“मैं : – रमेश जी आप मुझे चोदो मेरे पति को बेटा चाहिए, आप चाहें तो मैं रोजाना रात को आपके पास आ सकती हूँ। रमेश जी : – पर ये बात आपके पति को मालूम हो गया तो। मैं :- पति ही बोले हैं किसी से भी चुदवाने को, आप मुझे अच्छे लगते हैं”
बेटे के लिए चुदाई : मेरा नाम संगीता है। मैं हरिद्वार की रहने वाली हूँ अपने पति के साथ दिल्ली में रहती हूँ। मेरा पति मुझे ऐसी दोराहे पर खड़ा कर दिया है जहाँ मुझे पति के होते हुए भी पति के कहने पर मुझे किसी गैर मर्द से चुदवाना पड़ा। दोस्तों कोई भी एक नेक औरत ये काम नहीं करेगी पर आपको क्या पता ऐसी कई औरतें हैं जो किसी ना किसी दबाब में ऐसे काम कर रही है जो नहीं करने चाहिए।
आज मैं आपको अपनी पूरी कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर बताने जा रही हूँ। मेरी ये सच्ची कहानी है। कब बोला कैसे बोला क्यों बोला आखिर पति की क्या मज़बूरी थी जो की मुझे किसी और के पास भेजने में हिचकिचाया नहीं।
दोस्तों मेरी उम्र तीस साल है। मैं बदरपुर दिल्ली में रहती हूँ। मेरी दो बेटियां है। मैंने लव मैरिज शादी की है परिवार के खिलाफ होकर। शादी में मिली थी और इन्होने मुझे परपोज किया और था और मैं पागल हो गई शादी करने को। यहाँ तक की मैं इनसे ज्यादा पढ़ी लिखी हूँ। पर इनके झांसे में आ गई। जैसा की अधिकतर लड़के वो दिखने की कोशिश करते हैं जो होते नहीं हैं। मैं समझी कुछ और ये हैं कुछ। मैं फंस गई।
दिल्ली आई जो जो ख्वाब दिखाए थे एक भी पुरे नहीं हुए। बोले बड़े फ्लैट में रहते हैं कंपनी में मैनेजर हैं। यहाँ आकर देखि तो आठ फुट बाय आठ फुट के कमरे में रहते हैं। एक प्लास्टिक के प्लेट बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं। मैनेजर हैं पर सिर्फ तीन मजदुर का। दोस्तों आप खुद सोचिये जो लड़की बिंदास हैं, खूबसूरत हैं, हॉट है, पढ़ी लिखी हैं, बदन मखमली है, सेक्स की देवी लगती हैं उसकी शादी ऐसे टुच्चे इंसान से हो जाये तो क्या करे एक औरत। माफ़ करना दोस्तों मेरा बन आपका दिमाग ख़राब करना नहीं है पर क्या करें अपना फ़्रस्ट्रेशन निकालने का यही मौक़ा है और कहानी सुनाने का भी। ये तो किसी और को बता भी नहीं सकती। घर वाले को भी नहीं, नहीं तो वो कहेंगे। चूत में खुजली हो रही थी तब ना ये गलत लड़के से शादी की हैं। दोस्तों बात भी सही है सेक्स और हवस इंसान को गलत काम और गलत रिश्ता रखने को मजबूर करता है.
दिल्ली आने के बाद मुझे फटाफट दो बच्चे हो गए। हालात ठीक नहीं रहे हालात दिन-ब-दिन बदतर होते गए। धीरे-धीरे करके मैं भी जॉब करने लगी क्योंकि पति की कमाई उतनी नहीं थी। घर से बाहर जब निकले तो पता चला दुनिया क्या होती है तब मुझे समझ आया कि मैंने जल्दबाजी में शादी कर ली और बहुत बड़ी गलती कर ली मेरे जैसे लड़की को तो बहुत अच्छा पति मिल सकता था पर शायद चूत की खुजली और जल्द चुदवाने के चक्कर में शादी कर ली। मुझे दिल्ली के काफी नॉलेज हो गई थी कई महिलाओं से भी मिली जो कि अपनी मस्त जिंदगी जी रहे थे कई ऐसे महिलाओं से भी मिले जो शादीशुदा होकर भी घर के बाहर रिश्ते रखे हुए थे।
1 दिन में पति पत्नी दोनों ने मिलकर ही सोचा तू जिंदगी ऐसे नहीं चलेगी एक बेटा होना बहुत जरूरी है क्योंकि इनके दोस्तों को बेटा था चार दोस्तों में से तीन दोस्तों को बेटा ही था तो पहले तो इनको लगा कि मेरी गलती है जो कि मैं बेटे को जन्म नहीं दे पा रही हूं फिर मैंने उनको यूट्यूब के चैनल दिखाएं और समझाया कि बेटा और बेटी होना और उस पर निर्भर करता है अब वह समझने लगे कि गलती उनकी है इसी वजह से बेटा नहीं हो पा रहा है। जहां में रहते थे पास में ही रमेश जी रहते थे रमेश जी बहुत अच्छे इंसान थे मेरे पति के दोस्त थे और मेरे पति के कम मेरे दोस्त अच्छे थे क्योंकि जब भी मुझे कोई बात पूछनी होती थी कोई सहायता लेनी होती थी तो मैं उनसे संपर्क करते तो उनका चर्चा अपने घर में भी करते रहती थी मेरे पति को लगता था कि शायद मेरा और रमेश जी का संबंध है पर ऐसी बात थी ना हम दोनों एक अच्छे दोस्त हैं धीरे-धीरे करके वह मेरे पति के भी दोस्त बन गए।
