सभी लंड धारियों को मेरा लंडवत नमस्कार और चूत की मल्लिकाओं की चूत में उंगली करते हुए नमस्कार। नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के माध्यम से आप सभी को अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ। मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी।
मेरा नाम कुलदीप सिंह है। बनारस का रहने वाला हूँ और अभी पूरी तरह से कुवारा हूँ। अभी मेरी उम्र 25 साल है पर 50 से भी अधिक लड़कियों को चोद चूका हूँ। मुझे सेक्स और चुदाई करने में बड़ा आनन्द आता है। सड़क पर जब किसी हसीना को देख लेता हूँ तो नजरो ही नजरो में चोदकर उसे प्रेग्नेंट कर देता हूँ। मेरी जवानी अब पूरी तरह से उफान मार रही है। और मुझे रातो को नींद नही आती है। दोस्तों मेरा 8” का लंड तो हमेशा खड़ा ही रहता है और किसी चूत को मांगता रहता है। कई बार मुझे मुठ मारकर काम चलाना होता है।
कुछ दिन पहले ही बात आपको बता रहा हूँ। मेरा एक जिगरी दोस्त है जिसका नाम हिमाशु है। हम दोनों छुटपन के दोस्त है और साथ में मुठ मारते हुए बड़े हुए है। मेरी तरह ही हिमांशु भी बहुत सेक्सी मर्द है और हम लोग कई लड़कियों को साथ में खा चुके है। इस तरह से मेरी उससे अच्छी दोस्ती हो गयी थी। अक्सर ही उसके घर जाता रहता था। धीरे धीरे मेरी दोस्ती हिमांशु की बहन रेनू से हो गयी। वो अभी 12 th में पढ़ रही थी। धीरे धीरे मेरा रेनू को चोदने का बड़ा दिल करने लगा। वो बड़ी जवान और सुंदर लड़की थी। अभी रेनू की उम्र 18 साल थी और एक बार भी चुदी नही थी।
वो 5’ 2” लम्बी थी और नाक में रिंग पहनती थी। जिस वजह से वो काफी सेक्सी माल दिखती थी। रेनू का फिगर 32, 28, 34 था। उसके दूध सामान्य थे पर मुझे सलवार कमीज से दिख ही जाते थे। कभी कभी मन करता था की उसका जबरदस्ती गेम बजा दूँ पर ऐसा करना सही नही था। मेरे दोस्त हिमांशु ने एक सरकारी नौकरी का फॉर्म डाला था। अब उसका कुछ दिन में एक्जाम होने वाला था। इसलिए अब हिमांशु को पटना जाना था।
“यार कुलदीप!! मैं 4 तारिक को पटना जा रहा है। मेरा SSC वाला एक्जाम है न। रेनू घर में अकेली रह जाएगी और चोरी चकारी का भी डर रहता है। प्लीस भाई तू उसके साथ कुछ दिन रहा जाना। मैं 3 4 दिनों में वापिस आ जाऊँगा” हिमांशु मुझसे बोला
“ठीक है भाई, मैं रेनू के साथ रह जाउंगा” मैंने बोला
उसी शाम वो ट्रेन पकड़कर पटना चला गया। मैं रेनू के घर चला गया। हम दोनों की नजरे मिली।
“हलो!! रेनू, कैसी हो तुम??” मैंने हंसकर पूछा
“अच्छी हूँ कुलदीप भैया!! आप कैसे है??” वो कहने लगी
“मैं भी अच्छा हूँ” मैंने जवाब दिया
फिर हम दोनों अंदर जाकर टीवी देखने लगे। रेनू भी मेरे बगल 3 सीटर सोफे पर बैठ गयी। टीवी में सनी लिओन की फिल्म आ रही थी। कुछ ही देर में गरमा गर्म सीन आने लगा। रेनू मेरी तरफ देखने लगी। मैं भी देखने लगा। मैंने सोचा की गुरु यही सही मौका है। इस माल को चोद लो। हम दोनों थोडा परहेज कर रहे थे। पर कुछ देर बाद टीवी में जो फिल्म आ रही थी, उसमे सनी लिओन अपने कपड़े उतारने लगी और हीरो उसको बाहों में भरकर चूमने लगा। मैं अब धीरे धीरे रेनू की तरफ खिसकने लगा और वो मुझे आँखे फाड़ फाड़कर देख रही थी। मैंने भी ऐसा ही कर रहा था। फिर अचानक से हम दोनों के बीच बीच कामकला जाग गयी। रेनू ने मुझे पकड़ लिया और मैंने उसे। फिर दोनों जल्दी जल्दी चुम्मा लेने लगे। साफ़ था की वो भी चुदासी थी और मैं भी इधर चुदक्कड हो रहा था। मैंने रेनू को अपनी मजबूत भुजाओ में पकड़ लिया और सीने में कसके दबा लिया। उसके बाद दोस्तों आप लोग बिलीव नही करेगे रेनू ने ही मेरे मुंह पर मुंह रख दिया और मेरे होठ चूसने लगी। उसके बाद सनी लिओन टीवी में चुदाने लगी। और हम दोनों जवान लड़का लड़की इधर चालू हो गये।
