हेल्लो दोस्तों, मै अक्षय मिश्रा आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में स्वागत करता हूँ। मै जौनपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 साल है, आज मै आप को अपनी उस कहानी को सुनाने जा रहा हूँ, जो मेरे दोस्त के घर उसके शादी में हुई थी। मैंने तो सोच ही नही था कि मै अपने दोस्त के ही शादी में उसके ही भाभी को चोदूंगा।
मेरा एक सबसे खास दोस्त है, उसका नाम अनूप है। हम दोनों बहुत पक्के दोस्त थे, जब उसको कोई परेशानी होती है मै उसको मै हल करता हूँ। और जब मुझे कोई परेशानी होती है तो उसे वो हल कर देता है। हमरी दोस्ती तो पूरे कॉलेज में मशहूर थी। अनूप को एक लड़की से प्यार हो गया था, वो कॉलेज में ही पढ़ती थी। मैंने उन दोनों को मिलवाया। उन लोगों ने एक साथ बहुत कुछ किया, किस तो हमेसा जब मिलते थे, और हफ्ते में एक दिन वो दोनों दोस्त के रूम पर जमकर चुदाई करते थे।
कुछ साल बीता, तो अनूप के घर वालो ने उसकी शादी के लिये लड़की ढूंढने लगे। अनूप ने मुझसे कहा – “मै अगर शादी करूँगा तो केवल अपनी गर्लफ्रेंड अनुष्का से”। मैंने उससे कहा – “तू अपने पापा से बात क्यों नही करता”। तो उसने मुझसे कहा – “मेरी तो उनसे फटती है”। मैंने कहा – “ठीक है मै उनसे बात करता हूँ”।
मै अगले ही दिन अनूप के घर पहुँच गया। उसकी मम्मी मुझे बहुत प्यार करती है। मैने उसकी मम्मी से कहा – आंटी सुना है आप अनूप कि शादी के लिये लड़की ढूंढ रही है?? उसकी मामी ने कहा – “हाँ बेटा अब उसकी शादी करने उम्र हो गई है तो शादी करनी ही होगी”। उसकी मम्मी ने मुझसे पूछा – बेटा तू कब शादी करेगा ?? मैंने उनसे कहा – “बस जल्दी ही मै भी कर लूँगा”। मैंने आंटी से पूछा – आप किस तरह की लड़की चाहती है?? उन्होंने सारी बाते बताई जो उन्हें बहू में चाहिए थी।
मैंने उनसे कहा – “एक लड़की है, जो बहुत ही सुंदर है और संस्कारी भी, लेकिन वो दूसरे कास्ट कि है लेकिन अनूप और वो एक दूसरे को चाहते भी है”। आप लोग चाहे तो उसे एक बार देख सकते है। मैंने किसी तरह से उसकी मम्मी को उससे मिलने को मना लिया।
अनूप कि मम्मी अनुष्का से मिलने के बाद पक्का कर दिया था कि मुझे तो बहू पसंद है। कुछ दिन बाद अनुष्का के घर वालो से बात करके अनूप और अनुष्का कि शादी तय हो गई। अनूप ने मुझे अपने घर एक हफ्ते पहले ही बुला लिया था। मै उसके घर पहुंचा, उसके घरवालो ने मुझे बहुत प्यार करते थे, इसलिए मुझे एक अलग कमरा दिया रहने के लिये। मै अपने कमरे में बैठा हुआ था कुछ देर बाद अनूप की भाभी मेरे लिये चाय लेकर आई। मैंने उनसे कहा – कैसी हो भाभी?? उन्होंने कहा – ठीक हूँ। मैंने पूछा और भैया कैसे है। वो भी ठीक है ऐसा भाभी ने कहा। वो मुझे चाय देकर चली गयी।
भाभी जी के बारे में बात करे तो वो ज्यादा गोरी नही है लेकिन फिर भी बहुत अच्छी है।मुझे तो बहुत ही हॉट लगती है। पहले तो मै उनसे बात नही करता था, लेकिन धीरे धीरे वो मुझसे बातें करने लगी। एक बार भाभी मुझे बता रही थी कि अनूप के भैया उन पर ज्यादा ध्यान नही देतें है¸इसलिए वो थोड़ी उदास रहती है।
दोस्तों, मै तो कभी भी इतनी अच्छी भाभी को चोदने कि कोसिस ना करता लेकिन भाभी ही बहुत ज्यादा चुदासी थी, तो मै क्या कर सकता था। अगर मै ना चोदता तो कोई और चोदता।