पहले तो उन्होंने मुझे समझाया कि हम दोनों ट्राई करते हैं अगर काम बन गया तो बहुत अच्छा है उन्होंने कुछ मार्केट से टेबलेट लेकर आए गोलियां खाई अपने लौड़े पर तेल लगाया। और दिन में 2 बार चुदाई करने लगे करीब 3 महीने तक हम दोनों ने मिलकर काफी कोशिश की पर इसका कोई फायदा नहीं हुआ मैं प्रेग्नेंट नहीं हो पाए अब मेरे घर में लड़ाई होने लगी। मैं कहती थी जब तक तुम मुझे खुश नहीं कर पाओगे जब तक तुम मेरी वासनाओं को शांत नहीं कर पाओगे जब तुम अपने वीर्य को लबालब मेरी चूत मैं नहीं भरोगे तब तक मैं कैसे प्रेग्नेंट होंगे और जब तक मैं प्रेग्नेंट नहीं होती तो कैसे बेटा और बेटी होगा।
एक दिन मैंने कह दिया कि शायद तुझ में ही कमी है इसी वजह से मैं प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही तेरी उम्र ज्यादा हो रही है तो मुझे सही से चोद नहीं पा रहे हो उस समय मेरे पति बोले जब ऐसी बात है तो एक काम कर तू किसी और से ही चुदवा लो।
पहले तो गुस्से में बोले थे शायद मैं सही बोल रहा हूं दूसरे दिन भी वह मेरे से डिस्कस करने लगे रात को मैंने बोला वह सही बात है अगर तू किसी और से संबंध बना लेते हैं और बेटा पैदा होता है तो बेटा मेरा और तुम्हारा ही होगा किसी और का नहीं होगा फिर हम लोग यहां से कमरा खाली कर देंगे और रहेंगे। मुझे भी सही लगा अब मुझे दो दो लौड़े का स्वाद चखने को मिलेगा इससे बढ़िया क्या बात हो सकती हैं।
एक दिन की बात है दोनों बेटियां और मेरे पति मेरी माँ के यहाँ फंक्शन थे वह चले गए और मैं बहाना बना दी अपने माँ से की मेरी तबियत ठीक नहीं है। मैं दिल्ली में अकेली थी। मैं रात के करीब 9 बजे रमेश जी के घर पहुंच गई। रमेश जी दिल्ली में अकेले हैं। उनकी पत्नी गाँव में है। मन से हर एक बात को शेयर करते थे वहां जाकर मैंने उनको सारी बातें बताई और बोली कि मैं आपके साथ सेक्स करना चाहती हूं संबंध बनाना चाहते हैं ताकि मैं एक बेटे को जन्म दे सकूँ। किसी मर्द को जब चूत मिल रहा हो तो कौन मना करेगा।
मैं बोली रमेश जी आप मुझे चोदो मेरे पति को बेटा चाहिए, आप चाहें तो मैं रोजाना रात को आपके पास आ सकती हूँ। रमेश जी बोले : – पर ये बात आपके पति को मालूम हो गया तो। मैं :- पति ही बोले हैं किसी से भी चुदवाने को, आप मुझे अच्छे लगते हैं
फिर क्या था दोस्तों बात उनको समझ आ गई थी। उन्होंने कहा ठीक है मुझे भी चुत नहीं मिल रहा है मुझे चुत मिल जाये और आपको भी इसका फायदे मिले तो हर्ज क्या है ? और फिर दोनों हसने लगे। दोनों एक दूसरे को बाहों में भर लिए। दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। वो कहने लगे क्या बताऊँ आपके बारे में सोच कर कितने बार मूठ मारा हूँ पता है अब तक मैंने करीब दस किलो वीर्य आपके नाम से गिरा चूका हूँ बाथरूम में और पोछ चूका हूँ तौलिया में। तो मैं बोली अब इसकी नौबत नहीं आएगी अब आप सीधे मेरी चूत में डालना अपना वीर्य।
