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मेरा भाई मुझे पुत्र का सुख दिया मेरा सपना साकार हुआ

दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक कहानी सूना रही हु, ये कहानी एक कहानी नहीं है ये मेरी ज़िंन्दगी है, कई बार जब इंसान को वो भी करना पड़ता है जिसको हमारे समाज ने मान्यता नहीं दे राखी है, पर क्या करे किस्मत कब करवट बदले और इंसान को क्या करना पड़े किसी को भी नहीं पता, आज की कहानी इसी पे आधारति है, मुझे अपनी कहानी लिखने की प्रेरणा मुझे नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम से ही मिली है, पर आज मैं अपनी आत्मा में जो दबी हुई जो बात थी मैं इस वेबसाइट पे आपको बता रही हु,

मेरा नाम कृति है, मैं एक मध्यम परिवार से आती हु, ऐसे मैं बरेली की रहने बाली हु पर, ग़ज़िआबाद में रहती हु, मेरी उम्र 23 साल है, मेरी शादी को हुए ३ साल हो गए है, पर मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ था, दो साल तक मैं इलाज करवाती रही, मेरे पति ज्यादा होशियार नहीं है करोडो की सम्पति है, पर वो मंदबुद्धि है, मेरे पति का लंड खड़ा नहीं होता है, जब मैं जोश में आती हु वो निढाल हो जाता है, आज तक मैं कभी भी उससे संतुष्ट नहीं हो पाई हु, मुझे सुहागरात से ही पता चल गया था की मेरा पति नामर्द है, मेरे माँ बाप तो धन दौलत देख कर शादी कर दिए थे, पर भगबान ना करे किसी के साथ ऐसा हो.

मैं काफी अपसेट रहने लगी, क्यों की जिसकी भी शादी मेरे शादी के समय हुआ था उसके गोद में बच्चे खेल रहे थे, मुझे तो बच्चा से ज्यादा मुझे अपनी इज्जत बचानी थी, क्यों की मेरे सास और ससुर का कहना था की कमी मेरे पति में नहीं बल्कि मुझमे ही है, और वो लोग मेरे पति की दूसरी शादी करवाना चाह रहे थे, ये बात तो मुझे पता था की दोष मुझमे नहीं बल्कि मेरे पति में है पर घरवाले नहीं माने ना तो उनके इलाज के लिए हामी भरी, मेरे सास ससुर साफ़ साफ़ कह दिए की अगर तुम एक साल के अंदर अगर बच्चे पैदा करोगी तो ही तुम मेरे घर की बहू रहोगी नहीं तो मैं अपने बेटे की शादी श्याम बाबू की बेटी के साथ कर देंगे, मैं अवाक् रह गई, पर मैंने भी फैसला कर लिया की मैं माँ बनूँगी.

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काफी सोच विचार करने के बाद मैं इस नतीजे पे पहुंची की, बिना सेक्स सम्बन्ध बनाये मैं माँ बन नहीं सकती, और मुझे होशियार भी रहना होगा ताकि किसी को पता भी ना चले, मैंने चाल चलनी सुरु की, पहले तो मैंने अपने सास ससुर को खूब सेवा करने लगी, और फिर मैं अपने पति को हैं भावना से नहीं देखा, मैंने उनको प्यार करने लगी और रिझाने लगी, मैंने रोज रात को उनके सामने नंगी जाती और मैं खुद सेक्स करती, अगर उनका लंड ठंढा भी हो जाता तो मैं कहती आज बहुत मजा आ रहा है, आज मैं खूब चुदी हु आपसे, मजा आ गया पर मुझे पता रहता था की पति का लंड मेरे बूर में एक इंच से ज्यादा नहीं जाता था.

एक दिन की बात है, मेरे पति का दबाई आगरा से चलता है, तो मेरे सास ससुर और पति तीनो को चार दिन के लिए आगरा जाना हुआ, आपको तो पता है उनकी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं रहती है इसवजह से, तो मैंने सास ससुर को कहा की मैं अकेली रहूगी, तो तीन चार दिन के लिए जब तक आपलोग नहीं आते है मैं अपने छोटे भाई रोहित को बुला लेती हु, वो लोग भी मेरी बात को ना काटते हुए, उन्होंने ने ही रोहित से मोबाइल पर बात की और बुला लिया, सुबह तीनो आगरा के लिए चले गए और मेरा भाई भी 12 बजे दोपहर तक आ गया.

