Sasur Bahu Sex Story : आज मैं आपको यह खत नहीं है सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूं। यह कहानी मेरे और मेरे ससुर जी के बीच बने नाजायज रिश्ते की कहानी है। अब यह तो आप ही बताएंगे कि यह जायज है या नाजायज रिश्ता है पर हां मैं आज मैं आपको यह बता देना चाहते हैं यह आजकल में अपने ससुर जी से चुद रही हूँ। उन्होंने मुझे इतनी चुदाई की कि मेरा चलना फिरना दूभर हो गया मैं चल नहीं पा रही हूं कमर में हमेशा दर्द बना रहता है मेरे जांघ में दर्द रहता है मेरे पेट के निचले हिस्से में दर्द रहता है।
यह सब कैसे हुआ क्यों हुआ एक रिश्ता कैसे बन गया वह आपको इस कहानी में बताने जा रहे हो जो कि नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पब्लिश हो रहा है। यह मेरी सच्ची कहानी है और यह मेरी पहली कहानी है। मैं इस वेबसाइट के बहुत बड़ी फैन हूं रोजाना इस वेबसाइट पर आकर कहानियां पढ़ती हो मैं कहानियां नहीं पढ़ रही हो क्योंकि रात में समय नहीं निकल पाता है मैं बिजी हो जाती हूं ससुर जी के साथ पर हाथ में समय निकालकर आपके लिए कहानियां लिख रहे हो ताकि आप लोग भी जान सके मेरे बारे में यह सब कैसे हुआ।
मेरा नाम रानी मैं 22 साल की खूबसूरत लड़की हूं पर अब मैं अपने आप को औरत कहना ही पसंद करूंगी क्योंकि लड़की रही नहीं भले ही मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ अभी पर हां औरत जरूर बन गई। मेरी शादी को हुए भी मात्र 6 महीने हुए गांव से दिल्ली आ गई अपने पति के साथ। मुझे बहुत शौक था दिल्ली घूमने की बाहर रहने की और पति के साथ प्रेम संबंध बनाने की और दोस्तों कई बार ऐसा होता है जब कुछ आप ज्यादा सोच लेते हैं वह हकीकत में नहीं हो पाता है और वह ख्वाब में बदल जाता है मेरे साथ भी यही हुआ ख्वाब ही रह गया पति के साथ प्रेम संबंध बनाने की।
पर मैं आपको अभी आपको यह भी नहीं कह रही हो कि मैं दुखी हूं मैं दुखी नहीं हूं पहले से ज्यादा ही खुश हूं क्योंकि मैं जैसे सेक्स की कल्पना अपनी जवानी में की थी वैसा ही सेक्स की भूख मिटा रही हूं। भले ही वह मेरे पति के साथ ना हो पर हां मेरे ससुर के साथ है। मैं दिल्ली तो आ गई दोस्तों शादी के बाद पति के साथ मेरा सब कुछ सही नहीं रहा उनको एक बीमारी जब भी वह सेक्स संबंध बनाने की सोचते हैं पर मैं अपना वासना की भूख को मिटाने की कोशिश करती हूं और जैसे ही मैं अपने कपड़े खोलती हूं और जैसे ही वह मुझे देखते हैं मेरे जिसमें कुछ होते हैं वैसे ही उनका सारा रस गिर जाता है नीचे।
अब आपको भी पता है जिसका वीर्य गिर जाए वो कैसे किसी औरत को खुश कर पाएगा। और यह बात ऐसी है कि कोई औरत किसी को बोल भी नहीं पाएगी ना बोलती है कि मेरा पति मुझे चोद नहीं पाता है। घुट घुट कर मेरी जिंदगी करने लगी थी मैं किसी को बोल भी नहीं पा रही थी ऐसा लगा कि मेरी जिंदगी खत्म हो गई है।
धीरे-धीरे मेरे और मेरे पति के बीच में काफी ज्यादा झगड़ा होने लगा था बात बात पर मुझे गुस्सा आने लगा था बहुत ज्यादा लड़ाई हो जाती थी दो दो तीन तीन दिन हम लोग एक दूसरे से बात नहीं करने लगे थे। इसका फायदा मेरे ससुर जी ने उठाया। शायद उनको एहसास हो गया या उन्होंने हम दोनों को देख लिया कि हम दोनों एक दूसरे को खुश नहीं कर पा रहे हैं। उनको पता चल गया कि उनका बेटा नामर्द है।
