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गाँव की चुदाई कहानी : पड़ोस की भाभी मस्त माल

बात उन दिनों की है जब मैं गाँव में रहता था, उस समय मेरी पड़ोस में एक नयी नहीं शादी हुई थी रिश्ते में वो भाई लगता था नाम था कौशल, शादी के कुछ दिन बाद यानी की ५ दिन बाद ही वो अपने काम पे यानी की दिल्ली लौट आया था! उनके घर में सिर्फ कौशल भैया की माँ और वाइफ ही रहने लगी थी. मैं कभी कभी उनके घर जाया करता था, और हसी मजाक भी होता था क्यों की वो भाभी थी, अक्सर मेरे यहाँ हसी मजाक देवर भाभी में होता है.

एक दिन जब मैं उनके घर गया गर्मी का दिन था वो अकेले ही घर पे थी उनकी सास अपने मायके गयी हुई थी एक दिन के लिए, पहले मैं आपको भाभी के बारे में बता दू भाभी करीब २१ साल की थी रंग गेहुआ चेहरा गोल, टाइट चूची गोल गांड और जब वो साड़ी पहनती तो वो नाभि की निचे सारे बांधती थी उनका गोल गोल पेट पे नाभि एक गदम सुराही के तरह पेट लगता था, लाल लाल होठ कस हुआ बदन. बहुत ही सेक्सी लगती थी. जब मैं उनके घर गया तो वो कुछ काम कर रही थी और मैं वही चारपाई पे बैठ गया, वो अपना काम खत्म करके वो कमरे में चली गयी और मुझे भी बोली अंदर ही आ जाओ बहार बरामदे पे बहुत धुल उड़ रहा है, मैं भी अंदर चला गया और वही बैठ गया, हम दोनों में बात चीत होने लगी वो बोल रही थी की मैं आपकी शादी अपने ही मायके में करवाउंगी एक बड़ी ही ख़ूबसूरत लड़की है मेरी चचेरी बहन लगती है, मुझे भी आनंद आ रहा था क्यों की किसी भी कुंवारे को शादी के बारे में बात करते अच्छा लगता है, फिर वो काफी देर इधर उधर की बात करने के बाद मैं जाने ही बल था की वो कमरे के दरवाजे पे ही बैठ गयी उनका आँचल सरका हुआ था ब्लाउज टाइट होने की वजह से उनका चूच ऊपर से निकलने की कोशिश कर रहा था, ये सब देख के मेरा लैंड खड़ा हो गया मैं थोड़ा शर्मा भी रहा था क्यों की लग रहा तो अगर वो देख लेगी तो कैसा लगेगा, क्यों की मेरे लैंड का उभर पता चल रहा था.

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मैं जैसे ही दरवाजे से निकलने की कोशिश किया मैंने कहा भाभी थोड़ा पैर हटाना वो थोड़ा और भी चौड़ी होकर बैठ गयी फिर मैंने उनको फिर कहा वो मुस्कुरा रही थी पर हटाई नहीं मैं वैसे ही जाने लगा की वो बैठी थी मेरे लैंड काफी टाइट था उस समय जससे ही मैं एक पैर उनसे आगे रखा वो मेरे लैंड को पकड़ ली मैं पीछे कमरे में हो गया और फिर वो हुस्ने लगी, मुझे अच्छा लगा पर मैं बहाना बनाने लगा “मुझे जाना है प्लीज हटो ना वह से” पर जैसे ही जाने की कोशिश करता फिर लैंड पकड़ लेती, मैंने कहा मैं भी कुछ छु दूंगा, वो बोली क्या छुओगे बताओ और फिर उसने लैंड को छु दी, मैंने उनके गाल पे चुटी काटा वो फिर मेरे लैंड को छू ली. फिर मैंने कहा आप ऐसे नहीं मानोगे, तबी वो भाग के अंदर हो गयी मैंने उनके चूची को पकड़ने की कोशिश कर रहा था पर वो इससे बचने की कोशिश कर रही थी मैंने उनको पीछेः से पकड़ के दोनों चूचियों को अपने हाथ में ले लिया उनके कपडे अस्त व्यस्त हो गए थे, वो दब्बाये जा रही थी और हुस रही थी फिर मैंने उनके गर्दन पे किश करना शुरू कर दिया मैंने कहा भाभी क्या मुझे दोगे “वो बोली हां किसी को बोलना नहीं इसके बारे में” मैंने कहा नहीं नहीं ये कोई बाोलने की बात है फिर वो कमरे से बहार आयी और इधर उधर देखि सड़क के तरफ और बहार शायद वो ये देख रही थी कोई बाहर है तो नहीं. बहार लू चल रही थी और हवा की आवाज़ आ रही थी सारे लोग अपने अपने घरो में थे.