दोस्तों फिर क्या था धीरे धीरे हम दोनों एक दूसरे के कपडे उतारने लगे। वो भी खुश थे मैं भी खुश थी। ऐसा लग रहा था कुछ खोया हुआ मिल गया। उनका गठीला बदन सुन्दर चेहरा देखकर मैं अपने आप को संभल नहीं पाई और उनको वाइल्ड तरीके से चूमने लगी। दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। वो मेरी बड़ी बड़ी गोल गोल चूचियों को दबाने लगे। मेरी चूतड़ को सहलाने लगे। कभी कभी वो गांड में ऊँगली भी देते पर मैं मना कर देती। फिर वापस वो गांड और पीठ सहलाने लगते।
उसके बाद उन्होंने मुझे बेड पर लिटाया और फिर मेरी चूत चाटने लगे। मैं अपनी चूचियों को खुद ही दबा रही थी। और होठ मेरे सुख रहे थे। मैं मोअन कर रही थी पुरे कमरे में एक ही आवाज आ रही थी आह आह आह आह ओह्ह ओह्ह्ह ओह्ह आउच धीरे से प्लीज निप्पल दर्द करता है दांत लगाने से आह आह आह आ। और पहिए उन्होंने मेरी चूत में ऊँगली करने लगे। मेरी चूत गीली हो गई थी। वो जब भी ऊँगली घुसाते उनका ऊँगली गीली हो जाती वो अपने ऊँगली को मुँह में ले लेते और चाट जाते।
दोस्तों अब मैं और भी गरम हो गई थी क्यों की वो मेरी चूत को छेड़ रहे थे। मैं उनको इसारे से बोली चूत चाटो। वो तुरंत ही मेरी चूत चाटने लगे अब मैं उनके सिर को पकड़ ली और जोर जोर से चूत चटवाने लगी। अब मैं गांड उठा उठा पर उनमे मुँह में धक्के देने लगी। उन्होंने चूत चाट चाट कर साफ़ कर दिया था। फिर मैं बोली अब मुझे चोदो मैं पागल हो जाउंगी अगर थोड़े देर तक लौड़ा नहीं मिला तो। वो तुरंत ही अपना लौड़ा मेरी चूत पर लगाया और जोर जोर से पेलने लगे। मैं झटके से हिल रही थी। मेरी चूचियां धक्के से आगे पीछे हो रही थी।
दोस्तों वो मेरी चूचियों को मसल रहे थे। गांड में ऊँगली कर रहे थे। मैं भी अपने पैरों का फंदा बना ली थी। वो जोर जोर से मुझे चोदने लगे। मुझे तब एहसास हुआ चुदाई में बहुत मजा है मैं गलत फंस गई थी। पति तो चोद भी नहीं पाता है जितना रमेश जी मुझे चोद रहे हैं। दोस्तों मैं अब रमेश जी के ऊपर चढ़ गई वो निचे। उनका लौड़ा पकड़ी करीब ९ इंच का था। मोटा और काला मैं लौड़े के पकड़ पर अपने चूत पर लगाई और बैठ गई। पूरा का पूरा लौड़ा मेरी चूत में समा गया। करीब एक मिनट तक आँख बंद कर के बैठी रही। तभी उन्होंने निचे से झटका दिया और मेरे बदन में करंट दौड़ गया।
दोस्तों अब मैं ऊपर निचे होने लगी लौड़ा मेरी चूत में पूरा जा रहा था। वो मेरी दोनों बूब्स को पकड़ रहे थे मैं अब जोर जोर से चुदवाने लगी। करीब दस मिनट तक ऐसे ही चुदवाती रही। फिर मैं घोड़ी बन गई अब वो मुझे पीछे से चोदने लगे। मेरी चौड़ी गांड उनको बहुत पसंद आने लगा था वो बार बार मेरी चूतड़ पर थप्पड़ मारते। मैं एन्जॉय कर रही थी।
उन्होंने फिर मुझे लिटा दिया और अब जोर जोर से चोदने लगे। मैं थक रही थी। मैं दो तीन बार झड़ चुकी थी। अचानक उन्होंने आआ आआ आआ आए होऊ उफ्फ्फ आवाज निकलने लगे और सारा वीर्य मेरी चूत में गिरा दिए मैं अपना शरीर टाइट कर ली उनके पीठ पर अपना नाख़ून का निशान बना दी। और फिर दोनों ढीले हो गए और एक दूसरे को चूमते हुए सो गए।
मैं तक गई थी हिल भी नहीं पा रही थी। और गहरी नींद में चली गई। करीब एक घंटे बाद मेरी नींद आवाज होने के कारन उठी तो देखि मैं वैसे ही नंगी सो रही हूँ और रमेश बाबू मेरी जिस्म को निहार निहार कर शराब पि रहे थे। उन्होंने फिर से मेरी चुदाई की और फिर दोनों सो गए।
दोस्तों ऐसा अभी तक चल ही रहा है अभी तक प्रेग्नेंट नहीः हुई हु। अब पति कहते हैं शायद तुम सही से चुदवा ही नहीं रही हो। देखो तुम गांड मारने में और लंड चूसने में अपना समय बर्बाद नहीं करना बस चुदाई पर ध्यान देना अब मैं भी चुदाई पर ही फोकस कर रही हूँ। मैं आपको अपनी कहानियां नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर शेयर करते रहूंगी। आप प्लीज फिर से मेरी कहानियां पढ़ने जरूर आइयेगा इस वेबसाइट पर प्लीज।