आज मैं आपको अपनी एक कहानी पेश कर रही हु, क्यों की मैं जबसे जवान हुयी थी यानी की जब से मेरे चूत में और बगल में बाल उगे और मेरी चूची बड़ी बड़ी हुयी तब से मुझे चुदने का बहुत शौक था जो कल पूरा हुआ, मैंने कई सारे कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ी तो मैंने सोचा क्यों ना अपना भी गरमा गर्म कहानी आपलोगो को भी बताऊँ, मैं आपसे चुदवा नहीं सकती पर मैं लंड आपका खड़ा जरूर कर सकती हु अपनी कहानी सुना के, तो लंड को अब आप हाथ में ले लें और धीरे धीरे हिलाना सुरु कर दे, याद रहे कहानी खत्म होने पर ही वीर्य निकाले. हा हा हा हा हा हा हा हा मजाक कर रही हु….. आपकी मर्जी चाहे तो करें या नहीं………

मेरा नाम सखी है, मैंने 21 साल की हु, मैं भरपूर जवानी से तर बतर हु, आजकल किसी भी लड़के को देखकर बूर में पानी आ जाता है, पर समाज के बंधन के चलते मैं किसी से चुद नहीं सकती, बस मन मसोस के ही रह जाती हु, मेरी बड़ी दीदी कौशल्या जो की 24 साल की है, वो भी बहुत चुदक्कड़ थी, उसके किस्से तो बड़े आम से वो तो बहुत से पड़ोस के लड़के से चुद चुकी थी, उसकी शादी पिछले साल ही हो गयी, मेरे जीजा जी, जो की अभी दुबई गए हुए है, वो प्रेग्नेंट कर के छोड़ गए थे, मेरी दीदी अभी कल ही एक लड़के को जन्म दी है.

मेरे घर में माँ पापा और मैं दोनों बहन ही रहते है, दीदी को दर्द उठा तो वो हॉस्पिटल में भर्ती हो गयी, जीजा जी तो यहाँ है नहीं इसवह से उनका छोटा भाई रोहित आया हुआ था, शाम को मम्मी पापा खाना खाके दोनों हॉस्पिटल चले गए रोहित भी गया पर वह सब कुछ देख के वो वापस आ गया, क्यों की माँ और पापा बोले आपको यहाँ रहने की जरूरत नहीं है आप आराम कीजिये घर जाके, आप ऐसे भी सुबह से थके है. तो रोहित वापस आ गया था घर पे,

मैंने नह रही थी बाथरूम में उसी समय रोहित आया था, वो घंटी बजाते रहा मुझे दरवाजा खोलने में देर हो गया, जब मैं नह के निकली तो सिर्फ तौलिया लपेट ली थी वो भी सिर्फ मेरा चूच को ढक रहा था और निचे से मेरे घुटने से काफी ऊपर था, ऊपर कंधे का भाग थोड़ा थोड़ा चूच और निचे मोटी मोटी जांघे दिख रही थी, दरवाजा खोला तो रोहित था मैंने पूछा आप तो वही बात जो मैं ऊपर पहले ही बता चुकी हु, पापा मम्मी वापस भेज दिए थे,

वो साला मुझे देखा और देखता ही रह गया, उसकी हवसी आँखे मुझे घूर रही थी, वो मुझे ऊपर से निचे तक निहार रहा था, उसने छुआ नहीं पर मुझे लग रहा था वो अपनी आँख से मेरे तन बदन को छु रहा है, मैं तोड़ी नर्वस हो गयी, मेरी आँखे निचे झुकने लगी, पर वो खड़ा होके अपनी नजर को सेक रहा था, मैं भी थोड़े इठलाती हुयी चलने लगी और बैडरूम में चली गयी, और मैंने कह दिया रोहित दरवाजा बंद कर देना बाहर का, वो दरबाजा बंद करने लगा, और मैं अंदर आके कपडे पहने लगी, तभी मेरा ब्रा का हुक पीछे बाल में अटक गया था, और मैं जितना निकलने की कोशिश की फास्ट ही जा रहा था, तो मैंने रोहित को बुलाया की मेरा हुक फसा हुआ निकल दे.