एक दिन बीत गया, अनूप के हल्दी लग रही थी और मै उसको देख रहा था, कुछ आगे खड़े लोग थे और सबसे पीछे था। थोड़ी देर बाद अनूप की भाभी भी देखने के लिये आई, ज्यादा भीड़ होने से वो पीछे ही खड़ी हो गयी मेरे ही बगल में। मै तो अनूप को देख रहा था लेकिन मेरा हाथ पता नही कैसे भाभी की जांघ में छूते हुए उनकी चूत में छू गया।, मैंने पीछे मुडकर देखा तो भाभी खड़ी थी। मैंने अपने हाथ को रोक लिया। मैंने देख कि भाभी मुझसे चिपकती जा रही थी। मै धीरे धीरे आगे होने लगा। जब मैंने देखा कि भाभी रुक नही रही है तो मै वहां से अपने कमरे में चला गया। मै अपने कमरे में बैठा सोच ही रहा था, भाभी को क्या हो गया था, इतने में भाभी मेरे कमरे में आ गयी।
मैंने उनसे कहा – आप यहाँ क्या कर रही है? आप को तो बाहर होना चाहिए। उन्होंने मुझसे कहा – “मै तुमसे कुछ बात करना चाहती हूँ। इसीलिए आई हूँ”। कहो क्या बात करना है – मैंने कहा। भाभी ने कहा – “तुम्हे तो पता ही है मै ज्यादा गोरी नही हूँ इसलिए अनूप के भैया ना तो जल्दी मेरे साथ लेटते है और ना ही मुझे चोदते है। आज जब तुम्हारा हाथ मेरी जांघ को छूते हुए मेरी चूत में छू गया, तो मुझे औसा लगा कि मेरे बदन में करंट दौने लगा। मेरे अंदर कि वासना जो इतने दिनों से सोई हुई थी वो जाग गयी है। कोई मुझे चोदना ही नही चाहता है, और मेरा मन बहुत कर रहा है चुदने का। अब तम ही बताओ मै क्या करू। तुम्हारे हाथ छूने से मै जोश में आ गई थी, इसीलिए मै तुम से चपकती जा रही थी। उन्होंने मुझसे कहा अब ये सब बातें मै किसको बताऊँ”।
मैंने उनसे कहा – तो आप मुझे ये सब बातें क्यों बता रही है?? मै क्या कर सकता हूँ? तो भाभी ने कहा – तुम बस मेरा एक काम कर सकते हो?? मैंने उनसे पूछा कौन सा काम है?? उन्होंने कहा – “मेरे अंदर जो कामोत्तेजना जाग गई है उसको तुम अपने लंड के पानी से बुझा सकते हो”।
मैंने उनसे कहा – “आप क्या बात कर रही है अगर किसी को पता चल गया तो मै किसी को सबको क्या मुह दिखाऊंगा’। भाभी ने कहा – “कोई नही जान पायेगा, तुम चिंता ,मत करो बस किसी तरह मेरे चुदाई के ज्वाला को शांत करो तुम”। आप ये कहानी नॉन वेज सस्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।
मैंने उनसे कहा – “लेकिन मेरे पास कोंडोम नही है, और मै रिस्क नही लेना चाहता।“ भाभी ने मुझसे कहा – “देखो अनूप के भैया मुझे क्जल्दी चोदते नही है, आज तुम मुझे बिना कंडोम के चोदो और अपने माल को मेरी चूत में गिरा देना। मै एक दो दिन में अनूप के भैया को किसी तरह से चोदने पर मजबूर करके उनसे चोदवा लूँगी। वो मेरी चूत में जल्दी अपना माल नही गिरते है, उनको लगेगा कि ये मेरे ही चोदने से पैदा हुआ है”।
मैंने सोचा, क्यों ना भाभी से सौदा कर लूँ उनकी चुदाई का। मैंने भाभी से कहा – “मै आप को चोदूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है”। भाभी ने पूछा क्या है वो?? मैंने कहा – ‘मै आप को चोदने और आप को माँ बनाने के 10,000 हजार रुपये लूँगा”। पहले तो भाभी ने कुछ देर सोचा फिर उन्होंने कहा – “ठीक है मै तुम्हे पैसे दे दूँगी लेकिन ये बात हमारे सिवा किसी दूसरे को पता नही चलनी चाहिए”। मैंने कहा ठीक है। इस तरह भाभी ने मुझसे अपनी चूत का सौदा किया और मुझे पैसे भी दिए। मैंने भाभी से कहा कब चुदाई करनी है?? भाभी ने कहा – “आज ही तुम मुझे चोद सकते हो आज मै बहुत चुदने के मूड में हूँ”। मैंने कहा ठीक है, मैंने पहले तो अपने कमरे की कुण्डी लगाई।