घर में और कोई है नहीं सांस पहले ही गुजर गई और यह एकलौता बेटा है दिल्ली में अच्छा खासा बिजनेस है। किस चीज की कोई कमी नहीं है पर एक बाप के लिए यह बहुत बड़ा कमी हो गया था कि उसका बेटा नाम होता है। धीरे-धीरे मेरे ससुर जी मुझे खुश करने की कोशिश करने लगे मुझे इधर-उधर ले जाने लगे मुझे होटल में खिलाने लगे घुमाने फिराने लगे मैं भी यही चाहती थी दिल्ली घूमना चाहते थे दिल्ली देखना चाहते थे खाना चाहती थी पीना चाहते थे मजे करना चाहती थी।
जो पति नहीं कर पाया अब वह ससुर कर रहे थे तो आपको भी पता है दोस्तों औरत एक ऐसी चीज होती है अगर ज्यादा समय किसी के साथ रहने दे दे या ज्यादा घूमे फिरे तो दिल आ ही जाता है। मैं भी तेरे उनके तरफ आकर्षित होने लगे क्योंकि वह मेरे शौक को पूरा कर रहे थे किसी चीज के लिए मना नहीं कर रहे थे वह मुझे खुद कहते थे ब्यूटी पार्लर जाओ वह मुझे खुद कहते थे जींस पहन लो वह मुझे खुद कहते थे चलो तेरे लिए जूता खरीद कपड़ा खरीदे सैंडल खरीदें।
यह सब अच्छा लगने लगा था। उसे बीच मेरे पति को अपने बिजनेस के लिए ही दुबई जाना पड़ा 2 महीने के लिए। अब हम दोनों यानी कि मैं और ससुर जी घर पर थे। एक दिन उन्होंने मुझे शराब ऑफर की तो मैं मना नहीं कर पाई और हम दोनों मिलकर शराब पीने लगे। जब नशे में आदमी हो जाता है तो उम्र का लिहाज भी खत्म हो जाता है। यही हम दोनों के साथ पर हुआ एक दूसरे के करीब आ गए उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला कि मुझे पता है तुम्हें किस चीज की कमी है।
क्यों ना मैं तुम्हारे कमी को पूरा कर दे मेरे से बहुत ताकत है जोश है किसी लड़के से मैं कम नहीं हूं और मेरी उम्र ही क्या हुई है मात्र 48 साल। मैंने कहा कि जिंदगी भर जिसे रिश्ते से खुश रहने की सोची थी वह रिश्ता तो मेरा खराब हो गया तो अच्छा और बुरा क्या सोचना मैं भी चाहती हूं कि एक लड़का हो जाए मुझे एक बच्चा मेरे दूध में आ जाए भले वह बच्चा आपका ही क्यों ना हो।
इतना सुनते ही मेरे ससुर जी अपनी बाहों में भर लिया और मेरे खुद को चूसने लगे। मैं भी देर किए बिना ही उनको अपने आगोश में ले ली और उनके जिस्म को सहलाने लगी। उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए। और बेडरूम में ले जाकर मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ गए। उन्होंने मेरी चूचियां सहलाने शुरू की मेरी गांड में उंगली डालने शुरू की मेरे जिस्म को चूमने लगे सहलाने लगे दांत से काटने लगे।
उनकी इस अदा पर में पागल हो गई क्योंकि मैं भी ऐसे ही चाहती थी। उन्होंने मेरे जिस्म को झकझोर दिया। मेरे को शुरू करो मेरे निप्पल को उंगलियों से रगड़ना शुरू किया। मैं पागल होने लगे मैं यही चाहती थी। उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अलग-अलग करके मेरी चूत को चाटने लगे। मैं भी मजे लेने लगी मैं भी और ज्यादा पैर फैला दें ताकि मेरी चूत को वह चार्ट सके। उन्होंने मेरी चूत को इतना सहलाया और चाटा मेरी चूत गीली होने लगी गरम गरम पानी निकलने लगा।
