भाभी जी की चूत में मेरा मोटा लण्ड चुदाई चुपके चुपके

मेरे प्यारे दोस्तों चाहे वो लण्ड का मालिक हो या चूत की मालकिन आप सभी को इस चोदु जी महाराज के तरफ से प्रणाम, मैं कितना चोदु हु और कितना पैसा खर्च करता हु चुदाई पे आपको आज पता चलेगा क्यों की अगर माल मारना है तो खर्च तो बनता है बॉस, तो देर कसी बात की आज आपसे भी शेयर कर लेता हु, की मैंने पड़ोस की भाभी को कैसे पटाया और चुदाई की वो भी फाइव स्टार होटल के कमरे में, यार मेरे ज़िंदगी इसी का नाम है, कमाओ, खाओ, पीओ, और चुदाई करो बस, क्यों की क्या भरोसा इस ज़िंदगी का और इस लण्ड का, जब तक है दोनों में जान लगे रहो मुन्ना भाई शान से.

मेरा नाम गोपाल है मैं डेल्ही में रहता हु और एक सॉफ्टवेयर की कंपनी में वेब डेवलपर हु, देखने में अच्छा हु क्यों की लड़कियां मुझे बहुत ही घूरती है इसी से अंदाजा लगा लेता हु की सुन्दर हु. खैर कोई बात नहीं सुन्दर हु या नहीं पर लण्ड बहुत ही मोटा और लम्बा है, तभी तो भाभी जी की चूत फट गयी थी.

कहानी पे आता हु, बगल की भाभी (मेरी प्यारी पड़ोसन) देखने में मस्त है यार, स्लीव लेस्स ब्लाउज और ट्रांसपेरेंट साड़ी उस गोर बदन पे जब होता है साला किसी का भी लण्ड कहेगा चल मुठ मार, क्यों की तुम तो कुछ करने बाला है नहीं मुठ ही मार के शांत कर मुझे, नहीं तो लोग पूछेंगे जब तू बहार जायेगा की तेरा लण्ड क्यों खड़ा है?

भाभी जी का कोई बच्चा नहीं है उनके पति कानपुर में रहते है, घर काम ही आना होता है वो १५ दिन में आते है, तभी भाभी जी प्यासी रहती है, और उसी का फायदा हुआ मुझे, जब उनका सास ससुर हिसार चले गए वो घर में बिलकुल अकेली थी, उनका गैस खत्म हो गया था वो सिलेंडर चेंज नहीं कर पा रही थी वो वो बालकनी में देख रही थी कोई आये और सिलेंडर लगा दे. उस समय मैं बालकनी में गया तो तभी बोली गोपाल जी क्या ५ मिनट के लिए आयेगे काम है, मैं चला गया वो बोली मेरा सिलेंडर खत्म हो गया है मेरे से लग नहीं रहा है क्या आप लगा देंगे प्लीज. मैंने कहा क्यों नही जरूर लगा देता हु और मैं उनके किचन में चला गया और और खाली सिलेंडर हटा कर नया लगा दिया. बोली थैंक्स

फिर बोली आप सोफे पे बैठिये मैं आपके लिए चाय बनाती हु, मैं सोफे पे बैठ गया और भाभी चाय लेकर आ गयी, फिर वही बैठ के चाय पिने लगे, भाभी का नाभि दिख रहा था और ब्लाउज के ऊपर से दोनों तरफ सटी हुई दोनों चुचिया आपस में संघर्ष कर रही थी, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मैंने कहा भाभी आप गजब की सुन्दर हो, भगवान ने क्या आपको परफेक्ट बॉडी बनाया है, वो मुस्कुराने लगी, मैंने कहा मज़ाक नहीं कर रहा हु मस्त माल हो आप, वो बोली चल झूठे, ऐसा क्या है मुझमे, मैंने कहा सब कुछ, उन्होंने कहा कुछ तो बताओ क्या अच्छा लगा, मैंने कहा कैसे कहु, वो बोली बोलो कोई बात नहीं कोई और यहाँ है नहीं ना तो मैं किसी को बताउंगी, मैंने कहा आपका बूब, बस और कुछ नहीं, भाभी बोली बस सिर्फ बूब, नहीं भाभी जी आपका गांड का उभार भी बहुत अच्छा है,

