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बारिश हो रही थी छत पर देवर जी मुझे चोद रहे थे

मेरा नाम रूबी है मेरी पहली कहानी है मैं आज आपको अपने सेक्सी कहानी सुनाने जा रही हूं यह कहानी कल रात की ही है।  कल रात को मैं अपने देवर जी से खूब जोड़ी खूब मजा आया बारिश हो रही थी और वह मुझे चोद रहे थे और मैं भी खूब मजे ले रही थी कब कैसे क्या हुआ  यही सब आपको नॉनवेज story.com पर बताने जा  रही हो। 

 मेरे घर में मेरी सास मेरे ससुर मेरा छोटा देवर और पति हम पांच रहते हैं।  हमारे पतिदेव अभी कोलकाता गए हुए हैं क्योंकि वह बिजनेस करते हैं तो कुछ सामान लाने के लिए।  मैं कानपुर के रहने वाली हूं।  कानपुर देहात में रहती हूं।  असल में कल रात यह हुआ था कि जबमेरे पति घर में नहीं थे।  कोलकाता गए थे वैसे भी जल्दी खाना बन गया था मम्मी पापा जल्दी सो गए थे देव जी अपना पढ़ाई कर रहे थे छत पर।  मैं भी वहीं चली गई इतने में ही कुछ देर में लाइट चली गई और लाइट बहुत देर तक नहीं आई रात के 11:00 बज गए थे लाइट नहीं आई तो नीचे कैसे सोती मम्मी पापा तो दोनों को नींद आ चुकी थी पर मुझे बहुत गर्मी लगती थी। 

 इस वजह से मैंने प्लान बनाया कि आज रात को छत पर ही सो जाएं देवर जी भी बोले कि भाभी आप उधर सो जाओ मैं भी सो जाता हूं तो मैं सोचा कि सही है आज यही सोया जाए।  और नीचे  बिछावन लेकर आई और देवर जी के लिए भी बिछा दें और अपने लिए भी बीच में थोड़ा जगह छोड़कर फिर आराम से सो गई। 

 नींद नहीं आ रही थी तो हम दोनों बात कर रहे थे बात करते-करते उन्होंने पूछ लिया कि भाभी क्या आपका कोई बॉयफ्रेंड था तो मेरा तो बहुत बॉयफ्रेंड था पर मैं कैसे बताती हूं उनको कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड था या नहीं था यह बात ऐसे भी बताने का नहीं होता है पर मैं भी पूछ ले कि आपका कोई गर्लफ्रेंड है तो उन्होंने कहा हां है तो मैंने कहा तो फिर आपने अपने गर्लफ्रेंड के साथ क्या-क्या किया। 

 तो उन्होंने कहा कि मैं अपने गर्लफ्रेंड को किस किया हूं गले लगाया हूं और भी जो चीजें होती है उस सब किया हूं तुम्हें बोली कि वह सब चीजें क्या आपने सेक्स किया उसके साथ।   तो वह चुप रह गए हमसे पूछे क्या आपने अपने गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स किया है उन्होंने बोला हां बस दो बार जो कानपुर में होटल है ना,  वहीं पर मैं उसको ले जाकर 2 दिन उसे सेक्स किया पर वह मुझे सेक्स करने नहीं देती है। 

 मैं बोली कि क्यों नहीं देती है वह तो फिर मुझे बताने लगे असल में मेरा प्राइवेट पार्ट तो मैं सीधा सीधा बोल ना लंड  तू बोले हां हां वही लंड  बहुत मोटा और लंबा है इसलिए वह सह नहीं सकते हैं उसकी जो प्राइवेट पार्ट है तो मैं फिर से बोलिए कर सीधा सीधा बोलिए ना चूत  तो वह फिर बोले कि हां हां वही चूत। तुम्हें बुरी आखिर कितना मोटा और लंबा है जो कि उसको दर्द होता है मुझे तो कभी ऐसा दर्द नहीं हुआ आपके भैया तो मुझे रोज चोदते हैं उनका भी लंड बहुत मोटा है पर मुझे तो कभी दर्द नहीं हुआ।  तभी आसमान में बादल चमकने लगे और बारिश का मौसम होने लगा। 

