दो बॉयफ्रेंड ने मिलकर बुझाई चूत की प्यास

Gangbang Sex Stories : हेलो दोस्तों मैं आप सभी का नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।
हेल्लो दोस्तों आपका बहुत बहुत स्वागत है। मेरा नाम अर्चना है। मै पंजाब में रहती हूँ। मेरी उम्र 23 साल की है। मेरा फिगर बहुत ही जबरदस्त है। मैं देखने में बहुत ही हॉट सेक्सी लगती हूँ। मैंने कई सारे लडको से अब तक चुदवाया है। लड़को को मेरी चुदाई करके बहुत आनंद मिलता है। मुझे भी चोदकर लड़के बहुत ही मजा देते है। मैंने लड़को से चुदवा कर अपनी चूत को फड़वा चुकी हूँ। कितनी भी चुदाई करवा लूं। लेकिन चुदवाने की तड़प तो कभी खत्म ही नहीं होती। इसीलिए मुझे हमेशा नए नए बॉयफ्रेंड बनाने पड़ते हैं। मैं स्कूल के दिनों से ही चुदती आ रही हूँ। मेरे बॉयफ्रेंड मुझसे बहुत खुल कर रहते है। मैं उनसे खूब चुदाई करवाती हूँ।
दोस्तों मै जब कॉलेज में पढ़ रही थी। तो मेरी दोस्ती एक साथ दो लड़कों से हो गई। लेकिन एक दूसरे को नहीं पता था कि मैं एक के अलावा किसी दूसरे की गर्लफ्रेंड भी हूँ। मैंने एक दूसरे से ये बात छुपा कर रही थी। मेरे दोनों बॉयफ्रेंड बहुत ही खूबसूरत थे। मैं उनको अपनी चूत चोदने को उनके ही नाम कर रखा था। लड़को का खड़ा लौड़ा मुझे बहुत पसंद है। मै हैंडसम लड़को की तुरंत दीवानी हो जाती हूँ। मेरा मन उनसे फड़वाने को कहने लगता है।
मेरा बस चले तो मै अपनी चूत में हमेशा लौड़ा डलवाये रहूं। मै रात को सेक्स टॉयज के साथ खेलती हूँ। मुझे उनसे खेलना बहुत अच्छा लगता है। दोस्तों ये बात तब की है जब मैं कॉलेज जाने के साथ साथ दिल्ली में ही तैयारी कर रही थी। मैंने अपने कोचिंग में दो लड़के पटाये थे। दोनों के दोनों बहुत ही स्मार्ट थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि मै दोनों से पटी हूँ। दो तीन महीने बाद वे दोनो अच्छे दोस्त हो गए। किसी तरह से मै दोनों से बचती आ रही थी। एक का नाम अमित था। दूसरे का नाम सरस था। मुझे दोनों ही बहुत अच्छे लगते थे।
अमित का कद सरस से बड़ा था। सरस की पर्सनालिटी अमित से अच्छी थी। दोनों ही खूब गोरे थे। अब तक मैंने कई लड़को को पटाया था। लेकिन इनको पटाने के बाद मुझे और किसी को पटाने का मन ही नहीं कर रहा था। मैं उन दोनों में से किसी को नहीं छोड़ना चाहती थी। अमित और सरस रूम लेकर रहते थे। दोनों की अच्छी दोस्ती होने पर एक ही रूम में शिफ्ट हो गए थे। लेकिन इस बात का मुझे कुछ पता नहीं था। अमित अक्सर फ़ोन करके मुझे अपने रूम पर बुला लेता था। जब भी उसके मकान मालिक नही होते थे। वो फ़ोन करके बुला लेता था। उस दिन भी उसने मौक़ा देखा और मुझे फ़ोन करके अपने रूम पर बुलाया। मै उसके रुम पर गई। दरवाजा अंदर से लॉक था। मैंने खट खटाया तो सरस ने आकर दरवाजा खोला। मैं सरस को देख कर चौंक गई।
