Behan Ki Chudai: मैंने अपनी सगी बहन के चूत चोदने और चाटने के मजे लिए : आज मैं हाजिर यह आपके लिए एक बड़ी ही हॉट सेक्स कहानी लेके, मेरा नाम मनोज है.. में गुडगाँव मे रहता हूँ मेरी उम्र २३ साल की है.. में इस साईट नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम का बहुत बड़ा फैन हूँ.. मैंने इस पर कई कहानियाँ पढ़ी है लेकिन लिखी पहली बार है ये मेरी पहली कहानी है.. दोस्तों ये स्टोरी जो में लिख रहा हूँ, ये एक सच्ची सेक्स कहानी है.. ये स्टोरी मेरी बहन और मेरे बीच की एक घटना है, जो कि में आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ.. उम्मीद करता हु की आपको मेरी ये सेक्स कहानी अछि लगेगी.
फ्रेंड्स आपको मैं बता दू की मेरे घर पर हम चार लोग हैं.. में मेरी बहन अनामिका दीदी और मम्मी और डैडी जी, अनामिका दीदी मेरी बहन मुझसे सिर्फ एक साल बड़ी है लेकिन दिखने मे वो बहुत ही खूबसूरत है.. उसके चूचियों उसकी उम्र के हिसाब से ज्यादा है.. उसके चूचियों करीब 32-36-40 है.. बड़ी ही जबरदस्त माल है. उसकी गांड को देखकर अच्छे अच्छो के लौड़े का पानी निकल जाता है.. उसकी बूर के मजे हर कोई लेने को तैयार रहता है.. वो चीज ही कुछ ऐसी है बहुत मस्त और सेक्सी.. दोस्तों हमारी फेमेली बहुत फ्री और फ्रेंक है.. हमारे यहाँ पर शनिवार रात को हमेशा हर वीक एक पार्टी होती है.. जहाँ पर ड्रिंक्स वगेरा सब होता है.. अनामिका दीदी कॉल सेंटर मे काम करती है.. ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है..
दोस्तों ये बात अगस्त महीने की है, जब डैडी जी ऑफीस के काम से टूर पर गये हुए थे और उस रविवार घर मे सिर्फ़ में अनामिका दीदी और मम्मी ही थे.. हम उस शाम को ऑफीस से आने से पहले ड्रिंक्स और स्नेक्स लेकर घर पहुंचे.. में जल्दी से घर पहुंचा और मुझे बहुत ज़ोर की टॉयलेट आई थी, तो मैंने सीधा वाशरूम गया और फिर मैंने गेट भी खुला छोड़ दिया.. अब में जैसे ही अपना लौड़े बाहर निकाल कर पेशाब करने लगा इतने मे ही अनामिका दीदी अचानक से अंदर आ गयी.. उसे मालूम नहीं था कि में बाथरूम मे हूँ दो तीन सेकिण्ड के लिए तो वो मेरे लौड़े से निकलते हुए पेशाब को देखती ही रही.. फिर अचानक से हंसकर बाहर आ गई.. फिर मुझे बहुत गुस्सा आया में बाहर निकल कर उसको बोला कि तुम्हे देखकर आना चाहिए था.. तभी वो बोली कि मुझे लॉक करना चाहिए था.. उसके चेहरे मे एक अजीब सी मुस्कान थी..
फिर रात को 9 बजे हम तीनो ड्राइंग रूम मे टीवी देखते देखते ड्रिंक ले रहे थे.. अनामिका दीदी ने रेड कलर की टी-शर्ट और जिन्स पहनी हुई थी, जो की उसके बहुत शॉर्ट और टाईट थी..
वो अब जैसे ही खड़ी होती तो उसकी गांड पर उसकी पेंटी और अंदर से चूचियों की साईज साफ साफ दिखाई दे रही थी.. उसके चूचियों को देखकर मेरा लौड़े हर बार खड़ा हो जाता.. फिर मैंने करीब दो पेग के बाद नोटीस किया कि अनामिका दीदी मेरी तरफ बहुत ध्यान से देख रही थी.. वास्तव में हम दोनो बहुत फ्री और फ्रेंक है और एक दूसरे से लगभग सभी तरह की बातें शेयर करते है.. लेकिन उस रात उसकी आँखों मे कुछ अलग सा नशा था..
