हेलो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।
हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम दिव्या तिवारी है। मैं आनन्द पुर में रहती हूँ। आनन्द पुर में आगरा के पास एक छोटा गांव है। मेरा गोरा बदन बहुत ही मद मस्त लगता है।। मेरा फिगर 36,32,38 है। मेरी जवानी की बहुत सारे दीवाने हैं। मेरा रंग बहुत ही गोरा है। मेरी आँखे भूरी भूरी हैं। मेरा पूरा बदन बहुत ही गोरा है। मेरे बाल बहुत ही सिल्की हैं। मै लड़को के बड़े लंड को कॉलेज के दिनों से खाती आ रही हूँ। मुझे लड़को का लंड चूसना बहुत ही अच्छा है। मेरी चूंचियो का दूध बहुत जी मीठा है। मेरे चूंचियो को लड़के निचोड़ कर पीते हैं। मेरी चूंची बहुत ही सॉलिड है। सारे लड़के मेरे चूंचियों से ही ज्यादा आकर्षित होते है। मेरी चूत बहुत ही गोरी है। चूत के दोनों टुकड़े लाल लाल हैं। लेकिन मेरी चूत के दाने पर काला काला बड़ा सा तिल निकला हुआ है। लग रहा है है किसी ने बड़ा सा टीका लगा दिया है जिससे मेरी चूत को नजर ना लग जाये। देवर जी भी मेरे चूत के दीवाने हो गए। मुझे पता भी ना चला की देवर जी मेरी चूत चोदना चाहते हैं। दोस्तों अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ।
दोस्तों मेरी शादी एक मीडियम परिवार में हुई है। मेरे पति पुलिस है। उनका नाम निधेन्द्र है। मेरे वो ज्यादातर बाहर ही रहते है। मेरे घर में मेरे पति के अलावा मेरा एक देवर भी है। मेरी सास तो बहुत पहले ही चल बसी थी। ससुर जी भी ज्यादातर बीमार ही रहते हैं। घर पर देवर और ससुर जी ही रहते हैं। मेरे पति देव के साथ मेरी कभी ठीक से चुदाई ही नहीं हो पाती थी। वो एक दो दिन के लिए घर आते हैं। सारा महीना चूत में उँगली करके ही बीत जाता है। मेरी चूत की खुजली एक दो दिन की चुदाई से नहीं बुझती है। मुझे हर दिन लंड चाहिए। मेरे देवर का नाम शिवेंद्र है। प्यार से उन्हें सब लोग शिव कहते है। शिव बहुत ही स्मार्ट लगता है। उसका चेस्ट निकला हुआ है। कद भी उसकी खूब लंबी है। वो अपनी गर्लफ्रेंड को भी मुझसे मिला चुका है। मैंने कहा- शिव ” तेरी गर्लफ्रेंड बहुत ही अच्छी है’। शिव- ” कुछ भी हो भाभी आपकी तो बात ही अलग है’। मैं- देवर जी क्या बताऊँ “तुम तो मुझे सबसे अच्छे लगते हो’। शिव- तो “मुझसे ही शादी कर लेना चाहिए था’।
मैं- अब क्या बताऊँ! “तुम तो छोटे ठहरे फिर तुमसे कैसे कर लेती’। फिर शिव ने जो कहा। उसे सुनकर मैं अंदर ही अंदर खुश हो गई। शिव- “शादी नहीं हुई तो क्या हुआ, दिन तो मैं आपके साथ ही बिताता हूँ, लेकिन रात नहीं’। फिर शिव जोर से हसने लगा। मैंने शिव से कहा- “रात भी बिताओगे’। शिव- नहीं “भाभी मै तो मजाक कर रहा था’। मैंने उस रात चूत में ऊँगली कर के किसी तरह से खुजली मिटाई। एक दिन ससुर जी भी रिश्तेदार के यहाँ चले गए थे। घर पर मैं और मेरा देवर शिव ही थे। मैंने शिव को कहा- शिव “आज रात तुम मेरे पास ही सो जाओ’। शिव मान गया। रात को हम दोनों एक साथ एक ही बिस्तर पर लेते हुए थे। रात के 11 बज गए। हम दोनों को नींद नहीं आ रही थी। हम लोग 10 बजे तक हम सारे लोग सो जाते थे। आज हमे नींद नहीं आ रही थी।