सरस- ” तुम यहां क्या करने आयी हो”
मैं- “पहले रूम में चलों”
सरस घबराया हुआ मुझे देख रहा था। मैं रूम गई तो हमेशा की तरह अमित ने मुझे चिपका कर किस किया।
अमित- “सरस ये है मेरी गर्लफ्रेंड”
सरस- “पता है ये तेरी नही मेरी वाली है”
अमित भी सरस की तरह चुप सा हो गया। मैंने कहा मैं तुम दोनों की गर्लफ्रेंड हूँ। दोनो मुझे देखने लगे। दोनो का दिल टूट सा गया। लेकिन फिर भी मैंने दोनों को बहुत ही समझाया। मैंने जो सच था मैने सारी बात दी। मै दोनों को समझा कर थक चुकी थी। आखिरकार दोनों बाद में मान गए। मुझे पहले पता होता तो मैं कभी उनके रूम पर ना आती। कोचिंग में तो अच्छे दोस्त है। ये तो पता था लेकिन इतने अच्छे हैं ये नहीं आता था। मैने बिस्तर पर बैठ कर उनसे कहा- “तुम लोग परेशान न हो मै सिर्फ तुम दोनों की ही हूँ। अगर मुझे किसी एक के साथ रहना होता तो अब तक मैंने किसी एक को छोड़ दिया होता”
मेरे एक दाए साइड में आकर सरस और बाए साइड में अमित आकर बैठ गया। मै पहली बार किसी दो लड़कों के बीच में अकेले ऐसे ही बैठी थी। उन दोनो ने अपना एक एक हाथ मेरे ऊपर रख कर मुझे प्यार करने लगे। सरस मेरे पीठ पर हाथ लगा रहा था। अमित मेरे पेट पर हाथ फेर रहा था। मुझे दोनों से वैसे तो कोई डर लग नही लग रहा था। दोनों मुझे सहला सहला कर जोश दिला रहे थे। मै जोश में आ रही थी। मैं पहले भी दोनों से कई बार चुदवा चुकी थी। इसीलिए मुझे दोनों से डर नहीं लग रहा था।
मुझे डर तो इस बात का लग रहा था। दोनों से आज एक साथ कैसे चुदवाऊंगी। दोनों ही मेरे होंठो को अपनी एक एक अंगुलिया लगा रहे थे। मेरी नाजुक होंठ आज दो लड़कों से चुसने वाली थी। अमित ने अपना होंठ मेरे होंठ पर सटा दिया। उसने अपने होंठ को सटा कर चूमना शुरू किया। अमित मेरी नाजुक ग़ुलाबी होंठो को चूम चूम कर चूस रहा था। उधर सरस मेरी चूंचियों पर हाथ फेर रहा था। मैंने आँख बंद करके होंठ चुसाई करवा रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। लेकिन अंदर ही अंदर से डर भी रही थी। मैं क्या करती आज तो बहुत अच्छे से फंस चुकी थी। अमित मेरे होंठो को चूस चूस कर गरम कर रहा था। मुझे सरस की चूंची दबाई ज्यादा गर्म कर रही थी। मेरा जोश में आने के कारण डर कम होता जा रहा था। मै भी अब चुदने के मूड में आने लगीं। मै अब अपनी चूत में लौड़ा डालने को तैयार हो रही थी।
सरस मेरी चूंचियो को दबा दबा कर मजा ले रहा था। अमित मेरा होंठ चूस चूस कर गुलाबी से और ज्यादा गुलाबी कर दिया। उसका होंठ भी बहुत मुलायम था। अमित ने होंठ चुसाई बंद कर दिया। उसके ये सब बंद करते ही सरस खूब जोर जोर चूसने लगा। सरस मेरे होंठ को चूमने का इंतजार कर रहा था। इतना इन्तजार के बाद उसका फल अब उसे मिलने लगा। मैंने दोनों के लौड़े पर हाथ रख कर बैठी थी। अमित अब मेरी चूंचियां दबाने लगा। दोनों मिलकर मेरा खूब मजा ले रहे थे। