जी हैं मैं चुद गयी कल रात अपने ससुर से, अगर कोई धार्मिक बहु और ससुर की प्यारी बहु यहाँ कहानी पढ़ रही है तो बहुत अच्छा है। बुड्ढे पर कभी विस्वास नहीं करना। रिश्ता गया तेल लेने चोद देगा जैसा की मैं चुद गयी। ये अलग बात है की मुझे भी अपने ससुर का लंड पसंद आया पर रिश्ते में तो दाग लग ही जाता है। मेरी बात अलग है बहनो पर तुम कभी नहीं चुदना। ये मेरी पहली कहानी है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर, मैं इस वेबसाइट पर इसलिए कहानी लिख रही हूँ क्यों की मैं भी आकर सेक्स कहानियां यहाँ पढ़ती हूँ तो मेरा भी फ़र्ज़ है की मैं भी अपनी कहानी लिखूं।
मेरा नाम सरिता है। मैं 22 साल की हूँ मैं गाँव में रहती हूँ। बहुत हॉट और सेक्सी हूँ। मेरा फिगर जबरदस्त है। मैं हुस्न की मलिका हूँ सेक्सी हूँ चाल ढाल मेरी गजब की है। गांड की उभार देखकर दिन में कई लोग मूठ मारते होंगे। चूचियां मेरी बहुत टाइट है। गोल गोल चूतड़ है मेरी। 34 साइज की ब्रा पहनती हूँ। जमींदार घराने में मेरी शादी हुई तो किसी चीज की कमी है नहीं। अगर कमी है तो पति की, पति की मानसिक हालत ठीक नहीं रहती है तो सेक्स सम्बन्ध भी कभी कभी ही बनाती हूँ पति के साथ। तो चुदने का मन तो करता ही है।
तो ससुर जी के साथ कल रात सेक्स सम्बन्ध कैसे बन गया अब मैं वही आप सभी लंड वालों को और चूत वाली को बता रही हूँ। आज आपका लंड खड़ा हो जाएगा और अगर आ लड़की औरत है तो चूत जरूर गीली हो जाएगी और चूचियां बड़ी और निप्पल टाइट हो जाएगी जोश से आप भर जायेंगे। ये मेरा वादा है।
मैं बहुओं में सबसे छोटी हूँ. एक जेठानी शहर में रहती हूँ। मेरे पति ससुर और सास जो बीमार रहती है गाँव में रहते हैं। तो कल रात मेरे पति अपनी बहन के यहाँ गए वो तीन चार दिन बार आने वाले है। कल रात को मैं अपने ससुर जी के पैर में तेल लगाने गयी थी। मेरे यहाँ का रिवाज है ससुर के पैर को दबाना। पता नहीं इस पैर दबाने के चाकर में कितनी बहू चुद गयी होगी। तो कल रात करीब दस बजे मैं उनके कमरे में गयी तो वो मेरा ही इंतज़ार कर रहे थे।
उन्होंने कहा की मुझे लगा आप सो गए होंगे इसलिए आज नहीं आये तेल लगाने। मैंने कहाँ नहीं बाबूजी आपका पैर दबाये वगैर कैसे सो जायेंगे। उन्होंने कहाँ आप मेरी सबसे अच्छी बहू है। और वो उठाकर अपना बक्सा खोला और 500 रूपये का एक गड्डी मेरे हाथ में रख दिए बोले जेवर बना लेना। मैं अवाक् रही गयी। खुश हो गयी।
उन्होंने कहा बहू तुम मुझे खुश करती रहो मैं तुम्हे खुश करते रहूंगा। और मुस्कुराने लगे मैं भी सर हिला कर कह दिया हाँ बाबूजी जो चीज की जरुरत होगी आपसे मांगे लेंगे। उन्होंने कहा मेरा बेटा तुम्हे प्यार करता है या नहीं? मैंने कहा क्या प्यार करेंगे वो मुझे उनका दिमाग ही शांत नहीं रहता है। वो तो कई दिन तक बात तक नहीं करते। उन्होंने कहा समझ सकता हूँ जब एक पति अपने पत्नी को खुश नहीं रख पाए और प्यार नहीं करे वो वो महिला के लिए कितना मुश्किल समय होता है।
और एक तेरी सास थी मैं इतना प्यार करता था को भाग जाती थी रात में अकेले सोना पसंद करती थी। तुम समझ रहे हो ना? उन्होंने कहा मैं बोली हां बाबूजी। यानी बुड्ढे का कहने का मतलब ये था की मैं तेरी सास यानी को वो अपनी पत्नी की गांड और चूत फाड़ देता था अपने लंड से चोद चोद कर। इसलिए वो डरती ही साथ सोने से।
मैंने कहा वो खुश नशीब थी ऐसा कहा मिलता है। ये सब बात करते करते उनके पैरों में तेल लगा कर दबा रही थी। तभी मैंने देखा की उनकी धोती का तम्बू बन रहा था। उनका लंड खड़ा हो रहा था। कल मैं जो ब्लाउज पहनी थी वो सेक्सी टाइप का था हाफ कट और गला चौड़ा तो कांख का बाल दिखाई दे रहा था और आगे से दोनों चूचियां तो किसी का भी मन खराब हो जाए। शायद यही देखकर मेरे ससुर जी से रहा नहीं गया और उनका लंड खड़ा होने लगा।
