मै दूध वाले से चुदती पकड़ी गई फिर ससुर और जेठ ने मुझे खूब चोदा – 2

ससुर और जेठ ने चोदा : जैसा की आपको पता है मेरे साथ क्या हुआ और मैंने क्या किया। भीम सिंह दूध वाला मुझे चोद दिया और वीर्य निहालते समय इतना जोर से ओह्ह्ह्हह्हह अअअअअ चिल्लाया की मेरे जेठ ऊपर वाले कमरे से दौड़कर आते हैं और भीम सिंह को देख लेते हैं मेरे से लिपटे हुए। भीम सिंह तो भाग जाता है। मैं नंगी उनके सामने थी उन्ही के सामने कपडे पहनी और दरवाजा बंद कर के अंदर ही डरने लगी की अब क्या होगा। तभी मेर जेठ ने फ़ोन कर के बाबूजी को बुला लिया ये बोलकर की जल्दी आओ देखो घर में क्या क्या हुआ है। उन्होंने कहा भी था मैं सत्संग में हूँ पर जेठ जी बोले आना ही पड़ेगा और फिर मैं दरवाजा खोलकर के माफ़ी भी मांगी थी अपने जेठ से की माफ़ कर दीजिये पर उन्होंने मुझे कहा आने दो बाबूजी को फिर बताता हूँ।

मैं डर कर फिर से दरवाजा बंद कर ली और अंदर ही पलंग पर लेट गयी। मैं बहुत डरी और सहमी हुई थी। मेरे पूरा शरीर जो अभी आधे घंटे पहले वासना की आग में जल रहा था मैं हिचकोले ले रही थी। मेरी चूत से बार बार गरमा गर्म पानी निकल रहा था। मेरी बूब्स यांनी की चूचियां जो की भीम सिंह मसल रहा था। मेरे होठ बार बार सुख रहे थे। मैं भीम सिंह का मोटा लंड अपनी चूत में लेकर गोल गोल घूम रही थी और अंगड़ाइयां ले रही थी। मेरी जिस्म की गर्म शांत होते ना हो रही थी। बार बार वो ऊपर से धक्के देता और मैं निचे से गोल गोल घुमा कर अपनी गांड को हौले से धक्के देती और भीम सिंह का पूरा लंड मेरी चूत में सेट हो जाता।

पर अब सब कुछ बदल गया था क्यों की मैं डर से पानी पानी हो गयी थी। मुझे क्या लग रहा था दोस्तों वो मैं ही जानती हूँ। पर धीरे धीरे हिम्मत बाँधी और सोची जो होगा देखा जायेगा। और मैं अपने आंसू पोछ ली और पलंग पर ही बैठ गयी। जब सेक्स कर ही लिया तो अब क्या डरना जो करना होगा करेंगे पर अब मैं भी दब के नहीं रहूंगी। एक जवान लड़की हूँ मेरी भी भूख है सेक्स की तो मैं कहाँ जाऊ। क्यों नहीं समझता किसी भी विधवा को जिसने अपने पति को जवानी में ही खो दिया। और समाज की बेड़ियाँ में विधवा को बाँध कर रखता है।

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तभी दरवाजे पर किसी की आने की आहट हुई और जेठ जी भाग कर दरवाजा खोले। ससुर जी बोले क्या हो गया, मुझे सत्संग छोड़कर आना पड़ा। तो जेठ जी बोले, आपको नहीं पता है ये हराम औरत क्या गुल खिला रही थी। चुदवा रही थी दूधवाला भीम सिंह से। वो पेल रहा रहा इस रंडी को। इस रंडी को ये नहीं पता की मेरे घर की वहू है। कितनी खुजली मची है इसकी चूत में की एक दूधवाले को दे दी अपनी चूत। आप देखते तो हैरान हो जाते बाबूजी, इसके बदन पर एक भी कपडा नहीं था वो पहलवान इस रंडी को पेल रहा था।