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 पर दोस्तों सच बताऊं तो मेरे मन में भी बादल गरज रहे थे और बिजली कड़क रही थी क्योंकि यह सब सुनकर मेरे  मन में आज रात रंगीन करने का मन होने लगा था मुझे लगा कि बहुत दिन हो गया अपने पति से चूत ** करवाते हुए।  क्यों ना आज मैं नए लंड  का दीदार कर लूँ। 

 दोस्तों तभी बारिश आ गई और देवजी कहने लगे चलो भाभी नीचे तो मैं बोली नीचे जाकर क्या होगा कितना अच्छा हवा चल रहा है बारिश भी आ गई है थोड़ा भी लेते उसके बाद नीचे चलेंगे।  तभी बारिश जोर जोर से होने लगी और मैं भीगने लगी वह भी मेरे साथ ही भीगने लगे। 

उस दिन में ब्रा नहीं पहनी थी और मैं जो नाइटी पहनी थी वह बड़ा ही सेक्सी था जब बारिश से भीग रही थी तो मेरी नाइटी मेरे शरीर में चिपक गया था छत पर लाइट जल रही थी उसमें मेरा पूरा शरीर बहुत सेक्सी दिखाई देने लगा देवर जी बार-बार मेरी चूचियों को निहार रहे थे मेरी गांड को नेहा देते मैं समझ गई आज मैं इनको भी पागल कर दूंगी क्योंकि मैं खुद पागल हो चुकी थी।  मेरी बड़ी बड़ी गोल-गोल  चुच्चियों का उभार साफ़ साफ दिखाई दे रहा था मैं वह भी बहुत हॉट गोरा बदन लंबे बाल है मेरे देखने में बहुत सुंदर हो रूप में दे गुलाबी कलर के  स्टाइल में रहती हूं मैं तो ऐसे भी खूबसूरत हूं ऊपर से जब बारिश में मेरा बदन भी गया और मेरे कपड़े मेरे शरीर से चिपक गए तो दुनिया का कोई भी इंसान मुझे शायद देखने से अपने आप को रोक नहीं सकेगा।  मन में लड्डू जरूर पूछेंगे देवर जी का भी हाल ही था कि मुझे बार-बार घूम रहे थे देख रहे थे। 

 मैं बोली देवर जी एक चीज बताओ अगर आज रात को मैं आपकी बीवी बन जाऊं तो आपको कैसा लगेगा।  देवर जी का मुंह खुला का खुला रह गया साध्वी जो चाहते थे वह पूरा होने वाला था और मैं जो चाहती थी वह मुझे पूरा होने वाला था क्योंकि वह चुपचाप सो गए तो चुपचाप का मतलब यह होता है हां।  मैं बोली ऐसा दिन शायद कभी जिंदगी में नहीं आए तो आज हम दोनों एक हो जाते हैं। 

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 इतना कहते ही वह मेरे करीब आ गए और मुझे अपनी बाहों में भर लिया अपने लंड  के पास मेरा गांड पकड़कर सताने लगे और मेरे होंठ को चूसने लगे मेरे गोरे गोरे गाल पर वह किस करने लगे पर मैंने उनको पहले ही कह दिया कहीं पर दांत मत काटना।  मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां भीग चुकी थी मैं खुद भी चुकी थी वर्षा हो रही थी वह मुझे तुम रहे थे मैं फोन का बाल पकड़कर उनके होठ को पी रही थी काट रहे थे चूम रही थी।  दोस्तों वह बेकाबू हो गए थे क्योंकि शायद वह काफी देर तक अपने आप को बर्दाश्त के मेरे जिस्म को निहारते निहारते अब उनके बर्दाश्त के बाहर हो गया था उन्होंने तुरंत मुझे पानी में ही पटक दिया,  क्योंकि छत पर थोड़ा पानी भी जमा हो गया था। 