वो जब अंदर आया तो देख कर और भी दंग रह गया, मेरी पीठ पूरी खुली हुई थी, चूचियाँ मेरी घुटनो से चिपक का बाहर छीतर रहा रहा, मैं बैठी थी, तब मैं रोहित को बोला क्या इससे पहले किसी लड़की को नहीं देखा क्या आपने, मैंने आपको सिर्फ हुक खोलने के लिए बुलाई हु, आप तो टकटकी लगा के देख रहे हो और मैं दर्द से परेशान हु, वो फटा फट मेरे पास आया और हुक निकल दिया लगे हाथ वो मेरे पीठ को सहला दिया मेरे तन बदन में आग लग चुकी थी, फिर मैंने जब कड़ी हुयी और पीछे हुक लगाने लगी मेरा तौलिया निचे गिर गया और मैंने सिर्फ ब्रा पहने रोहित के आगे खड़ी थी, यहाँ तक की मैं पेंटी भी नहीं पहनी थी. मैं खड़ी थी रोहित मेरे पास आ गया और मुझे किश करने लगा, मैंने कहा ये क्या कर रहे हो, तो बोला मुझे मत रोको प्लीज, आज तक मैंने ऐसे किसी को नहीं देखा.

मुझे जैसे ही वो होठो से छुआ मेरा शरीर में सिहरन हो गयी, और मैं भी अपने आप को नहीं रोक पायी, मेरी गदराई हुयी जवानी, मेरे मन को नहीं रोक पा रहा था और मै भी रोहित के जिस्म को टटोलते हुए चूमने लगी, और वो अपने हाथो से मेरी चूचियों को दबाने लगा, मैंने उसके लंड को जीन्स के ऊपर से ही महसूस किया, बड़ा कड़क माल था, रोहित जीन्स का ज़िप खोल दिया और पेंट खोल दी, वो फ्रेंची में था बड़ा ही मस्त लग रहा था और अंदर नाग फुफकार रहा था, मेरा गोरा बदन महक रहा था, हम दोनों की साँसे तेज हो गयी, वो मेरी निप्पल को पिने लगा, पहला एहसास था, किसी को अपना दूध पिलाने का, फिर वही बेड पे लेट गए और वो मेरे ऊपर चढ़ गया, आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

मैंने अपना टांग फैला दी, वो बीचो बीच आके मेरी बूर को चाटने लगा मैं उसके बाल को पकड़ के अपने बूर में सटा रही थी जी कर रहा था उसको पूरा का पूरा अपने बूर में घुसा दू, फिर वो ऊपर आया और मैंने अपने पैर से ही उसका जाँघिया खोल दिया मोटा काला लंड खड़ा था मुझे चोदने के लिए मेरी बूर भी तैयार थी उसके मोटे लंड को अपने में समाने के लिए, उसके अपना लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुह पे लगाया और एक ही झटके में घुसा दिया, मुझे काफी दर्द हो रहा था, मैंने उसको निकलने के लिए कहा की दर्द हो रहा है पर वो साला कुत्ता मेरी चूच को चाटते हुए मुझे झटके दे रहा था और वो अपना मोटा लंड मेरी बूर में पेल दिया,

मैंने भी एक नंबर की चुदक्कड़ थी, मैंने भी लगी गांड उठा उठा के झटके देने, और साथ साथ गाली भी दे रही थी, कह रही थी चोद साले कुत्ते चोद मुझे, बस इतनी ही ताकत है, मार जोर से और मार क्यों माँ ने दूध नहीं पिलाया, वो भी जोर जोर से चोद रहा था मैंने फटी जा रही थी और गाली दे रही थी, मैं अपने आप को कमजोर नहीं होने देना चाह रही थी, फिर मैंने कहा बस हो गया साला चोद ना मुझे जोर जोर से वो लगा चोदने जोर जोर से फिर मेरी सांस तेज हो गयी और एक अंगड़ाई के साथ मैंने झड़ गयी और ठीक उसके बाद रोहित भी अपना वीर्य मेरे बूर के अंदर हो छोड दिया. दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, और वैसे ही पड़े रहे, फिर उठे और खाना खाए, और फिर दोनों एक ही बेड पे सोये, रात भर चोदम चोदी चल रहा था और एक दूसरे को मजा दे रहे था. मजा आया आपको मेरी कहानी पढ़कर, ये सच्ची है यार, अब जोर जोर से मूठ मार लो आप भी मुझे याद करके.

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