माँ की चुदाई, दारू पिलाकर माँ को चोदा – मेरा नाम राहुल है, मैंने २१ साल का हु, पहली चुदाई मैंने अपनी माँ के साथ किया है। मेरी माँ की उम्र ४२ साल है, वो डांस टीचर है, बड़ी ही हॉट है। दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी ज़िंदगी की सबसे हसीन कहानी सुना रहा हु। मैंने कैसे अपनी माँ को चुदाई के लिए पटाया, और राजी कर लिया चुदवाने के लिए, वो दिन मेरे ज़िंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था। पर सब के लिए वो भयानक दिन था, वो कैसे मैं आगे बताता हु।
पिछली सर्दियों में मै चेन्नई से अपने गाँव आ रहा था अचानक मेरे बस का एक्सीडेंट हो गया था बस एक पूल की रेलिंग तोड़ते हुए नदी में गिर गया गया था, ये हादशा रात के करीब १० बजे हुआ था। कई लोग मारे गए थे पर मैं किसी तरह खिड़की से निकल के माँ को भी निकल लिया था, मेरा सब कुछ उसी बस में खो गया, माँ का पर्स बचा था जिसमे पैसे थे। रात को अब कुछ और उपाय नहीं था इस वजह से करीब दो किलोमीटर चलने के बाद एक छोटा सा शहर आया और एक रूम बुक किया ताकि रात किसी तरह से काट सकें, फिर सुबह हम दोनों ट्रैन से निकल जाते क्यों की माँ अब बस से जाना नहीं चाह रही थी।
कपडे काफी भीगे हुए थे, और दूसरा कपडा भी नहीं था, तो मम्मी बोली मैं अपना साड़ी सूखने दे देती हु, तो मैंने कहा हां माँ गीली साडी पहनोगे तो तबियत ख़राब हो जायेगा इस वजह से साडी खोल दो, माँ ने वैसा ही किया वो साडी खोल दी ब्लाउज से उनकी दोनों चुचियन बड़ी बड़ी दिख रही थी, माँ ने कहा साडी तो चेंज कर दी पर सारे कपडे तो गीले ही है।
तो मैंने कहा माँ देख लो ऐसा ना हो की आपकी तबियत ख़राब हो जाये, आप ब्लाउज खोल दो क्यों यहाँ तो कोई और है नहीं मैं तो आपका बेटा हु आपको मेरे से कैसा शर्म करना, माँ बोली सही कह रहा है, मैंने कहा माँ मैं निचे से कुछ खाने ले लिए लाता हु तब तक आप तैयार हो जाओ. मैं निचे गया और एक होटल से रोटी और सब्ज़ी पैक करवा लिया, बगल में शराब का दुकान था मैंने सोचा, शर्दी ज्यादा है, अगर एक पेग पि लेंगे तो सर्दी थोड़ी काम हो जाएगी.
मैंने वैसा ही किया एक हाफ मैंने ले लिया और खाना भी ले लिया रूम में जैसे ही पहुंच देखा तो माँ ब्रा में थी, और अपना रूम में देखा तो पेटीकोट और साडी सुख रहा था, मैंने कहा माँ आपने पेटीकोट ही खोल दिया क्यों की वो रजाई में बैठी थी, बोली हां मैं खोल दी गीली थी इसवजह से, माँ का बूब ब्रा के बाहर आपने को बेताब था, वो गजब लग रही थी, मेरे तो मन कर रहा था की मैं अभी उनकी चूचियों को मसल दू, पर धीरज से काम लिया, मैंने कहा माँ आपसे बिना पूछे एक व्हिस्की भी ले आया हु, शर्दी ज्यादा है और कपडे भी पुरे नहीं है इसवजह से, माँ बोली चल कोई बात नहीं.
