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दोस्त की जवान विधवा बहन को कल चोदा पूरी रात

Dost ki Jawan Vidhwa Bahan ki Sex Kahani दोस्त की बहन की चुदाई : आपको एक नई चुदाई के घटना बताने जा रहा हूं। कल रात मेरे साथ जो हुआ वह मेरे जिंदगी का सबसे यादगार पल रहेगा। ऐसा मौका बार-बार नहीं आता जैसा कि मुझे कल मिला है। कल मैंने अपने दोस्त की बड़ी बहन शीला दीदी को रात भर जमकर चोदा रजाई के अंदर। कभी सपने में भी नहीं सोचा था शीला दीदी जैसी खूबसूरत और जवान हॉट सेक्सी औरत को चोदने का मौका मिलेगा। यह सब कैसे हुआ पूरी कहानी आपको नॉनवेज स्टोरी पर बताने जा रहा हूं। यह कल रात की कहानी है ठंड ज्यादा था पर इस ठंड में भी गर्मी लगने लगी थी। जब लंड और चूत का मिलन हुआ था।

मेरे दोस्त का नाम नीरज है। हम दोनों ही एक दूसरे के घर आते जाते रहते हैं रुक भी जाते हैं एक-दो दिन के लिए। नीरज की मम्मी मुझे बहुत प्यार करती है। मुझे अपना बेटा जैसे मानते हैं। मैं भी उन लोगों के बहुत आदर करता हूं। हम दोनों की दोस्ती स्कूल से हुई थी। हम दोनों अलग-अलग गांव के हैं। पर ऐसा लगता ही नहीं है. कि नीरज का परिवार मेरा परिवार नहीं है। नीरज कभी कहीं चला जाता है उसके घर में जो भी काम होता है वह मैं ही करता हूं उसकी मम्मी मुझे फोन कर देती है या उसकी दीदी मुझे फोन कर देती है मैं उसके घर चला जाता हूं।

इस बार नया साल नीरज मेरे यहां आकर मनाया था। वह मेरे घर में 6 दिन तक रहा था उसके बाद मैं उसके साथ उसका घर चला गया। क्योंकि उसकी मम्मी बार-बार मुझे बुला रही थी। नीरज के घर में नीरज की मां नीरज की छोटी बहन गुड्डी 18 साल की है। औरत की बड़ी बहन शीला दीदी 28 साल की है। शीला दीदी विधवा है, उनके पति का देहांत पिछले साल ही हो गया था एक्सीडेंट में तब से वह अपने ससुराल नहीं रहते यही रह रही है। वह अपने ससुराल जाना नहीं चाहती है।

बात 8 तारीख की है, रात को खाना खाकर हम लोग नेटफ्लिक्स पर मूवी देख रहे थे। मैं नीरज एक बेड पर सोया हुआ था उसी कमरे में एक और बड़ा बेड बना है उस पर शीला दीदी सोई हुई थी। नीरज की मां और उसकी छोटी बहन गुड्डी दूसरे कमरे में सोई हुई थी। हम तीनों आपस में बात करके मूवी का मजा ले रहे थे रात के करें 11:00 बजे था। अचानक किसी ने नीरज के घर का दरवाजा खटखटाया। शीला दीदी बोली कि नीरज बाहर जाओ देखो कौन दरवाजे पर आया हुआ है।

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दरवाजे पर नीरज का चचेरा भाई था। उसने नीरज से कहा कि तेरी भाभी का डिलीवरी दर्द शुरू हो गया है उसको हॉस्पिटल लेकर जाना पड़ेगा तो तुम मेरे साथ चलो। नीरज वापस आया अपना जैकेट पहना जींस पहने जूता पहना और शीला दीदी को बोल दिया कि ऐसे ऐसे बात है मैं जा रहा हूं रात को नहीं आऊंगा। सुबह मम्मी को यह बातें बता देना। इतना कह कर मुझसे कहा कि सुबह आऊंगा तुम रात को आराम से ही सो जाओ। मैंने उसको पूछा भी कि मैं भी चलूं तो उसने मना कर दिया बोला वहां जाने की जरूरत नहीं है। मैं तो इसलिए जा रहा हूं कि चचेरे भाई का सवाल है।

नीरज चला गया शीला दीदी बोली अंदर से मेन गेट बंद कर देना सही से मैं नीरज के पीछे पीछे गया और मेन गेट बंद करके वापस आ गया। मूवी का मजा ले रहा था अच्छी फिल्म थी। हॉट सीन भी आ रहे थे आपको तो पता ही होगा नेटफ्लिक्स पर हॉट सीन आते ही रहते हैं। जब जब हाथ से नाता था तो शीला दीदी मुझे देखती थी। मूवी 45 मिनट में खत्म हो गया रात के 12:00 बजे के करीब समय हो गया था। मैंने नॉनवेज story.com पर कहानियां पढ़ना शुरू कर दिया क्योंकि बिना कहानियां पढ़ें रह ही नहीं सकता।

शीला दीदी कुछ परेशान से लग रही थी। समझ नहीं आ रहा था वह क्या कहना चाह रही थी। मैं जब उनको देखा तो टकटकी लगाकर वह मुझे देख रही थी। पर वह कुछ बोल नहीं रही थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं उनको, अगर उनको किसी चीज की जरूरत होती तो वह मुझे बोलती पर वह कुछ नहीं बोल मुझे देख रही थी। आखिरकार मैंने उनसे पूछ ले लिया दीदी को चाहिए आपको। वह 5 सेकंड चुप रहे फिर वह बोली हां। मैंने पूछा क्या चाहिए आपको। और अपना रजाई हटा दिया और बैठ गया मुझे लगा कि वह कुछ बोलेगी लाने को।