मैने झूठ मूठ का सोने का नाटक किया। रात के 12 बज गए। मै शिव की तरफ मुँह करके सो रही थी। शिव की आँखे अभी भी खुली थी। वो मुझे घूर रहा था। धीऱे धीऱे अपना हाथ मेरी तरफ बढ़ा रहा था। हम लोगो का एक साथ सोना कोई नया नही था। कभी कभी एक साथ सो जाते थे। लेकिन शिव मुझे कभी इस तरह नही घूरता था। आज उसकी आँखे कुछ और ही बता रही थी। उसकी आँखों में मुझे अजब सा कामोत्तेजना नजर आ रही थी। कुछ दिन से ही उसकी नजर मुझ पर ऐसे रहती थी। मैंने अपना हाथ उठाकर शिव के ऊपर रख दिया। मैंने अपना सर नीचे कर लिया। शिव को नहीं पता चला मैं ये सब देख रही हूँ। शिव का खड़ा लंड मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। मैंने शिव की लंड की लंबाई पता कर ली। उसका लंड मेरे पति से बड़ा लग रहा था। इसका हाफ कच्छा तना हुआ था। लग रहा था जैसे कोई नीचे डंडा लगा दिया हो। शिव धीऱे धीऱे मेरी तरफ खिसक रहा था। आखिर कर वो मुझसे चिपक ही गया।
शिव ने मेरे बिखरे बालों को सूंघकर उसे छूने लगा। मेरे सिल्की बालों को सहला रहा था। मेरे बाल सहलाते ही ही मेरी चूत में खुजली होने लगी। शिव ने धीऱे धीऱे मेरे होंठ की तरफ अपनी आँख बंद करके बढ़ने लगा। उसके आगे बढ़ने पर मैंने अपनी आँखे बंद कर ली। उसके बाद उसने कैसे मेरे होंठ पर होंठ रखा। ये मुझे नहीं पता चला। लेकिन जबी अहिव ने मेरे होंठ पर होंठ रखा। मन तो करने लगा “अभी शिव के होंठ काट डालूँ’। लेकिन मैं चुप रही। शिव को आगे बढ़ने का मौका दे रही थी। शिव ने कुछ देर तक तो मेरे होंठ पर होठ रखे रहा। कुछ देर बाद बहुत जी हल्के हल्के होंठ से थोड़े से होंठो को चूम रहा था।
धीऱे धीऱे उसकी हिम्मत बढती गई। बाद में शिव जोर जोर से किस करने लगा। मैंने चुप चाप अपने होंठो को चूसने दिया। शिव अपने जोश में मस्त था। उसका डर धीऱे धीऱे ख़त्म होने लगा। शिव ने मेरे होंठ का रस निकाल निकाल कर चूस रहा था। उनकी हिम्मत और बढ़ गई। उसने मेरे दोनों चुच्चो पर अपना हाथ रख दिया। फिर धीऱे धीऱे अपनी अंगुलियों से दबाने लगा। उसने मेरे बूब्स के निप्पल को अपनी चुटकियों में पकड़ लिया। मैंने फिर भी कोई विरोध नहीं किया। मेरी चूंची की निप्पल को पकड़ कर मेरे होंठ चूस रहा था। मैंने करवट बदली और शिव की तरफ अपनी गांड करके लेट गई। कुछ देर तक शिव खामोश रहा। फिर उसने अपनी टांग उठाकर मेरी गांड के ऊपर रख दिया।
मैंने शिव की टांग अपने ऊपर रखा दिया। शिव अपना लंड धीऱे धीऱे मेरी गांड में चुभा रहा था। शिव मेरी चूंचियों को पीछे से पकड़ लिया। पीछे से मेरी चूंचियो को दबा रहा था। मैंने भी अपना हाथ शिव के हाथ पर रखकर अपनी चूंचियो को दबवा रही थी। शिव चौंक गया। उसने अपना हाथ मुझसे छुड़वा लिया। मैंने शिव की तरफ अपना मुँह किया। मै- “चुपके चुपके में मेरी चूंचिया दबाने में मजा आता है’। तुम कह रह थे तो “आज बिताओ ना रात मेरे साथ’। मैंने शिव के होंठ पर होंठ रख दिया। शिव चुप रहा। मैंने शिव की होंठो पर किस करना शुरू किया। शिव कुछ देर तक चुप रहने के बाद मेरे होंठ चूसने लगा। शिव ने धीऱे धीऱे से अपना हाथ उठाकर मेंरे बूब्स पर रख दिया। शिव मेरी चूंचियां मसल रहा था। शिव और मै कुछ बोल नहीं रहे थे।
सिर्फ एक दूसरे से मजे ले रहे थे। शिव ने मेरे होंठो को चूस चूस कर लाल कर दिया। मैंने उस रात साडी और ब्लाउज पहन रखी थी।
मेरी ब्लाउज पर शिव अपना हाथ रख कर मेरी चूंचियो को एक बार फिर से मसलने लगा। शिव मेरी ब्लाउज के अंदर हाथ डाल कर दबा रहा था। शिव बहुत जोर लगा कर मेरी चूंचियां दबा रहा था। मेरी मुँह से “ सी…सी…सी…आ आ आअह्हह्हह….ईईई ईईईई…. ओह्ह् ह्ह ह्ह…..अई…अई–अई…अई कर रही थी। मेरी चूत की खुजली बढ़ गई। मैंने अपनी पेटीकोट में उठाकर नीचे से चूत में उंगली करने लगी। शिव मेरी ब्लाउज का हुक खोलकर मेरी चूंचियां दबा रहा था। शिव मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स दबाने लगा। मैं अपनी चूत में उंगली करके सी..सी…सी….सी…. सी….सी…इस्स… स्स…इस्स्स…उफ़्फ़ …उफ्फ्फ..!! करके अपनी चूत गरम कर रही थी। शिव ने मेरी ब्लाउज को निकाल कर मेरी ब्रा की हुक खोल दी।