माँ जहा बैठी थी वही खाना ले गया और खाना खाया और मैंने माँ को बोला माँ आप भी एक पेग ले लो शर्दी काम हो जाएगी, वो मान गई मैंने उनके लिए भी एक पेग बनाया और मैंने भी पि, माँ बोली अरे अभी तक तुम गीली जीन्स पहने हो, चेंज करो, मैंने जीन्स उतार दिया, जाँघिया में था पर मेरा लैंड माँ का चूची देख देख के खड़ा हो गया था माँ बोली क्या बात है, तेरा लंड खड़ा है, मैंने कहा हां माँ आज आप बहुत ही सेक्सी लग रही हो, माँ ने कहा बेटा तुम अंडरवियर भी उतार दो गीली है, मैंने वही किया मेरा तो लंड पहले से ही खड़ा था अब और भी ज्यादा खड़ा हो गया माँ बोली तू तो जवान हो गया है,
मैंने कहा माँ आप तो माँ होते हुए भी आपका बॉडी एक २२ साल की लड़की के तरह दिख रहा था, तभी माँ ने ब्रा खोल दिया मैं उनकी दोनों चूचियों को देखकर हैरान रह गया एक डैम बड़ा बड़ा और टाइट चूची, मैं रह नहीं पाया और मैंने माँ को पकड़ लिया और अपना होठ माँ के होठ पे रख दिया, वो भी किश करने लगी मैं भी किश करने लगा और उनकी चूचियों को दबाने लगा, माँ बोली बहुत अच्छा लग रहा है मैंने फिर माँ के चूत में ऊँगली डाली, माँ आउच की आवाज़ निकली मैं पूछ बैठा माँ आपकी चूत तो काफी टाइट हैं, माँ बोली
हां बेटा तुम्हारे पापा मुझे चोदते २ महीने में एक बार कभी चोद लिया, अगर कभी चोदा भी तो बस १ से २ मिनट में ही अपना वीर्य निकाल देते है मैं भूखी की भूखी रह जाती हु, मुझे वो आजतक संतुष्ट नहीं कर पाये, तुम्हारे मामा जी ने ही मेरी सेक्स की भूख को शांत किया था वो भी शादी के पहले ही,
इतना सुनते ही मैंने सोचा अरे यार ये साली तो अपने भाई से भी चुदी है तो मेरे से चुदने में इससे क्या शर्म आएगा, मैंने लिटा दिया और उसके चूत को चाटने लगा, उसके बाद बूब को पकड़ के पिया और माँ के होठ को चूसने लगा, माँ का मुह शराब शरब महक रहा था आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है, उसके बाद माँ बोली बेटा अब मत तड़पाओ, ऐसा मौका कई सालो बाद मिल रहा है, देर मत करो, मैंने अपना लंड माँ के चूत पे लगाया और एक जोरदार झटका दिया और मेरा लंड माँ के चूत के अंदर,
फिर क्या था, मैं झटके पे झटके दे रहा था माँ की चूचियाँ उछाल रही थी, और वो आआह्ह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह चोद दे बेटाआआ, अपने माँ को शांत कर दे, माँ भी मेरा चूतड़ पकड़ के अपने चूत में कस कस के धक्का लगवा रही थी, फिर क्या था माँ का चूत फट गया था, माँ भी रोने रोने जैसी हो गयी थी, फिर माँ को पेट के बल लिटा दिया और गांड में अपना लंड डालना सुरु कर दिया, माँ रोने लगी कहने लगी बेटा गांड में काफी दर्द होता है।
मैंने थोड़ा थूक लगाया और फिर डाला और पूछा माँ अब बोलो कैसा लग रहा है माँ बोली हां अब ठीक लग रहा है, मैंने करीब १० मिनट तक गांड मार फिर चूत मार रात भर में करीब 5 बार चुदाई की और 3 बार मैंने गांड मार, माँ बोली आज मैं काफी खुश हु, आज तूने खुश कर दिया, आज से मैं तुम्हारी हु, तुम जब चाहे मुझे चोद सकते हो,
फिर क्या था अब तो मैं रोज रोज माँ को चोदता हु, पर एक गड़बड़ हो गया है, माँ अब पेट से है, माँ बोली तू चिंता मत कर मैं संभाल लुंगी, तू खुश हो जा तू बाप बनने बाला है और मैं माँ, तो मैंने पूछा माँ अगर पिताजी को पता चला तो, तो माँ बोली तू चिंता मत कर मैं हु ना……….
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