हेलो दोस्तों, दिल्ली की चका चौंध में पता नहीं लोग कितने अरमान और सपने देखते है, किसी का पूरा होता है किसी का नहीं होता है, पर सबको एक दूसरे से एडवांस बनने की होड़ है, अगर किसी को बॉय फ्रेंड नहीं है या तो किसी को गर्लफ्रेंड नहीं है तो उसका स्टेटस दोस्तों में कम होता है, क्या बताऊँ दोस्तों मैं भी उसी दलदल में फस गई, मैं आपको अपनी पूरी कहानी बताउंगी, कैसे मुझे दो लड़कों ने चोदा था वो मेरी पहली चुदाई थी और लड़कों दो मेरी छोटी सी चूत को क्या क्या सहना पड़ा था उस दिन आज मैं आपको पूरी कहानी बताउंगी,
मेरा नाम रूपाली है, मैं एक साधारण परिवार से आती हु, मेरे पापा एक कंपनी में काम करते है माँ भी काम करती है तब घर चलता है, मैं अपने माँ बाप की अकेली संतान हु, बड़े लाड प्यार से दोनों ने मुझे पाला है, मैं अठारह साल की हु, बी ए सेकंड ईयर में पढ़ती हु, देखने में बहुत ही खूबसूरत हु, लड़के तो मेरे ऊपर बहुत मरते थे, मुझे परपोज करते थे, पर मैं किसी को ज्यादा भाव नहीं देती थी कारण ये भी था की माँ पापा हमेशा कहते थे की की बेटी ज़माना बहुत खराब है, दोस्ती मत करना, आज कल के लड़के सिर्फ गलत काम करने के लिए लड़किओं को पटाते है जब उनका मकसद पूरा हो जाता है तब तो छोड़ देते है, इसवजह से तुम कभी किसी लड़के से दोस्ती मत करना.
मैं अपने पेरेंट्स की बात को मान कर दो तीन साल तक मैं कभी दोस्ती नहीं की पर मेरे साथ की जो भी सहेली थी उसका बॉय फ्रेंड था, और सब लोग बाते करते थे की फ्रेंडशिप में बहुत मजा है, इसवजह से मैं, भी अपने आप को रोक नहीं पाई और मैंने एक लड़के का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया, फिर सब कुछ अच्छा चलने लगा, मुझे लगा की अगर मुझे सबसे ज्यादा कोई मेरा ध्यान रखता है तो वो मेरा बॉयफ्रेंड है, मुझे समझ आने लगा की माँ बाप क्यों बोलते थे की गलत है, गलत होता है, तुम्हे यूज़ करेगा, जब की मुझे ऐसा कुछ भी नहीं लगा, मैं बहुत ही खुश रहने लगी.
अचानक मुझे फ़ोन कर के मुझे बताया की रूपाली मैं अब बंगलुरु जा रहा हु, पढाई करने के लिए, हमलोग फ़ोन पे या तो व्हाट्सप्प पे ही बात कर लिया करेंगे, फिर वो चला गया, मैं अकेली हो गई, बस कॉलेज जाती और आती थी, ज़िंदगी नीरस सी होने लगी, सब का बॉयफ्रेंड और मेरा कोई नहीं, मैं जल बिन मछली के तरह हो गई थी मैं जल्दी सूखे से पानी में कूदना चाहती थी, इसवजश से मैं भी सोच रही थी की कोई अच्छा सा लड़का मिले और हम दोनों फ्रेंड्स बन जाएँ.
हुआ भी ऐसा, मैं जैसे ही अपने घर से निकलती एक लड़का मुझे रोज घूरता और मेरा पीछा करता, मुझे अच्छा भी लगता और खराब भी लगता, और वो धीरे धीरे मेरे से बात करने लगा और फिर वो मेरे साथ कॉलेज रोज मेट्रो में जाता और फिर वो कॉलेज के बाहर मेरा इंतज़ार करता, मैं किसी भी बात तो या तो पहले बाला बॉय फ्रेंड हो या तो ये मैं किसी को भी भनक नहीं लगने दिया, और घुल मिल गई, ये सब हुए बस १० से पंद्रह दिन ही हुए थे, मैं तो पागल हो गई थी, इस लड़के के लिए. उसने मुझे कहा की आज मेरा बर्थ डे है, आज मैं तुम्हे पार्टी देना चाहता हु,
मैं भी सोची ठीक है, मैं उस लड़के के साथ एक फ्लैट पे चली गई, उस फ्लैट में कोई भी नहीं रहता था, खाली था, मेरे बॉयफ्रेंड के साथ उसका दोस्त भी था, हम जब वह पहुंचे तो मुझे लगा शायद सब कुछ ठीक नहीं हो रहा है, इस वजह से मैं थोड़ी हिचकिचाई, पर मैं पूरी तरह से बॉयफ्रेंड के चक्कर में अंधी हो चुकी थी, मेरे लिए वही पर बाहर से कुछ खाने ले लिए लाया, फिर वो मेरे से फ्लर्ट करने लगा, कभी वो किश करता कभी वो मेरे जांघ को सहलाता तो कभी वो मेरे पीठ पे हाथ फेरता.
