हेलो दोस्तों मेरा नाम मुकेश है, मैंने नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम का नियमित पाठक हु, मैं यही 21 साल का हु, देखने में काफी सुन्दर हु, मेरे से एक गलती हो गयी थी, मैं अपने विधवा भाभी के साथ सेक्स सम्बन्ध बनाया, पर ये सिलसिला काफी दिन तक चला था उसके बाद कब वो गर्भवती हो गयी थी मुझे पता ही नहीं चला मम्मी ने मुझे बताया की तेरी रंगरेलियां की वजह से आज मैं समाज में मुह दिखने लायक नहीं रही, मैंने पूछा क्या बात है क्या हुआ? तो वो बोली, अरे हरामी जब तुम्हे इतनी ही गर्मी चढ़ गयी थी तो चला जाता कही, किसी वैश्या के पास और उतार लेता अपनी गर्मी, वो इस तरह से गाली देती हुयी भाभी के कमरे में पहुंच गयी.
फिर भाभी को बोलने लगी, अरे कुलक्षण तुम्हे बहुत गर्मी चढ़ गयी थी, जो अपने ही छोटे देवर को फसाया और चुदवाई, भाभी बोल रही थी माँ जी मेरा दोष नहीं है मैंने कुछ भी नहीं किया था आपके देवर ने ही मुझे ये सब करने के लिए मजबूर किया, मैं कभी भी ये नहीं चाहती थी पर क्या करू मेरे से ये गलती हो गयी, प्लीज माफ़ कर दो, माँ बोलने लगी, अब एबॉर्शन करा नाक कटवा दी है मेरी क्या कहेगा समाज में की फलाना की बहू पेट से है, आरी कुलक्षण ये सब क्यों किया तूने क्या तुम्हे ये सब करने के पहले तुम्हे पता नहीं था की इसका इल्जाम क्या होगा, अरे करना ही था तो कंडोम लगा लेती,
ये सब कहते कहते माँ घर से बाहर चली गयी, मैंने खड़ा खड़ा सोचा रहा था की ये सब मेरी वजह से हुआ है, मेरी गलती है, मैंने भाभी के पास जाके बोला भाभी मुझे माफ़ कर दो, तो वो बोलने लगी, चुप हो जाओ मेरे ज़िंदगी को खराब कर दिया तुमने, मैं किसी को भी अपना मुह दिखने के लायक नहीं रही, मैंने मना कर रही थी ना तुमको, पर जवानी का नशा छा गया था अपने भाभी को देखकर ये भी नहीं सोचा था की मेरी भाभी बिधवा है.
मैं कहानी पे आता हु, मैंने कैसे मजबूर किया था अपने भाभी को चुदने के लिए, मजा तो दोनों ने लिया था पर अभी सिचुएशन ही ऐसा हो गया है की मैं एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे है,
मेरी भाभी करीब 28 साल की है, देखने में बड़ी ही खूबसूरत है, वो अपने कॉलेज में मिस सुंदरी का ख़िताब ले चुकी है आप खुद ही सोच लीजिये की कैसी होगी, मैंने उनको होली के दिन रंग लगाने गया था पर वो मना कर रही थी कह रही थी इस साल नहीं खेलूंगी रंग, अगले साल से लगा देना, पर मैंने उनके चेहरे को हरा और लाल रंग से सराबोर कर दिया, उस समय घर में कोई नहीं था मेरा हाथ बहक गया था मैंने रंग लगाते लगाते उनकी चूचियों को भी दबाने लगा, और पीछे से मैं पकड़ रखा था इस वजह से उनका गांड मेरे लंड के बीच में आ रहा था, मैं काफी कामुक हो गया था, भाभी भी बड़ी हॉट लग रही थी, कस हुआ शरीर बड़ी बड़ी चूचियाँ और गोल गोल उभरा हुआ गांड. मैंने अपना आपा खो दिया और मैंने उनकी ब्लाउज में भी हाथ डाल दिया,
वो मना कर रही थी की देवर जी, रंग तक तो सही था पर इससे ज्यादा नहीं होना चाहिए कुछ मैं आपको कुछ भी नहीं करने दूंगी, आप हाथ निकालो, पर मैं हाथ नहीं निकाला मैं तो उनके चूचियों के निप्पल को दोनों ऊँगली से पीस रहा था वो छुड़वाने का प्रयाश करती रही पर मैं उनके अपनी बाहों में भर रखा था, धीरे धीरे ना ना करते करते वो शांत हो गयी और मैंने उनको पलंग पे लिटा दिया, वो भी अब धीरे धीरे मजा लेने लगी थी, वो भी मुझे किश करने लगी, मैंने ब्लाउज का बटन खोल दिया और उनके बूब को चूसने लगा वो काफी सेक्सी हो चुकी थी क्यों की वो काफी टाइम से चुदी नहीं थी, उन्होंने सिर्फ ये कहा की माँ जी बाहर गई है पडोश में वापस आ जाएगी जल्दी कर को, मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और पेंटी खोल दी. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है,
मेरे सामने उनका चूत मेरे लंड का इंतज़ार कर रही थी, मैंने लंड का सुपर उनके योनि के छेद पे रखा और एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड घुसेड़ दिया, फिर मैंने धक्का देना सुरु किया भाभी मदहोश हो गयी थी, गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, मैंने दोनों हाथो से उनकी दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को टाइट से पकड़ लिया और जोर जोर से धक्का देने लगा, करीब १० मिनट तक उनको फुल स्पीड में चोदता रहा इस विच वो दो बार झड़ गयी थी, फिर मैंने अपना सार माल उनके चूत में ही डाल दिया और होठ पे किश कर लिया, वो फटाफट उठी और बाहर आँगन में चली गयी |
उसी दिन के बाद से जब भी मेरी माँ बहार जाती कही आस पास मैं उनको चोद देता हम दोनों मिल के मजा लेने लगे, वो भी खुश रहने लगी थी. दिन भर में करीब १० से २० बार किश कर ही लेता और एक से दो दिन में चुदाई, ये सिलसिला करीब ४ महीने तक चला पर मुझे आज ही पता चला की वो पेट से है, भाभी ने माँ को बता दी थी ये बच्चा मेरा है, अगर माँ ने ज्यादा कुछ किया तो मैं अपने भाभी को अपना लूंगा, आपको ये कहानी कैसी लगी प्लीज स्टार पे रेट करें