Hot Teen and Old Man Sex Story : दोस्तों मेरा नाम कविता है, मैं 18 साल की हूं दिल्ली में रहती हूं। आज मैं आपको अपने सेक्स कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर सुनाने जा रही हूं यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है मात्रा से 10 दिन पुराने हैं और दोस्तों 10 दिन के बाद से आज तक में खूब मजे ले रहे हो खूब चुदवा रही हूं। आज के मौका आया है कि आज मैं यह कहानी आपके सामने भी ला रही हूं ताकि आप लोग भी मेरी इस सेक्स कहानी का मजा ले सकें क्योंकि मैं भी आप की कहानियां पढ़ती हूं रोजाना पढ़ती हूं इस वेबसाइट की सारी कहानियां बहुत ही हॉट और सेक्सी होती है।
अब मैं आपका बिना टाइम खराब किए आपको अपनी कहानी सुना रही हूं।
मैं सरकारी स्कूल की छात्रा थी। तो मेरे जितने भी दोस्त थे उस समय सब लोग अपना अपना बॉयफ्रेंड बना रखे थे मैं भी एक दो बॉयफ्रेंड बनाई पर सब लोग मेरे से सेक्स करना ही चाहते थे उसके अलावा और कुछ नहीं था। मेरे दो तीन सहेलियां थी जो पहले ही सब अपने चूत को नीलाम कर चुकी थी। 18वां बर्थडे जब भी होता था जिस लड़की का भी दूसरे दिन वह अपने बॉयफ्रेंड से जरूर चुद जाती थी।
पर मैं बची रही इसका कारण यह था कि मेरी मम्मी बहुत स्ट्रिक्ट थी वह मुझे इधर उधर जाने नहीं देती थी , तुम्हें बची रही मैं सेक्स का मजा नहीं ले पाई बस सभी सहेलियों की बात सुन सुनकर ही मैं मजे लेती रही धीरे-धीरे 20 दिन बिता गया मैं ट्वेल्थ पास कर गई। उसके बाद हम लोगों ने वहां से कमरा खाली कर दिया और हम लोग दिल्ली के ही दूसरे जगह पर आ गए।
मुझे मन नहीं लगता था मैं दिन भर घर में ही रहती थी। पापा तो ड्यूटी चले जाते थे मम्मी अपना काम करते रहती थी घर का मैं हमेशा टीवी देखते रहती थी मेरी मम्मी यह सब देखकर चढ़ती थी उसने मुझे पड़ोस के ही अंकल के पास, ट्यूशन पढ़ने भेज दिया। ताकि वह मुझे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवा सकें और मैं वहां जाकर पड़ने लगी। अंकल मुझे बहुत अच्छे लगते थे बहुत हॉट लगते थे बहुत सेक्सी लगते थे मैं तो बहुत छोटी थी उनके हिसाब से क्योंकि उनकी उम्र करीब 50 साल के करीब थी।
अंकल की वाइफ से स्कूल में टीचर थी तो वह हमेशा सुबह ही स्कूल चली जाती थी मैं उनके हम 9:00 बजे जाती थी अंकल के एक बच्चा था वह बेंगलुरु में पढ़ाई करता था तो वह दिल्ली में अकेले ही रहते थे और मैं उनके पास ही जाती थी क्योंकि आंटी 3:00 से 4:00 बजे आती थी मैं तीन-चार घंटा वहां रहती थी।
मुझे धीरे-धीरे मेरा कृष्ण उनके प्रति बढ़ गया वह मुझे चाहने लगे मैं भी उनको चाहने लगे उम्र में मैं उनसे आधे से भी छोटी थी। पर मुझे उनका लंड लेना था क्योंकि यह शेर था किसी को पता भी नहीं चलता मेरे घर वाले को भी नहीं पता चलता लोग शक भी नहीं करते और मेरा काम भी बन जाता अरे चुदाई ही तो करना। धीरे-धीरे में उनको अपने डोरे डालने लगी उनके सामने ज्यादा झुकने लगी अपनी चूचियां उनको दिखाने लगी, अपना गांड उन को दिखाने लगी यह सब देखकर वह भी आकर्षित होने लगे।
बस क्या बात था दोस्तों करो ना मैं आंटी 1 दिन के लिए बाहर चली गई अंकल घर पर थे उस दिन में उनके यहां पहुंच गई स्कर्ट पहनी थी हॉट लग रही थी जैसे मैं अंदर गई तो अंकल बोल दिए कि आज तो तुम बहुत हॉट लग रही हो। और वह मुझे अपने पास बैठा है अपना हाथ मेरी जांघ पर रखें तो मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ने लगी।
उसके बाद उन्होंने बोला कि मैं तुम्हें आगे बढ़ा लूंगा अच्छा काम सिखाऊंगा पर तुम्हें मेरे लिए काम करना पड़ेगा। तुम्हें परीक्षा भी पास करवा दूंगा पर तुम्हें भी मेरे लिए कुछ करना पड़ेगा मैं बोली क्या करना पड़ेगा सर, तू बोले बस कुछ नहीं प्यार करना पड़ेगा तुम्हें मैं हंसने लगी मैं बोला प्यार और आपसे वह बोले अरे यार तुम समझते नहीं हो मेरे से अगर प्यार करोगे तो लोगों को शक भी नहीं होगा और तुम्हें मजा भी आएगा वैसे भी मिलेंगे सब कुछ होगा। मैं यह बात तो पहले से जानती थी इसी बात का तो मुझे इंतजार था मैंने बोला और अगर मेरी मम्मी को पता चल गया तो आंटी को पता चल गया तो वह बोले कौन बताएगा मैं तो बता नहीं रहा तुम बताओगे तो तो मैं क्यों बताऊं।
