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बेटी से पहले मुझे प्रेगनेंट कर दिया मेरा दामाद अब क्या करूँ

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सच कह रही हूँ, मैं कैसे किसी को अपने समाज में मुँह दिखाऊंगा मैं अपने दामाद से कह रही हूँ मेरा एबॉर्शन करवा दो। पर वो नहीं मान रहा है। मैं दो महीने की पेट से हूँ। मैं अपने दामाद से ही प्रेग्नेंट हो गई हूँ। बेटी की शादी को मात्र छह महीने हुए है बेटी अभी को कुछ नहीं हुआ कल भी उसका पीरियड आया पर मेरा पीरियड दो महीने से बंद है। क्या करूँ कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। दामाद को बोलो तो वो भी बात टाल देता है और रोजाना मेरी चुदाई करता है। अब समझ के बाहर हो गयी है बात। आप ही बताओ पूरी कहानी पढ़कर मैं क्या करूँ। पर ये सब कैसे हुआ वो सब मैं आपको नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ। जो कहूँगी यहाँ पर वो सच कहूँगी।

मेरा नाम कोमल है मैं 40 साल की औरत हूँ मेरी एक बेटी ही है पति नहीं है वो कोरोना में नहीं रहे। माँ बेटी की ज़िंदगी अभी कुछ महीने पहले तक ठीक नहीं था एक फरिश्ता आया दिल्ली से और वो मेरी बेटी को पसंद कर लिया। यानी की एक लड़का जो की दिल्ली में एक अच्छी नौकरी करता है उसने मेरी बेटी से बिना किसी लेनदेन के शादी कर लिया और लड़का इतना अच्छा मिला को वो मुझे भी अपने साथ ले गया यानी की बेटी के साथ मुझे भी दिल्ली से गया।

हम तीनो ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे। किसी चीज की कोई कमी नहीं। खूब घूमते फिरते और मौज मस्ती करते। मेरा दामाद का वर्क फ्रॉम होम है पर मेरी बेटी को जॉब लग गया है एक कॉलेज में तो वो कॉलेज के हॉस्टल में ही रहना होता है इसलिए वो सिर्फ शनिवार को घर आती है फिर मंडे सुबह वापस चली जाती है। हम दोनों को इससे कोई दिक्कत नहीं थी। बेटी अपने पैर पर खड़ा हो जाये इससे बढ़िया और क्या बात हो सकती है। दामाद जी भी अच्छे इंसान है उनको भी कोई दिक्कत नहीं था उन्होंने कहा ठीक है तुम हमदोनों कमायेंगे तो आगे और खुशहाल हो जाएगी ज़िंदगी।

घर में मैं और दामाद जी दोनों रहने लगे दो कमरे का फ्लैट था एक में वो सोते थे एक में में। मैं उनके लिए खाना बनाती उनको खिलाती उनका ध्यान रखती। आप खुद जब किसी का ध्यान रखोगे उसको खुश रखोगे तो बात आगे बढ़ जाएगी। वही हुआ धीरे धीरे वो मेरे करीब आ गए वो बात बात पर मुझे बुलाते अपने साथ बैठते फिर धीरे धीरे जब अच्छा खाना बनाती तो मेरी हाथ को चूमते धीरे धीरे वो मुझे गले लगाने लगे। जब कोई इतना कुछ करने लगे तो मैं भी औरत हूँ मेरे अंदर भी दिल है। मैं भी धीरे धीरे उनके करीब आ गई।

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एक दिन की बात है उनका सर बहुत दुःख रहा था तो मैं उनके बेड पर जाकर उनके सिर में बाम लगाने लगी। तभी उन्होंने कहा आप अच्छे से बैठो जब मैं बैठ गयी उनके सिर के पास तो उन्होंने अपना सिर मेरी गोद में रख दिया और कहा अब लगाओ बाम। मैं लगाने लगी पर उनका ध्यान मेरे ब्लाउज के तरफ था क्यों की मेरी चूचियों का उभार कुछ ज्यादा ही है और मैं ऐसी ब्रा पहनती हूँ जिससे मेरी चूचियां और भी ज्यादा टाइट और नुकीली ही जाती है। उन्होंने कहाँ आप बहुत ही हॉट और सेक्सी हो। अभी आप किसी भी लड़की को फेल कर सकती हो मम्मी। मुझे तो आप बहुत ही हॉट लगती हूँ इतना तो आपको बेटी भी नहीं है।

