मेरी पहली चुदाई खेत के झोपड़े में अपने भाई से चुदाई

Bhai Bahan Sex, Khet Me Sex, Khalihan Me Sex, Jhopdi me sex, हेलो दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी सेक्स कहानी सुनाने जा  रही हूँ। यह कहानी मेरे और मेरे चचेरे भाई के बीच  1  चुदाई की कहानी की है।  आज मैं आपको इस वेबसाइट पर यानी कि नॉनवेज story.com ऊपर अपनी कहानी को लिखने जा रही हूँ।  यह कहानी मेरी जिंदगी के सबसे यादगार लम्हों में से एक है।  इस कहानी को मैं कभी जिंदगी में भूल नहीं पाऊंगी।  और वह जो किया था उसकी वजह से आज भी मैं अपने भाई से सेक्स करवाते हुए भले ही मैं ससुराल में रहते हो लेकिन जब वह भी आता है, जब मैं मायके जाती हूं तो उसके साथ में जरूर सोती हूं। 

 तो आखिर वह कैसे हुआ था वह मैं आपको इस कहानी के माध्यम से आप को  सुनआऊंगी।  जब मेरी उम्र छोटी थी जब मैं जवान हो रही थी तो मुझे भी सेक्स करने का मन करता था पर गांव में आपको भी पता है ज्यादा दोस्ती जा रही गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड नहीं होता है अगर आपको सेक्स करना है या चुदाई करना है।  तो आपको अपने परिवार के ही किसी इंसान से रिश्ते बनाने पड़ेंगे। 

 भले आजकल जमाना बदल गया है पर मेरे जमाने में अपने ही घर के लोग से ही अपनी वासना की आंखों बुझाया करते थे।  मैं भी अपनी वासना की आग को अपने भाई से ही बुझ आई थी।  मेरा चचेरा भाई का नाम अजय है।  और मेरा नाम चंदा।  हम लोग किसान परिवार से आते हैं पर रईस किस्म के लोग हैं।  हम लोग के घर का काम नौकर ही करते हैं।  जब खेती बारी का समय आता था तो शौक से कभी खेत  चले जाते थे।  जब फसल पक जाता था उसमें भी कभी-कभी मचान जो बनता था या जो खलिहान बनता था वहां जरूर जाते थे। 

 मचान और खलिहान में जाना और वहां रहना बहुत अच्छा लगता था।  तो 1 दिन की बात है हम अपने भाई के साथ खलिहान गए हुए थे।  कल्याण में मचान था यानी कि एक ऐसा झोपड़ा जहां पर रात में रहकर खलिहान के अनाज की देखभाल किया जाता था।  दोपहर का समय था आस पास कोई लोग नहीं थे मैं और मेरा भाई दोनों ही खलिहान में थे। 

दूर-दूर तक कोई नहीं था क्योंकि गर्मी का दिन था सब लोग अपने घर को चले गए थे और हम भी आए इसलिए आ गए थे क्योंकि मेरे मम्मी और पापा दोनों नानी के घर गए हुए थे और उसके मम्मी पापा मार्केट गए हुए थे इसलिए हम दोनों अकेले थे इसीलिए घूमने के लिए गए थे। 

 जवान लड़का लड़की आपस में मिलता है तो बातें बढ़ ही जाती है।  हम दोनों एक दूसरे को पहले से ही पसंद करते थे पर भाई बहन का रिश्ता ही आड़े आता था।  उस दिन फिर मौका मिल गया था हम दोनों को,  हम दोनों ने अपनी बातों को इजहार कर दिया।  और सच पूछिए तो मैंने ही उसे कहा क्या अजय क्या तुमने कभी  मुझे ऐसी वैसी निगाहों से देखे हो।  उसने पूछा ऐसे ही वैसे निगाहों का मतलब तो मैंने उसे समझाया कि तुमने कभी मेरे शरीर को देखकर मेरे बदन को देखकर ऐसा तेरे मन में कभी आया कि काश 1 दिन के लिए रिश्ता बनाने का मौका मिल जाता। 

 अजय बोला ऐसा तो रोज रात को लगता है।  मैंने कहा मुझे भी ऐसा ही लगता है मुझे लगता है कि काश तुम मुझे एक रात के लिए मिल जाओ तो मैं अपने  वासना की आग को बुझा पाऊं।  यह हम दोनों को पहले से ही लगता था कि एक ना एक दिन इजहार कर ही देंगे और काम बन जाएगा और आज वह समय आ गया था।  इतना कहते हैं अजय बोला कि यह बात अगर घर में किसी और को पता चल जाएगा तो।  तो मैं बोली कैसे पता चलेगा इस दुपहरिया में देखो कोई है क्या हम दोनों अकेले हैं हम दोनों के घर वाले भी नहीं है। 