उन्होंने कहा मेरे बेड पर आ जाओ। मैंने कहा क्या मुझे लगा कि शायद सुनने में मुझसे गलती हो गई। उन्होंने कहा हां हां मेरे बेड पर आ जाओ। मैंने कहा मैं तो यहां सोऊंगा वह बोली आज गई सो जाओ मेरे साथ। मैंने कहा मैं नहीं सोऊंगा वह बोली अगर तुम नहीं आए तो मेरे से बुरा कोई नहीं होगा। मैं डरते डरते उनके बेड पर चला गया। मैंने कहा रजाई ले आता हूं वह वाला वह बोली इस पर एक ही रजाई में सोएंगे। मैं बेड पर लेट गया उन्होंने मुझे रजाई उड़ा दी मैं उनके शरीर से अलग ही सो रहा था। वह जानत मेरे तरफ घूम गई अपना हाथ मेरे छाती पर रख दी एक पैर उठाकर मेरे पैर के ऊपर रख दी।

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उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां मेरे शरीर से दबाने लगा था। उनकी सांसे तेज तेज चलने लगी थी। उन्होंने अपने ब्लाउज का हुक खोल दिया उस दिन वह साड़ी पहनी थी बैठकर ब्लाउज बाहर निकाल दी ब्रा का खोलकर दोनों चुचियों को आजाद कर दे फिर से सो गई। उनकी सांसे अब और भी तेज तेज चलने लगी थी। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया था। और वह मेरे होंठ पर जोर जोर से चूमने लगी। धीरे-धीरे मैं भी उनको चूमने लगा। उन्होंने धीरे से कहा अपना पेंट खोलें। मैंने अपना पेंट खोल दिया। उन्होंने अपना पेटीकोट का नाड़ा खोल कर पेटिकोट अलग करके अपनी पैंटी भी उतार दे।

रजाई के अंदर ही वह मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे दोनों हाथों मैं अपने हाथ डालकर उंगलियों में उंगलियां फंसा ली। उनकी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियां मेरे छाती पर सरक रही थी दब रही थी। उनकी गरम-गरम सांसे तेज तेज चलने लगी थी। वह मेरे जिस्म को सहलाने लगी। मैंने भी उनको अपने बाहों में भर लिया मेरा लैंड मोटा लंबा हो चुका था। वह नीचे सरक गई और मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुंह में ले ली। मेरे लैंड को हिलाते हुए चूसने लगी। अब वह नीचे लेट गई मैं उनके ऊपर चढ़ गया अब मैं जोश में आ गया था। उनकी टाइट चूचियां गोरा बदन लंबे काले बाल देखकर मैं पागल हो गया था।

उन्होंने हीटर चलाने को कहा। मैंने हीटर का स्विच ऑन कर दिया उन्होंने रजाई हटा दी दोनों टांगों को अलग अलग कर दिया। दोनों टांगों के बीच में बैठकर की चूत से मैं खेलने लगा। थप्पड़ मारने लगा। वह खुद से अपनी चूची को दबाने लगी। 15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को गर्म करते रहे। हीटर की वजह से पूरा कमरा गर्म हो चुका था रजाई की जरूरत नहीं थी। कमरे में एक हल्के कलर का बल्ब जल रहा था जिससे उनका जिस्म साफ साफ दिखाई दे रहा था।

उन्होंने टांगे फैला दें और मुझे चोदने के लिए आमंत्रित किया। मैंने अपना लैंड निकाला चूत के बीच में लगाया और जोर से घुसा दिया। शीला दीदी की चीख निकल आई। फिर मैं चूचियों को मसलते हुए उनके चूत में लंड डालने लगा। शिला दीदी काफी ज्यादा कामुक हो चुकी थी। वह गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी। मैं जोर जोर से धक्के देने लगा। पूरे कमरे में फच फच की आवाज आने लगी। आअह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हह अअअअअ ओह्ह्ह्हह्हह उउउउउउउउ फ़फ़फ़फ़फ़ की आवाज दीदी निकालने लगी।

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मेरा लंड जल्दी-जल्दी अंदर बाहर हो रहा था। जितने जोर से धक्के मारता इतने जोर से शीला दीदी भी नीचे से धक्के देती। उनके होंठ में मैंने दांत काट लिया। उन्होंने कहा आराम से। फिर वह मुझे चूमने लगी। फिर मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गई मेरा लंड पकड़ कर अपने चूत में घुसा ली और फिर चुदवाने लगी। करीब डेढ़ घंटे की हम दोनों की चुदाई के बाद ढीले पड़े। मैंने सारा माल उनके चूत के अंदर ही छोड़ दिया।

फिर हम दोनों एक रजाई के अंदर ही रात भर अंदर कुंडी मार कर सो गए। सुबह 5:00 बजे नींद खुली तो फिर हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को टटोलने लगे फिर से शिला दीदी मेरे ऊपर चढ़ गई। और 1 घंटे तक चुदवाई। पूरी रात में जन्नत में था इतना मजा आज तक कभी नहीं आया था। यह मेरी जिंदगी का यादगार लम्हा है। कभी ना भूलने वाली बात है। शाम को ही मैं उनके घर से वापस आया हूं। क्योंकि हमारी मम्मी का तबीयत खराब था। शीला दीदी कह रही थी एक-दो दिन रुक जाओ। नीरज भी दोपहर को आ गया था।

अब देखिए कब मौका मिलता है। शाम को शीला दीदी का फोन आया था वह बोली कल रात तुमने मुझे खुश कर दिया। इंतजार करूंगी। इतना कह कर उन्होंने फोन काट दिया। मुझे तो ऐसा लग रहा है कि भाग कर चला जाऊ। पर जल्द ही उनके घर जाऊंगा और फिर से जो बात होगी वो आपको इसी वेबसाइट पर बताऊंगा।