Home » Family Sex Stories » स्लीपर बस में भाई ने बहन को चोदा

स्लीपर बस में भाई ने बहन को चोदा

Volvo Bus Sex Story in Hindi, Bus Sex Story, Lucknow Sex Story, Bhai Bahan Bus, Bus me Chudai, Sleeper Bus Sex Story,

भैया ने दिल्ली लखनऊ वॉल्वो बस में मेरी ऐसी चुदाई की दर्द तीन दिन तक रहा। मना करते रही जोर से मत डालना पर उसने एक भी नहीं सुनी और मेरी चूत फाड़ दी कैसे क्या हुआ आज मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर अपनी कहानी सुनाने जा रही हूँ।

मेरा नाम हर्षिता है मैं 18 साल की हूँ। इसके पहले कभी मैं लंड का स्वाद नहीं चखा था ना तो मैं कभी चुदाई करवाई थी। बस का सफर बारह घंटे का और चुदाई पुरे रास्ते इसको क्या कहूं और वो भी अपने भाई के साथ अच्छा या ख़राब मैं ये समझ नहीं पा रही हूँ। पर जो हुआ अच्छा भी हुआ और बुरा भी हुआ। हमलोग ट्रैन से दिल्ली से लखनऊ जाने वाले थे पर टिकट नहीं मिलने के चलते हम दोनों भाई बहन दिवाली मनाने बस से भी जाना उचित समझी। और टिकट ले लिया वॉल्वो स्लीपर में। हम दोनों का सीट ऊपर वाला था हम दोनों को कंबल भी ओढ़ने दिया थे क्यों की बस एयर कंडीशनर था। और हमलोग का जो कम्पार्टमेंट थे उसमे दो सो सकते थे। अगर आपने स्लीपर बस में यात्रा की होगी तो पता होगा परदे लगे थे और दरवाजा अंदर से बंद भी होता था।

बस रात के आठ बजे दिल्ली से चल पड़ी। यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए लखनऊ जाना थे दिल्ली लखनऊ हाईवे से। हम दोनों पहले ही खाना खा लिए थे। और बस में आराम करने लगे। ये पहला मौक़ा थे जब हम अपने भाई के इतने करीब सो रहे थे जब से जवान हुए थे।

मेरा गठीला बदन गोल गोल जांघें, ना बड़ी ना छोटी चूचिया यानी की साइज में चूचियां, गोल गोल चूतड़, गुलावी होठ किसी को भी अपने गिरफ्त में कर ले। मैं गाने सुनने लगी और मेरा भाई शायद नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सेक्स कहानियां पढ़ रहा था। मैं भी इसके पहले कई बार कई कहानिया इस वेबसाइट पर पढ़ी थी। तो मैं भि उस रात नॉनवेज स्टोरी पढ़ने लगी। हम दोनों भाई बहन सेक्स कहानियां पढ़ रहे थे। मेरा भाई काफी कामुक हो गया था कहानियां पढ़ते पढ़ते और वो मुझे छूने की कोशिश करने लगा खाशकर मेरे बूब्स को। मैं समझ रही थी वो क्या चाहता है। क्यों की मैं भी कामुक होने लगी थी।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  पहले गोदी में बैठाकर दुलार फिर चूत में लंड घुसा कर चुदाई

बस की स्पीड काफी तेज थी उस समय यमुनाएक्सप्रेस पर चल रही थी। बस हिचकोले के रहा था था और उसको मौक़ा मिल गया थे मेरी चूचियां दबाने का। जब भी बस किसी और वहां से साइड ले तो वो मेरे तरफ झुक जाता था और मेरी चूचियां दबा देता था। अब मेरे शरीर में सिहरन होने लगी मुझे भी अपने भाई के लंड को छूने का मन करने लगा था। अब वो मेरी चूचियां दबाता और मैं उसके लंड दबाती। दोस्तों क्या बताऊँ हम दोनों ही कामुक हो गए थे और लग रहा था बस चुद लूँ। भाई ने उसी वक्त परपोज़ भी कर दिया।

बोला क्यों ना आज रात हम दोनों भाई बहन ना रहे। और पूरी रात मस्ती करें। मैं कुछ नहीं बोली। वो बोला ये बात बस रात तक ही सिमित रहेगा उसके बाद कभी भी ज़िंदगी में ऐसी बातें नहीं होगी। तुम्हे भी वो मिल जायेगा और मुझे भी मिलजायेगा। हम दोनों ही तड़प रहे है। मुझे है तुम दिल्ली में आधी रात तक सेक्स कहानी पढ़ पढ़ कर अपने बूब्स को दबाती हो और अपने चूत को सहलाती हो। वो खिड़की में जो छोटा सा छेड़ है ना उससे मैं तुम्हे रोज देखता हूँ।

तो मैं भी कहा कम थी कह दी मुझे ये बात पता है और तुम क्या करते हो। खिड़की के पास ही मूठ मारते हो और अपना माल वही निचे गिरा देते हो। सुबह मैं रोज साफ करती हूँ। और फिर दोनों थोड़ा थोड़ा सरमा कर हसने लगे।

