मेरी पहली चुदाई बॉयफ्रेंड के साथ

Girl Friends Sex Virgin First Time : मेरा नाम काव्या है। उम्र 20 साल, गोरा रंग, मोटी चूचियाँ जो मेरे टाइट टॉप में कैद रहती थीं, और एक चिकनी, गोल गांड जो मेरे बॉयफ्रेंड, रोहन, को पागल कर देती थी। मैं कॉलेज में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी, और अभी तक वर्जिन थी। मेरी चूत ने कभी किसी लंड को नहीं देखा था, लेकिन मेरे सपनों में एक आग सुलग रही थी। रोहन 22 साल का था—लंबा, हैंडसम, और एक ऐसा मोटा, सख्त लंड जो मेरी चूत की सील तोड़ने के लिए बेताब था। हमारी लव स्टोरी कॉलेज में शुरू हुई थी, और धीरे-धीरे हमारी बातें चूमने और छूने तक पहुँच गई थीं। लेकिन उस रात जो हुआ, उसने मेरी वर्जिनिटी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया।

एक वीकेंड की बात है। मेरे घरवाले बाहर गए थे, और मैं अकेली थी। रोहन को पता चला तो उसने कहा, “काव्या, आज तेरे घर आ जाऊँ? थोड़ी मस्ती करेंगे।” उसकी आवाज में शरारत थी, और मेरी चूत में हल्की-सी गुदगुदी होने लगी। मैंने हाँ कह दिया। मैंने एक टाइट लाल टॉप और शॉर्ट स्कर्ट पहनी, जिसमें मेरी चूचियाँ साफ उभर रही थीं, और मेरी गोरी जांघें नंगी थीं। रोहन शाम को आया। उसने टी-शर्ट और जींस पहनी थी, और उसकी आँखों में मेरे लिए भूख साफ दिख रही थी। वो मेरे पास सोफे पर बैठ गया और मेरी जांघ पर हाथ रख दिया। “काव्या, तू आज तो बड़ी हॉट लग रही है,” उसने मेरे कान में फुसफुसाते हुए कहा। उसकी गर्म साँसें मेरे गले पर लगीं, और मैं सिहर उठी।

मैंने उसे हल्के से धक्का दिया, “रोहन, शरारत मत कर।” लेकिन वो मेरे और करीब आया, और उसका हाथ मेरी चूचियों पर सरक गया। “उफ्फ, काव्या… तेरी चूचियाँ कितनी सॉफ्ट हैं… इन्हें दबाने का मन कर रहा है,” उसने कहा और मेरे टॉप के ऊपर से मेरी चूचियों को मसलने लगा। मैं सिसकार उठी, “आह्ह्ह… रोहन… क्या कर रहा है… उफ्फ…” मेरी चूत गीली होने लगी थी। उसने मेरा टॉप ऊपर उठाया और मेरी ब्रा से मेरी चूचियाँ बाहर निकाल लीं। मेरे गोरे, मुलायम दूध उसके सामने थे, और मेरे निप्पल सख्त होकर उसे बुला रहे थे। “आह्ह्ह… रोहन… मत कर… मुझे शर्म आ रही है… उफ्फ…” मैं कराह रही थी। लेकिन वो मेरी एक चूची को मुँह में भरकर चूसने लगा। “उफ्फ… काव्या… तेरे निप्पल कितने मीठे हैं… आह्ह्ह…” वो मेरे निप्पल को चूस रहा था, और उसकी उंगलियाँ मेरी दूसरी चूची को कुचल रही थीं।

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मैं तड़प रही थी। मेरी चूत में एक अजीब-सी आग लग रही थी, जो मैंने पहले कभी महसूस नहीं की थी। मैंने उसकी टी-शर्ट पकड़ ली और सिसकारी, “आह्ह्ह… रोहन… धीरे चूस… मेरी चूचियाँ दुख रही हैं… उफ्फ…” उसने मेरा टॉप और ब्रा पूरी तरह उतार दी, और मेरा ऊपरी बदन नंगा हो गया। मेरी गोरी चूचियाँ हवा में उछल रही थीं। फिर उसने मेरी स्कर्ट ऊपर उठाई और मेरी पैंटी को नीचे खींच दिया। मेरी वर्जिन चूत उसके सामने थी—गोरी, चिकनी, और हल्के भूरे बालों से ढकी हुई। “काव्या, तेरी चूत तो किसी कुंवारी माल की तरह है। इसे चाटने का मन कर रहा है,” उसने कहा और मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं। मैं डर गई, “रोहन… नहीं… वहाँ मत कर… उफ्फ…” लेकिन उसने मेरी चूत पर अपनी जीभ रख दी और चाटना शुरू कर दिया। “आह्ह्ह्ह… रोहन… क्या कर रहा है… मेरी चूत में आग लग रही है… उफ्फ…” मैं सिसकार रही थी। उसकी जीभ मेरी चूत के होंठों को चाट रही थी, और मैं तड़प रही थी। “ओहhh… रोहन… चाट ले… मेरी चूत को चूस डाल… आह्ह्ह…” मैं चिल्ला रही थी। उसने मेरी चूत में अपनी उंगली डालने की कोशिश की, और मैं दर्द से कराह उठी, “उफ्फ… रोहन… दर्द हो रहा है… धीरे… आह्ह्ह…”

