गर्भावस्था सेक्स स्टोरी, Pregnancy Sex Story, Pregnant woman sex story : मेरा नाम शोभा है। मेरी उम्र 21 साल है। मैं प्रेग्नेंट हूँ और अपने मायके में हूँ। आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ। ये मेरी पहली कहानी है इस सेक्स स्टोरी की वेबसाइट पर, मैं रोजाना इस वेबसाइट को विजिट करती हूँ और हॉट सेक्सी चुदाई की कहानी पढ़ती हूँ।
आज मुझे भी मौक़ा मिल गया अपनी कहानी आप लोगों तक लाने ले लिए सुनाने के लिए। आशा करती हूँ आप का लंड जरूर खड़ा हो जाएगा मेरी इस सेक्स कहानी को पढ़कर और उम्मीद करती हूँ आप मेरी याद में मूठ जरूर मारेंगे। और अगर आप औरत है या लड़की है तो आप अपनी चूत की पानी को निकलने से नहीं रोक सकते। तो बिना देर किया शुरू करती हूँ अपनी सेक्स कहानी।
जैसा की आपको पता है मैं शादी शुदा हूँ और शादी के हुए अभी सात महीने ही हुए है। मैं अपने पति के साथ दिल्ली में रहती थी। मेरा पति तुरंत ही मुझे प्रेग्नेंट कर दिया। वो मुझे दिन रात चोदता था। और मैं भी चुड़क्कड़ नंबर वन रोजाना चुद चुद कर प्रेग्नेंट हो गयी. तो मेरी मम्मी मुझे अपने गाँव ले आई ताकि मैं अपने बच्चे को जन्म दे पाऊं। क्यों की दिल्ली में मेरा देखभाल करने वाला कोई नहीं था।
तो मैं कानपूर के पास ही मेरा गाँव है मैं वह आ गयी।
पर दोस्तों मेरे साथ शादी के पहले ही एक बिमारी थी। मैं जब भी किसी भी लड़के को देखती थी तुरंत ही कामुक हो जाती थी। मुझे हिस्टीरिआ की भी बीमारी थी। मुझे ऐसा लगता था काश मुझे कोई चोद दे। मेरी चूत खुजलाने लगती थी और चुदने का मन करने लगता था। डॉक्टर को दिखाई तो वो बोले थे शादी के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। यानी की डॉक्टर ने सीधे सीधे मेरी माँ को कह दिया की इसकी बीमारी का इलाज सिर्फ लंड है।
और हुआ भी ठीक मैं ठीक हो गयी रोजाना चुद चुद कर। फिर जब मैं वापस गाँव आई करीब सात दिन तक को मुझे ऐसा कुछ फील नहीं हुआ था पर उसके बाद मैं क्या बताऊँ दोस्तों पहले से भी ज्यादा कामुक हो गयी थी। मुझे डर था की अगर मुझे चुदाई नहीं मिली तो हो सकता है मेरी तबियत ख़राब हो जाये।
मैं ऐसे भी हॉट और सेक्सी हो गयी थी। सातवे महीने में मेरी चूचियां बड़ी बड़ी हो गयी थी गांड चौड़ी और बाहर की तरफ गोलाई लिए निकली हुई थी। होठ लाल लाल हो गए थे। शरीर मेरा सेक्स के लिए तड़पने लगा।
माँ मेरी नर्स है जब उनकी ड्यूटी रात में हो गया तो मैं और मेरा भाई जो मेरे से मात्र एक साल बड़ा है। घर पर रहते थे। पापा मुंबई में हैं अभी किसी काम से, तो घर में रात को भाई बहन ही थे।
एक रात की बात है मैं अपने भाई को बोली की आज तू मेरे कमरे में ही सो जाए। क्यों की मुझे डर लगता था। ऐसा मैं इसलिए बोली ताकि मेरा मन भी इधर उधर हो जाये और मेरी काम वासना शांत रहे। पर हो गया उलटा। रात को मैं भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानिया पढ़ रही थी वो अलग बेड पर सो रहा था एक ही कमरे में तो मैं भी उसको देख ली की वो भी अपने मोबाइल फ़ोन पर सेक्स कहानी पढ़ रह था नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर।
और वो कहानी भी बहन की चुदाई पढ़ रहा था। तो मुझे लगा की इसको भी पता होगा कई सारे भाई बहन के बिच से का रिस्ता कायम हो जाता है। और कई लोगों का ये भी मानना है की घर का माल घर में ही रह जाये तो उनको कोई दिक्कत भी नहीं होती है।