उसके बाद मेरे नाइटी को ऊपर कर दिया मैं नाइटी को ऊपर से निकाल दी बाहर अब मैं पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी अंदर पहले ही कुछ नहीं पहनी हुई थी वह तो एक बरमुंडा पहनकर थे दोनों ने तुरंत खोल दिया मेरे दोनों टांगों को अलग अलग किया बीच में अपना लंड  निकाला मेरे चूत  के पास सेट किया और जोर से धक्का दे दिया।  उसके बाद दोस्तों वह कस कस के धक्का देते रहे पानी छप छप की आवाज हो रही थी ऊपर से बारिश हो रही थी मैं भीगी हुई थी पानी में लेती हुई थी और वह ऊपर से धक्के दिए जा रहे थे मेरी चूत  में उनका मोटा लंड  बार-बार बाहर अंदर बाहर अंदर हो रहा था। 

 मेरी चूचियोंको वह मरोड़ रहे थे मेरी चूची को दबा रहे थे।  मेरे फोन को काट रहे थे मेरे गालों को चूम रहे थे मेरे गर्दन को चूम रहे थे मेरे बालों को सहला रहे थे मेरी चूचियां दबा रहे थे और जोर-जोर से अपना लंड  मेरी चूत  में डाले जा रहे थे।  मैं आवाज निकालने लगे क्योंकि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।  मैं कह रही थी देव जी आपकी गर्लफ्रेंड तो आपसे डरती है चुदवाने में पर मुझे आपका लंड भा गया।  मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैं संतुष्ट हो रही हूं जोर से चोदो मुझे जोर से चोदो और जोर से चोदो पूरा लंड  मेरी चूत  में घुसा हो और जोर से चोदो और मैं गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी 

बहुत जोर जोर से मुझे चोदने लगे और कह रहे थे लो भाभी लोग पूरा लंड लो। और जोर-जोर से अपना लंड  मेरी चूत  में घुसा जा रहे थे फिर उन्होंने मुझे कुत्तिया बना दिया कुत्तिया बनाकर वह पहले मेरी गांड को चाटे।  फिर उन्होंने अपना मोटा लंड  मेरी चूत  पर सेट किया और फिर से पीछे से उसने घुसा दिया।  और जोर जोर से धक्का दे रहे थे मैं आगे पीछे हो रही थी वह जोर-जोर से आगे धक्का दे रहे थे मेरे मुंह से सिर्फ आ आ आ  आओ आओ आओ  की आवाज निकल रही थी। 

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 हम दोनों भीग रहे थे बारिश हो रही थी अब पीछे से धक्का दे रहे थे।  फिर वो लेट गए मैं उनके ऊपर चढ़ गई। उनका लंड  पकड़ कर अपने चूत पर सेट की और ऊपर निचे होने लगी। मेरे देवर जी का पूरा लंड  मेरे बच्चेदानी तक जा रहा था मेरे पेट के अंदर तक जा रहा था मैं बहुत ज्यादा कामुक हो गई थी मैं उनके छाती को सहला रही थी और धक्के दे रही थी उनका पूरा लंड  फच फच फच करके  मेरी चूत  के अंदर बाहर हो रहा था। 

 इतने में जोर से बादल गरजा बिजली चमकी और वह खलास हो गए मैं भी खलास हो गई मैं उनके ऊपर ही लेट गई बारिश ज्यादा हो रही थी 5 मिनट तक वैसे ही लेटे रहे फिर देवर जी बोले भाभी कपड़े  पहन लो और बाल को पूछ लो सर्दी लग जाएगी रात है। 

 फिर मैं तुरंत ही नीचे गई और कपड़े बदले तब तक वह भी नीचे आ गए थे उन्होंने भी अपने कपड़े बदले और रात में फिर मेरे साथ ही सो गए थे 5:00 बजे का अलार्म लगा दी थी कि 5:00 बजे वह अपने कमरे में चले जाएंगे नीचे आकर भी उन्होंने फिर से मुझे चोदा।  अब मैं उनके दीवाने हो चुकी हूं अब मुझे लगता है कि मेरे पति हमेशा बाहर जाए और मैं अपने देवर से अपनी चूत  मरवाऊँ। आपको कैसी लगी देवर भाभी सेक्स कहानी