भाभी बेड पर बैठ थी, उन्होंने काली और नीली साडी पहनी हुई थी, जो की उनके ऊपर बहुत अच्छी लग रही थी। उनकी चूची तो ब्लाउस में बिल्कुल टाइट बंधी लग रही थी। मैंने सबसे पहले भाभी को खड़ा करके उनके साडी के पल्लू को हटा दिया और उनके गर्दन को पीने लगा। मैंने उनके गर्दन को दांतों से काट काट कर पीने लगा और भाभी धीरे धीरे और भी जोश में आने लगी। लगातर उनको गर्दन को पीते हुए मै उनकी बड़ी और मस्त चूची को दबाने लगा। मै भी धीरे धीरे कामातुर होने लगा। मैंने उनके गर्दन को पीते हुए उनके गाल को कटे हुए उनके होठो को अपने मुह में भर लिया और उनके होठो को काटते हुए चूसने लगा। मै उनके मम्मो को मींजते हुए उनके होठो को पी रहा था। भाभी भी उत्तेजित हो गयी और मुझे कस कर अपने बाहों में भर लिया और मेरे नाजुक और रसीले होठो को अपने दांतों से काटने लगी और धीरे धीरे सिसकने लगी। मैंने अपने जीभ को भाभी के मुहं में डाल दी और उनके होठो को जोर जोर से काटने लगा जिससे भाभी अपने शरीर को ऐठते हुए सहल उठी।
लगभग 40 मिनट तक एक दूसरे के होठ पीने के बाद मैंने भाभी की साडी को निकालने लगा, जैसे जैसे भाभी की साडी खुल रही थी मेरा लंड धीरे धीरे और भी टाइट जा रहा था। मैंने भाभी की साडी को निकाल दिया और उनके चूची को दबाते हुए उनकी ब्लाउस की बटन को खोलने लगा। जैसे ही मैंने भाभी की ब्लाउस निकली उनकी काली ब्रा दिखने लगी। मैंने उनकी चूची को ब्रा के ऊपर ही दबाने लगा, चाची ने अपने हाथो से ही अपने ब्रा को निकाल दिया। उनकी चूची को देखकर मै अपने आप को रोक नही पाया। मैंने जल्दी से भाभी की चूची को अपने दोनों हाथो से दबाने लगा। उनकी चूची बहुत ही मुलायम और चिकनी भी मैंने उनकी चूची को दबाते हुए उनकी चूची को पीने लगा। भाभी तो बेकाबू हो रही थी, उन्होंने भी अपनी मेरे साथ अपनी चूची को दबाना शुरू कर दिया। मै उनकी चूची की निप्पल के काले भाग को अपाने दातो से कटते हुए चाट रहा था। इससे भाभी को बहुत मजा आ रहा था। भाभी ने मुझसे कहा – “मेरी कमसिन चूची को और भी मज़े से पियो मुझे मजा आ रहा है”।
बहुत देर तक उनकी चूची को पीने के बाद मैंने अपना अपना लंड निकाला और भाभी के मुह में रख दिया चूसने के लिये। भाभी ने मेरे बड़े से लंड को चाटते हुए अपने मुह में रख लिया। मैंने उनके सर को पकड लिया और उनके मुह में अपने लंड को घुसेड़ने लगा। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है। मै बड़ी तेजी से अपने लंड को भाभी के मुह में डाल रहा था और भाभी तो ऐसे ओह ओह … कर रही थी जैसे उनको उलटी आ रही है। लेकिन मै लगातार उनके मुह में अपना लंड डालता रहा। कुछ देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला, तो भाभी की कुछ अच्छा फील हुआ। इसबार तो भाभी ने खुद ही मेरे लंड को चूसने लगी , उन्होंने मेरे लंड के साथ साथ मेरी गोली को भी चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