लंड की साइज बहुत बड़ी थी लग नहीं रहा था की किसी बूढ़े का लंड हो जवान भी फ़ैल था उस लंड के सामने। उन्होंने कहा बहु पैसे की और कमी होगी तो बता देना मझे लगा की बूढ़ा खर्चा भी करेगा और घर में मेरी इज्जत भी बढ़ जाएगी। जब मैं बूढ़े की बहु की बजाय बीवी बन जाऊं तो फायदे ही फायदे। बुढ़िया तो अपने कमरे में रहती है। और मेरा पति तो मैक्सिमम टाइम बाहर ही रहता है। तभी ससुर जी ने मुझे एक चुम्मा माँगा। मैंने कहा नहीं नहीं ये सब ठीक नहीं होगा। अरे किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा। मैंने कहा नहीं नहीं रिश्ते भी कोई चीज होती है। आप मेरे से इतने बड़े है आप मेरे बाप समान हैं।
उन्होंने कहा मैं तुम्हे खुश रखूंगा। मुझे पता है तेरा पति तुम्हे कुछ भी नहीं कर पा रहा है। रहना है तुम्हे यहाँ वापस कहाँ जाओगी अपने मायके तुम्हारी सौतेली माँ जीने नहीं देगी। मैंने कहा फिर आप किसी से भी चर्चा नहीं करना की मेरे और आपके बिच क्या चल रहा है। उन्होंने कहा पागल हूँ क्या लोग क्या कहेगे तुम्हारी बदनामी कम मेरी ज्यादा हो जाएगी। इसलिए ये रिश्ते हम दोनों के बिच में ही रहेगा।
मैं उनके करीब बैठ गयी उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया और मुझे चूमने लगे। मेरी सेक्सी ब्लाउज के ऊपर से ही हाथ फेरने लगे। मैं चुपचाप थी वो मेरे जिस्म को छेड़ रहे थे। उन्होंने मुझे लिटा दिया। मेरे कपडे उतार दिए। जब उन्होंने मेरी ब्रा खोला तो उनका मुँह फटा का फटा ही रह गया उन्होंने तुरंत ही मेरे बूब्स को हाथों से दबोचने लगे पीने लगे। कभी नाक रगड़ते तो कभी दांत काटते। मेरे गोरे बदन के साथ खेलना शुरू कर दिया।
धीरे धीरे मैं भी मदहोश होने लगी। और उनके होठ को चूसते हुए उनके छाती के बाल को सहलाते हुए निचे जाकर उनका लंड पकड़ ली और चूसने लगी। ओह्ह्ह्हह्ह गजब का है ससुर का लंड मोटा लम्बा। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह जब मेरी चूत गरम हो गयी और पानी निकलने लगा तो मेरे से बर्दास्त नहीं हो पा रहा था। मैंने ससुर का लंड पकड़ी और अपने चूत पर लगाई और बैठ गयी। पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अब मैं उछल रही थी और बैठ रही थी।
ससुर जी मेरी दोनों चूचियों को मसलते हुए निचे से धक्के देते पूरा लंड अंदर बाहर अंदर बाहर ऊह्ह्हह्ह मजा आ गया था। मझे भी चुदना थे क्यों की मेरी वासना भड़क जाती थी पति चोद नहीं पा रहा था गरम करते छोड़ देता था पर आज ससुर जी का पुराना लौड़ा मोटा लंबा मुझे खुश करने लगा।
अब मैं निचे आ गई उन्होने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया मेरी चूत पर लंड सेट किया और जोर से घुसेड़ दिया। ओह्ह्ह्ह मजा ही मजा ससुर जी का लंड आज मुझे खुश कर दिया। वो मेरी चूचियों को दबाते हुए मेरी निप्पल को पीते हुए जोर जोर से धक्के दे रहे थे। मैं भी चुदवा रही थी वो मुझे चोद रहे थे।
फिर क्या दोस्तों मैं रात में करीब दो घंटे तक उन्होंने मुझे चोदा मैं दो बार झड़ गयी पर वो दवा खा लिए और जोर जोर से पेलते रहे। रात में उनके साथ ही सो गयी। सुबह उठी एक बार फिर उन्होंने मुझे चोदा। दिन में तो सास बाहर बरामदे पर आ जाती है तो दिन में चुदना संभव नहीं था। दिन भर वो बस चूचियां दबाते रहे और चुम्मा लेते रहे जब भी इधर उधर होती।
आज रात फिर से मेरी चुदाई होगी और आज अलग अलग पोजीसन में सेक्स करुँगी। मैं दूसरी कहानी भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखें वाली हूँ तब तक के लिए आपा बहुत बहुत धन्यवाद।