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फिर वो २ तीन मिनट में आ गयी और मुझे पकड़ के किश करने लगाई आँचल उनका जमीं पे गिर रहा था चुचिया तनी हुई थी मदहोश कर देने बाली पसीने की खुसबू उनके कांख से आ रही थी हल्का हलका पसीना उनके माथे पे था, ये पहली बार था जब किसी ने मेरे जिस्म की और लैंड को छुई थी, मेरा गाला सुख रहा था मैंने पानी पि फिर मैंने उनके टाइट गाल और नरम नरम होठ पे चुम्मा लेना शुरू किया, ऐसा लग रहा था की जन्नत में हु, मेरे लैंड में तो ऐसा लग रहा था कोई विद्युत की धरा प्रवाह हो रहा था, क्या हसीं पल था.

फिर वो वही निचे चटाई पे लेट गयी और अपने ब्लाउज का हुक खोल के पीछे से ब्रा का भी हुक खोल के अलग कर दी, दोनों बड़ी बड़ी चुचिया कैद से आज़ाद हो चूका था वो अपने होठ को अपने दातो का काट रही थी अपनी जीव्ह से अपने होठो पे फ़िर रही थी मैंने उनकी साडी को ऊपर उठा दिया वो उस समय पेंटी नहीं पहनी थी जब मैंने साडी उठाया उनका बूर (चुत) नहीं दिखाई दे रहा था जांघ से सटा हुआ था ऊपर थोड़ा थोड़ा भूरा भूरा बाल दिखा रहा था और गोल गोल जांघे, जब उनकी और देखा तो उनकी आँखे लाल हो चुकी थी चुचिया तन चुकी थी निप्पल टाइट था, मैंने दोनों पैर को अलग किया ताकि बूर की देख सके छोटा से बूर दिखा मैंने अपना लैंड निकला और उनके ऊपर लेट गया पर मेरी पहली चुदाई थी पता नहीं था कैसे डालते है फिर उन्होंने थोड़ा उठने के लिए कहा और अपनी चुडिओं की खनकती हुयी हाथो से मेरे लैंड को पकड़ के अपने बूर के मुहाने पे ले गयी और बोली चोदो.

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मैंने जोर से धक्का लगाया और मेरा लौड़ा बूर के अंदर चला गया उनकी चीख निकल गयी ” हाई मैं मर गयी” कितना बड़ा लौड़ा है, आआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, हेेेेेेेेेेेेेेे भगवान……………… ओईईईईईईईईईईए मेरी माआआआआआआआ, मैंने अपने लैंड को अंदर बाबर करना शुरू किया और चुचिया की निप्पल को अपने दातो से दबाने लगा वो अपना दोनों हाथ ऊपर कर दी उनकी कांख की बाल दिखाई देने लगा और उस समय की सीन की आप कल्पना कर सकते है कैसी लग रही होगी. करीब १० मिनट तो चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया क्यों वो वो काफी कामुक हो गयी थी और अपनी गांड को उठा उठा के चुदवा रही थी वो भी निढाल हो गयी और एकदम शांत हो गयी मैं भी उन्ही के ऊपर पड़ा रहा फिर थोड़ी देर बाद उठा दोनों ने एक दूसरे को किश किया फिर आज तक कभी मौका नहीं मिला चोदने का क्यों की उसके बाद उनकी सास आ गयी और मैं भी पढ़ाई करने के लिए शहर चला गया अब तो जब भी मैं गाँव जाता हु एक हलकी सी मुस्कान देती है, ये मेरी सच्ची कहानी है,

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