Mom Son Sex Story : हेल्लो दोस्तों, मैं नॉन वेज स्टोरी का बहुत बड़ा प्रशंशक हूँ। मेरा नाम अरविन्द है। कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इस वेबसाइट के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढता हूँ और मजे लेता हूँ। मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढने को कहता हूँ। पर दोस्तों, आज मैं नॉन वेज स्टोरी पर स्टोरी पढ़ने नही, स्टोरी सुनाने हाजिर हुआ हूँ। आशा करता हूँ की यह कहानी सभी पाठकों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी सच्ची कहानी है।
मेरे पापा का अब ३ साल बाद फिर से गोरखपुर में ट्रांसफर हो गया था। वो अपनी जॉब पर चले गये। अब घर में सिर्फ मैं और मेरी मम्मी ही रहते थे। अब मेरी मम्मी को काफी अकेलापन लगने लगा था क्यूंकि अब उनको लंड खाने को नही मिलता था। मैं कई बार देखा की मम्मी अपने कमरे में रात में नंगी रहती थी और चूत में ऊँगली डालकर अपनी डालकर जल्दी जल्दी अपनी रसीली चूत में फेटती थी। तब जाकर उनको शांति मिलती थी। अपनी मम्मी के खूबसूरत जिस्म को देखकर तो दोस्तों मेरा लंड ही खड़ा हो गया था। मेरी उम्र अब २० साल हो गयी थी। मम्मी बहुत खूबसूरत और हॉट माल थी और आज भी देखने में किसी लड़की से कम नही लगती थी। मैंने रात में छुप छुप कर मम्मी को देखा करता था। उनका जिस्म बहुत हॉट और सेक्सी था। कितना गोरा और दुधिया जिस्म था मम्मी का। मेरा तो उनको चोदने का दिल करने लगा।
“अरविन्द बेटे!! आओ मैं तुमको अपने हाथों से नहला दूँ!!” मम्मी बोली वो मुझे बाथरूम में ले गयी और पूरी तरह से मुझे नंगा कर दिया। साबुन से वो मेरे जिस्म को मलने लगी। धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा हो गया था। काफी देर तक मेरी मम्मी मेरे लंड पर साबुन फेटती रही। साबुन की चिकनाहट से उनका हाथ सट सट मेरे लंड पर सरक रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मम्मी ने शावर खोल दिया और मैंने अच्छे से नहा लिया। रात में मम्मी मेरे कमरे में नाईटी पहनकर रात के १२ बजे आई। मैं अपने कंप्यूटर पर चुदाई वाले वीडियोस देख रहा था। मम्मी ने मेरे वीडियोस को देख लिया।
“बेटा अरविन्द!! आज तुमको ये वीडियोस देखने की कोई जरूरत नही है” मम्मी बोली उन्होने मेरा लैपटॉप बंद करके रख दिया और किनारे रख दिया। उनके बाद मेरी मम्मी ने अपनी नाईटी खोल दी और पूरी तरह से उतार दी। फिर उन्होंने खुद ही अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी।
“आप बेटा!!” माँ बोली और मुझे अपने पास लिटा लिया और मेरे होठ चूसने लगी। मुझे भी ये सब अच्छा लग रहा था इसलिए मैंने कुछ नही कहा और जो जो मम्मी कहती चली गयी, मैं करता चला गया। धीरे धीरे मुझे नंगा कर दिया और सारे कपड़े निकाल दिए। माँ ने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी। “ओह्ह गॉड!! .सी सी सी सी.. हा हा हा ” मैं आवाज निकालने लगा था क्यूंकि आज पहली बार मेरी मम्मी ने मेरे लंड को फेटा था। हम दोनों अभी भी किस कर रहे थे। कुछ देर बाद तो मम्मी का हाथ और तेज चलने लगा और वो जल्दी जल्दी मेरा लंड फेटने लगी। मैं ये सब आज पहली बार कर रहा था। इससे पहले मैंने कभी चुदाई नही की थी।
आज पहली बार मैं अपनी माँ को चोद कर मादरचोद बनने वाला था। फिर मम्मी ने मुझे बाहों में भर लिया और सब जगह किस करने लगी। मुझे थोड़ी शर्म भी आ रही थी।
“अरविन्द बेटे डरो मत, मुझसे खुलकर प्यार करो!!” मम्मी बोली
मैं मन ही मन बहुत खुश था क्यूंकि कई दिनों से मैं भी किसी औरत को कसके चोदना चाहता था। फिर मैं भी मम्मी से खुलकर प्यार करने लगा। हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। धीरे धीरे हम दोनों बहुत जोश में आ गये थे। फिर मम्मी और मैं फिर से होठ चूसने लगा। मम्मी ने मेरे हाथ पकड़कर अपने दूध पर रख दिए। अब मुझे बताने की कोई जरूरत नही थी। मैं धीरे धीरे अपनी सगी मम्मी के दूध को सहला और छू रहा था। ओह्ह गॉड!! 36” की कितनी बड़ी बड़ी और शानदार चूची थी। कितनी बड़ी बड़ी और बिलकुल गोल। मैं बड़ी देर तक मम्मी के शानदार बूब्स को देखता रहा। फिर मैं तेज तेज उनके बूब्स दबाने लगा। मम्मी “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ.
.ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकालने लगी।
मुझे मम्मी की हालत देखकर बहुत सेक्सी महसूस हो रहा था। मैं और जोर जोर से उनके कबूतर दबाने लगा। फिर मैं मुंह में लेकर पिने लगी। उधर मम्मी ने नीचे से मेरी कमर की तरफ हाथ डाल दिया था और जल्दी जल्दी मेरे लंड को फेटने लगी थी। मुझे बहुत अजीब सा नशा चढ़ रहा था। फिर मैं तेज तेज अपनी सगी मम्मी की रसीली चूचियां चूसने लगा। क्या मस्त मस्त आम थे उनके। बिलकुल देखने में अनार जैसे लग रहे थे। मेरे जैसे एक मर्द का स्पर्श पाकर मम्मी की निपल्स खड़ी हो गई थी। मैंने उनको अपनी ऊँगली से गोल गोल घुमाने लगा। मम्मी “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई.
.अई..अई…..अई..मम्मी….” की आवाज निकाल रही थी। फिर मुझे और जादा सेक्सी महसूस हो रहा था। मैं मम्मी की निपल्स को अपनी जीभ से छेड़ने लगा। वो पागल हो रही थी। उसकी बायीं चूची को मैंने पूरी तरह से चूस लिया था। अब मैंने उनकी दाई चूची को मुंह में भर लिया था। फिर मैं मस्ती से चूस रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। अब मेरा जल्दी से मम्मी को चोदने का दिल कर रहा था। कुछ देर बाद हम दोनों फिर से लिप लोक होकर किस करने लगे। “अरविन्द बेटा!! मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है। तेरे पापा भी यहाँ नही है। इसलिए तू जल्दी से चोद बेटा!!” मम्मी बोली
उसके बाद मैं उनके सेक्सी पेट को चूमने लगा। दोस्तों आम तौर पर जब किसी औरत के बच्चे हो जाता है तो वो मोटी और भद्दी हो जाती है। पर मेरी मम्मी इस तरह बिलकुल नही थी। उनका फिगर पूरी तरह से मेंटेन था। वो आज भी छरहरी, सेक्सी और हॉट माल थी। उनका पेट पर जरा भी चर्बी नही थी। मैं उनके पेट को हाथ से सहलाने लगा। मम्मी को ये बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैं उनके उपर लेट गया और उनके पेट को चूमने लगा। वो मेरी नंगी पीठ को सहला रही थी। धीरे धीरे मैं नीचे की तरह बढ़ने लगा। उनके दोनों मम्मो के बीच से एक लाइन सीधा उनकी नाभि में आती थी। मैं उसी लाइन को बार बार किस कर रहा था। मम्मी का पेट तो जैसी कुवारी लड़कियों की तरह हॉट था। मैं उसे चूम रहा था। फिर मैं धीरे धीरे नीचे आ गया और उनकी सेक्सी नाभि पर पहुच गया। मैं उसमें जीभ डालने लगा और किस करने लगा। मैं अपनी मम्मी की नाभि को पी रहा था। वो तरह तरह से मचल रही थी और अंगराई ले रही थी।
मम्मी “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज निकाल रही थी। उसका बहुत अच्छा लग रहा था।
“वाह अरविन्द बेटा!! मजा आ गया। करते रहो!!” मम्मी बोली तो मैं और तेज तेज उनकी नाभि को चूसने लगा। मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चूत पर लगा दिया। “इसे सहलाओ बेटा!” मम्मी बोली। फिर मैं जल्दी जल्दी अपनी मम्मी की चूत सहलाने लगा। उनको ये अच्छा लग रहा था। दोस्तों मम्मी की चूत बहुत गुलाबी और सेक्सी थी। पापा ने मम्मी को कसके चोदा था और उनकी चूत फाड़कर रख दी थी। मैंने मम्मी की चूत को हाथों से खोलकर देखा तो वो फटी हुई चूत थी। चूत का भोसड़ा मेरे पापा ने बना दिया था। मैं जल्दी जल्दी मम्मी के भोसड़े को सहलाने लगा। धीरे धीरे मम्मी मस्त हो गयी थी। उनको बहुत आनंद मिल रहा था। जैसे जैसे मैं मम्मी की चूत को सहला रहा था वो अपनी कमर हिला रही थी। फिर मुझे बहुत ही सेक्सी महसूस होने लगा।