रेनू मुझे किसी चुदासी लड़की की तरह किस करने लगी, तो मैं भी करने दिया। उसने हरे रंग का सलवार कमीज पहना था। मेरे हाथ ऑटोमैटिक उसके 32” की मुसम्मी पर चले गये और सहला सहलाकर हाथ लगा लगाकर दबाने लगा। ““..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….कुलदीप!! तुम कितने अच्छे हो!! कितने प्यारे हो तुम!! अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” रेनू कहने लगी। मुझे उसकी ये अदा बहुत पसंद आई। धीरे धीरे मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसके गले, गाल, चेहरे, आँखों सब जगह अनेक बार किस किया। हम दोनों किसी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह लिपट गये जैसे दोनों कितने दिनों से प्यासे हो। मैंने उसके होठो पर खूब चुम्मा लिया और उसके दूधों को खूब मसला।
“सच सच बताओ रेनू!! क्या तेरा कोई बॉयफ्रेंड है??” मैंने कहा
“कुलदीप!! अगर मेरा कोई आशिक होता तो तुमसे क्यों लिपटती मैं?? तुमसे क्यों प्यार दिखाती। जब जब तुम मेरे घर आते थे तब ही मेरा तुमसे चुदने का बड़ा दिल करता था। तुम तो मुझे शुरू से पसंद थे पर भैया की वजह से कभी अपने दिल की बात नही कह पायी मैं” रेनू बोली
“मेरी बुलबुल!! मेरा भी इधर ऐसा ही हाल था। जब जब तुझे देखता था मन करता था तेरी सलवार उतारकर तुझे जल्दी से चोद डालूं पर तेरा भाई मेरा लंगोटिया यार है। कैसे ये सब करता?” मैं बोला
“जानू!! आज तो हमारे बीच कोई नही है। आज मुझे चोदो ना” रेनू बोली
इतना बोलते ही मैंने रांड को सोफे पर लिटा दिया और उसके उपर लेटकर उसके मुंह पर मुंह लगाकर चुम्मा लेने लगा। रेनू के होठ काफी सेक्सी थे। रसीले और गुलाबी थे। मैंने होठ को मुंह में लेकर 10 15 मिनट होठ चुसाई कर दी। जिससे लौडिया पूरी तरह से गर्म हो गयी।
“मादरचोद!! आज तुझे कसके चोदूंगा। तेरे सारे अरमान पूरे कर दूंगा। जबतक हिमांशु लौटकर आएगा तेरा भोसड़ा अच्छे से फट चूका होगा। चल रांड कपड़े उतार!!!” मैं किसी बिगड़ैल चोदू आशिक की तरह बोला
रेनू अपना सलवार कमीज उतारने लगी। मैं अपनी शर्ट और जींस उतारने लगा। रेनू ने मेरे सामने ही अपनी ब्रा और पेंटी उतारी। दोस्तों जब वो नंगी हुई तो बिलकुल पट्ठी लग रही थी। कपड़ों में कम गोरी दिखती थी पर जब रांड नंगी हुई तो 1 नम्बर माल दिख रही थी। 32” के छोटे साइज की मुसम्मी थी पर कड़ी कड़ी और ठोस दिख रही थी। ऐसा लग रहा था की आज तक किसी लडके ने रेनू के खूबसूरत जिस्म को नही भोगा है। जब वो नंगी हुई तो क्या खूब दिख रही थी। उसे देखकर ही मेरा 8” लंड सलामी देने लगा।
रेनू हमेशा कन्धो तक बाल कटाये रहती थी और आधुनिक लड़की लगती थी। उसका चेहरा पतला और लम्बा था। नुकीली नाक थी और आँखे बड़ी बड़ी थी। उसका पूरा बदन काफी पतला और छरहरा था। मेरी नजर उसके दूध पर गयी, फिर पेट पर, फिर नाभि पर , फिर कमर और चूत पर। रेनू की कमर तो काफी पतली थी। सिर से पैर तक मैं उसे खा जाने वाली भूखी नजरो से देखे जा रहा था। फिर सोफे पर ही चुम्मा चाटी शुरू हो गयी।
“ओह्ह्ह जान!! कितनी सेक्सी हो तुम!! i will fuck you hard!” मैं कहने लगा
