जीजू रात भर मुझे और मेरी माँ को चोदा

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मेरे प्यारे दोस्तों मैं कजरी उम्र उन्नीस साल लखनऊ की रहने वाली हूँ। मेरी बहन की शादी पिछले साल ही हुई। जीजा जी और दीदी दोनों बंगलौर में रहते हैं वही जॉब करते हैं। मैं और मेरी माँ दोनों साथ रहते हैं पिताजी इस दुनिया में नहीं है। इस वजह से भी गीता दीदी की शादी जल्दी हो गई। जब की अभी मेरी माँ की उम्र मात्र 38 साल है। हम तीनो ही एक जैसे लगते हैं माँ मेरी लगती नहीं है की उनकी उम्र इतनी है। पिताजी के डेथ के बाद वो विधवा की तरह रहने लगी पर वो विधवा कम एक लड़की ज्यादा लगने लगी क्यों की वो अब सिंदूर नहीं करती है हम दोनों के तरह ही कपडे पहनती है। उसके बाद हमलोग नए फ्लैट में भी शिफ्ट कर लिए इसलिए वह कोई जानपहचान का भी नहीं था इसवजह से कोई पॉइंट आउट करने वाला नहीं था। मजे की ज़िंदगी जी रहे थे।

दीदी की शादी के बाद काफी कुछ बदल गया। मैं माँ बेटी अपना ऑनलाइन बिज़नेस शुरू किये और सब कुछ अच्छे से चलने लगा। अब ज़िंदगी में जो कमी थी वो सिर्फ रिश्ते की कमी थी, खुशियां थी पर शरीर सुख देने वाला कोई नहीं था यहाँ मैं अपनी माँ के बारे में बार कर रही हूँ। मैं आधुनिक ख्याल की लड़की हूँ मैं चाहती हु माँ को भी पूरा सुख मिले।

जीजा जी ऑफिस के काम से लखनऊ आये और हमारे साथ ही ठहरे। जीजा जी भी बड़े खुले दिल के इंसान है वो हमलोग की जितनी भी जरूरते थी चाहे शॉपिंग की या घर की वो सारे पूरा करते हैं। पर उनकी कातिल निगाहें से समझ आता था की वो कुछ और चाहते हैं। वो हमेशा ही मेरी तारीफ करते और बात बात पर हाथ चूमते और कभी हाथ मेरे पीठ पर फेरते। माँ के साथ ही ऐसा ही था वो माँ के काफी करीब होते। माँ भी अपनी निगाहें से कई बाते कह जाती जो मुझे समझ नहीं आती।

एक रात की बात है मैं सोइ थी अचानक मेरी नींद खुली ऐसा लगा कोई कराह रही है। मैं दौड़कर माँ के कमरे के तरफ गई मुझे लगा की माँ का तबियत ख़राब हो गया है। जैसे ही उनके कमरे के पास पहुंची तो दरवाजा थोड़ा खुला था मैं थोड़ा और खोली तो देखि माँ की चूचियां जोर और से हिल रही थी और जीजू उनके ऊपर चढ़े हैं। वो जब जब धक्का देते माँ की चूचियां फूटबाल की तरह हिल जाती। वो कभी माँ को किश करते कभी बूब्स दबाते कभी बूब चूसते। देखकर मैं हैरान हो गई वो दोनों एक पोर्न स्टार की तरह चुदाई कर रहे थे।

मेरे तन बदन में आग लग गई। मेरी चूत गीली होने लगी। मैं अपने हाथ से अपनी चूचियां मसलने लगी। जब माँ आह आह आह की आवाज निकालती मेरा तो पूरा शरीर सिहर जाता। चूचिया टाइट हो गई थी निप्पल खड़े हो गए थे। चूत से गरम गरम पानी निकलने लगी थी। मैं अपना होश खो रही थी ऐसा लग रहा था की मुझे भी कोई चोद दे।

माँ कह रही थी आप मुझे ऐसे ही खुश रखना। आप मुझे अपनी बड़ी बीवी समझना अब ये समझना की आपने मेरी बेटी के साथ साथ मुझसे भी शादी किये हो। अब मर्जी वो करना मेरे साथ मैं नहीं रोकूंगी। मुझे चोदो मुझे गांड मारो मैं कुछ नहीं कहूँगी। जब चाहे जितना चाहे मुझे चोदो। जीजू जोर जोर से माँ को चोद रहे थे। तभी माँ एक गहरी सांस ली और अंगड़ाई ली और जोर जोर से जीजू को अपने तरफ खींचने लगी और शांत हो गई। जीजा भी रुक गए और वो एक दूसरे के पास ही लेट गए।

मैं वही पर खड़ी कड़ी अपनी चूत सहला रही थी। माँ आँख बंद कर ली थी शायद वो थक गई और पांच मिनट के अंदर ही सो गई। जीजू वैसे नंगे ही बाहर बाथरूम में आने लगे। मैं वह से हट नहीं पाई को वो पहुंच गए थे। मैं उस समय बहुत गरम ही वासना की आग में जल रही थी। कामुकता का भूत सवार हो गया था। उनके बाहर आते ही मैं उसे लिपट गई वो ही हैरान हो गए पर तुरंत ही सम्भल गए। वो बोले क्या आपने सब कुछ देख लिया। मैं बोली हां सब कुछ तभी तो पागल हो रही हूँ।

जीजा जी मुझे किश करते हुए मेरे कमरे में ले गए। दोस्तों पहले तो उन्होंने मेरी खूब चूत चाटी।मेरी चूचियों को खूब मसला और ऐसी चुदाई की कह नहीं सकती। मुझे अलग अलग तरीके से करीब तीन घंटे चोदे उनके बैग में विआग्रा था वो खाखा कर खूब चोदे मुझे। उन्होंने ,मेरी कामवासना को शांत कर दिया था।

इस तरह से दोस्तों पूरी रात मुझे और मेरी माँ को चोदते रहे। ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे थे।