फिर मैंने अपना ड्रिंक खत्म किया और फिर में छत पर गया, वहाँ पर मैंने एक सिगरेट पीने के लिए जलाई कि अचानक अनामिका दीदी वहाँ पर आ गयी.. वो ये बात अच्छी तरह से जानती थी कि में स्मोक करता हूँ, तो अब मुझे कोई प्राब्लम नहीं हुई तभी अचानक उसने मेरे हाथ से सिगरेट ली और फिर वो सिगरेट पीने लगी.. मैंने भी उसे कुछ नहीं बोला लेकिन मुझे इतना समझ मे आया था कि वो ये पहली बार नहीं पी रही है.. क्योंकि उनके कॉल सेंटर मे ये सब होता ही है..
फिर हम सिगरेट पीने के बाद वापस नीचे आ गये.. तभी मम्मी खाना गरम कर रही थी कि अचानक अनामिका दीदी ने मुझसे बोला कि चल आज थोड़ा ज़्यादा पीते है, क्योंकि अगले दिन सन्डे था तो मैंने कहा कि ठीक है बोला फिर वो दो ग्लास लाई और बोली आज हो जाए में वोड्का लेकर आया था.. फिर हमने पेग बनाया और एक एक करके पीते गये.. अब हम दोनो को बड़ा मज़ा आ रहा था..
अनामिका दीदी की आँखे एकदम लाल हो गयी क्योंकि उसने ज़्यादा पीली थी.. फिर हम सभी ने साथ मे बैठकर खाना खाया और फिर खाना खाने के बाद में अपने रूम मे चला गया और अनामिका दीदी और मम्मी दूसरे रूम मे, अब में अपना लेपपटॉप खोलकर इस साईट की स्टोरीस पढ़ रहा था, कि अचानक रात को 1.30 बजे किसी ने मेरा रूम नॉक किया मुझे लगा कि शायद वो मम्मी होगी वो मुझे पानी देने आई होगी.. फिर मैंने लेपटॉप में पेज मिनिमाईज़ किया और गेट खोलकर देखा तो बाहर अनामिका दीदी खड़ी हुई थी..
तभी वो एकदम से अंदर आ गई और फिर उसने मुझे बोला कि मम्मी सो गई है और उसे नींद नहीं आ रही है.. वो अकेली बोर हो रही थी, उसने मेरे रूम की लाईट जली हुई देखी तो वो मेरे पास आ गयी.. फिर उसने बात करते करते बेड से लेपटॉप को अपनी तरफ खींचा और फिर कुछ सेकिण्ड में ही पेज खोल दिया.. तभी में थोड़ा डर गया..
अब मैंने झट से लॅपटॉप उससे ले लिया और फिर से पेज क्लोज़ कर दिया.. अब उसने मुझसे पूछा कि तुम क्या पढ़ रहे थे? मैंने बोला कुछ नहीं फिर ऐसे ही बात करते करते वो मेरे बेड पर ही सो गयी.. में भी उसके पास सो गया करीब आधे घंटे बाद अचानक मेरा हाथ उसकी कमर पर चला गया लेकिन अनामिका दीदी का रिएक्श्न देखकर में बहुत हैरान हो गया.. उसने मेरा हाथ खींचकर अपनी चूचियों पर रख दिया और उसकी आँखे बंद थी लेकिन उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी.. शायद उस पर शराब का नशा कुछ ज़्यादा ही चड़ गया..
उस दिन में बहुत खुश हो गया, फिर मैंने थोड़ी हिम्मत की और फिर में धीरे धीरे हाथ को आगे बड़ाता गया में अपना हाथ उसके शरीर पर हर जगह घुमा रहा था.. फिर मैंने मौका देखकर हाथ को आगे बड़ा कर उसके चूचियों पर रख दिया और ज़ोर ज़ोर से उसके चूचियों दबाने लगा और अब उसकी साँस और तेज़ होने लगी.. फिर में धीरे से उसके और करीब आ गया और फिर में उसको गर्दन मे और कान पर किस करने लगा, वो अब एकदम पागलो की तरह मचल रही थी..
फिर वो भी मुझे ज़ोर से किस करने लगी और मेरे लौड़े को अपने हाथ मे पकड़ कर उसके साथ खेलने लगी.. उसका सलाइवा बहुत टेस्टी था.. फिर मैंने धीरे धीरे उसकी कमर के पास जाकर उसकी नाईटी को ऊपर किया उसने ब्लॅक कलर की पेंटी पहनी हुई थी.. फिर में उसकी पेंटी सूंघने लगा क्या स्मेल थी यारों मैंने अब थोड़ी नाईटी और ऊपर करके उसे उतार दिया, अब वो मेरे सामने सीधी लेटी हुई थी ब्लेक ब्रा और पेंटी मे फिर मैंने ब्रा को भी पूरा खोल दिया, तो उसके चूचियों अचानक से उछल कर बाहर आ गये..