उसके बाद दोनों नंगे होकर लिपट गये। सोफे पर लेटकर ही हम प्यार करने लगे। मेरे हाथ रेनू के जिस्म पर नाचने दौड़ने लगे। उसे सब जगह अपना घर का माल समझकर हाथ लगा रहा था। उसके दूध को बड़े आराम से सहलाए जा रहा था। वो “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” कर रही थी। रेनू की चूत पर हल्की हल्की झांटे किसी घास की तरह जम आई थी। मैंने लेटकर ही उसकी कमर को दोनों हाथ से सहलाना शुरू कर दिया। उसे लगातार किस पर किस किये जा रहा था। रेनू मेरे सीने, गले, कंधे और चेहरे पर किस कर रही थी। वो भी आज मुझसे चुदकर अपनी जवानी की प्यास बुझाना चाहती थी। हम दोनों आपस में लिपट गये और दोनों एक दूसरे को चुम्बन लेने लगे। फिर मैं नीचे आ गया और रेनू को उपर कर दिया।
अब मेरे हाथ उसके दोनों चुतड पर नाचने लगे। क्या मस्त मुलायम 34” के फूले फूले चुतड थे। “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..मजा आ रहा हा कुलदीप!! और करो मेरी जान!! दबाओ इसे!! सी सी सी सी….हा हा हा…” इस तरह से वो बोलने लगी। मैं भी उसकी आज्ञा मानकर दबाने लगा। 10 15 मिनट उसके चुतड को दबा दबाकर आनन्दित हो रहा था। फिर रेनू को नीचे कर दिया और अपना उसके उपर आ गया। अब उसकी 32” की छोटी छोटी मुसम्मी को हाथ से पकड़कर किसी नीबू की तरह दबा दबाकर रस निकालने लगा। रेनू की माँ चुद गयी क्यूंकि मैं जोर जोर से क्रूरता के साथ दबा रहा था।
“सी सी सी सी …..धीरे धीरे दबाओ कुलदीप!!….दर्द होता है” वो बोली
पर मैं अपनी धुन में था। रेनू कराहने की आवाज निकाल रही थी। मैं मुसम्मी को दबा दबाकर रस निकाल रहा था और उसे चोदन कार्यक्रम के लिए गर्म कर रहा था। फिर उसके छोटे छोटे निम्बू मुंह में लगाकर चूसने लगा। इसमें रेनू को दबा मजा मिला। दोस्तों आपको बताना भूल गया की रेनू के दूध देहद नुकीले थे और इतने जालिम दिख रहे थे की कोई भी लड़का सिर्फ देखकर झड़ जाता। उसके बूब्स की निपल्स मेरे हाथ लगाने और दबाने की वजह से अब कड़ी कड़ी हो गयी थी और निपल्स के चारो ओर काले काले चमकदार गोले किसी भी मर्द का कत्ल कर सकने के लिए काफी थे। मैंने बड़ी देर तक दोनों मुसम्मी को मुंह में लेकर चूस डाला। रेनू “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की सेक्सी आवाजे निकालती रही। अब मैं चूत पर आ गया।
“अपनी टाँगे खोलो जान!! मैंने कहा
रेनू ने किसी आज्ञाकारी गर्लफ्रेंड की तरह अपनी टाँगे खोल दी। मैं मुंह लगा लगाकर उसकी भोसड़ी को चाटने लगा। उसे गर्म कर रहा था। मेरी खुदरी जीभ जल्दी जल्दी उसकी मक्खन जैसी चूत पर दौड़ रही थी। ऐसा करने से रेनू को बड़ी कामुकता मिल रही थी। मैंने उसकी चूत को काफी देर तक चाटा और अच्छे से गर्म किया। अब रेनू की बुर रसीली हो गयी। अपना रस छोड़ने लगी। मैं चूत की मीठी चटनी को चाटने लगा। रेनू की बुर क्या सेक्सी दिखती थी दोस्त। जी तो कर रहा था की खुद ही उसकी चूत में जिन्न बनकर छोटा रूप बनाकर घुस जाऊं। चूत के होठो को ऊँगली से घिस रहा था और जीभ लगाकर चाट रहा था। रेनू का बुरा हाल कर दिया।
““अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…कुलदीप!! मेरे जानेमन!! अब मुझे और मत सताओ!! जल्दी से लंड मेरे भोसड़े में घुसा दो..सी सी सी सी….हा हा हा…” रेनू कामवासना में पागल होकर बोलने लगी।
“साली रंडी!! इतनी भी क्या जल्दी है?? तुझे तो आराम से धीरे धीरे खाऊंगा छिनाल!!” मैं किसी कामी चोदू मर्द की तरह बोला और रेनू को सोफे पर घुमा कर लिटा दिया। अब उसकी चूत दूसरी तरह थी और मुंह मेरे पास। मैं रेनू के सिर के उपर आ गया और उसके मुंह में उपर से अपना 8” लौड़ा घुसा दिया। इसके साथ ही रेनू की चूत में हाथ लगाकर जल्दी जल्दी सहलाने लगा।