अब उन्होंने उंगलियां डालने शुरू किया। मैं तो पागल होने लगी मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ने लगा। मैं सिसकारियां लेने लगी अंगड़ाइयां लेने लगी। मैंने अपना सब कुछ उन को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें इतना खुश रखूंगा जितना तुम कभी सपने में भी नहीं सोच होगी। मैंने कहा अब जो भी हो मुझे कोई शिकवा शिकायत नहीं है बस मुझे आप ऐसे ही प्यार करते रहो। उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और बीच में बैठ गए।
अपना लंड निकाल कर मेरे चूत के छेद पर रखा। और पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। इतना मोटा लंड मेरी चूत में जैसे ही मेरे चुत में गया मेरे पूरे शरीर में सिहरन होने लगी। आज मैं पहली बार धन्य हो गई थी। शादी के पहले तो एक मेरे अंकल थे जो मुझे चोदते थे। शादी के बाद तो आपको पता है मेरा पति कुछ भी नहीं कर पाया मुझे। उस के बाद ससुर जी ही मेरे जिस्म की गर्मी को दूर कर रहे थे।
उन्होंने जोर जोर से धक्के देने शुरू किए और मेरी चूचियां मसलने लगे। मैं सेक्सीआवाज निकालने लगी, और वह मुझे जोर जोर से चोदने लगे। मैं भी गांड उठा उठा कर घुमा घुमा कर उनको मदद कर रही थी। और उनके लंड को चूत में ले रही थी। उन्होंने दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया और जोर जोर से धक्के देने लगे। उनका पूरा लंड मेरी चूत में समाने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
फिर वह नीचे लेट गए अब मैं उनके ऊपर चढ़ गई उनके लंड को हाथ में लेकर अपने चूत के बीच में रखकर बैठ गई। पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में ले ले। अब मैं उछाल उछाल कर उनसे चुदवाने लगी। उन्होंने मेरे चूचियों को दबोचते हुए जोर जोर से चोदने लगे।
मैं भी कहाँ कम थी। मैं भी उनके जिसमे को सहलाते हुए जोर जोर से धक्के देने लगी। अब मैं जोश में आ गयी थी। जोर जोर से धक्के देती और हाययययय ह्यआआ ओह्ह्ह्हह्हह ओह्ह्ह्हह्हह अऔच ओह्ह्ह्हह उफ्फफ्फ्फ़ की आवाज निकालती।
अब हम दोनों ही काफी ज्यादा गरम हो गए थे और एक दूसरे को खुश कर रहे थे। कोई मनाही नहीं थी जो जहां छू सकता है जिधर उंगली कर सकता है। उन्होंने अपना उंगली में ने गांड में घुसा दिया। मैंने कहा अभी इसमें नहीं बाद में कुछ दिन बाद में पहले आप मेरी चूत के घर में शांत करो उसके बाद गांड के बारे में सोचना। उन्होंने कहा मेरी रानी तुम जैसे कहोगी वैसा करेंगे मुझे भी कोई जल्दी नहीं है।
और उन्होंने फिर से जोर-जोर से चोदना शुरु कर दिया। कभी उठाकर कभी बैठा कर कभी लिटा कर, कभी घोड़ी बनाकर कभी नीचे से कभी ऊपर से। उनको जो जो पसंद हो लगा जो कामसूत्र का पोज पसंद था उन्होंने उसी को आजमाया। और खूब चोदा। पूरी रात मुझे चोद चोद कर औरत बना दिया। मेरी चूचियां दबाते दबाते बड़ी हो गयी। मेरी चूत चौड़ी हो गयी।
उसके बाद तो रोजाना मुझे 2 से 3 घंटे चोदते। यहां तक दवाई खा खाकर यहां तक कि शिलाजीत खा खा कर इतनी ताकत इतने जोश से मुझे रोजाना चुदाई की कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई। अब मेरे कमर में काफी दर्द रहता है मेरे जांघ में काफी दर्द रहता है। मेरे पेट में दर्द रहता है। मेरे चूचियां बड़ी हो गई। पर ये सब होते हुए भी मैं मजे में हूँ। खूब एन्जॉय कर रही हूँ।