इतना सुनते ही उनके चेहरे पर खुशियां साफ साफ दिखाई देने लगा वह मेरे कंधे पर हाथ रख लिए धीरे-धीरे अपने करीब ले आए और फिर मेरे होंठ को किस करने लगे. मैं भी उनके घूम गई और उनके होंठ को वह मुझे तुरंत ही नीचे लिटा दिए और मेरा टॉप को ऊपर करके मेरी चूचियां दबाने लगे मेरी चूचियां पीने लगे, रगड़ने लगे मैं अशांत होने लगे मेरे मन में उनको जल्दी पाने की इच्छा होने लगे मैंने उनको पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और मैंने अपनी पेंट खोल दी।
उन्होंने मेरी पैंटी उतार दी और दोनों पैर को अलग-अलग करके बीच में बैठ गए फिर मेरी चूत को चाटने लगे मैं अपने चुचियों को खुद ही हाथों से मसलने लगी, वह अपने जीभ से मेरे चूत को ना लगे दोस्तों में बेहाल होने लगी मुझे लग रहा था कि मैं अब रह नहीं पाऊंगी मेरे अंदर बिजली दौड़ रही थी मेरी पूरे शरीर में सनसनाहट हो रही थी मेरे होंठ सूख रहे थे मेरे दांत एक दूसरे पर चढ़कर कल करा रहे थे मेरे निप्पल टाइट हो गए थे मेरी चूचियां गोल-गोल और बड़ी बड़ी हो गई थी।
उसके बाद उन्होंने अपना पेंट खोल कर अपना लंड निकाल कर मेरे मुंह में दे दिया मैं उसे चाटने लगी मैं उसे चूसने लगी उनके लंड से हल्का नशीला पदार्थ निकल रहा था वह नमकीन लग रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था थोड़ी देर में एक-एक बूंद निकलता मैं चढ़ते रहती निकलता और जागते रहते मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
उसके बाद उन्होंने फिर नीचे जाकर चूत कौशल आया और फिर दोनों पैरों को अलग अलग कर बीच में बैठ गए अपना मोटा लौड़ा निकालकर मेरी चूत पर रख दी और जोर-जोर से फैलने लगे दोस्तों में दर्द से कराह उठी क्योंकि इतना मोटा कभी मेरी चूत के अंदर दया ही नहीं था। दोस्तों मुझे थोड़ा तो पहले दर्द हुआ पर धीरे-धीरे के दर्द कम हो गया अब वह जोर से ले रहे थे और मैं उनको अपनी तरफ खींच रही थी जोर-जोर से अंदर घुस आए जा रहे थे मेरी चूत में जोर जोर से धक्के दिए जा रहे थे अब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था।
मेरे रसीली चूत का मजा खूब ले रहे थे मेरी चूचियां मसल रहे थे मेरे गांड को सहला रहे थे और जोर जोर से धक्के दे देकर मेरे चूत में अपना पूरा लंड घुसा जा रहे थे।
मैं कराह रही थी मेरे मुंह से सेक्सी आवाज निकल रही थी मेरे मुंह खुले के खुले रहे थे आंखे बंद हो रही थी मेरी चूत में पानी भर गया था पर वह अंकल जोर-जोर से मुझे पेल रहे थे।
उसके बाद वह लेट गए मुझे ऊपर किया मैं उनके लंड को पकड़ कर बैठ गई मेरे चूत में उनका पूरा एकदम से घुस गया फिर मैं करके उठने बैठने लगी उनके चूत में जा रहा था मैं खूब मजे लेने लगी दोस्तों वह मेरी चूचियों को दबा जा रहे थे मैं उनके लंड को अपने चूत में समाये जा रही थी।
यह सिलसिला करीब 1 घंटे तक चला दोस्तों कभी वह नीचे कभी मैं नीचे कभी वह ऊपर कभी मैं नीचे कभी, मजा आ गया था मेरी पहली चुदाई इतनी अच्छी रहेगी मैंने कभी सोचा तक नहीं था खूब मजे लिए आज 10 दिन हो गया दोस्तों रोज चुदाई करती हूँ।
अब पढ़ाई गया तेल लेने अब शुरू हो गया मेरा अलग टाइम टेबल अब सबसे पहले जाकर उनसे अपनी चूत की गर्मी शांत करवाती हूं फिर जो होता है करती हूँ।
अब मैं सोच रही हूं उनसे गांड मरवाने की जब मैं गांड मरवा होगी तो फिर से अपने कहानी नॉनवेज story.com पर आपको जरूर सुन आऊंगी तब तक के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।