मैं १८ साल की लड़की हु मेरा नाम नेहा है, मैं पटना में रहती हु, मैं ३४ साइज का ब्रा पहनती हु, मुझे पैंटी पहनना अच्छा नहीं लगता है, मेरे बूर में अभी बाल नहीं हुआ है, मेरा बूर पिंक कलर का है, गांड मेरा चौड़ा है और मैं बहुत ही सेक्सी लड़की हु |
बात मेरी दीदी के शादी के सात दिन बाद का है, मेरी जीजाजी २६ साल के और मोटे लंड का राजा है, वो बहुत ही सेक्सी इंसान है, हमें ऐसा लगता है वो तीन लड़कियों को एक साथ चोद सकते है, एहसास मुझे तब हुआ जब वो मुझे ३ घंटे में ३ बार चोदे है, बात एक दिन की है जब मैं घर पे अकेली थी, क्यों की माँ और पापा देवघर पूजा करने गए थे और दीदी भी उनके साथ गयी थी भाई जो की दिल्ली में पढाई करता है, असल में जीजा जी शादी के ३ दिन ही वो अपने घर चले गए थे क्यों की उनका कोई एग्जाम था, और एग्जाम देकर वो सीधे यही आ गए, वो पहले किसी को बताये नहीं की मैं आ रहा हु नहीं तो माँ पापा और दीदी पूजा करने देवघर नहीं जाती देवघर पटना से करीब २०० किलोमीटर है, इसलिए वो रात को ही लौटेंगे. जीजा जी शाम को ३ बजे आ गए, मैंने उनके लिए खाना बनाया और दोनों मिलकर खाना खाए, फिर हसी मज़ाक का दौर चला |
फिर वो कभी कभी मेरी गाल को छु देते मुझे बुरा नहीं लग रहा था क्यों की वो बड़े ही सुन्दर और गठीला बदन है उनका, आज मौका था किसी मर्द के साथ रहने का मैं भी सोच ली की चलो अभी तो मेरी शादी होने में टाइम है पर सेक्स का मज़ा लिया जाए. मैंने भी उनके सामने कुछ ऐसी हरकते की तब वो पूरी तरह से खुल गए और बात मेरी चुचिया दबाने तक की आ गयी, मैंने भी चूची दब्बाने का खूब मजा लिया पर मैं इससे कुछ ज्यादा चाहती थी क्यों की मेरा बूर पानी पानी हो गया था क्यों की पहली बार किसी ने मेरी चूची को हाथ लगाया था, मैंने बैचेन होने लगी और मैंने जीजा जी को पकड़ कर में डीप किश करने लगी उनके होठ की अपने होठ से दबाने लगी और जीभ को उनके मुह में घुसा दी, मेरी जीजा जी मुझे अपनी बाहो में जकड लिया और मुझे बेड पे पटक दिया, मैंने भी उनको अपनी बाहो में भर ली और सीने से दबा लिया, वो मेरी चुचिया उनके छाती से दब रहा था फिर वो मेरी टॉप को उतार दिया और ब्रा खोल दी जिसके मेरी गोरा गोरा और बड़ा बड़ा चूची ब्रा से आज़ाद हो गया.
