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चुपचाप चुदाई एक बात भी नहीं होती है इसके सम्बन्ध में दिन भर कभी गलत निगाह से ना वो देखता है ना मैं देखती हूँ उजाले में, दिन में रिश्ता पाक है हम भाई बहन का पर रात के अंधेरे में जो होता है वही आपको इस कहानी के माध्यम से बताने जा रही हूँ।
कोई सोच नहीं सकता है जो इंसान दिन भर भाई बहन की तरह रहे दिन भर ऐसी कोई बात भी ना हो, 6 महीने से लगा नहीं की रात में क्या होता है। चुदाई भी चुपचाप होती है दोनों अपनी वासना को शांत कर लेते है जिस्म से खेलते हैं पर उस समय भी हम दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं करते मानो कुछ हुआ ही नहीं रात की बात रात तक।
अब मैं आपको अपनी पूरी कहानी विस्तार से बताती हूँ। मेरा नाम संध्या है मैं 21 साल की हूँ मेरा भाई मेरे से छोटा है। इसके अलावा मेरे मम्मी पापा हैं। एक कमरे में मम्मी पापा सोते हैं और एक कमरे में हम दोनों भाई बहन सोते हैं। हम भी दरवाजा लगा कर सोते हैं और मम्मी पापा भी दरवाजा लगा कर सोते हैं।
एक दिन की बात हैं मेरा भाई रात को डर गया था और वो काँप रहा था। रोने जैसा उसकी हालात हो गई थी उसकी मैंने पूछा क्या हुआ तो वो बोला डर लग रहा है। मैं बोली ठीक है सो जाओ डरने की कोई बात नहीं तो वो बोला दीदी बहुत डर लग रहा है तो मैं बोली चल आ जा मेरे साथ ही सो जा। मेरा बेड थोड़ा बड़ा था उसका बेड छोटा है। वो मेरे बेड पर आ गया और सो गया।
जब मैं गहरी नींद में थी तो वो मेरी चूचियां सहला रहा था। मैं भी जग गई थी, वो भी जगा हुआ था उसकी साँस तेज तेज चल रही थी। आपको पता होगा जो नींद में नहीं होता है सांस लेने का तरीका उसका अलग होगा है। मैं आँख बंद ही रखी और सोने का नाटक करने लगी। वो मेरी चूचिओं को सलहाता और हौले हौले से दबाता। मेरी बड़ी बड़ी गोल गोल चूची शायद उसको दीवाना कर रहा था। मुझे अच्छा लग रहा था मुझे लग रहा था की वो ऐसे ही दबाता रहे।
दोस्तों आपको तो पता होगा जब एक लेवल पूरा होता है तो दूसरे लेवल पर आना चाहता है मेरे कपडे के ऊपर से वो काफी दबा लिया था अब वो मेरे कपडे के अंदर से दबाने की कोशिश करने लगा। वो अपना हाथ मेरे गले के तरफ से अंदर कर मेरी चूचियों को पकड़ लिया और मेरे निप्पल को छू रहा था। मैं कामुक होने लगी पर कुछ नहीं बोली वो भी आँखे बंद किये थे और मैं भी आँखे बंद की हुई थी। उसके बाद वो मेरी चूत को सहलाने लगा उसके बाद वो मेरी पेंट में हाथ घुसा दिया मेरी चूत काफी गरम हो गई थी पानी आ गया था गीली हो गई थी। मुझे लगा ये ठीक नहीं है तो मैं उसका हाथ पकड़ कर निकाल दी और घूम कर सो गई। उस दिन यहीं तक हुआ था।
दूसरे दिन दिन भर सब कुछ नार्मल रहा रात को सोने आ गए। पापा मम्मी भी सो गए थे अपने कमरे में मैं भी अपने बेड पर आ गई थी। मेरा भाई भी अपने बेड पर चला गया लाइट बुझ गई। नींद नहीं आ रही थी क्यों की कल रात की बात याद आ रही थी। सोच सोच कर मेरे बदन में गुदगुदी हो रही थी। आँख बंद किये वही सब सोच रही थी लग रहा था वो कल का सपना रहे हकीकत में कुछ भी नहीं हुआ हो। अचानक महसूस हुआ मेरा भाई अपने बेड से उठा गया मैं चुपचाप सोने का नाटक करने लगी। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। तभी वो मेरे बेड पर आ गया। और मेरे साथ सो गया करीब आधे घंटे तक चुपचाप रहा। वो मेरे में टच भी नहीं किया उसे लगा की मैं सो चुकी हु।
तभी उसका हाथ मेरे बूब्स पर पड़ा. उस दिन मैं नाइटी पहनी हुई थी। अंदर कुछ भी नहीं पहना था ब्रा भी नहीं पेंटी भी नहीं मैक्सी पहन राखी थी, मैक्सी का गला भी चौड़ा था आराम से मेरी चूचियां बाहर आ सकती थी। वो मेरे बूब्स पर हाथ रखा दोनों बूब्स पर बारी बारी से, शायद वो नाप ले रहा था कितना बड़ा है। उसके छूने से ही ऐसा लग रहा था। फिर वो ऊपर से हाथ डाल दिया और डायरेक्ट मेरी चूचियों पर हाथ फेरने लगा। हम दोनों ही चुप, उसके बाद करीब दस मिनट बाद वो नाइटी को ऊपर कर दिया कमर से ऊपर और मेरी चूत को सहलाने लगा। उसकी दिन मैंने अपने चुत के बाल को साफ़ की थी तो चुत मेरी क्लीन थी।
वो धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर अपनी ऊँगली डालने लगा मैं अपने पैर फैला दी। वो चूचियों को दबाते हुए मेरे गाल पर हलके से किश किया मैं चुप रही वो भी चुप, वो मेरे होठ पर किस करने लगा दोनों की साँसे तेज तेज चल रही थी। तभी मैं करवट हो गई गांड उसके तरफ कर दिया। वो अब अपना हाथ आगे करके मेरी चूचियों को मसलने लगा। और मेरी चौड़ी गांड और गोल गोल चूतड़ को सहलाते लगा.