मेरी ब्रा की हुक खुलते ही मेरी ब्रा की पीछे की पट्टियां उछल कर खुल गई। मेरी ब्रा नीचे सरक कर गिर गई। मेरी गोरी गोरी चूंचियों को देखते ही उस पर टूट पड़ा। मेरी चूंचियों के निप्पल को पीने लगा। मेरी चूंचियो को दबा दबा कर निचोड़ कर उनका रस निकाल रहा था। मेरी चूंचियों के रस को बड़े मजे ले लेकर पीने लगा। मेरे बूब्स धीऱे धीऱे टाइट होने लगे। मैंने अपनी साडी निकाल दी। अब मैं सिर्फ पेटीकोट में अपने देवर शिव के सामने खड़ी थी। शिव मुझे बहुत ही तीखी नजरो से देखकर। मेरी बूब्स की दाबने लगा। मैंने भी शिव को सहलाना शुरू किया। शिव भी गरम हो रहा था। उनका लंड और तेजी से बड़ा होकर खड़ा हो गया। शिव ने मेरी चूंचियो को पीना छोड़कर। मेरी पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगा। पेटीकोट का नाड़ा खुलते ही मेरी पेटीकोट नीचे गिर गई। मेरी चूत मेरी झांटो ने ढक रखा था। शिव-” भाभी तुम कभी अपनी झांटो को नहीं बनाती’।
मै- क्या करूं झांटो को बनाकर “जब इसे चोदने वाला ही कोई नहीं था’। शिव ने कहा- हूँ ना ” मैं अब चोदने वाला’। मै- “अब साफ़ कर लिया करूंगी’। शिव ने बैठकर मेरी चूत पर अपना हाथ लगाने लगा। मेरी झांटो को चूत से दूर किया। शिव ने मेरी चूत में जीभ लगा कर मेरी चूत चाटने लगा। मेरी चूत के अंदर तक जीभ डालकर चाट रहा था। मैं सी.. सी…सी… सी..इस्स्स…इस्स्स…इस्स्स! की आवाज के साथ मदमस्त थी। मेरी चूत के दाने को बार बार शिव काट रहा था। मैंने शिव के सर को अपनी चूत में दबा रही थी। शिव को मेरी चूत चाटने में बहुत मजा आ रहा था। शिव खड़ा हो गया। मुझको बैठा दिया। शिव ने अपना लोवर और कच्छा निकाला। शिव अपने लंड को आगे पीछे करते हुए। मेरे मुँह में अपना लंड रख दिया। मै शिव के लंड को चूसने लगी। शिव का लंड बहुत गरम था। मुझे उसका लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था। मैं शिव के लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। शिव अब मुझे चोदने को तड़प रहा था। शिव ने मेरे मुँह से अपना लंड निकाल लिया। मै बिस्तर पर लेट गईं। शिव ने मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ रहा था। अब मै भी चुदने को तड़पने लगी।
मैंने शिव का लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी। शिव ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर अपना लंड रखकर धक्का मारा। उसका थोड़ा सा लंड मेरी चूत में घुसा ही था। की मैं “…..मम्मी….मम्मी….सी सी सी सी… हा हा हा …..ऊऊऊ …..ऊँ….ऊँ…..ऊँ…उनहूँ उनहूँ–” की चीख निकल गई। शिव ने फिर से धक्का मारा। उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। मै जोर जोर से चिल्ला कर तड़पने लगी। शिव ने मेरी चूत को लगातार फाड़ रहा था। मैं अपनी अंगुलियों से चूत को सहला रही थी। मै- शिव “तेरा लंड तो तेरे भैया से काफी बड़ा है’। शिव- भाभी ” बहुत मुठ मार मार कर मालिश की है लंड की”,तब जाकर ये इतना बड़ा हुआ है। इतना कहकर शिव अपना लंड मेरी चूत जोर जोर से पेलने लगा। मै जोर जोर से चिल्ला चिल्ला कर अपनी चूत फड़वा रही थी। शिव मेरी चूत में अपना लंड अंदर तक डाल रहा था।
