प्लीज धीरे डालो ना भैया दर्द हो रहा है, पर भैया ने एक ना सुनी

मेरा नाम सिमरन है, मैं 18 साल की हु, मुझे, व्हाट्सप्प और फेसबुक बहुत ही अच्छा लगता है, मेरे कई सारे फ्रेंड्स है, पर मैं कभी भी किसी के साथ चोदा चोदी नहीं की, मेरी कई सहेलियां है जो की आज तीन साल से चुदवा रही है अपने बॉय फ्रेंड के साथ, वो अपनी कहानी बताती है, और मैं सुनकर ही मजे लेती थी, मैं अपने चूत में ऊँगली डाल कर दे बार चेक की की छेद कितना बड़ा है पर मेरी चूत की छेद बहुत ही छोटी थी उसमे एक ऊँगली भी नहीं जा सकती, तो मैं यही सोच कर डर जाती थी की कही मेरा चूत फट ना जाये क्यों की मैंने इंटरनेट के लंड की कई सारे फोटो देखि, और नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे भी पढ़ी, की लंड बहुत मोटा और लंबा होता है, कोई कहता है मेरा ८ इंच का है कोई कहता है की ९ इंच का है, मैं तो सोच कर ही डर जाती हु, जिस चूत में एक छोटी सी ऊँगली नहीं जा सकती उसमे भला इतना मोटा सा लंड कैसे जायेगा,

अब मैं आपको पूरी कहानी सुनती हु, एक दिन मम्मी और पापा हरिद्वार गए, घर में मैं और मेरा भाई जो की २१ साल है, रात को हम दोनों लूडो खेल रहे थे, मैं थोड़ी ढीली ढाली टी शर्ट पहनी हुई टी, वो ऊपर से मेरी चूचियाँ दिख रही थी, इस वजह से भैया हमेशा मेरी चूचियों को घूर रहा था, मैं पहले समझ नहीं पाई जब मैं नोटिस किया की वो खेल पे कम ध्यान लगा रहा है तब मैंने उसको देखा की वो तो मेरी चूचियों को घूर रहा था, मेरी नजर उसके पेंट पे पड़ी तो देखि उसका लंड खड़ा था, और वो थोड़े थोड़े देर बाद वो लंड को दबा दे रहा था, मैं समझ गई की भाई की नियत आज ठीक नहीं है, मुझे लगा की मैं भी तो आजकल ऊँगली डाल डाल के काम चला रही हु, तब मैं भी थोड़ा अपना टी शर्ट का गला और निचे कर दी, अब मेरी चूचियाँ और भी बड़ी बड़ी और बाहर हो गई, अब क्या बताऊँ दोस्तों मेरा भाई बोला बाउ.

मैंने कहा क्या कह रहे हो भैया? तो बोला कुछ भी नहीं बस यू ही, मैं तो समझ गई, मेरे भाई बोला की सिमरन तुम्हे कब्बडी खेलने आता है, तो मैं समझ गई वो क्या कहना चाह रहा है, और इस कबड्डी के बहाने वो क्या करेगा, पर मैंने भी मूड में थी, सोची की चलो आज कबड्डी खेल ही लेते है, ड्राइंग रूम में ही कब्बडी खेलने लगे, इधर से मैंने कबड्डी कबड्डी कबड्डी कबड्डी करते हुए जाती और उसको छूने की कोशिश करती, पर वो पीछे हो जाता और जैसे मैं वापस आने के लिए करती वो मुझे पीछे से पकड़ लेता, वो भी मेरी दोनों हाथो से मेरी चूचियों को और फिर मैं कबड्डी कबड्डी करते रहती और वो अपना लंड मेरे गांड में सटाये रखता, उसका मोटा लंड मेरे चूतड़ के बीचो बीच पड़ता.

उसको बाद जब उसकी बारी आती वो आता और छू कर भागता नहीं बल्कि वो लेट जाता और कबड्डी कबड्डी कबड्डी कबड्डी कबड्डी बोलते ही रहता उस बीच में मैं भी उससे खूब मजे ले लेती वो मेरी चूचियों पे हाथ फेरता मेरी गांड को भी सहलाता और मैं भी कहा कम भी, मैं जान बुझ कर कर अपना शरीर उसके लंड से रगड़ती.सच पूछिये तो ये आधा घंटा का खेल मेरी चूत को पानी पानी कर दिया, और मैंने भी उसके लंड को कडा कर दी, तभी पापा का फ़ोन आ गया वो पूछने लगे की खाना खाई की नहीं, हम दोनों ने कहा पापा जी हम दोनों अभी खा लेते है, और फिर हम दोनों खाना खाके सोने चले गए.