उसके बाद शुरआत हुआ असली सफर का। उसने आव देखा ना ताब वो मुझे अपने बाहों में जकड लिया और मेरे होठ को चूसने लगा मेरे होठ पर किश करने लगा। मैंने भी साथ देने लगी। हम दोनों के तरफ से आग लगी थी वासना की। तभी बस रुक गई। हम दोनों अलग अलग हो गए। निचे उतरे और फिर वाशरूम जाकर चाय पिए। हम दोनों का रिश्ता एकदम अलग हो गया था। निचे हम दोनों ऐसे बाहों में बांह डाल कर ऐसे घूम रहे थे जैसे पति पत्नी हो या लिव इन रिलेशन में रहते हो. सब लोग घुर रहे थे पर करना क्या था। कौन हमारे गाँव के लोग थे।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  दीदी ने खुश कर दिया मुझे जब घर में कोई नहीं था

आधे घंटे बाद बस फिर चल पड़ी और फिर क्या था अपना बस का कम्पार्टमेंट की छिटकिनी अच्छे से लगा दी परदे लगा दिए और मैं अपने भाई का पेण्ट खोल कर मोटा लंड निकाल कर तुरंत ही मुँह में ले ली और स्वाद लेने लगी। जितना अपने मुँह में लेती उतना ही उसका लौड़ा मोटा और लंबा होता और वो अपने मुँह से सिसकारियां निकालता वो भी मेरे टॉप को खोल दिया और ब्रा भी। वो मेरी चूचियां को सहलाने लगा। मैं कामुक होने लगी। मैं उसका आइसक्रीम चूस रही थी वो भी मेरे बूब्स को चूसने लगे। मेरे बदन में आग लग गई थी और उसका लौड़ा काफी मोटा लंबा हो गया था।

उसके बाद भाई ने मुझे निचे सुला दिया और करीब पंद्रह मिनट तक मेरे चूत को चाटा मेरी चूत से गरम गरम पानी निकल रहा था और वो मजे कर रहा था। उसके बाद उसने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और बिच में आ गया अपना लंड निकाला और मेरी चूत पर लगाया और घुसाने लगा पर उसका लौड़ा टेढ़ा हो जाता था क्यों की मेरी चूत कसी हुई थी। जा नहीं रहा था। उसने करीब तीन चार बार कोशिश किया उस समय मैं अपने फेस को अपने दोनों हाथों से ढक रखी थी।

उसके बाद उसने फिर से सही से लंड को सेट किया मेरी चूत पर और घुसा दिया उसका लौड़ा पूरा नहीं गया था आधा ही घुसा था पर मुझे काफी दर्द होने लगा मैं बोली जोर से मत घुसाओ दर्द हो रहा है। वो रुक गया और मेरी चूचियों को सहलाने लगा और मेरे होठ को चूसने लगा वो मुझे कस कर पकड़ लिया। मैं भी उसको अपने आगोश में ले ली। उसका आधा लौड़ा मेरी चूत में था। अचानक मेरी छूट से काफी पानी निकला और चूत गीली हो गई तभी उसने जोर से धक्का दिया और पूरा लंड मेरी चूत में समा गया।

गरमा गर्म सेक्स कहानी  बारिश में दोस्त की बहन की चूत में सबने बारी बारी से लंड डाला

दर्द भी हो रहा था मजा भी आ रहा था। वो कह रहा था गजब की है तू बहन। मजा आ गया आज। तुमने मुझे खुश कर दिया। और वो ऊपर निचे करने लगा आप उसका लौड़ा अंदर बाहर होने लगा और मजे आने लगे मुझे। मैं भी गांड उठा उठा कर सहयोग कर रही थी और उसके बालों को सहला रही थी और वो मेरी बूब्स को पि रहा था और चोद रहा था। बस तेज सरपट से चल रही थी। आह आह भी कर रही थी पर लोगों को क्या पता चलेगा बस में शोर भी थी बाहर का।

दोस्तों उसके बाद तो कभी पीछे से कभी ऊपर से कभी वो ऊपर कभी मैं ऊपर। रात भर ऐसे ही चुदाई चलती रही। सुबह जब लखनऊ पहुंची तो मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी। दर्द हो रहा था चूत सूज गया था। यही हाल मेरे भाई का भी था उसका भी लंड दर्द कर रहा था।

दोस्तों ये सफर में चुदाई मेरे लिए यादगार है। मैं कभी भी नहीं भूलूंगी। बहुत मजा आया था। शायद आपको भी मेरी ये कहानी अच्छी लगी होगी। मैं जल्द ही आपको दूसरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पब्लिश करुँगी। आज सुबह तो घर ही पहुंची हूँ देखती हूँ क्या मेरा भाई सच में मुझे अब नहीं चोदेगा जैसा की उसने कहा था बस आज के लिए। देखते हैं और आपको बताते हैं क्या होता है आगे.