रोहन उठा और अपनी जींस नीचे खींच दी। उसका मोटा, काला लंड बाहर आ गया—लंबा, सख्त, और नसों से भरा हुआ। मैं उसे देखकर डर गई। मेरी वर्जिन चूत ने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था। “रोहन… ये बहुत बड़ा है… मेरी चूत फट जाएगी… उफ्फ…” मैं काँप रही थी। लेकिन वो हँसा, “काव्या, डर मत। पहली बार थोड़ा दर्द होगा, फिर मज़ा आएगा।” उसने मेरा मुँह पकड़ा और अपना लंड मेरे होंठों पर रगड़ा। “चूस इसे, काव्या। थोड़ा गीला कर दे,” उसने कहा। मैंने डरते-डरते उसका लंड मुँह में लिया। “उम्म… रोहन… कितना मोटा है… उफ्फ…” मैं चूस रही थी, और उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था। वो मेरे बाल पकड़कर मेरे मुँह को चोदने लगा, “चूस, काव्या… मेरी जान… आह्ह्ह…”

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फिर उसने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी टाँगें अपने कंधों पर रख लीं। मेरी वर्जिन चूत उसके सामने थी, और मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गई थीं। “रोहन… धीरे करना… मुझे डर लग रहा है… उफ्फ…” मैंने कहा। उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर सरकाने की कोशिश की। मेरी चूत टाइट थी, और उसका लंड अंदर नहीं जा रहा था। उसने थोड़ा जोर लगाया, और उसका लंड मेरी चूत की सील को तोड़ता हुआ थोड़ा अंदर घुस गया। “आह्ह्ह्ह… मर गई… रोहन… निकाल दो… मेरी चूत फट रही है… उफ्फ…” मैं दर्द से चीख पड़ी। मेरी आँखों में आँसू आ गए, और मेरी चूत से खून की बूंदें टपकने लगीं। वो रुका, और मेरे होंठों को चूमते हुए बोला, “काव्या, बस थोड़ा दर्द होगा। अब मज़ा आएगा।” उसने फिर से एक झटका मारा, और उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। “आह्ह्ह्ह… रोहन… मर गई… दर्द हो रहा है… ओहhh…” मैं चिल्ला रही थी। उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर तक जा चुका था।

वो धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। “थप-थप-थप” की आवाज कमरे में गूँज रही थी। “काव्या, तेरी चूत कितनी टाइट है… इसे चोदने में मज़ा आ रहा है… आह्ह्ह…” वो गंदी बात करते हुए मेरी चूचियाँ मसल रहा था। मैं दर्द से कराह रही थी, “आह्ह्ह… रोहन… धीरे… मेरी चूत जल रही है… उफ्फ…” लेकिन धीरे-धीरे दर्द कम होने लगा, और मेरे जिस्म में एक अजीब-सा मज़ा जागने लगा। मैंने उसकी कमर पकड़ ली और सिसकारी, “रोहन… अब थोड़ा तेज कर… आह्ह्ह…” वो मेरी बात सुनकर जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मेरी चूचियाँ हर धक्के के साथ उछल रही थीं, और मेरी चूत अब उसके लंड की आदी हो रही थी। “आह्ह्ह… रोहन… चोद दो… मेरी चूत को फाड़ दो… ओहhh…” मैं चिल्ला रही थी।

उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गांड हवा में थी, और वो मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए बोला, “काव्या, तेरी गांड तो बहुत मस्त है। इसे भी चखूँगा।” उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपनी उंगली अंदर डाल दी। “उफ्फ… रोहन… गांड में मत कर… दर्द होगा… आह्ह्ह…” मैं डर गई। लेकिन उसने कहा, “अभी सिर्फ चूत चोदूँगा, गांड बाद में।” उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत में पेल दिया और पीछे से चोदने लगा। “आह्ह्ह… रोहन… मेरी चूत को रगड़ डाल… उफ्फ…” मैं सिसकार रही थी। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और मेरा पहली बार का दर्द अब पूरा मज़े में बदल चुका था।

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फिर उसने मुझे गोद में उठाया और हवा में चोदने लगा। मेरा पूरा वजन उसके हाथों पर था, और उसका लंड मेरी चूत में गहराई तक जा रहा था। “आह्ह्ह… रोहन… क्या ताकत है तेरे लंड में… ओहhh…” मैं कराह रही थी। मेरी चूचियाँ उसके सीने से रगड़ रही थीं, और मेरी चूत से रस टपक रहा था। उसने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गया। “काव्या, अब तेरी चूत में झड़ूँगा,” उसने कहा और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। मैं चिल्ला रही थी, “आह्ह्ह… रोहन… भर दो… मेरी चूत को अपने रस से भर दो… उफ्फ…” उसका लंड मेरी चूत में फूल गया, और उसका गर्म रस मेरी चूत में छूट गया। मैं भी उसी वक्त झड़ गई, और हमारा रस सोफे पर फैल गया।

मैं थककर लेट गई। मेरी चूत सूज गई थी, और मेरे जिस्म में हल्का-सा दर्द था। रोहन मेरे पास लेट गया और मेरी चूचियों को सहलाते हुए बोला, “काव्या, तेरी पहली चुदाई कैसी लगी?” मैं हँसते हुए कराह उठी, “आह्ह्ह… रोहन… दर्द भी हुआ और मज़ा भी आया… उफ्फ…” उसने मेरे होंठ चूमे और कहा, “अब तो तेरी चूत मेरी है।” उस रात के बाद रोहन मेरी चूत का दीवाना बन गया, और मेरी वर्जिनिटी की सील टूटने के बाद हमारी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया।

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