथों को अपनी उँगलियाँ फंसा दी थी जिससे कहीं तो गिर ना जाए। फिर आंटी भी समझ गयी की कैसी ठुकाई करनी है। धीरे धीरे वो उपर को उचकने लगी।

कुछ देर बाद अपने आप उसकी कमर मेरे लौड़े पर गोल गोल घूमने लगी। अब वो सारा दांव पेंच सीख गयी थी। अब वो जल्दी जल्दी कमर घुमाकर चुदवा रही थी। मुझे भी बहुत सेक्सी फील हो रहा था। फिर मैंने जयश्री की माँम को मैंने अपने उपर लिटा लिया। मैं उनके होठ चूसने लगा और अपने दोनों हाथ उसके गोल मटोल चिकने चुतड पर लगा दिया। फिर मैं उनके पिछवाड़े को उठा उठाकर चोदने लगा। आंटी“आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” की आवाज बार बार निकाल रही थी। उनका तो चेहरा ही सिकुड़ गया था क्यूंकि आंटी अब चुद रही थी। मैं जल्दी जल्दी उनको चोद रहा था।

दोस्तों इस तरह मैं जयश्री की माँम से खूब मजे लेने लगा। उनको मैं अपने उपर लिटाकर चोद रहा था। उनकी सासें मैं सूँघ रहा था। फिर मैंने उसके होठ चूसने लगा। आंटी के चुतड तो बहुत ही चिकने थे। मैंने आधा घंटे तक उनको अपने लौड़े पर बिठाकर चोदा। फिर मैंने आंटी को घोड़ी बना दिया। वो अपनी गर्दन पर झुक गयी और अपने पिछवाड़े को उन्होंने उपर उठा लिया। उनकी चूत के दर्शन मुझे हो रहे थे। उफ्फ्फफ्फ्फ़ दोस्तों, क्या भरी हुई चूत थी आंटी की। मैंने पीछे से उनकी दोनों टांगो में अपना मुंह डाल दिया। फिर मैं उनकी चूत पीने लगा। हल्की हल्की झांटे उनकी पूरी चूत पर थी। मैं जल्दी जल्दी आंटी की भरी हुई चूत को पी रहा था। उनकी चूत आज भी काफी सुंदर थी। मैं जीभ लगाकर मजे से चाट रहा था। फिर मैंने अपनी ऊँगली से आंटी की चुद्दी [चूत] खोल दी और अंदर जीभ लगाकर चाटने लगा। आंटी के मुंह से “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की कामुक आवाजे निकल रही थी।

वो इतनी चुदासी हो गयी की खुद अपने सीधे हाथ से अपनी चूत के दाने को जल्दी जल्दी घिसने लगी। उसको बहुत सनसनी महसूस हो रही थी। इधर मैं पीछे से जल्दी जल्दी उनकी चूत चाट रहा था। फिर मैंने अपनी ऊँगली आंटी की बुर में डाल दी और जल्दी जल्दी चूत को फेटने लगा। आंटी बार बार अपना मुंह खोल रही थी। उनके चेहरा का रंग की बार बार बदल जाता था। कहना गलत नही होगा की उनको बहुत अच्छा लग रहा था। मैं और जादा जोश में आ गया और खूब जल्दी जल्दी जयश्री की माँम की चूत में ऊँगली करने लगा। वो बार बार अपनी जांघे खोलने और बंद करने लगी। मैं अपनी ऊँगली उनकी चूत से निकाल ली और सारा माल मैं चाट गया। फिर मैंने इस बार २ ऊँगली उनकी चूत में डाल दी और अंदर गहराई तक पेल दी। आंटी “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की सिसारियां लेने लगी। मैं अंदर गहराई तक अपनी ऊँगली को ले जा रहा था जिससे आंटी को सबसे जादा उत्तेजना प्राप्त हो। फिर मैंने कुछ देर तक अपने मोटे लौड़े को फेटा।

फिर आंटी की बुर में डाल दिया। धीरे धीरे मैं उनको चोदना शुरू कर दिया। आंटी को बहुत मजा मिल रहा था। “…..आआआआअह्हह्हह…चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो दुष्यंत बेटा!! ….” आंटी कहने लगी। फिर मुझे और जोश आ गया। मैं जल्दी जल्दी उनको पेलने लगा। मैंने उनके पुट्ठों की खाल को कसके पकड़ लिया था और जल्दी जल्दी उनको चोद रहा था। मेरा लंड आंटी की चूत में सीधा जा रहा था। फिर कुछ देर तो आंटी भी जोश में आ गयी और जल्दी जल्दी पिछवाडा आगे पीछे करने लगी। मुझे अजीब सा नशा मिल रहा था। फिर मैंने जयश्री की माँ के बाल किसी वहशी आदमी की तरह पकड़ लिए और जल्दी जल्दी उनको किसी कुत्ते की तरह चोदने लगा।

आंटी के दूध नीचे को झूल रहे थे। बड़े बड़े आम नीचे को लटक रहे थे जो बहुत आकर्षक लग रहे थे। मैंने उनके बाल को अपने सीधे हाथ में लपेट रखा था और गहरे धक्के आंटी की रसीली चूत में दे रहा था। आंटी के पुट्ठों से मेरी कमर बार बार टकरा रही थी और चट चट की आवाज आ रही थी। मैंने इस तरह आंटी को घोड़ी बनाकर 20 मिनट चोदा, फिर उसकी चूत में ही माल गिरा दिया। कुछ देर बाद मेरी गर्लफ्रेंड जयश्री आ गयी थी। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।