ये सुनकर मैं बोली ऐसा होता है अपनी बीवी सब को घर की मुर्गी लगती है। और हसने लगी वो सीरियस हो गए वो बैठ गए और बोले मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ मम्मी। मैं अवाक् रह गयी। मैं बोली क्या कह रहे हो दामाद जो मैं आपको सास हूँ आपको माँ जैसी। पर उन्होंने कहा आप माँ जैसी नहीं हो आप बीवी जैसी हो। आप चाहे तो मेरे से वो रिश्ता रख सकती हो जो पापा जी रखते थे। मैंने कहा नहीं हो सकता ये। वो उन्होंने कहा आप मुझे मना नहीं कर सकती मैं सच में आपसे प्यार करता हूँ। मैंने कहा मैं अपनी बेटी की ज़िंदगी बर्बाद नहीं कर सकती। उन्होंने कहा और अगर आपने मना कर दिया तो ऐसे भी आपकी बेटी की ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी। क्यों की हो सकता है मैं आपलोगों के साथ नहीं रहूं।

इतना सुनकर मैं डर गयी। मैंने अपनी बेटी का घर बचाने के लिए चुप रही गयी उन्होंने मेरी आँचल को ब्लाउज से निचे गिरा दिया। मेरी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही सहलाने लगे। मैं अपना पैर ऊपर का ली यानी की बेड पर निचे सरक कर में लेट गई। उन्होंने एक एक करके सारे हुक खोल दिए ब्लाउज का। फिर उन्होंने ब्रा खोल दिया और मेरी दोनों चूचियों को बारे बारे से पीने लगे मसलने लगे। धीरे धीरे मैं भी कामुक हो गयी मेरी चूत गीली हो गयी। मैं भी अब अपनी वासना को शांत कर लेना चाहती थी।

मैंने तुरंत ही अपनी साडी उतार दी पेटीकोट को नाडा खोल दिया उन्होंने मेरी पेंटी दोनों टांगो से बाहर निकाल दिया। अब वो मेरे जिस्म को निहारते हुए पहले होठ पर किस करने लगे फिर वो मेरी चूचियों को दबोचते जुए निप्पल को दोनों ऊँगली से रगड़ने लगे। जब वो निप्पल को ऊँगली लगाते मैं आआआ आआआ अअअअअ करने लगती मैं अँगड़ाईयाँ लेने लगती। उन्होंने मुझे बैठा दिया और खुद लेट गए अपना मोटा लंड मेरी बात में दी दिया। मैं उनके मोटे लंड को पहले खूब आगे पीछे की फिर मैं मुँह में ले ली। अब देर तक उनके लंड को चुस्ती रही।

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जब उनका लंड करीब नौ इंच का हो गया मुझे चुदने का मन करने लगा। मैं वापस लेट गयी और उनका हाथ पकड़ कर इशारा की मेरी चूत चाटो उन्होंने ऐसा ही किया वो तुरंत ही निचे जाकर मेरी चूत में पहले खूब ऊँगली किया फिर वो जितना पानी निकला था उसको चाट गए। फिर जीभ अंदर तक घुसाने लगे मैं बार बार गरम गरम पानी छोड़ती और वो पी जाते। मैं काफी ज्यादा कामुक हो गई थी मेरे से रहा नहीं जा रहा था। मैंने उनको इशारा किया अब मुझे लंड चूत के अंदर चाहिए उन्होंने मेरी दोनों पैरों को अलग अलग किया और जोर से मेरी चूचियों को दबाया फिर लंड को मेरी चूत जे छेद पर सेट किया। और जोर से पेल दिया।