मम्मी ने अभी रात में 9 बजे ही अपनी चूत की झाटे साफ की थी। इसलिए उनकी चूत पूरी तरह से चिकनी थी और एक भी बाल नही था उस पर। फिर मैं मम्मी के पैरों पर लेट गया गया और उनकी चूत को जल्दी जल्दी चाटने लगा। हम दोनों को बहुत रोमांच आ रहा था इसमें। मैं आधे घंटे तक मम्मी की चुद्दी को चाटा और प्यार किया। मैं तो उसे खा ही लेना चाहता था। मुझे चूत का नमकीन स्वाद बहुत सेक्सी लग रहा था। मैं अपनी खुदरी जीभ को मम्मी के फटे भोसड़े के अंदर डाल रहा था। उन्होंने अपने पैर खोल दिए थे और मुझे जल्दी जल्दी अपनी बुर पिलाने लगी। उनको भी बहुत मजा मिल रहा था। मम्मी “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की आवाजे निकाल रही थी।
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड मम्मी की चूत में डाल दिया और उनको चोदने लगा। वो अपने होठो को दांत से चबा रही थी। साफ था की उनको बहुत आनंद मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी उनको चोद रहा था। दोस्तों मैंने कभी सभी में नही सोचा था की कभी अपनी सगी मम्मी की चूत चोदने को मिलेगा। पर आज मेरा ये सपना पूरा हो गया था। मैं सिर्फ और सीर्फ मम्मी की रसीली चूत की तरफ ही देखे जा रहा था। उनकी चूत से सफ़ेद रंग का माल निकलने लगा था। इस माल से मेरा लंड अब और जल्दी जल्दी मेरी चूत में फिसल रहा था। मुझे भी अजीब सा नशा छा रहा था। आज पहली बार मैं लाइफ में सेक्स कर रहा था। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। मेरी पीठ और रीढ़ की हड्डी में जलन हो रही थी। मैं धकाधक मम्मी को चोद रहा था। लग रहा था की मैं किसी पहिये में हवा भर रहा हूँ। मम्मी “……हाईईईईई…. उउउहह….आह आह अरविन्द बेटा!!…आजजजज….मुझे और कसके चोदो दोदोदोदोदो..” मम्मी चिल्ला रही थी। ये सुनकर मुझे और जादा जोश चढ़ गया और मैं तेज तेज फटके मम्मी की चुद्दी में मारने लगा। “ले ले ले!! रंडी!! आज जी भर कर चुदवा ले!! आज मेरा मोटा लंड खा ले रंडी!!” मैंने कहा और ताबड़तोड़ धक्के मैं मम्मी की बुर में देने लगा। वो चुदने लगी। उनको बहुत नशा चढ़ रहा था। मेरे फटकों से मम्मी के मम्मी जोर जोर उपर नीचे हिल रहे थे। साफ़ था की मम्मी की मुसम्मियाँ किसी मन्दिर की घंटी की तरह इधर उधर हिल रही थी। मुझे उनको देखकर और जादा सेक्स चढ़ रहा था। मैं और ताकत लगाकर अपनी मम्मी को चोदने लगा। फिर मैंने लेटकर उनके खूबसूरत रसीले होठ पीने लगा और धकाधक चोदने लगा। मेरी मम्मी की हाईट सिर्फ 5 फुट थी इसलिए वो आराम से मेरी बाहों में समा गयी थी। आज मैं उनको अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर पेल रहा था। आज रात के लिए वो मेरे लौड़े का माल बन गयी थी। कुछ देर बाद तेज धक्के मारते हुए मैंने माँ के भोसड़े में ही माल गिरा दिया। फिर मैं उनके उपर ही लेट गया और किस करने लगी।
मम्मी के भोसड़े में आग जल चुकी थी। वो इतना चुद गयी थी की अभी भी सी सी सी सी की आवाज निकाल रही थी। मैंने फिर से मम्मी के होठ चूसने लगा। फिर मम्मे पीने लगा। फिर हम दोनों सो गये। सुबह 6 बजे हम दोनों जग गये थे। रात में मेरी मम्मी मुझसे इस तरह से चिपक कर लेटी थी जैसे वो मेरी गर्लफ्रेंड हो। मम्मी ने अंगड़ाई ली। मुझे मुझे किस कर लिया। फिर हम दोनों किस करने लगे।
“बेटा अरविन्द!! कल रात तो तूने बड़ी धमाकेदार तरह से मेरी चूत मारी!!