भाभी बोली साफ़ साफ़ बोलो क्या चाहते हो, मैंने कहा क्या चाहूंगा एक प्यास क्या चाहता है, तभी वो ब्लाउज का हुक खोलने लगी और बोली ले अपनी प्यास बुझा लो, मैंने उनके चूची को पिने लगा ओह्ह्ह्ह उनका चूची गोल गोल और बड़ा बड़ा निप्पल एक दम पिंक कलर का था, मैंने ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया और दोनों हाथो से दोनों चूचियों को दबाने लगा, वो अपना दांत पीस रही थी और होठ को दातो से दबा रही थी, वो कड़ी थी और मैं सोफे पे बैठा चूचियों को पी रहा था, वो एक दम कुंवारी की तरह थी, क्यों की तबी वो बताई की आज तक मुझे ऐसे मसलने बाला कोई नहीं मिला, आपके भैया को सेक्स की वीमारी है वो चोद नहीं पाते.

आज आपके पास मौक़ा है लूट लो मेरी जवानी, कर दो सत्यानाश मेरे बूर और चूचियों का पी लो बूर और चूचियों का पानी कर दो गरम मुझे वो इस तरह की भाषा बोल रही थी फिर वो मुझे बेड रूम में ले गयी और अपना साडी और पेटीकोट खोल दी और मेरे ऊपर चढ़ गयी और मेरे होठ को चूसने लगी, उनका शरीर गजब का था, सुराही की तरह लग रही थी पेट उनका पतला गांड चौड़ा ऊपर का पार्ट बड़ा और चुदा गोर गोर गाल और होठ गुलाबी, नयन कजरारी, बाल लम्बे लम्बे मैं तो मदहोश हो रहा था वो मेरे ऊपर चढ़ के मुझे अपने आप में समा लेना चाहती थी, मैं भी ये हसीं मौक़ा नहीं खोना चाहता और मैं भी उनको अपने बाहो में भर लिया और अपना लण्ड निकाल के उनके पेट के ऊपर रगड़ने लगा वो नीच हो गयी और बोली पहाड़ दो मेरे चूत को, मेरे राजा बन जा मेरा सैया, सैया तो सैया निकला नहीं आज आप ही मेरे हवस को शांत करो, और मेरे लण्ड को पकड़ को सोट्ने लगी, मैं आह आह कर रहा था, और वो बोल रही थी क्या लण्ड है क्या लण्ड है,

फिर वो मेरे लण्ड को हाथ से पकड़कर अपने बूर के ऊपर लगा कर, बोली जाने दे इसको और मैंने कस के धक्का लगाया उसका पूरा शरीर करीब १२ इंच ऊपर चला गया हरेक धक्के में वो चीखा रही थी, पेल दिया मेरे बूर में, फट गया बूर, चोद साले चोद मुझे, और वो गांड उठा उठा के चुदवा रही थी, वो दांत पीस रही थी और हाय हाय उच्च उच्च ऊऊफ़ उफ्फ्फ कर रही थी हम दोनों पसीने पसीने हो गए थे, और करीब ३० मिनट चुदाई करने के बाद मेरे सारा माल भाभी के बूर में चला गया, और वो शांत हो गयी अपनी आँख भी नहीं खोल रही थी मैंने भी उनके बगल में निढाल पड़ा सो रहा था, फिर वहा से चला गया, अब जब भी मौक़ा मिलता है मैं हमेशा उनके घर जाता हु जब वो मुझे बुलाती है कभी कील ठोकने के बहाने कभी बल्ब ठीक करने के बहाने.

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