मौसा जी के मोटे लंड ने मेरी चूत को जवान कर दिया

मौसा जी ने चोदा – Hindi Sex Story of Hot Desi Chudai Kahani :- मेरा नाम काजल है। मैं 19 साल की हूँ, गाँव की एक साधारण लड़की, जो अभी कॉलेज की पढ़ाई शुरू करने वाली थी। मेरा जिस्म ऐसा था कि गाँव के लड़के मेरे पीछे कुत्तों की तरह भटकते थे। मेरा गोरा रंग, छोटे लेकिन सख्त और गोल चूचियाँ जो टाइट कुर्ती में कसकर बाहर निकलने को बेताब रहते थे। मेरी कमर पतली थी, और गांड इतनी टाइट और उभरी हुई कि हर कदम पर सलवार में लचकती थी। मेरी चूत अभी तक कुंवारी थी, लेकिन उसमें एक जलन थी, एक भूख थी, जो मुझे रातों को अपनी उंगलियों से शांत करने पर मजबूर करती थी। मेरे मौसा जी, राकेश, 38 साल के थे। वो गाँव के एक मज़बूत और सख्त मर्द थे—लंबा कद, सांवला रंग, चौड़ी छाती, और मोटे-मोटे हाथ जो किसी को भी दबोच सकते थे। उनकी पैंट में उनका लंड हमेशा उभरता दिखता था, और उसे देखकर मेरी चूत में गुदगुदी होने लगती थी।

गर्मियों की छुट्टियाँ और गाँव का माहौल

गर्मियों की छुट्टियों में मैं अपने नाना-नानी के गाँव गई थी। मम्मी-पापा शहर में अपने काम में busy थे, तो मैं नानी के साथ रहने चली गई। गाँव का माहौल शांत था—खेतों की हरियाली, गाय-भैंसों की आवाज़, और हल्की हवा जो मेरे बालों को उड़ाती थी। मौसा जी का घर हमारे घर से बस दो गलियाँ छोड़कर था। वो अक्सर हमारे यहाँ आते थे। एक दिन दोपहर में मैं नहाकर बाहर आई। मैंने एक पतली सी कुर्ती और सलवार पहनी थी, जो गीली होने की वजह से मेरे जिस्म से चिपक गई थी। मेरे चूचियाँ कुर्ती में सख्त होकर बाहर निकल रहे थे, और मेरी गांड का हर कर्व सलवार में साफ झलक रहा था। मौसा जी बाहर आँगन में चारपाई पर बैठे थे। उनकी नज़र मेरे जिस्म पर टिक गई, और उनकी पैंट में उनका लंड सख्त होकर उभरने लगा। मैंने शरमाते हुए उनकी तरफ देखा और कहा, “मौसा जी, क्या देख रहे हो?” वो अपनी भारी आवाज़ में बोले, “काजल, तेरा जिस्म देखकर मेरा लंड तड़प रहा है। तू अभी कुंवारी है, लेकिन ये चूत और गांड चुदने को तैयार हैं।” उनकी बात सुनकर मेरी चूत गीली हो गई, और मेरे होंठ काँपने लगे।

रात का सन्नाटा और मौसा की हिम्मत

एक रात गाँव में बिजली चली गई। चारों तरफ अंधेरा था, और सन्नाटा ऐसा कि साँसों की आवाज़ भी साफ सुनाई देती थी। नानी अपने कमरे में गहरी नींद में सो रही थीं। मैं अपने कमरे में थी, एक हल्की सी नाइटी पहने हुए, जिसमें कोई ब्रा या पैंटी नहीं थी। मेरे चूचियाँ नाइटी के पतले कपड़े से साफ दिख रहे थे, और मेरी गांड का उभार हर हलचल में हिल रहा था। मैं बिस्तर पर लेटी हुई अपनी चूत में उंगली डाल रही थी, मौसा जी के लंड के बारे में सोचते हुए। तभी दरवाजे पर हल्की सी खटखट हुई। मैंने उठकर दरवाजा खोला—मौसा जी खड़े थे। वो सिर्फ एक ढीली लुंगी में थे, और उनका मोटा लंड लुंगी से बाहर निकलने को बेताब था। वो अंदर आए और बोले, “काजल, आज तेरी चूत को जवान करूँगा।” मैं घबराई, “मौसा जी, ये गलत है… नानी जाग गईं तो?” वो हँसे और बोले, “चिंता मत कर, आज रात सिर्फ तू और मैं हैं।” उनकी बातों से मेरी चूत और गीली हो गई।

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चूचियों का कामुक खेल

मौसा जी ने मुझे अपनी मज़बूत बाहों में खींच लिया। मेरी नाइटी का गला एक झटके में फाड़ दिया, और मेरे छोटे लेकिन सख्त चूचियाँ उनके सामने नंगे हो गए। उनकी आँखों में भूख थी। वो बोले, “काजल, तेरे ये चूचियाँ तो चूसने लायक हैं!” उसने मेरे एक चूची को अपने बड़े हाथ से दबाया, और दूसरी को अपने गर्म मुँह में ले लिया। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर गोल-गोल घूम रही थी, और मैं सिसक उठी, “आह… मौसा जी, चूस डालो मेरे चूचियाँ!” उसने मेरे निप्पल को अपने दाँतों से हल्के से काटा, और मेरे जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया। मेरे चूचियाँ सख्त हो गए थे, और उनकी चुसाई से मेरी चूत टपक रही थी। मैंने उसकी लुंगी खींचकर फेंक दी। उसका 8 इंच का मोटा, काला लंड मेरे सामने लहरा रहा था। उसकी नसें उभरी हुई थीं, और उसका सुपारा लाल और चिकना था। मैंने उसे देखा और बोली, “मौसा जी, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!”

