मेरा नाम कविता है, आज मैं आपको एक कहानी सुनाने जा रही हु, आज मैं अपने पति की करतूत को आपके सामने रख रही हु, आज मैं अपने आप को थोड़ा हल्का महसूस करुँगी जब मैं अपनी पूरी कहानी आपको बता दूंगी, आज मैं चाहती हु को लोगों को भी पता चले की की कभी पति परमेश्वर होता है और कभी हैबान दलाल से कम नहीं होता है, मैं अपने पति को परमेश्वर ही समझती थी पर वो एक नंबर का मादरचोद दलाल निकला, जिसने अपनी बीवी को लोगो के हवाले कर दिया और सबने मेरे इज्जत को तार तार कर दिया, मुझे चोद चोद कर रंडी के तरह बना दिया था, आज मैं ये अपनी कहानी आपके सामने हु बहु लिख रही हु.
मैं लव मैरिज की थी, और इस प्यार में बहूत बड़ा धोखा हुआ, जैसा चाह रही थी वैसा लड़का था ही नहीं वो एक नंबर का कमीना और कामचोर था, फंस गई मैं उसके खूबसूरती पर, और अपने आप को बर्बाद कर ली, करती भी क्या और शिकायत भी किसको करती? माँ बाप से टूट कर शादी की थी, उसके बाद बाप माँ मेरे से बात करना छोड़ दिया, शादी के बाद हम दोनों दिल्ली आ गए और पालम में रहने लगे एक छोटे से किराये के मकान में, जैसा भी था मेरा पति मैं धीरे धीरे अपने आप को ढाल ली, क्यों की और कोई था नहीं मेरी जिंदगी में, अब कोई उपाय नहीं था, धीरे धीरे गरीबी की हालत में ही गुजरने लगी जिंदगी, वो छोटी सी नौकरी करता था, लगातार दो साल में दो बेटी पैदा हो गई, और फिर गर्भ ठहर ही नहीं रहा था, मेरा पति शराब पिने लगा था, उसका वीर्य नहीं निकलता था या तो बहूत कम निकलता था, मुझे वो संतुष्ट भी नहीं कर पा रहा था, मैं चुदना चाहती थी, पर वो मुझे चोद भी नहीं सकता था, मैं अभी जवान खुबसूरत थी, गोरा बदन लम्बी, चूतड गोल गोल, चूचियां बड़ी बड़ी बड़ी बड़ी आँखे, किसी का भी मन मोह ले ऐसा मेरा फिगर था, पर किसी काम का नहीं था क्यों की मेरा पति मुझे भोग नहीं रहा था, पर मैं कभी ये सोची भी नहीं थी की किसी गैर मर्द से सेक्स सम्बन्ध कायम करूँ.
पर एक दिन की बात है शाम को वो अपने एक दोस्त को लेकर आया, और बोला कविता इनसे मिलो ये हैं मेरे मित्र कौशल, कौशल मेरा भाई जैसा है, मुझे बहूत काम आता है, मैंने अपनी बात इसको बताई तो ये बोला मैं मदद कर सकता हु, मैं बोली क्या मदद, तो वो बोला देखो एक बेटा होना जरुरी है, इसलिए मैं इसको लेके आया हु, ये रोज रोज सम्बन्ध नहीं बनाएगा, बस एक बार इसको दो, ये हम दोनों को एक लड़का देगा, मैं आग बहुला हो गई, मैं कैसी किसी गैर मर्द से सेक्स सम्बन्ध बनाती, मैं समझ गई की कितना कमीना है मेरा पति, क्या कोई अपनी पत्नी को इस तरह से किसी गैर मर्द के हवाले करता है क्या? मैं यही सोच कर रोने लगी. और कहने लगी तेरे जैसा पति नहीं होगा इस दुनियां में किसी को, पति का धर्म होता है पत्नी का रक्षा करना पर तुमने आज मुझे नीलाम कर दिया, और रोने लगी, तभी वो गुस्सा हो गया और मुझे गन्दी गन्दी गलियां देने लगा और बोला की घर से निकल जाओ, मैं तुम्हे नहीं रखूंगा, और मुझे मारने लगा. मैं करती क्या मैं बहूत डर गई, क्यों की मेरा इस दुनिया में कोई और नहीं था, अब तो इसकी बात माननी पड़ी.