उसके बाद वो मुझे कहा की रूपाली आज तू मुझे खुश कर दे, मैंने पूछा क्या मतलब खुश कर दे का, तो वो बोला की आज मुझे सेक्स करने दे, मैंने कहा नहीं मैं तुम्हे सेक्स करने नहीं दूंगी मैं अभी इस लायक नहीं हु की मैं अभी तुम्हारे साथ हमविस्तर हो सकु, उसने मुझे अपना कसम दिया, और बोला मैं सिर्फ तुम्हारे साथ प्यार करता हु, अगर तुम मुझसे सेक्स करोगी और तेरी जवानी और भी निखार जाएगी, यही सब बात करते रहा, मैं अपने आप को रोक नहीं पाई और बोल दी ठीक है, पर मैंने इशारा किया की ये तेरा फ्रेंड, तो बोला वो अभी चला जायेगा, और उसने उसको कह दिया की चले जाने को और वो चला गया, मेरा बॉयफ्रेंड उठा और बाहर जाके कुछ बोला अपने फ्रेंड को और दरवाजा बंद करके आ गया.
उसने मेरी एक एक कर के कपडे उतार दिए, वो मेरी बूब्स को दबाने लगा, सहलाने लगा, और मुह में लेके पिने लगा, मेरे शरीर का रोम रोम सिहरने लगा, और मैंने भी उसके होठ को चूसने लगी, दोनों एक दूसरे को अपने बाहों में लेते रहे और फिर उसने अपना लंड निकाल से मेरे हाथ में रख दिया, मैं उसका लंड देख के डर गई क्यों की बहुत ही बड़ा लंड था. शायद मेरे चूत का छेद इतना चौड़ा नहीं था की मैं बर्दाश्त कर पाती, मैं डर गई और बोली मैं नहीं कर पाऊँगी, फिर वो मुझे समझाने लगा देख तू तो अठारह साल से ज्यादा की हो चुकी है माना की तू थोड़ी दुबली पतली है और तेरा चूत का छेद पतला है पर कुछ नहीं होगा तुम्हे अच्छा लगेगा.
मैं डरते डरते लेट गई वो मेरी टांगो को अलग अलग कर दिया और बीच में बैठ कर वो मेरे चूत को चाटने लगा, अब मुझे अच्छा लगने लगा, और वो मेरे चूत को जीभ से चाटने लगा, मैं तड़प रही थी, वासना की आग लग गई थी, मैंने कहा अब देर मत कर जो करना है जल्दी कर लो मुझे घर भी जाना है, उसने अपना मोटा लंड निकाला और मेरे चूत के छेद पर रख के एक धक्का दिया, पर लंड मेरे चूत में गया नहीं, वो कोशिश करने लगा, अपने लंड पे थूक लगा के फिर से try किया, हरेक try पे मेरी जान निकल रही थी, मुझे काफी दर्द हो रहा था, पर वो धीरे धीरे करके एक बार जोर से धक्का मार और पूरा लंड मेरे चूत में समा दिया, मैं चिलाने लगी, वो फिर मेरे बूब को सहलाने लगा.
अभी तीन चार झटके ही दिया था की उसका फ्रेंड अंदर आ गया, मैंने कहा ये क्या तो बोला चुप साली जब मैं इसके गर्लफ्रेंड को चोदता हु तो क्या मेरा फर्ज नहीं बनता है की मैं भी शेयर करूँ, उसके बाद उसने जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया और मैं चुदवाने लगी, वो दूसरा लड़का अपना लंड निकाल के मेरे मुह में डाल दिया और मेरा फ्रेंड मेरे चूत में लंड, मैं ऊपर से भी और निचे से भी चुद रही थी, फिर एक एक कर के दोनों मुझे चोदने लगा, करीब दोनों ने मुझे २ घंटे तक चोदा और फिर दोनों खलाश हो गया.
पर मैं अपनी क्या बताऊँ दोस्तों, मेरा तो चूत का दोनों ने सत्यानाश कर दिया, छोटी सी छेद पे दोनों का मोटा लंड अंदर जा जा के मेरे चूत को फाड़ दिया, मैं उस दिन की चुदाई को आज तक नहीं भूल पाई हु. अब मैंने सोच लिया की मैं कोई फ्रेंड नहीं बनाऊॅंगी, और नेक्स्ट जब भी चुदुंगी तो अपने पति के साथ ही.