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मैंने उस दिन ब्लू कलर सिल्क का सलवार कुरता पहन कर आई थी। मैं सिल्क ब्लू कलर में बहुत ही हॉट लगती हूँ। मेरे गोरे बदन पर ये कपङा बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने दोने के लौड़े को चैन खोलकर निकाला। दोनों का लौड़ा बहुत ही मोटा था। मैंने दोनों के लौड़े को अपने हाथों में पकड़ लिया। कुछ देर दबाने के बाद मैंने उनके लौड़े को खींच कर ऊपर नीचे करने लगी।
दोनों मुझे खूब ज्यादा गर्म करने की कोशिश कर रहे थे। मैं अब बेकाबू होती जा रही थी। दोनों मेरी एक एक चूंचिया मसल रहे थे। अमित उठा और मेऱा कुर्ता निकालने लगा। मैने अपना दोनों हाथ ऊपर उठाकर निकलवा लिया। दोनों मेरी चूंचियो को ब्रा में देखकर कुत्तो की तरह टूट पड़े। अपने अपने साइड का दोनों पकड़ कर दबाने लगें। सरस ने मेरी ब्रा की हुक पीछे से खोल कर निकाल दिया। मैंने अपना ब्रा निकाल कर चुच्चो को आजाद करवा लिया। दोनों के दोनों मेरी बेल जैसे मम्मो को पकड़ लिए। मेरे मम्मो के ऊपर उभरा हुआ निप्पल पकड़ कर दबाने लगे।
मै “–अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ—- अअअअअ—-आहा —हा हा हा” की सिसकारी भरने लगीं। मेरी चूंचियो के निप्पल को दबा कर उस पर अपना मुह लगा दिया। दोनों मेरी उभरी हुई निप्पल को अपने होंठ से पकड़ कर खींच खींच कर पीने लगे। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मेरी चूंचियो को पी पी कर उसे काट रहे थे। मै गर्म हो गई। मैंने दोनों का मुह पकड़ कर अपनी चूंचियो में दबवा रही थी। दोनों ही मेरी गद्दे जैसी बूब्स में अपना मुह सटा कर मजे से पीने लगे। मुझे मजा आने लगा। दोनों ने मेरी चूंचियो के निप्पल को काट कर उसे खड़ा कर दिया। मै दोनों के लौड़े को पकड़ कर मुठ मार रही थी। उन दोनों का लौड़ा भी खड़ा तैयार हो रहा था। अमित मेरी चूंचियो को दबाता हुआ। अपना एक हाथ मेरी सलवार में डाल दिया। उसका हाथ मेरी चूत को छू रहा था।
इतने में सरस खड़ा होकर। मुझे भी उठा दिया। वह मेरे सलवार के नाड़े की गांठ खोलने लगा। गाँठ बहुत ही मजबूत बंधी थी। थोड़ी देर बाद खुल गई। मेरी सलवार को नीचे सरका कर निकाल दिया। अब मै पैंटी में खड़ी थी। मुझे खुद को शीशे में देखकर बड़ा नाज हो रहा था। मेरी जैसी बॉडी किसी की नही थी। पैंटी में ब्लू फिल्मो में पोर्नस्टार लग रही थी। दोनों मुझे ऊपर से नीचे तक देख रहे थे। उन दोनों ने मेरी पैंटी को मिल कर निकाला। मैं अब उनके सामने नंगी खड़ी थी। मुझे बहुत जोश का रहा था। मेरी चूत में खुजली होने लगीं। दोनों अपने अपने कपडे उतारने लगे। दोनों ने अपनी शर्ट निकाल कर बनियान निकाल दी। दोनों अपने अपने पैंट को कच्छा सहित निकाल कर नंगे हो गये। दोनों का लौंडा बहुत ही बड़ा लग रहा था। आज दोनों ही बहुत ज्यादा चोदने को बेकरार लग रहे थे। मै बिस्तर पर बैठ गई। सरस ने आकर मेरी दोनो टांगों को खोलकर मेरी चूत पीने लगे। अमित भी बिस्तर पर खड़ा हो गया। मैंने अमित का लौंडा अपने हाथ में लेकर आगे पीछे करके मुठ मारते हुए चूसने लगी।