सोये तो अपने अपने बेड पे पर घर में कहा से एक बिल्ली आ गई, किचन में और वो रोने लगी, मुझे बहुत डर लग गया, मैं भाग के भाई के कमरे में गई तो देखि भाई, लैपटॉप पे सनी लेओनी की मूवी देख रहा था और अपने लंड को हाथ में लेके जोर जोर से हिला रहा था, मैं पड़े के पीछे थोड़ी हो गई, पहले तो थोड़े देर तक मैं भी मूवी देखि साइड से ही फिर मैं उसके लंड को निहारी, मैं तो हिल गई दोस्तों मैं सोची आज कुछ हो जाए आज तो मैं अपना सील तोड़वा के ही रहूंगी, और फिर मैं सामने चली गई, मेरा भाई अवाक् रह गया, वो कुछ भी नहीं बोल पा रहा था, और इतना हड़बड़ा गया की वो लैपटॉप तक लो वैसे ही छोड़ दिया, और बोला सॉरी, मैंने कहा सॉरी की क्या बात है, मैं समझ सकती हु, मेरे भाई को कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है, वो कुछ तो करेगा ही,

वो थोड़ा सा हँसा और बोला मेरी बहन होशियार हो गई है, और जवान भी हो गई है, मैं शर्मा के नजर थोड़ी निचे कर ली, झूठ मूठ का अंदर से लग रहा था की उसका लंड अपने मुह में ले के आइस क्रीम की तरह चाभ जाऊं. भाई ने कहा यहाँ क्यों आई अभी, तो फिर मैंने बताया मुझे काफी डर लग रहा है, घर में बिल्ली आ गई है, तो मैंने कहा मैं नहीं सोउंगी अकेली, तो भाई बोला क्या तू मेरे साथ सोयेगी, तो मैंने हां कर दी बोली की मम्मी पापा भी घर पे नहीं है, सो ही जायेंगे तो क्या पता चलेगा किसी को, वो खुश हो गया और मैं वही सो गई, फिर मैं पूछने लगी, की आप क्यों हिला रहे थे, तो वो कहने लगा, की आज मैं काफी ज्यादा सेक्सी हो गया हु, तेरे साथ कब्बडी खेल के, मैं हस्त्मैथुन कर रहा था, तो मैं पूछी क्यों तो वो बोला ताकि मैं अपने स्पर्म को बाहर कर सकूँ,

मुझे काफी अच्छा लगने लगा ये सब बात सुनने में, और फिर उसने अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया, मैं हिलाने लगी, पर मुझे लाइट में शर्म आ रही तो तो मैंने कहा लाइट पहले बंद करो, लाइट बंद कर होने के बाद, मैं अपने भाई का लंड मुह में ले ली और चूसने लगी, इस बीच में भाई मेरा सार कपडा उतार दिया, और मेरी चूची को दबाने लगा, मैंने काफी जोश में आ गई, करीब ३० मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को छेड़ते रहे, और फिर आ गया टाइम चुदने का, वो अपना मोटा लंड मेरे चूत पे रखा और जोर जोर से धक्का देने लगा, मैं तो दर्द से कराह रही थी, फिर वो धीरे धीरे कर के घुसा दिया, और फिर झटके देने लगा, मैंने कहा भैया धीरे धीरे करो, चूत में जलन हो रही है, प्लीज धीरे धीरे चोदो.

फिर क्या बताऊँ दोस्तों रात भर मेरा भाई मुझे चोदा, मैं भी खूब मजे ली, पहले तो दर्द हो रहा था फिर थोड़े देर बाद तो मैं रंडी हो गई, मैं खुद कह रही थी, जोर जोर से चोदो, क्या कर रहे हो, ठोको मुझे ठोको, क्या कर रहे हो यार भगवान बात नहीं दिया है क्या, मेरी चूचियों को मसलो, रात भर यही सब चलता रहा, और खूब चुदी अपने भाई से, माँ पापा के एब्सेंट में, आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी रेट जरूर करें प्लीज.