मेरी चूत नौ इंच के लंड से फट गयी मुझे दर्द होने लगा वो अब अपनेलंड को अंदर बाहर करने लगे। जब वो अंदर डालते और निकालते मुझे दर्द होता पर वो मीठा दर्द था अच्छा भी लग रहा था। वो मेरी चूचियों को दबाते हुए मेरी होठ को चूसते फिर मैं अपना जीभ जब उनके मुँह में देती तो वो और भी ज्यादा कामुक हो जाते। मैं भी खूब साथ देने लगी। मेरा दामाद थोड़ा चुदाई में नया था पर मैं ट्रेंड थे खूब चुदी जब तक पति थे। मैंने नए नए तरीके से चुदने लगी। इससे वो और भी ज्यादा मजे लेने लगे। मैं गांड उठा उठा कर चुदने लगी।

मैं अलग अलग तरीके से उनसे खूब चुदी जब वो झड़ गए यानी की अपना सारा वीर्य मेरी चूत में डाल दिए मैं बोली ये बात किसी से नहीं कहना। उन्होंने मुझे चूमते हुआ कहा नहीं कहूंगा मेरी जान अब मेरी मम्मी नहीं बीवी हो। दोस्तों उस दिन के बाद मैं उनके साथ एक पत्नी की तरह रहने लगी। उनको जब मन करता मुझे चोद देते और जब मैं कामुक होती नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़कर मैं खुद उनको कहती मेरे साथ आओ। और फिर वो मुझे तृप्त कर देते चुदाई में।

समय बीतता गया जब मेरी बेटी आती तो वो मेरी बेटी के साथ सोते और जब मेरी बेटी मंडे को चली जाती फिर मेरे करीब आ जाते। सच तो ये है दोस्तों जब मेरी बेटी उनके साथ सोती थी मुझे अच्छा नहीं लगता मैं जलने लगी थी अपनी बेटी से क्यों की मैं उसके पति से प्यार करने लगी थी मैं जिस्म सौप चुकी थी अपने दामाद को। मुझे अब परवाह नहीं होता था की मेरा दामाद है या मेरा पति। जब मर्जी चुद जाती। पर दोस्तों एक बड़ी गलती हो गयी।

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मुझे लगा की मेरी उम्र हो चुकी है और मैं माँ नहीं बनूँगी पर मैं गलत थी एक बार मेरा पीरियड मिस हो गया। लगा कई बार ऐसा हुआ था। पर दूसरे महीने भी जब पीरियड नहीं आया तो बाजार से प्रेगनेंसी किट लेकर आई और प्रेगनेंसी चेक की। मैं हैरान रह गयी प्रेगनेंसी किट में दो लाइन आया यानी की प्रेगनेंसी पॉजिटिव। मेरे पैर के निचे जमीं खिसक गयी मैं माथा पकड़ ली। मेरा गर्भधारण हो गया था। मैं पेट से थी।

मैं तुरंत ही अपने दामाद को बताई की ऐसी ऐसी बात है। उन्होंने कहा कोई बात नहीं आप मेरे बच्चे को जन्म दो। अब मैं और भी डरी हुई हूँ ये कैसे संभव है की मैं इस बच्चे को जन्म दूँ क्या कहेगा दुनिया क्या कहेंगे लोग। ये ठीक नहीं नहीं पर मेरे दामाद को ये बात समझ नहीं आ रहा है। मेरी रातों की नींद उड़ गई है। मैं फंस चुकी हूँ। पर करूँ क्या समझ नहीं आ रहा है।

इसलिए आप में से भी कोई ऐसी महिला है जो आप सेक्स सम्बन्ध बना रही हूँ तो मैं यही कहूँगी प्रोटेक्शन जरूर यूज करें नहीं तो आप मुश्किल में आ जायेंगे। मैं जल्द ही अपना सारा अपडेट नॉनवेज स्टोरी डॉट पर लिखूंगी आने वाले दिनों में तब तक के लिए धन्यवाद.