Pati ne Dost se chudwaya sex kahani : मेरा नाम दीप्ती है मैं 27 साल की हूँ मेरी दो बेटी है। बेटा नहीं हो रहा है। किसी ने मेरे पति को बोल दिया की तुम बेटा पैदा नहीं कर पाओगे क्यों की तुम्हारे वीर्य में बेटा होने का बीज नहीं है। पति एकलौता है तो वो चाहता है की एक बेटा हो जाये इसलिए मुझे कई जगह ले गया। कई फ़कीर से दिखाया कई साधु से कई सारे जड़ी बूटी भी खिलाया पर अभी तक बेटा नहीं हुआ।
अब मेरा पति मुझे अपने दोस्त के हवाले कर दिया है रात रात भर वो मेरी चुदाई करता है ताकि बेटा पैदा हो। मेरी दोनों बेटियां और मेरा पति दोनों एक कमरे में सोता है और मैं और मेरे पति का दोस्त निखिल एक कमरे में। आज मैं आपको वो पहला दिन मेरी चुदाई का जिस दिन पहली बार निखिल के हवाले किया था मेरा पति कैसे उसने मुझे चोदा था पहले दिन क्या हुआ था और मेरे पति को इस पर कैसा लगा था वो सभी आपको इस वेबसाइट नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूँ।
मैं दिल्ली में रहती हूँ मेरी लव मैरिज हुई थी। पति ठीक ठाक है कभी उसने मुझे चुदाई में खुश नहीं किया था बस उस की एक ही चीज अच्छी लगती है वो मेरी चूत खूब चाटता है और मेरी गांड पर जीभ खूब फेरता है उस समय मैं किसी सुन्दर लड़के के बारे में सोचती हूँ आँख बंद कर ऐसे को वो सुन्दर लड़का ही मेरी चूत चाट रहा है। मुझे दूसरे मर्द से चुदने का बहोत मन करता था पर ये तो आपको भी पता है आसान नहीं है परिवार में भूकंप आ जाता है जब किसी की बीवी किसी गैर मर्द से चुदे।
पर जब पति ही किसी को लाकर खड़ा कर दे और कह दे मुझे कोई दिक्कत नहीं है तुम इनके साथ चुदाई करो। और उसमे जब पति सहयोग करे। ऐसे आदेश से तो मेरी चुदाई और गैर मर्द की इच्छा भी पूरी हो गयी। पति भी खुश मैं भी खुश और तीसरा आदमी तो हम दोनों से भी ज्यादा खुश जिसको फ्री में चुदाई का आनंद मिले उसके लिए तो बारे न्यारे हो गया। अब सीधे कहानी पर आती हूँ।
दोनों बेटी अभी छोटी है तो पहले ही सो जाती है। बात रविवार का है मेरे पति ने निखिल को खाने पर बुलाया असल में निखिल उनके कंपनी में ही काम करता है और निखिल तलाकशुदा आदमी है उसकी बीवी इसलिए छोड़कर चली गयी तो वो बहुत ज्यादा सेक्स करता था अपनी बीवी को और दिन रात में तीन बार सेक्स करता था। तो निखिल को खाने पर बुलाया मैं भी मटन और चावल बनाई।
रात के करीब ग्यारह बजे हम तीनो खाना खाने बैठे। बेटियां सो गयी थी। दारू भी था तो मैं पहले भी पीती थी शादी के पहले क्यों की पापा मेरे सेना में अधिकारी थे तो ये सब आम बात थी मेरे लिए। मैं भी दो पेग ले ली और वो दोनों अपनी अपनी व्यथा सुनाते हुए कुछ ज्यादा ही पी लिए।
मुझे बहुत ज्यादा तो नहीं पर हां मैं भी काफी नशे में थी। ऐसा लग रहा था मैं हवा में उड़ रही हूँ। मेरा शरीर काफी हल्का हो गया था अब आ लग रहा था की मुझे कोई चोद दे। तो दोनों खड़े हो गए और पति दूसरे कमरे में जाते हुए बोले तुम दोनों एन्जॉय करो। और वो दरवाजा लगा दिए। मैं निखिल को बोली ये क्या हुआ ? तो उसने कहा आज उन्होंने मेरे से कहा आपके साथ सोने ताकि आप एक लड़के को जन्म दे सको।
मुझे थोड़ा अटपटा लगा पर नशे में थी तो बोल दी तो चलो कमरे में क्यों की पति राजी तो क्या करेगा कोई और। जब वो खुद ही अपनी बीवी को चुदवाने को राजी हो तो और बात तो ख़तम। निखिल मेरा हाथ पकड़ कर चूमा और फिर बैडरूम में आ गए दोनों। दरवाजा बंद कर दिया मैंने। और हम दोनों एक दूसरे का बाहों में झूलने लगे।
