डिअर नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के पाठक मैं प्रिया ४२ साल की हु, मेरे पति का देहांत 2013 एक रोड एक्सीडेंट में हो गया, मेरा एक बीटा है जो २२ साल है वो जयपुर में रहता है, वही नौकरी करता है मैं दिल्ली में रहती थी पर अभी मैं अपने बेटे रोहन के साथ ही जयपुर में हु, मैं आपको एक कहानी जो मेरे और मेरे बेटे के बीच पहला सेक्स सम्बन्ध जब बना था उस दिन की है, जब मैं 31 दिसंबर को जयपुर अपने बेटे के पास आई थी. मैं आपको ये कहानी कहने में झिझक भी हो रहा है क्यों की कौन होगा जो अपने बेटे के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाएगा और एक पति पत्नी के तरह रहेगा.

बात 31 दिसम्बर २०१४ की है, मैं जयपुर पहुंची, रात के करीब ८ बज गए थे, जैसे ही मेरा बेटा मुझे देखा, वो लिपट गया उसकी बाजुओं में अपने आप को पाके मुझे अपने पति की याद आ गयी, वो मुझे मैंने भी उसे अपने सीने से लगा लिया, मेरी चूचियाँ दब गयी थी बीच में और ब्लाउज से बाहर आ रहा था, शायद उसी का मज़ा लेने के लिए मेरा बेटा मुझे छोड़ नहीं रहा था, वो मेरे पीठ को सहला रहा था मैं भी उसे एक किश की गाल पे, और फिर दोनों अलग हो गए,

रात को खाना खाने के बाद संभव बोला माँ क्या मैं आपके साथ सो सकता हु, क्यों की मैं आपके साथ दिल्ली में सोता था, मुझे काफी सकून मिलता है, तो मैंने कहा हां हां क्यों नहीं सो जाओ मेरे साथ, फिर माँ बेटा सोने चले गए, मैंने मन ही मन में सोचा जिस तरह से वो शाम को मेरे से गले मिल रहा था और रात को भी वो जरूर ही कोई शरारत करेगा, कुछ देर बात चीत की फिर मैंने सोने का नाटक किया और अपना सारी का आँचल निचे अपने ब्लाउज से उतार दिया, और रजाई को ब्लाउज से थोड़ा निचे तक रखा, और आँख बंद कर लिया, वो फिर मेरे तरफ घूम गया पहले तो उसने मेरे पेट पे हाथ रखा फिर रज़ाई को थोड़ा निचे सरका दिया, मेरी सांस जोर जोर से चलने लगी, जिससे की मेरा चूच ऊपर निचे हो रहा था, उसका लंड खड़ा हो चूका था क्यों की उसका लंड मेरे कमर को छू रहा था जिससे मैं और भी ज्यादा सिहर रही थी, मेरी गरम गरम साँसे चल रही थी, उसके बाद संभव ने अपना हाथ मेरे चूच पे रख दिया, मैं चुपचाप रही, और सोने का नाटक कर रही थी, फिर वो धीरे धीरे दबाने लगा मैंने थोड़ा अपने शरीर को हिलाया तो वो चुपचाप हो गया, मैंने सोचा अगर मैंने उसका हाथ नहीं हटाया तो वो समझेगा को माँ को भी चुदने का मन कर रहा है,

मैंने उसका हाथ हटा के अपने पेट पे कर दिया, और फिर सोने का बहन करने लगी ऐसे की मानो मैं गहरी नींद में हु, फिर से संभव ने मेरी चूचियाँ को सहलाना शुरू कर दिया, मैं थोड़ा देर तक चुप रही पर वो अब जोर जोर से दबाने लगा मैंने अपना आँख खोल दिया और बोला ये क्या कर रहे हो, तुम्हारी इतनी हिम्मत तुम माँ के साथ ऐसी बदतमीजी, पर वो नहीं माना वो सीधे मेरे ऊपर चढ़ गया और हाथ को पकड़ के मेरे होठ को चूसने लगा, मैं कसमसा रही थी, ताकि मुझे ये पसंद नहीं, मैंने कहे जा रही थी ये गलत है छोडो मुझे पर वो हैवान हो चुका था, उसके शरीर में वासना की आग धधक रही रही थी, मैं भी उतना ही वासना की आग में जल रही थी पर मैं क्या करती रिस्ता ही माँ बेटे का है, पर मेरा सब्र का बाँध टूट गया और मैंने भी उसको उसकी तरह से जवाब देने शुरू कर दिया,

मैंने उसके होठ को चूसना सुरु कर दिया बस क्या उसने मेरा ब्लाउज और ब्रा खोल दिया मैंने अपना पेटीकोट खोल दिया और मैंने अपना चूच पकड़ के उसके मुह में डालने लगा और मैं तो स्वर्ग में थी, मेरी पूरी चूत गीली हो गयी वो मेरे चूत में ऊँगली देने लगा और फिर निचे जाके वो मेरे चूत को जीभ से चाटने लगा, मैं तो बास आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआउउउउउउउउउउउच कर रइही थी, मेरे मुह से सिर्फ हाय हाय हाय चाट साले चाट अपने माँ के बूर को चाट, तेरे बाप ने मेरी चूत कभी नहीं चाटी आज तूने मुझे खुश कर दिया. अरे मादरचोद अपने माँ को चोद दे, कर दे मेरी वासना को शांत | आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

संभव ने अपने मोटे लंड को मेरे बूर के ऊपर रखा और कस के धक्का दिया, और पूरा लंड मेरे बूर के अंदर डाल दिया, हाय मैं मर गयी और मेरे मुह से एक शकुन भरी आह निकली, फिर क्या था, मैंने अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, वो मेरे बूर को फाड़ के रख दिया, उसने उस रात को मुझे करीब ४ बार चोदा, मैं काफी दिन से प्यासी थी उसी दिन मेरी सच की प्यास बुझी, फिर क्या अभी मैं जयपुर में ही हु, अब तो वो मारा बेटा भी है और मेरा सैया भी, खूब मजे ले रही हु, आपको ये कहानी कैसी लगी जरूर कमेंट करे, और रेट भी करे धन्यवाद.

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