जीजाजी मेरी चूच को पिने लगे मैंने पूछा क्या कुछ निकल रहा है उन्होंने कहा अभी तो यहाँ से कुछ भी नहीं निकलेगा पर इसको पिने से आपके बूर से जरूर ही पानी निकलने लगेगा, मैंने कहा वो तो निकलना शुरू हो गया है, तभी वो मेरा नाद खोल दिया और मेरा कैप्री खोल दिया, और मेरी दोनों टांगो को उठकर मेरी बूर को चाटने लगे, मैं तो मदहोश हो रही थी और पूरे शरीर में अंगड़ाईयाँ ले रही थी, मैं भी उनका बाल पकड़ के अपना रशिला बूर चटवा रही थी और बार बार पानी छोड रही थी, मैं पूरी तरह से उनकी हो चुकी थी अब वो जो चाहे वो कर सकते थे,
उन्होंने मेरी बूर में ऊँगली घुसाई और फिर जब ऊँगली गीली हो गयी तो वही ऊँगली मेरी गांड में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगे मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था पर उस दर्द का मज़ा ही कुछ और था, फिर मैंने कहा की क्या कर रहे हो, मेरी वासना को शांत करो ना प्लीज मैं चुदना चाहती हु, मेरी बूर आपके लौड़े का इंतज़ार कर रहा है, वो अपना मोटा लंड निकाल के मेरी मुह में दाल दिए मेरी तो सांस रुकने लगी और मैं परेशांन होने लगी, मुझे उलटी भी आ रही थी पर वो मुह में दिए जा रहे थे, फिर मैंने उनको बस करने के लिया कहा और फिर लंड को मेरी मुह से निकाल कर वो मेरी बूर पे रख से धीरे से घुसाने लगे तभी मैंने उनको रोक क्यों की दर्द कर रहा था, पर मुझे उनका लंड चाहिए था मैंने कहा फिर से करो और वो इस बार वो बूर के मुह पे रख के लंड को अंदर घुसेड़ दिया, मैंने दर्द से कराह उठी, मैंने ऊँगली लगा के देखा तो पता चला बूर से खून निकल रहा था मेरा सील टूट चुका था, मेरी आँख में आंसू थे, वो मुझे सहलाने लगे, बोले की पहली बार में ऐसा होता है आपके दीदी को भी यही हुआ था, फिर वो धीरे धीरे चोदने लगे.
वो अपना जीभ मेरी मुह में डाले हुए, चूचियों को हाथ से मसलते हुए, मेरी बूर में धक्का लगाये जा रहे थे, हरेक धक्के में मेरी मुह से आह आह आऊच आऊच उफ्फ्फ्फ़ ओह्ह्ह्ह्ह इस तरीके की आवाज़ निकल रही थी, अब मुझे दर्द नहीं कर रहा था, उनका मोटा लंड मेरी बूर में टाइट होकर अंदर बाहर जा रहा था, मैं भी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी, फिर वो झड़ गए और मेरी बूर में ही उनका सारा माल गिर गया और जो लंड पे लगा था उसे मैं चाट गयी.
मैंने अभी पूरे तरीके से झड़ी नहीं थी, पर बूर में दर्द जरूर हो रहा था, मैंने फिर उनके लिए अंगूर लाई और अपने होठ पे रखके उक्को खिलया फिर चूची पे रख के फिर पेट पे रख के, आधे जानते में जीजा जी फिर मुझे चोदने लगे, इस बार वो ज्यादा जोर जोर से चोद रहे थे, मैं भी चुदवा रही थी उसके बाद मेरी पूरे शरीर में सिहरन हुआ और मैंने अपने जांघो को टाइट की दांत पे दांत चढ़ा के पीसने लगी उनके बालो को कास के पकड़ी और झड़ गयी, पर वो चोदते रहे, फिर वो मेरी बूर से लंड निकाल के मेरी मुह में अपना वीर्य दाल दिया,
फिर मैंने एक घंटे बार फिर चुदवाने लगी वो कह रहे थे की गांड भी मारने दो पर मैंने मन कर दिया, और करीब ३० मिनट तक फिर चुदाई करते रहे, इस तरह से ३ घंटे में तीन बार चुदाई करने से मेरा बूर सूज गया था और काफी दर्द कर रहा था, मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी, इस तरह से जीजा ने मेरी बूर फाड़ के रख दिया. आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताये निचे शेयर जरूर करे फेसबुक पे, मुझे देख के अच्छा लगेगा, अगर कोई और एक्सपीरियंस हुआ तो फिर पोस्ट करुँगी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे तब तक के लिए धन्यवाद
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