उसके बाद निखिल ने मेरे चेहरे से बाल हटाते हुए होठ पर किस कर लिया। मेरे अंदर तो आग लग गयी। मैं खुद को रोक नहीं पाई और निखिल को किश करने लगी दोनों के होठ एक दूसरे को दॉंतो से दबा रहे थे। हम दोनों ही एक दूसरे को सहला रहे थे। अचानक निखिल का लंड मेरी जांघ में सटा तो मैं और भी ज्यादा पागल हो गयी। मैंने झट से निखिला का लंड पकड़ ली उसने तुरंत ही अपना पेंटी निचे कर दिया और मैं निचे बैठ गयी और मोटा लंड पकड़ कर मुँह में ले ली।
करीब 9 इंच का लैंड मेरे गले तक जाता था तब भी बाहर ही रह जा रहा था मोटा इतना था की मेरे मुँह में बड़ी मुश्किल से समा रहा था। लैंड को मैं चाटने लगी। वो मेरे बाल को सहला रहा था। उसके बाद मैंने अपने सारे कपडे उतार दिए। निखिल मेरी चूचियों को दबाने लगा और निप्पल को ऊँगली से पीसने लगा। मेरे तन बदन में आग सी लग रही थी।
मैं बेड पर लेट गयी उसने मेरे दोनों टांगो को अलग अलग किया पहले चूत सहलाया और फिर अपना लंड चुत के बिच में रखकर जोर से घुसा दिया। मेरी चुत पहले से ही काफी गीली हो गयी थी तो लंड जाने में दिक्कत नहीं हुआ। अब दोनों एक दूसरे को मदद करते हुए एक दूसरे को साथ देने लगे।
आज मुझे पहली बार किसी मर्द का पाला पड़ा था जिसमे गठीला और लंड मोटा जोर जोर से पेले जा रहा था। मैं अपना आंख बंद कर के चुदाई का मजा ले रही थी। जोर जोर से मेरे मुँह से आवाज निकलने लगा। आह आह आह जोर से और जोर से आह आह उफ़ उफ़ आउच ओह्ह ओह्ह ओह्ह और जोर से और जोर से। निखिल जोर जोर से मेरी चुत में अपना लंड दिए जा रहा था।
हम दोनों एक दूसरे को खुश कर रहे थे। हम दोनों चुदाई का आनंद ले रहे थे। जोर जोर से आवाज निकल रही थी। तभी दरवाजे से आवाज आई हम दोनों शांत हो गए किसी ने खटखटाया। जैसे शांत हुए पति देव बोले अरे थोड़ा आवाज कम करो पडोसी भी सुन लेगा। और फिर वो चले गए।
पर दोस्तों हम दोनों कामुक हो चुके थे। निखिल अब मुझे घोड़ी बना कर चोदने लगा मेरी गांड की तरफ से चुत में लंड दे रहा था। और गांड को दोनों हाथों से सहला रहा था कभी कभी वो अपनी ऊँगली मेरी गांड में ही घुसा देता तो मैं और भी ज्यादा पागल हो जाती। इस तरह दो करीब एक घंटे तक चोदा और अपना पूरा माल मेरी चुत में डाल दिया। हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर नंगे ही सो गए।
सुबह फिर सात बजे दरवाजा खटखटाने की आवाज आई। तुरंत उठी नाईटी पहनी निखिल भी पेंट पहना वो लेटा ही रहा मैं दरवाजा खोली तो पति देव तीन कप चाय लेकर आ गए कमरे में। उन्होंने चाय की चुस्की लेते हुए कहा कैसी रही रात। हम दोनों मुस्कराने लगे। निखिल बोला आप जल्द ही एक बेटे के बाप बन जाओगे।
तो पति बोले की अब तेरे हाथ में है सब कुछ। फिर क्या दोस्तों अब मेरा पति तो खातिरदारी में ही रहता है रोजाना चुदती हु अब वो रात मेरे यहाँ ही रहता है।
पर अब मैंने प्लान बना लिया अब मैं अपने पति को छोड़कर निखिल के साथ ही रह लुंगी। मैं जब भी ऐसा करुँगी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के दोस्तों को जरूर बताउंगी कहानी के माध्यम से।
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