“चूस छिनाल!! चूस मेरे पप्पू को पहले!!” मैंने कहा
रेनू के पास कोई दूसरा विकल्प न बचा। मैं उसके सिर के ठीक उपर था। रेनू मेरा लंड चूसने लगी। मैं कमर नीचे उपर करके उसके मुंह को जल्दी जल्दी चोदने लगा। रेनू तो पूरा 8” लंड मुंह में लेकर निगल गयी। फिर जोश में आकर चूसने लगी। मैं दूसरे तरफ उसकी चूत को जल्दी जल्दी सहलाने लगा। एक पंथ, दो काज कर रहा था। 15 मिनट इसी तरह मौज ली मैंने। किसी हब्सी जानवर की तरह रेनू के मुंह को खूब चोदा। कमर नीचे उपर उठा उठाकर खूब चोदा। जब मुझे लगा की माल निगल जाएगा तब लंड उसके मुंह से खींच लिया।
अब रेनू को फिर से सीधा लिटा दिया। अपने पैर उसने खुद ही खोल दिए। मैंने चूत में लंड घुसाया और जल्दी जल्दी हवन करने लगा, यानी की चोदने लगा। रेनू अब किसी शादीशुदा लड़की की तरह “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी। मैं गमागम अपनी मिसाइल जैसे लंड से चूत में धक्के पर धक्के देने लगा। रेनू की मैंने चींखे निकलवा दी। बड़ी पावरफुल अंदाज में उसे पेलने लगा। वो कभी अपनी आँखे खोलती तो कभी बंद कर लेती। मैं उसकी भोसड़ी को आज अच्छे से फाड़ देना चाहता था। उसकी चूत की तरफ ही मैं देख देखकर मैं ठुकाई कर रहा था। वो अपनी चूचियां खुद ही मसलने लगी। उसकी “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाजे मुझे बता रही थी की उसे चरम सुख की प्राप्ति हो रही है। मैं अपने स्टेमिना को अच्छे से जानता था। 18 20 मिनट तक हिमांशु की बहन की फुद्दी घिसने के बाद लगा की मैं झड़ जाउंगा। तो जल्दी से लंड बाहर निकाल लिया। फिर रेनू के सेक्सी होठो पर अपनी उँगलियाँ चलाने लगा।
“उंह उंह हूँ.. हूँ… कुलदीप!! मेरे सनम!! क्या मस्त चुदाई करते हो तुम अहह्ह्ह्ह” रेनू सोफे पर अंगड़ाई लेकर कहने लगी।
“ये तो अभी शुरुवात है जान!! अभी तेरी गांड चोदकर उसने से धुआ निकाल दूंगा” मैंने कहा
फिर जब मेरा लंड थोडा शांत हो गया तो रेनू को सोफे पर ही घोड़ी बना दिया। उसकी गांड का छेद बेहद सेक्सी था। भूरा भूरा और अनचुदा। पूरी तरह से कुवारी गांड थी। मैं जीभ लगा लगाकर चाटने लगा। रेनू फिर से गर्म गर्म आहे निकालने लगी। मैं अपनी खुदरी जीभ को लगा लगाकर चाटता रहा। रेनू घोड़ी बनी अपने हाथ से अपने लटकते और आम की तरह झूलते आमो को दबा रही थी।
“कुलदीप!! मेरे सनम!! जल्दी से मेरी गांड चोद डालो!! प्लीस अब मुझे और मत सताओ!!” वो किसी देसी रंडी की तरह कहने लगी
फिर मैं भी बेहद जोश में आ गया और अपने लंड को पकड़कर धक्का मुक्की देकर उसकी कुवारी गांड में घुसा दिया। फिर जल्दी जल्दी गांड चोदन का कार्यक्रम करने लगा। रेनू का माँ बदन सब चुद गयी। उसे काफी दर्द हो रहा था। पर साथ में मजा भी उसे मिल रहा था। मैं उसके गेंद जैसे चुतड को हाथ लगा लगाकर दबा दबाकर उसका गेम बजा रहा था। हिमांशु की बहन रेनू अब “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….”की अब सेक्सी आवाजे निकालने लगी। मैं गांड में तेज तेज धक्के मारने लगा। ओह्ह कितना कसा बिल था दोस्तों। जितनी तारीफ़ करूं उतना कम है। मैंने धीरे धीरे उसकी गांड चोदी, फिर कुछ देर बाद रफ्तार बढ़ा दी। फिर जल्दी जल्दी 8 10 मिनट गांड मारी और अपनी सफेद क्रीम उसमे छोड़ दी। हम दोनों पूरी तरह से संतुस्ट कपल बन गये थे। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।