सरस मेरी चूत पर अपनी जीभ लगा कर चाट रहा था। उसने मेरी चूत के दोनों टुकड़ो को होंठ से पकड़ कर खींच खींच कर चूस रहा था। मैं उसके खींचते ही
“उ उ उ उ उ…..अ अ अ अ अ आ आ आ आ सी सी…..ऊँ..ऊँ….ऊँ….” की धीऱे धीऱे से आवाज निकल रही थी। मैं भी अमित के लौड़े को आइसक्रीम की तरह चाट चाट कर चूस रही थी। अमित का लौंडा और भी ज्यादा मोटा हो गया। सरस मुठ मार मार कर मेरी चूत के दाने को काट रहा था। दाने के काटते ही मैं अमित के लौड़े को अपने मुह में ही दबा देती थी। वह अपना लौड़ा मेरे गले तक डाल कर। मेरी मुह में ही चोदने लगा। गले में लौडा जाते ही मेरी सांस अटक जाती थी।
मैं बहुत ही थक गई। मेरी सांस फूलने लगी। अमित का लौड़ा छोडकर मै लेट गई। सरस ने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रख कर रगड़ने लगा। मैं अपने हाथ से बिस्तर को पकड़ कर दबा रही थी। मैं अब अपनी चूत में लौड़ा डलवाने को परेशान हो रही थी। सरस मुझे उतना ही रगड कर तड़पा रहा था। मैंने उसका लौड़ा पकड़ कर अपनी चूत के छेद में घुसाने लगी। उसने अपने लौड़े को छेद पर रखते ही जोर का धक्का माऱा। उसका आधा लौड़ा मेरी चूत में घुस गया। मै जोर से “…..मम्मी….मम्मी….सी सी सी सी….हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ….ऊँ… .ऊँ.. उनहूँ उनहूँ…” चिल्लाने लगी। दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था। मैने अपने हाथ को चूत पर रख कर मसलने लगीं। वह मेरी आधी चूत ही चोद रहा था। दर्द कम होते ही उसने मेरी चूत में अपना पूरा लौड़ा घुसा दिया।
पूरे लौड़े से अब मेरी चुदाई हो रही थी। उधर अमित खाली बैठा मुठ मार रहा था। कुछ देर तक सरस चूत चुदाई कर रहा था। सरस के हटते ही अमित ने आकर मेरा काम लगा दिया। अमित ने मुझे खड़ी उठाया। मै खड़ी हो गई। अमित ने मेरी टांग को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया। मेरी टांगो के बीच में अमित ने अपना लौड़ा लगा दिया। उसने अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसाने लगा। मेरी चूत में धीऱे धीऱे अमित का पूरा लौड़ा घुस गया। अमित जोर जोर से अपना लौड़ा अंदर बाहर करने लगा। इतनी जबरदस्त चुदाई आज पहली बार कर रहा था। मैं भी “…उंह उंह उंह हूँ… हूँ…. हूँ…हमममम अहह्ह्ह्हह…अई… अई….अई…” की चीख के साथ चुदवा रही थी।