भाभी ने बहुत देर तक मेरे लंड को चूसा, फिर मैंने भाभी के सारे कपडे निकाल दिए अब वो केवल पैंटी में बची थी। मैंने उनको बेड पर लिटा दिया और उनके पैरों को चूसते हुए और सहलाते हुए उनकी फुद्दी के पास पहुचा। उनकी चूत तो बहुत ही गजब लग रही थी। मैंने उनकी चूत को अपने उंगलियो से सहलाते हुए उनकी चूत में उंगली करने लगा, मेरी उंगली उनकी चूत में अंदर तक जाती। अंदर जाने के बाद मै अपनी उंगली को अंदर ही हिलाने लगता जिससे भाभी तो मचल जाती और …. आह अहह अहह .. उहूहूँ … उहनू… करके सिसकने लगती। लगातार उनकी चूत में उंगली करने से भाभी तो पागल हो रही थी, कुछ ही देर बाद उनकी चूत का पानी निकलने लगा और भाभी जोर जोर से …उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई करके चीखने लगी।
उनकी चूत का पानी निकालने के बाद मैंने उनकी चूत को चोदने के लिये भाभी को आधे बेड पर लेटाया और खुद मै फर्श पर खड़ा था, भाभी की चूत को चोदने के लिये मैंने अपने लंड को भाभी की चूत पर रख दिया और अपने लंद्द को भाभी की चूत में डालने लगा, पहले तो भाभी धीरे धीरे सिसक रही थी लकिन जब मैंने अपने चोदने की रफ़्तार बढ़ाई तो बहभी का बुरा हाल होने लगा, कुछ ही देर में भाभी की चूत को फाड़ने लगा और मेरा लंड भाभी की चूत को फैलाते हुए उनकी चूत के अंदर घुस जाता जिससे भाभी चिल्लाते हुए अपने कमर को हवा में उठाने लगी,, मेरा मोटे लौडे से भाभी की चूत सिकुड़ गयी थी। बड़ी कसी कसी रगड़ थी वो। चुदते चुदते भाभी के पेट में मरोड़ उठने लगी। इसके साथ ही उनके बदन में बड़ी अजीब सुखद लहरें उठने लगी, जो उनकी चुदती चूत से उठ रही थी और पूरे बदन में फ़ैल रही थी। मैं फटर फटर करके उनकी चूत को चोद रहा था। किसी तेज तर्रार आदमी की तरह मै भी भाभी के साथ संभोग कर रहा था। कुछ देर मै बहुत जादा चुदासा हो गया और बिना रुके किसी मशीन की तरह उनकी चूत मारने लगा। भाभी “उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह.. मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करके जोर जोर से चिल्लाने लगी।
मै बहुत तेजी से भाभी की चूत को चोद रहा था, मुझे ऐसा लगा मेरा माल निकलने वाला है मैंने अपने लंड को चूत से बाहर निकाल दिया और भाभी को किस करने लगा। कुछ देर बाद मैंने भाभी को पलट कर गांड की तरफ कर दिया और, उनकी गांड को सह्लाते हुए उनकी गांड को फैला दिया और अपने लंड को भाभी की गांड में उतार दिया। भाभी तो चीख उठी और आगे खिसक गई। मैने अपने लंड को फिर से उनकी गांड में डाल कर पेलने लगा और और भाभी तो बड़ी मस्ती से अपने गांड को हिला हिला कर अपनी गांड मरवाने लगी। मै लगातर उनकी गांड मार रहा था लगभग 20 मिनट तक गांड मारने के बाद मेरा माल निकलने वाला था मैंने अपने लंड को निकाला और भाभी की चूत में डाल कर चोदने लगा। मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी मै अपनी पूरी ताकत लागा के उनकी चूत को चोद रहा था, कुछ ही देर में मेरा माल उनकी चूत में अंदर ही गिर गया। और मेरा लंड भाभी की चूत से ढीला हो कर निकाला।
भाभी ने कहा – तुम तो बहुत मस्त चुदाई करते हो। तुम चाहो तो मेरी रोज चुदाई कर सकते हो जब तक तुम यहाँ हो। मैंने कहा – ठीक है, रोज रात को चुपके से मेरे कमरे में आ जाना चुदाई करवाने के लिये।
मैंने भाभी से चुदाई के पैसे भी ले लिये और उनकी चुदाई भी खूब की और कुछ ही दिन में वो मेरे बच्चे की माँ भी बन गई। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें थे। मै उम्मीद करता हूँ आप को ये कहानी अच्छी लगी होगी।