दिन में मैं अपने भाई को साड़ी बात बताई की मेरे साथ ये ये प्रॉब्लम है, और मैं बहुत रोइ अपने भाई के कंधे पर सर रखकर, बात चिट और अपना सुख दुःख बांटते हुए शाम हो गया, भाई ने कहा बहन मैं तुम्हारे साथ हु, जब भी मेरी जरुरत हो मैं सदैब तैयार हु, आपको लिए, रात को खाना खाकर, भाई के लिए दूसरे कमरे में बिस्तर लगा दिया, वो लेट कर टी वी देख रहा था, करीब रात के दस बजे मैं उसके कमरे में गई, बाल खुला था, लाल लाल लिपस्टिक लगाई हुयी थी, बहुत बढ़िया डिओड्रेंट लगा कर, रेड कलर का गाउन पहन के भाई के कमरे में गई, और दरवाजा बंद की, भाई चुपचाप मुझे निहार रहा था, उसके बाद मैंने गाउन का रिबन खोल दिया और गाउन को पीछे से निकाल दी, मैं पहले से ब्रा और पेंटी खोल रखी थी, मेरा मखमली बदन, बड़ी बड़ी सुडौल चूचियाँ, बूर बिना बाल का अभी अभी सेव कर के आई थी, वो देखते ही कहा दीदी………. आप………… क्या………. कर……… रहे……… हो. मैंने कहा रोहित तुमने वादा दिया है मुझसे की मैं साथ दूंगा, अगर तुम्हे अपनी बहन की परवाह है तो मुझे माँ बना दो, मैं बच्चा देना चाहती हु, पर तुम्हे पता है की पति मुझे ये सुख नहीं दे सकता तो मैं आज सोच ली की मैं अपने सगे भाई के बच्चे की माँ बनूँगी, अगर तुम चाहते हो, तुम्हारी बहन सलामत और हसी ख़ुशी रहे तो मेरा गोद भर दे.

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और मैं अपने भाई के पास पहुंच गई और अपने कोमल होठ अपने भाई के होठ पर रख दिया, दो से तीन मिनट में ही रोहित माँ की तरह पिघल गया और मुझे वो सुख देने लगा जिसका मैं तीन साल से इंतज़ार कर रही थी, वो मुझे ऊपर से नीच तक चूमने लगा, और फिर मेरी चूचियों को पिने लगा, मेरी चूत को जीभ से चाटने लगा, मुझे पहली बार एहसास हुआ की मर्द क्या होता है और सिहरन क्या होती है, मेरे रोम रोम वासना से भर गया था, मैंने चुदना चाह रही थी और अपनी चुदाई की भूख को शांत करना चाह रही थी, मैंने भी सहयोग करने लगी, मेरे बूर से गर्म गरम पानी निकलने लगा, मैंने रोहित को लंड को पहले खूब चूसी और फिर मैंने कहा भाई अब बर्दास्त नहीं हो रहा है चोद दो मुझे. उसके बाद तो रोहित का लंड मुझे जोर जोर से चोदने लगा, मैंने हरेक झटके के साथ हाय हाय हाय का आवाज निकाल रही थी, खूब चुदी पहली बार,

उसके बाद क्या बताऊँ दोस्तों रोहित बाजार से सेक्स का गोली लाया अब तो और भी उत्तेजक हो गया, बोला दीदी इन चार दिन में ही आपके खेत में फसल लगा कर जाऊंगा, और हुआ भी यही, चार दिन में करीब मुझे चालिश बार चोदा और आठ बार गांड मारा, और ख़ुशी की बात हुयी की मैं माँ बनने बाली हो गई, और भगवान का शुक्र है की, जब तीनो वापस आये तो बोले की बेटी मैं तुम्हारे पति को लेकर एक तांत्रिक के पास गई थी, वो एक अमरुद दिया है, आज खाकर तुम दोनों साथ सोना, बोला की बच्चा हो जायेगा. उस दिन वही किया, और अगले महीने मुझे पीरियड नहीं आया और मैं माँ बनने बाली हो गई, पिछले महीने ही मैंने एक बेटा को जन्म दिया, वो बच्चा मेरे भाई का बेटा है, लेकिन घर बालों को लग रहा है की वो तांत्रिक बाबा का वरदान है.