मैं स्वाति सिंह पढ़ी लिखी लड़की हु और एक स्कूल में टीचर हु, मैं दिल्ली में रहती हु, मेरी उम्र १८ साल है, मेरी शादी हुए अभी दो महीने ही हुए है पर ज़िंदगी ने मेरे साथ खूब मजाक किया है, मैं आज लिखने में भी हिचकिचा रही हु क्यों की पहले नहीं चाहती थी की मैं अपनी बात को इंटरनेट पे डालु पर क्या करूँ ये बात मैं किसी और से कह भी नहीं सकती मैं अपने मन को कैसे हल्का करू, मैं नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे अपनी व्यथा पेश कर रही हु,
मैं ऐसे वेस्ट बंगाल की रहने बाली हु, मेरे पापा की डेथ हो चुकी है जब मैं १२ साल थी, मैं एकलौती संतान हु, मेरी माँ काफी पढ़ी लिखी और समझदार महिला है पर वो भी क्या करे भरपूर जवानी में ही उनका पति उसे छोड़ गया, वो काफी सुन्दर है, लम्बी और गोरी औरत है, मेरी माँ मेरे पापा के गुजर जाने के बाद वो किस तरह से तनहा ज़िंदगी जीई थी मुझे पता है, तो आज वो मेरे से बेवफा भी की है तो मुझे किसी भी तरह से कोई शिकबा शिकायत नहीं है, मैं और मेरी माँ अब एक ही घर में सौतन की तरह रह रहे है दोनों माँ बेटी का पति एक है.
मैं आपको अपनी ज़िंदगी के अनछुए पहलु को विस्तार से बताती हु, मेरे हस्बैंड का उम्र करीब 32 साल है और मेरी उम्र 18 और मेरी माँ की 38 अब आप समझ गए होंगे तीनो का उम्र का क्या फासला है, शादी के पहले मैं माँ बेटी आसनसोल में रहती थी मेरे एक रिश्तेदार ने मेरी शादी दिल्ली में तय किया लड़का बिहार का रहने बाला है, शादी हो गयी और हमलोग दिल्ली आ गए, सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था, मेरी सेक्स लाइफ काफी अच्छी थी, हम दोनों बिना बिस्तर गर्म किये एक दिन भी नहीं रहते थे, करीब रात भर में तीन से चार बार सेक्स होता था संडे और सैटरडे को तो हम दोनों रूम में ही बंद रहते थे मेरा पति बहुत प्यार करता था. मैं वह थोड़े दिन के बाद ही एक बगल के स्कूल में जॉब कर ली.
अब मैं रोज सुबह ६ बजे स्कूल चली जाती और वापस करीब तीन बजे आती, इस विच मैंने महसूस किया की मेरे हस्बैंड मेरे माँ को घुमाने कभी मूवी कभी इंडिया गेट कभी कॉफी हाउस, मुझे उस समय कुछ भी नहीं लगा, क्यों की मेरे हस्बैंड मुझे बोले की देखो स्वाति तुम तो खुश हो मेरे साथ लेकिन तुमने अपने माँ के बारे में सोचा उनकी भी अपनी ज़िंदगी है, वो काफी खोई खोई रहती है इस वजह से थोड़ा मैं उनके इधर उधर घुमा रहा हु, ताकि तो खुश रहे वो खुश रहेंगे तो हम दोनों भी खुश रहेंगे, बात में दम था, मैंने कहा हां बिलकुल और मेरे माँ को हम दोनों के अलावा है कौन.
एक दिन की बात है मेरे पति ने माँ को ब्यूटी पारलर ले गए उनका बाल कटवाया फेसिअल ब्लीच इत्यादि करवाया माँ गजब की लग रही थी, उसके बाद उनके लिए मॉल से अच्छे अच्छे ड्रेस ले के आये माँ वाकये में खूबसूरत और खुश लग रही थी, पर बात मैंने बिगड़ते देखा एक दिन जब मैं स्कूल से आयी दरवाजा खुला हुआ था, मैं अंदर आ गयी पर बैडरूम में माँ को मेरे पति के साथ सोये हुए देखा, पर वो दोनों कुछ कर नहीं रहे थे, पर दोनों पास पास थे, मुझे सक हुआ कुछ ना कुछ बात जरूर है,
मैं पालिका बाजार गयी और एक छुपा हुआ कैमरा ले के आयी और मैंने अपने कमरे में लगा दिया, दूसरे दिन जब स्कूल से वापस आयी और मैंने पढाई का बहन बना कर कमरे के अंदर आ के दरवाजा बंद कर दी, और मैंने कह दिया की कुछ जरुरी काम है डिस्टर्ब मत करना, और मैंने अपने लैपटॉप में देखने लगी कैमरा का बैकअप.
कैमरा में सुबह के ८ बजे थे मेरी माँ आयी और रविश को गुड मॉर्निंग बोल के लिपट गयी रविश भी माँ को अपनी बाँहों में भर लिया और बोला गुड मॉर्निंग जान, फिर माँ ने अपना कपडा उतार दिया, और और रविश को किश करने लगी, फिर रविश ने माँ का ब्रा का हुक खोल दिया और उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाने लगा, तो माँ बोली जल्दी क्या है आराम आराम से करो मेरी सौतन तो तीन बजे आएगी, मैंने दंग रह गयी मैंने सोचा मेरी माँ ऐसी बात कैसे बोल सकती है वो भी अपने बेटी के लिए की मैं उनकी सौतन हु, और फिर बोलने लगी, आराम आराम से चोदो मुझे रात भर कैसे काटती हु तुम्हारे बिना मुझे पता है, और तुम्हारे कमरे की वो सेक्सी आवाज़ जो स्वाति निकलती है जब तुम उसे चोदते हो वो तो मुझे और भी मदहोश कर देती है, मैंने अपने चूच को दबा के और बूर में ऊँगली दाल के सो जाती हु और वेट करते रहती हु की स्वाति कब स्कूल जाये.
उसके बाद मैंने रविश को देखा वो भी अपना अंडर वियर खोल दिया माँ ने रविश के लंड को अपने बूर पे सेट करती है और आराम से बैठ जाती है, और दोनों एक दूसरे को किश करते है और जोर जोर से चुदाई करते है, मेरी माँ फिर निचे हो गयी थी और ऊपर रविश को बुलारकर पैर फैला दी और बोली मेरी वासना को शांत कर दो रविश मैं काफी प्यासी हु, अब मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकती, आज रात को तुम मेरे कमरे में आ जाना जब स्वाति सो जाएगी आज मैं खूब चुदना चाहती हु, और मेरा कैमरा का मेमोरी फुल होने की वजह से वही स्टक हो गया,
दोस्तों आप मुझे कमेंट कर बताये मुझे क्या करना चाहिए, आपने मेरी कहानी सुनी आपको क्या फील हुआ, मैं क्या करू प्लीज बताओ. मैं इंतज़ार करुँगी
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