बाबूजी इतना सुनते ही आग बबूला हो गए। उन्होंने गालिया देते हुए कमरे का दरवाजा पिटे मैं दरवाजा खोली वो गालिया देते हुआ बोले बता कितनी गर्मी है तेरे में, कितनी आग लगी है तेरे चूत में बता अभी शांत कर देता हूँ। इतना कहते कहते उन्होंने अपना धोती खोल दिया अंडरवियर खोल दिया और मेरे तरफ टूट पड़े मैं सिर्फ नाइटी ही डाली हुई थी ब्रा और पेंटी भी नहीं पहनी थी भीम सिंह के जाने के बाद। उन्होंने जेठ जी से कहा तुम क्या कर रहा है मादरचोद, तेरे से एक औरत भी काबू में नहीं आई। तुम इसको चोदता तो ये नौवत आती बोल साले बोल।

इतना सुनते ही जेठ जी भी अपने कपडे उतार दिया। और एक ने हाथ पकड़ा और दूर ने मेरी टांगो के बिच में आकर अपना लंड मेरी चूत पर लगा कर जोर से पेलने लगा। पहले बाबूजी मुझे चोदे पर उनमे इतनी ताकत नहीं थी। फिर जेठ जी जब चोदने लगे दोस्तों क्या बताऊँ जोर जोर से धक्के पर धक्का और गालिया साथ में। उन्होंने मेरी नाईटी उतार फेंका और मेरी चूचियों को दबोचते हुए जोर जोर से धक्के देने लगा। बाबूजी अपना लंड मेरी मुँह में दे दिया और गालिया देने लगे कर ना अब शांत देखते हैं तेरी चूत में कितनी गर्मी है।

घर वाले मर गए थे जो बाहर चली मुँह मारने। क्यों इस लड़के का लंड (मेरे जेठ के तरफ देखते हुआ ) पसंद नहीं है तुम्हे जो चली दूधवाले से चुदने। तुमने मेरे खानदान का नाम ख़राब कर दिया है। और गालिया दे दे कर दोनों मिलकर मुझे चोदते। पर मैं भी कम चुड़क्कड़ नहीं थी क्यों की जब ये दोनों कोई कसर नहीं छोड़ रहा था तो मैं भी तैस में आ गई। मैं भी गालियां देले लगी। और अब मैं ससुर के लंड को पकड़ कर खींचती हुई बोली। बोल साले तेरे लंड में कितनी ताकत है। साले चोद आज देखती हूँ तेरे में कितनी हिम्मत है। मर्द है तो मार मेरी चूत शांत कर मेरी चूत।

और जेठ के तरफ देखकर बोली क्यों रे मादरचोद मार ना धक्का क्यों ताकत नहीं है। साले घुसा ना गांड में दम नहीं है चला था मर्द बनने तो ले चोद मार मेरी चूत। इतना कहते हुए मैं उठ खड़ी हुई और ससुर को धक्के देकर बेड पर लिटा दिया और ऊपर चढ़ गयी। उसका लंड मर चूका था ऐसा लग रहा था पिलपला सा किसी काम का नहीं मैंने कहा क्यों बे खड़ा कर ना अपना लंड। अब ससुर की गांड फटने लगी। उन्होंने कहा छोडो मुझे। छोडो मुझे मैंने कहा क्यों कहा गयी तेरी गर्मी। ससुर पानी पानी हो गया। उठकर भगा कमरे से।

जेठ के तरफ देखते हुए बोली ले ना मादरचोद चोद मुझे मैं उसके लंड में गांड रगड़ने लगी चूचियां रगड़ने लगी। वो तुरंत ही भाग खड़ा हुआ। मैंने कहा देख अगर तुमने मेरे और भीम सिंह के बिच आने की कोशिश की तो जान ले लुंगी। आज के बाद ये बात समझ लेना। पर दोस्तों वो भीम सिंह दूध वाला अब आ ही नहीं रहा है। वो भाग गया। पर अब मैं धीरे धीरे अपने जेठ के करीब आ रही हूँ। मैं आपको अपनी दूसरी कहानी में यानी की नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर बताउंगी अपनी एक और चुदाई की कहानी।