उसकी झांट भी बड़ी बड़ी थी। हम दोनों की झांट आपस में टकरा रही थी। शिव मेरी एक टांग उठाकर लेट गया। पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डालकर चोदने लगा। मैं भी अपनी गांड पीछे आगे करके चुदवा रही थी। मैंने शिव के लंड के दोनों गोलियों को छुआ। शिव ने मुझे कुतिया बनाया। शिव ने मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। मेरी कमर को पकड़कर मेरी चूत में अपना लंड मेरी चूत में जल्दी जल्दी डाल रहा था। मेरी गांड में शिव के लंड का थैला बार बार लड़ रहा था। शिव ने मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता बना डाला। अब भी वो मेरी चूत फाड़कर उसकी चटनी बना रहा था। मैंने शिव को अपनी चूत को चाटने को कहा। शिव मेरी चूत को चाटने लगा। शिव ने मेरी चूत से गिरा सारा माल चाट लिया। ने फिर एक बार मेरी चूत चाटकर अंदर तक साफ़ कर डाली। मेरी चूत फिर से साफ़ हो गई। शिव लेट गया। मैं उसके लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गई। शिव के लंड को मुठियाते हुए।
मैंने शिव का लंड अपनी चूत में डाल लिया। शिव ने अपनी कमर उठा उठा कर मेरी चूत चोद रहा था। शिव ने कुछ देर तक मेरी चूत में कमर उठा उठा कर चोद कर थक गया। मैंने भी अब अपनी कमर को ऊपर नीचे करके चुदाई करवा रही थी। मै शिव का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर तक ले रही थी। शिव ने आराम करके मुझे एक बार फिर से दीवाल के किनारे खड़ी कर दिया। मेरी एक टांग उठाकर मेरी चूत में अपने लंड को डाल दिया। फिर अपनी कमर उछाल उछाल कर मुझे चोदने लगा। मैं अपनी लंबी लंबी नाखूनों को शिव को गडा रही थी। मेरी चूत बार बार अपना पानी छोड रही थी। शिव ने मेरी गीली चूत में अपना लंड तेजी से डालकर चोदने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। शिव झड़ने वाला हो गया। उसने चुदाई रोक दी। मेरी चूंचियो को दबा कर मुझे चूमने लगा। कुछ देर बाद शिव ने मुझे फिर से झुकाया। मै झुकी खड़ी थी। शिव ने अपना लंड मेरी चूत में ना डालकर। मेरी गांड में डालने लगा। शिव मेरी गांड मारना चाहता था। शिव ने थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया।
शिव ने थूक लगाकर अपना मोटा लौड़ा मेरी गांड में डालने की कोशिश करने लगा। शिव ने बहुत कोशिश के बाद अपने लंड का टोपा मेरी गांड में घुसा दिया। मैं “ओह्ह माँ…ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ…अ अ ..अ अ अ ..आ ..आ ..आ आ……” चीखने लगी। शिव मेरी गांड में अपना पूरा लंड धक्का मार के घुस दिया। मै चीखती रही। लेकिन शिव ने मेरी गांड फाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। बार बार धक्का मार कर मेरी गांड फाड़ रहा था। शिव की स्पीड अचानक बहुत तेज हो गई। मेरी गांड दुपदुपा रही थी। शिव ने कुछ ही पलों बाद अपना लंड मेरी गांड से निकाल लिया। शिव ने मुझे बिठा दिया। अपना लंड ठीक मेरी मुँह के सामने करके मुठ मार रहा था। कुछ देर बाद शिव ने अपना सारा माल मेरी मुँह में गिरा दिया। मैंने शिव के लंड का सारा माल पी लिया। शिव वही बिस्तर पर बेहाल होकर गिर गया। मै भी शिव के ऊपर लेट गई। पूरी रात हम दोनों नंगे ही लेते रहे। अब तो हम रोज चुदाई करते हैं। हम दोनो रात भर खूब मजे करते हैं। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।
Nice story
Aap meri bhabhi hoti …
nice story
kas aap mere bhabhi hoti to roj aap ko chodta
krse ladys ya girl ko chut chudwane ho to contact kare
cute story
aapki bhabhi ji gajab ji gajab shach yar
cute story
aapki
OK good night bhabhi ji
bye kal meley ge 11:30pm OK bye