फिर में पागलो की तरह उसे काटने और चूसने लगा उसके मुहं से बस अह्ह्ह्ह चोदो मुझे प्लीज चोदो की आवाजें आ रही थी.. फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतारी तो देखकर में हैरान हो गया ब्लेक पेंटी के अंदर वाईट कलर हो गया था, क्या स्मेल थी उसकी फिर मैंने जल्दी से अपना मुहं उसकी बूर के पास ले जाकर अपनी जीभ बूर पर टच की वो एकदम हिल गई जैसे करंट लगा हो फिर मैंने जीभ उसकी बूर मे घुसाकर बूर को चाटने लगा.. वो उछल गयी और मेरा सर पकड़कर अपनी बूर पर दबाने लगी अचानक उसके मुहं से शब्द बाहर आए जो सुनकर में बहुत खुश हो गया..
अनामिका दीदी कहने लगी तू कितना खुश नसीब है जो तुझे आज अपनी सगी बहन की बूर चाटने को मिल रही है.. चोद तू मेरी बूर को आज जी भरकर में कुछ भी नहीं कहूंगी.. में ये सुनकर अपने दाँत से बूर को काटने लगा और चूसने लगा.. करीब दस मिनट चूसने के बाद उसने मेरे बाल पकड़ कर उसने मुझे अपने ऊपर खींचा और फिर किस करने लगी, फिर उसने मेरी टी-शर्ट और हाफ पेंट खोल दिया.. में झट से अपना अंडरवियर खोलकर खड़ा हो गया.. फिर वो बेड से उठकर नीचे बैठ गयी और लौड़े को हाथ मे लेकर सहलाने लगी फिर मैंने लौड़े उसके मुहं के अंदर डाला और वो लौड़े को ऐसे चूस रही थी जैसे कुल्फी खा रही हो..
करीब पांच मिनट तक चूसने के बाद मैंने उसे उठाया और बेड पर लेटा दिया और एक तकिया उसकी गांड के नीचे रख दिया और उसके दोनों पैर फैला दिये.. अब उसकी बूर बिल्कुल मेरे लौड़े के पास थी फिर में उसे और तड़पाने के लिए अपना लौड़े उसकी बूर के मुहं पर रगड़ रहा था.. तभी वो कहने लगी फाड़ ना मेरी बूर को दिखा अपनी मर्दानगी.. मैंने झट से उसकी बूर मे एक जोरदार धक्के के साथ लौड़े डाल दिया.. वो चीख पड़ी और बोली प्लीज बाहर निकाल बूर फट गयी मेरी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है..
फिर में उसके ऊपर लेट गया और उसे किस करने लगा और एक हाथ से उसके चूचियों दबाने लगा.. अब धीरे धीरे लौड़े को आगे पीछे करने लगा.. तभी कुछ देर बाद उसकी बूर बहुत चिकनी हो गई.. अब उसे भी मज़ा आने लगा था.. अब वो बोले जा रही थी कहाँ था तू इतने दिन इतना प्यारा लौड़े क्यों छुपाकर रखा था.. चोद मुझे ज़ोर और जोर पूरे जोश से बना ले अपनी रंडी.. तभी मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी फिर अचानक मुझे महसूस हुआ कि वो झड़ गयी है वो अचानक से पूरी अकड़ गई थी.. लेकिन में नहीं रुका और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.. उसने मुझे जोर से पकड़ रखा था..
फिर अचानक कुछ देर बाद मुझे लगा कि में भी झड़ने वाला हूँ, तभी मैंने उसको बोला कि अंदर डाल दूँ क्या? फिर उसने बोला कि नहीं मुहं मे डाल.. अब मैंने जल्दी से लौड़े को बूर से बाहर निकाला और उसके मुहं के पास ले गया और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा.. अचानक पूरा पानी उसके मुहं मे, नाक मे, आँख मे, पूरे चेहरे पर फैल गया था..
फिर हम दोनो थक कर लेट गये और फिर वो आधे घंटे बाद उठकर मुझे किस करने लगी और फिर थैंक यू बोला और अपने कमरे मे चली गयी मम्मी के पास..
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