२ तिन घंटे के बाद मैं तैयार हो गई, उसने मुझे छत पर बने कमरे में ले गया, बच्चे निचे कमरे में सो गए था, फिर मेरा पति मुझे पांच सौ रूपये निकाल के दिया और बोला ले सुबह बूटी पारलर चली जाना, और फिर दोनों अपने बैग से शराब की बोतल निकाली और दोनों पिने लगे मैं वही बैठी थी, तभी कौशल अपने बटुए से मुझे १ हजार रूपये दिया और बोला भाभी जी कल आप जीन्स और टॉप ले लेना, मैं मना करने लगी तभी मेरा पति गाली दे के बोला बहनचोद ले लो, अब इसको भी अपना पति मान लो, ये मेरे से कम नहीं है, सब कुछ है इसके पास गाडी, घर , पैसा, मैं तो तुम्हे चोद भी नहीं सकता और ये तुम्हे ऐसा चोदेगा जैसा की ब्लू फिल्म में अंग्रेज चोदता है, और तुम्हे लड़का हो होगा. मैं बहूत डरी हुई थी, धीरे धीरे वो दोनों बहूत नशे में आ गया, और फिर दरवाजा बंद कर दिया, बाहर से मेरा पति, और चला गया सिगरेट पिने, अब कमरे में मैं और कौशल थे और मैं थी वो मेरे कपडे उतारने लगा, और एक एक करके सारे कपडे उतार फेंका, मैं नंगी हो गई अब वो मेरे ऊपर जानवर की तरह टूट पडा,
वो मेरी चुचियों को मसलने लगा, होठ को चूसने लगा, मेरी गांड और चूत में अपनी ऊँगली देने लगा, और आह आहा आह आह ओह्ह ओह्ह भाभी जी क्या बात है, क्या हॉट हो, ओह्ह्ह मजा आ गया, आः आः करने लगा और फिर मुझे लिटा दिया, ऊपर चढ़ कर पहले मुझे खूब सहलाया चूमा चूचियां दबाया, फिर मेरे दोनों पैर को अपने कंधे पर रखा, और अपना लैंड मेरे चूत के बिच में रखकर, जोर से पेलने लगा, दर्द से करह उठी. क्यों की इसका लैंड बहूत ही मोटा और लंबा था, वो जोर जोर से धक्के दे रहा था, उसके हरेक धक्के पर मेरी पायल बजती थी, और मेरे मुह से आह आह आह की आवाज निकलती थी, अब मुझे भी मजा आने लगा और मैं भी चुदवाने लगी, मैं भी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी, अब मैं भी कहने लगी मुझे खूब चोदो, मेरी चूत फाड़ दो, मेरी गांड फाड़ दो, मेरी चूचियां मसल दो, मैं बहूत चुदना चाहती हु, आज मुझे खुश कर दो,
वब वो भी कहने लगा रंडी आज तो पूरी रात चोदुंगा, आज तो तुम्हे खुश कर दूंगा, आज तो तुम्हे जन्नत दिखाउगा, और बेटा भी दूंगा, कहा तुम इस हरामी मर्द के साथ है मेरा साथ रहेगी तो एस करेगी, मैं भी कहने लगी मैं हुई तुम्हारी, अब तुम मुझे रोज चोदो जितना चाहते हो चोदो जहाँ जहा तेरा लैंड जाना चाहता है वहाँ वहाँ उससे ले जाओ, मैं नहीं रौकुगी. और जोर जोर से चोदने लगा. तभी मेरा पति आया और दरवाजा खटखटाया, तभी कौशल बोला बहन चोद अभी बाहर ही रह, मेरा पति बोला कोई बात नहीं भाई कर ले, तुम्हे जितना टाइम लेना है ले ले, और वो मुझे फिर से जोर जोर से चोदने लगा.
वो मुझे करीब एक घंटे तक चोदा और फिर निढाल होकर गिर गया, और वही सो गया, मैंने दरवाजा खोली मेरा पति आया और बोला शावाश कविता, और मैं धीरे धीरे पकडे पहनने लगी, और फिर तीनो सो गए, इस तरह से अब रोज रोज मुझे कौशल चोदने लगा, ये करीब ६ महीने तक चला, तब भी मुझे लड़का नहीं हुआ, फिर वह से मकान खाली कर दी, फिर मेरा पति अपने फैक्ट्री के एक दोस्त को फिर से लाया उससे भी चुदवाया करीब तिन महीने तक, फिर अपने मालिक से भी चुदवाया, मैं तो रंडी की तरह हो गई थी, मुझे अब चुदाई में मजा आने लगा था, वो लोग पैसे भी देते इज्जत भी देता और चुदाई भी करते, पर आज तक बच्चा नहीं हुआ लड़का का सपना आज भी पति के मन में है, पर मुझे कोई गम नही.