धीरे धीरे मैं उसके बेड पर जाकर बैठ गयी तो वो तुरंत ही अपना मोबाइल बंद कर के तकिये के निचे रख दिया। वो पूछा क्या हुआ। तो मैं बोली मेरे पेट में हल्का हल्का दर्द हो रहा है। तो उसने कहा फिर माँ को फ़ोन कर लेते है वो बता देगी क्या करना है।
तो मैं बोली अरे नहीं नहीं माँ को बोलने की जरुरत नहीं है रोजाना होता है। बस तू थोड़ा सा तेल लगा दे पेट पर ठीक हो जाएगा अगर तुम्हे बुरा नहीं लगे तो। तभी वो बोल उठा नहीं नहीं बुरा क्यों लगेगा। और वो तुरंत ही रसोई से तेल लाने चला गया। मैं तब तक लेट गयी।
वो जब आया तो बोलै पर तेल लगाऊं कैसे ? तुम तो कपडे पहनी हुए हो। मैं नाईटी में थी और ब्रा अंदर पहनी थी। पेटीकोट और पेंटी।
मैं बोली कोई बात नहीं मैं नाइटी ऊपर कर देती थी। मैं नाईटी ऊपर कर दी। निचे पेटीकोट दिखाई दे रहा था। तो नार्मल था सबकुछ। वो तेल लगाने लगा। मुझे उसकी छुअन बहुत ही सेक्सी लगने लगा। मैं किसी तरह पांच मिनट तक बर्दाश्त की और फिर मैं अपना नाईटी ऊपर कर दी वो मेरी चूचियां देखने लगा। और मैं फिर निचे से हुक खोल दी। बड़ी बड़ी चूचियां निप्पल टाइट देखकर वो पागल हो गया। मैं महसूस कर रही थी उअका लौड़ा खड़ा हो चूका था।
मैं बोली हौले हौले से मेरी बूब पर भी तेल लगा दे। उसकी साँसे तेज हो गयी थी। वो कांपते हाथों से तेल चूचियों पर लगाया और हौले हौले से मसाज करने लगा। आहे अह्ह्ह्ह क्या बताऊँ दोस्तों मैं पागल होने लगी। मैं अपने हाथ से तकिया को मुठी में दबाने लगी। उसकी साँसे तेज हो रही थी। मेरी आँखे लाल हो गयी थी। अब बर्दास्त के बाहर था सबकुछ। मैं बोली की अब मेरे से सहा नहीं जा रहा है। अब तुम मुझे खुश कर दो नहीं तो मैं पागल हो जाउंगी।
इतना कहते ही वो मेरे होठ को चूसने लगा और मेरी चूचियों को मसलने लगा। मैं उसको बोली की पेट पर बस भार नहीं देना और जो मर्जी है कर लो तुम। फिर क्या दोस्तों वो मेरी चूचियों को पीने लगा। दबाने लगा मैं तुरंत ही अपने पेटीकोट और पेंटी उतार दी। वो तुरंत ही निचे चला गया और मेरी चूचियों को छोड़ कर वो मेरी चूत के पास आकर [पहले दोनों पैरों को अलग अलग किया और फिर मेरी चूत चाटने लगा।
पहले ही मेरी चूत काफी गीली हो गयी थी। गरम गरम पानी निकल रहा था। वो पी रहा था और मैं आह आह आह आह्हः ओह्ह्ह्ह आह्ह्ह्हू कर रही थी। मैं बोली बर्दास्त नहीं हो रहा है मुझे जल्दी से जल्दी चोद दो। मैं मना नहीं कर रही हूँ जो मर्जी करो। फिर क्या था दोस्तों मेरा भाई तुरंत ही सारे कपडे उतार फेंके।
पहने तो वो मुझे ऊपर से निचे तक अपनी जीभ से चाटा फिर मेरी चूत का पानी पीया, फिर वो अपना मोटा लौड़ा मेरी चूत की छेड़ पर सेट किया और घुसा दिया। अब मैं और भी पागल हो गयी। गरम हो गयी। और गांड उछाल उछला कर मैं उसके लंड को अंदर लेने लगी। वो आह आह करके जोर जोर से धक्के देने लगा और मैं उसको बाहों में समेटे चुदवाने लगी।
आआह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की आवाज पुरे कमरे में आ रही थी। कोई डर नहीं था की कोई सुन लेगा। जितना जोर से आवाज निकाल सकती थी उतना नीकाल रही थी। और वो मुझे चोदे जा रहा था। मेरे तन बदन में आग लग गयी थी। मैं अब उसको अपने जिस्म से चिपका कर चुदवाने लगी।
वो भी मुझे जोर जोर से मेरी चूचियों को मसलते हुए कभी होठ को चूसते हुए जीभ को मेरी मुँह में डालते हुए जोर जोर से धक्के दे दे कर चोदने लगा। करीब आधे घंटे तक मुझे चोदा तब मैं शांत हुई।
फिर क्या दोस्तों वो मुझे उस रात करीब चार बार चोदा, उसके बाद से तो मैं रात में उसी के साथ सोती हूँ। और अब मजे ले रही हूँ।