वो अपना लंड निकाल कर मेरे गांड में रगड़ने लगा। मेरी चूचियों को सहलाते हुए। मैं काफी गरम हो गई थी मेरी साँसे और तेज चलने लगी। वो अपना लैंड पीछे से मेरे चूत पर लगाया। मैंने अपना ऊपर वाला पैर उसके पैर के ऊपर रख दी यानी की बिच में जगह बन गया था मेरी चुत दोनों जांघो के बिच में खुली हुई थी वो थोड़ा सरक गया और एंगल लिया मेरे चूत और और अपने लंड का. घुसाने की कोशिश करने लगा पर जा नहीं रहा था मेरी चूत काफी टाइट थी। धीरे धीरे धीरे करके वो मेरे चुत में अपना लंड घुसा दिया।
अब वो धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा। वो मुझे चोदने लगा तब भी मैं चुप थी वो भी चुप, वो धीरे धीरे स्पीड बढ़ाया मैं भी धक्के पीछे देने लगी। वो जोर जोर से अंदर बाहर करने लगा। अचानक वो आह आह करने लगा और पूरा माल मेरी चुत में डाल दिया मैं भी तब तक ठंढी हो गई थी और वो भी अपना माल निकाल चुका था अपना लंड चुत में से बाहर निकाला। मेरी मैक्सी को निचे किया और धीरे धीरे मेरे बेड से उतरकर वो अपने बेड पर सोने चला गया।
सुबह हुई हम दोनों ऐसे ही नार्मल रहने लगे जैसे की कुछ हुआ ही नहीं। ना तो आँखे चुराना ना तो कुछ और, सब कुछ नार्मल।
दूसरे दिन रात को वही हुआ। मेरा भाई करीब रात बारह बजे फिर से मेरे बेड पर आ गया उस दिन मैं वैसे ही मैक्सी पहनी थी ना ब्रा ना पेंटी। आकर वो मेरे पास सट का सो गया मैं उस दिन करवट ले सोइ थी वो मेरे गांड में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। मैं धीरे से अपने मैक्सी को ऊपर कर दी। वो मेरे गांड को हाथ से सहलाने लगा। फिर वो मेरी मैक्सी को और ऊपर कर दिया और निचे से पेट के तरफ से मेरी बूब्स को पकड़ लिया और अपने दो ऊँगली से मेरे निप्पल को मसलने लगे। मुझे तो आग लग गई मेरे तन बदन में। मैं सीधी हो गई और पैर फैला दी। वो मेरे ऊपर चढ़ गया। मेरे होठ को चूसने लगा मेरी चूचियों को दबाने लगा। मेरे चूत में अपना लंड रगड़ने लगा मैंने अपने दोनों ऊपर थोड़े ऊपर कर ली वो अपना लंड चूत में सेट किया और जोर से धक्का दिया। पूरा लौड़ा मेरी चूत में समा गया। आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
वो चोदने लगा मेरी चूचियों को दबाने लगा मेरे होठ चूसने लगा। मैं भी उसके दोनों चूतड़ को पकड़ कर अपने तरफ खींचती ताकि उसका पूरा लौड़ा मेरे चुत में समा जाये अब मैं निचे से भी धक्के देने लगी ऊपर से वो निचे से मैं। दोनों एक दूसरे से कुछ भी नहीं बोल रहे हैं बस चुदाई कर रहे हैं। कारण वो तीस मिनट तक चोदा और हम दोनों एक साथ झड गए दोनों ठंढा पड़ गए। वो चुपचाप सोने चला गया और मैं भी सो गई।
दूसरे दिन जब कॉलेज गई तो गर्भनिरोधक गोली ले आई महीने में एक दिन खाती हु और रोज रात को मजे लेती हूँ।