प्लीस बेटा मेरी गांड चोद दो!” मम्मी बोली
उसके बाद मेरा भी सेक्स करने का मन करने लगा। दोस्तों सुबह सुबह तो वैसे ही फिर मैंने मम्मी को कुतिया बना दिया। अपने दोनों हाथों और घुटनों पर वो झुक गयी। वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। उसके पुट्ठे तो बहुत सुंदर और गुलाबी थे। कितने मस्त मस्त और गोल गोल थे। मैं बार बार उनके पुट्ठों को चूम रहा था और हाथों से सहला रहा था। मेरा लंड अब फिर से खड़ा हो गया था। मैं मम्मी की गांड चोदने को तैयार था। मैंने कस कसके मम्मी के पुट्ठों पर चांटे मारने शुरू कर दिए। चट चट मैं तेज तेज चांटे मम्मी के पुट्ठो पर मारने लगा। दोस्तों इतने गुलाबी पुट्ठे थे की जहाँ पर मेरा हाथ पड़ता था वहां मेरी उँगलियाँ ही छप जाती थी। मैं 8 10 चांटे कस कसे मम्मी के गोल मटोल और खूबसूरत पुट्ठों पर मारे और भरपूर मजा लिया।
फिर मैं किस करने लगा। मैंने दोनों पुट्ठो को खोलकर मम्मी की गांड चेक की। पापा ने एक बार भी मम्मी की गांड नही चोदी थी सिर्फ चूत ही मारते थे। मैं जीभ लगाने लगा तो मुझे नमकीन नमकीन लगने लगा। फिर मैंने अपना सिर मम्मी की गांड में घुसेड दिया और जल्दी जल्दी गांड चाटने लगा। मम्मी को मेरी हरकत बहुत अच्छी लग रही थी। वो “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल रही थी। 15 मिनट तक मैं मम्मी की गांड के छेद को पीता रहा। फिर मैंने अपने लम्बे लंड पर थोड़ा थूक लगा लिया और अच्छे से मल लिया। फिर मम्मी के गांड के छेद पर लगाकर मैंने अंदर ही तरफ एक जोर का धक्का मारा। उसकी गांड की सील टूट गयी। मेरा लम्बा सा लंड अंदर घुस गया। मम्मी को काफी दर्द हो रहा था। मेरे लंड में खून लग गया था। धीरे धीरे मैं अपनी सगी मम्मी की गांड चोदने लगा। उफ्फ्फ्फ़!!
कितनी कसी गांड थी दोस्तों। मजा आ गया था मुझे। कितना अजीब नशा मिल रहा था उसमे। धीरे धीरे मेरे धक्के और तेज होते चले गये। मैं और जल्दी जल्दी मम्मी की गांड चोदने लगा। इसी बीच मुझे बहुत सेक्स की हवस चढ़ गयी थी। मैंने कस कसे ४ ५ चांटे और मम्मी के गोल मटोल पुट्ठों में मार दिए। इस तरह मैंने मम्मी की गांड 40 मिनट चोदी, फिर उसी में माल गिरा दिया। उसके बाद मम्मी मेरे होठो पर किस करने लगी। अब जब पापा नही होते है मैं मम्मी को चोद लेता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर जरुर दे।