सरस मेरी उछलती हुई चूंचियो को पकड़ कर मेरी चूंचिया दबाने लगे। दोनो तो आराम कर कर के चोद रहे थे। मै तो अकेली ही दोनों के मोटे लौंडे को खा रही थी। अमित बैठ गया। मै कुतिया बन कर उसका लौड़ा चूसने लगी। मैंने उसके लौड़े पर लगे माल को चाट कर साफ़ किया। मुझे झुका देख सरस झट से बिस्तर पर चढ़ कर मेरी चूत के पीछे घुटने मोड़कर बैठ गया। उसने अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। मेरी कमर को पकड़ कर उसने लपा लप अपना लौंडा मेरी चूत में डालने लगा। उसका लौड़ा बड़ी ही तेजी से मेरी चूत को फाड़ रहा था। मेरी चूत से पानी बहने लगा। उसने अपना लौड़ा निकाल कर मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया।
उसने मेरी चूत के माल को पी लिया। अमित ने मुझे अपने लौड़े पर बिठा लिया। उसने अपना लौड़ा मेरी गांड़ में घुसाने लगा। उसका बड़ा लौड़ा मेरी गांड़ में आसानी से नहीं घुस रहा था। उसने अपने मुह से थोड़ा सा थूक निकाला। उसे अपने लौड़े के टोपे पर लगा लिया। अबकी बार उसने धक्का मारा। उसके लौड़े का टोपा मेरी गांड में घुस गया। मै इस बार कुछ ज्यादा ही तङप उठी। मेरी गांड़ फट गई। मै खूब तेज से “आ आ आ अह्हह्हह. ….ईईईईईईई……ओह्ह्ह्…..अई. …अई… अई….अई–मम्मी…” की आवाज से पूरा कमरा भर दिया। उसका लौड़ा मेरी गांड़ को फाड़ता हुआ। अंदर की तरफ घुस रहा था। मेरी चीखने की आवाज भी बढ़ रही थी। अमित ने अपना लौड़ा पूरा जड़ तक घुसा कर ही दम लिया। मेरी गांड़ का बुरा हाल हो गया। वो दुप दुप होकर उसका लौड़ा दबा रही थी। मैं अमित के लौड़े पर उछल उछल कर धीऱे धीऱे गांड़ चुदवाने लगी।
मुझे अब मजा आ रहा था। उसका लौड़ा मेरी गांड़ में अंदर तक घुस कर राहत दे रहा था। पूरा लौड़ा खाने के बाद भी मेरी गांड़ की खुजलाहट कम नहीं हो रही थी। इतने में सरस ने आकर मुझे उठा लिया। मै खड़ी थी। अमित भी उठ गया। दोनों मुझे अब एक साथ चोदना चाहते थे। दोनों ने मिलकर अपने एक एक हाथ से मेरी एक टांग को उठा कर ऊपर कर दिया। मै एक पैर के सहारे खड़ी थी। सरस पीछे और अमित आगे था। दोनों अपना लौड़ा पकड़ पकड़ कर मेरे अगवाड़े पिछवाड़े में डाल रहे थे। एक साथ दोनों अपना अपना औजार डाल दिया। धीऱे धीऱे दोनों अपनी गाड़ी को रेस देना शुरू कर दिया।
वो मुझे कुछ ही देर मे फुल स्पीड में चोदने लगे। मै जोर जोर से “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ….ऊँ ऊँ ऊँ….ऊँ सी सी सी सी…हा हा हा….ओ हो हो….” की शोर से चुदवा रही थी। दोनो ने मिलकर मेरी गांड़ और चूत का भरता लगा डाला। दोनों एक साथ झड़ने वाले भी हो गए। उन्होंने ने अपना लौड़ा मेरी मुँह में लगाकर मुठ मारने लगे। दोनों ने अपने गन्ने का रस मेरी मुह में गिरा दिया। मै उनके जूस को पी गई। हम तीनों नंगे ही लेट गये। दोनों ने उठ कर एक बार मेरी फिर से चुदाई की। मैं कुछ देर बाद अपने घर चली आई। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।

Comments are closed.