 इससे अच्छा मौका और कभी नहीं आएगा इसलिए आज तुम चाहो तो मेरे ख्वाब को पूरा कर सकते हो और तुम अपने ख्वाब को भी पूरा कर सकते हो दोनों के लिए मौका है।  हम दोनों ऐसी बातें कर रहे थे ताकि रिश्ते को आगे बढ़ा सके और कायम रख सके।  और ऐसा भी नहीं हो कि मैं प्रपोज कर रही हूं और वह मना कर दे तो यह बात मुझे भी पता रहना चाहिए था कि कोई गड़बड़ नहीं होगा। 

 हम दोनों तैयार हो गए एक दूसरे को खुश करने के लिए झोपड़े में चले गए गर्मी का दिन था गर्मी तो लग रही थी जिस्म की गर्मी ज्यादा तेज थी उसने तुरंत ही मेरे हॉट को चूसना शुरू कर दिया मैं भी कम नहीं थी मैं भी इंतजार बहुत दिनों से कर रही थी उसके होंठ चूसने लगी।  हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए। मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां जब उसके सामने आया तो वह पागल हो गया वह तुरंत ही दबाना शुरू कर दिया। 

चूसना शुरू कर दिया खेलना शुरू कर दिया मुझे इन सब बहुत अच्छा लग रहा था।  मैं भी उसके जांघिया में हाथ डालकर उसका लंड पकड़ ली।  फिर शुरू हुआ हम दोनों का खेल वह मेरे पेंटी के अंदर हाथ डाल रखा था और मैं उसके जांगिया के अंदर। फिर तो आग दोनों एक अंदर लग गई और फिर मैंने उसके लंड को कस के पकड़ा तो उसने अपनी छोटी ऊँगली को चूत के अंदर डाल दिया। 

छूट गीली थी पतली ऊँगली तो चली गयी पर इसके पहले कभी चुदी नहीं थी इस वजह से दर्द होने लगा था पर चुदाई  का नशा छाया था इस वजह से ये दर्द कुछ भी नहीं था। मुझे तो उसका मोटा लंड चाहिए थे इसलिए मैं तो तुरंत लेट गयी। और खुद ही अपनी चूचियों को दबाने लगी। उसने मेरे चूचियों के ऊपर निप्पल कथई कलर का था उसको अपनी दोनों ऊँगली से मसलने लगा फिर मेरी चूचियों को पीने लगा।  और दांत से हौले से जब काटता मेरी आह निकल जाती ऐसा नहीं की दर्द हो रहा था मेरे अंदर एक करंट दौड़ रहा था। 

मेरे से रहा नहीं गया मैंने टाँगे फैला दी और उसको चाटने को कहा। उसने तुरंत ही बिना देर किया मेरे दोनों पैरों के बिच बैठ गया और मेरी चूत को चाटने लगा। मैं बार बार गरम पानी छोड़ रही थी वो उसको तुरंत ही साफ कर  रहा  था। मैं तो पागल हो रही थी। गर्मी का दिन था तो गर्मीं से पसीने पसीने हो गई थी  मैं और भी ज्यादा सेक्सी दिख  रही थी। 

उसने अब अपना लंड निकाला और मेरी चूत के बीचो बिच लगाया और मेरी चूत में डालने लगा पर मैं दर्द से करह उठी। बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था।  पर वो रुकने वाला कहा दो तीन झटके में ही उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर कर दिया। पहले तो पांच मिनट तक दर्द हो रहा था। पर धीरे धीरे मुझे जन्नत से लगने लगा। मुझे अच्छा लगने लगा। अब मैं धीरे धीरे मजे लेने लगी। थोड़ा खून निकला था पर मुझे पता था पहली बार में खून निकलता है। अब मैं गांड को गोल गोल घुमा कर चुदवाने लगी। 

उसने मेरे दोनों चूचियों को दोनों हाथ से पकड़ा और मसलने लगा और मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और जोर जोर से चोदने लगा। मैं जोर जोर से आआआ आआआ ओह्ह्ह्हह्हह ओह्ह्ह्ह आआह करने लगी। डर भी नहीं था की कोई सुन लेगा। क्योंकी दूर दूर तक कोई नहीं था। 

करीब आधे घंटे तक उसने मुझे चोदा तब जाकर मैं शांत हुई। और लंगड़ाते हुए घर पहुंची क्यों की चूत में काफी दर्द हो रहा था। मेरी पहली चुदाई  बहुत यादगार है। आज तक मैं अपने भाई से चुद रही हूँ. शुरुआत अच्छी थी आज तक चल रहा था। जब पति से मन भर जाता है मैं उसको बुला लेती हूँ। क्यों की ससुराल और मायका ज्यादा दूर नहीं है। पति जाता है काम पर मैं फ़ोन कर बुला लेती हूँ चोदने के लिए। या मैं जब मायके जाती हूँ तो अब आराम से चुदती हूँ। मैं दूसरी कहानी भी जल्द ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर लिखूंगी तब तक के लिए धन्यवाद।