चूत का पहला स्पर्श

मौसा जी ने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया। मेरी नाइटी पूरी उतार दी, और मैं उनके सामने नंगी पड़ी थी। मेरी कुंवारी चूत उनके सामने थी—गुलाबी, छोटी, और गीली। उसकी हर सिलवट साफ दिख रही थी, और मेरे जिस्म की गर्मी उसे और चिकना बना रही थी। मौसा जी ने अपने मोटे हाथ से मेरी चूत को सहलाया, और मैं चिल्ला उठी, “आह… मौसा जी, मेरी चूत में आग लग रही है!” उसने अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। मेरी चूत टाइट थी, और उसकी उंगलियों ने उसे खोलना शुरू किया। वो बोला, “काजल, तेरी चूत तो कुंवारी है, लेकिन गीली बहुत है।” उसने अपनी जीभ मेरी चूत की सिलवटों पर फेरी। उसकी गर्म जीभ मेरी चूत के दाने को चाट रही थी, और मैं पागल हो रही थी। मैं चीखी, “मौसा जी, चाट डालो मेरी चूत… इसे चूस डालो!” उसने मेरी चूत को अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसका थूक और मेरी चूत का पानी मिलकर टपक रहा था। मेरी गांड उछल रही थी, और मैं बोली, “मौसा जी, अब चोद दो… मेरी चूत को लंड दो!”

चुदाई का पहला धक्का

मौसा जी मेरे ऊपर चढ़ गए। उनकी चौड़ी छाती मेरे चूचियों को दबा रही थी। उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रगड़ा। उसका सुपारा मेरी चूत की फाँकों को छू रहा था, और मैं तड़प रही थी। मैं चिल्लाई, “डाल दे, मौसा जी… चोद डाल मेरी चूत!” उसने एक ज़ोरदार झटका मारा, और उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। मेरी चूत कुंवारी थी, और उसकी चुदाई से फट गई। मैं चीख पड़ी, “आह… मर गई… तेरा लंड मेरी चूत फाड़ रहा है!” मेरी चूत से खून टपकने लगा, लेकिन दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा था। मौसा जी ने अपने मोटे हाथों से मेरे चूचियाँ पकड़े और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगे। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और फच-फच की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। मेरे चूचियाँ उछल रहे थे, और उसने उन्हें कसकर मसला। मैं सिसक रही थी, “चोद… और जोर से चोद… मुझे जवान बना डाल!”

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गांड का कामुक खेल

मौसा जी ने मुझे बिस्तर पर उल्टा कर दिया। मेरी टाइट गांड उनके सामने थी, गोल और चिकनी। उसने मेरी गांड पर अपने बड़े हाथ से दो ज़ोरदार थप्पड़ मारे, और मेरी गांड लाल हो गई। वो बोला, “काजल, तेरी गांड तो चोदने लायक है!” मैं सिसकते हुए बोली, “चोद दे, मौसा जी… मेरी गांड फाड़ डाल!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड की छेद पर रगड़ा। उसका मोटा सुपारा मेरी गांड के छोटे से छेद को छू रहा था। उसने धीरे से लंड डाला, और मेरी गांड टाइट होने की वजह से फटने लगी। मैं चिल्ला उठी, “आह… फट गई मेरी गांड… मौसा जी, धीरे!” लेकिन उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी गांड में आधा घुस गया। मैं चीख रही थी, लेकिन वो रुका नहीं। उसने मेरी गांड को चोदना शुरू किया। उसका लंड मेरी गांड को रगड़ रहा था, और मेरे चूचियाँ हवा में लटककर हिल रहे थे। मेरी चूत का खून बिस्तर पर टपक रहा था, और उसकी चुदाई मुझे जन्नत दिखा रही थी।

टेबल पर चुदाई का तूफान

मौसा जी ने मुझे बिस्तर से उठाया और कमरे की टेबल पर ले गए। मेरी टाँगें चौड़ी कीं और टेबल पर लिटा दिया। मेरी चूत उनके सामने खुली थी, खून और पानी से सनी हुई। उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रखा और एक और ज़ोरदार धक्का मारा। मैं चिल्लाई, “आह… मौसा जी, मेरी चूत फाड़ डालो… चोद डालो!” उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। उसने मेरे चूचियाँ अपने बड़े हाथों से पकड़े और उन्हें मसलना शुरू किया। मेरे निप्पल सख्त हो गए थे, और उसकी उंगलियाँ उन्हें नोच रही थीं। मैं सिसक रही थी, “मौसा जी… मेरी चूत और गांड दोनों चोद डालो!” उसने मेरे होंठ चूस लिए, और उसकी जीभ मेरे मुँह में घूम रही थी। मेरी चूत का खून टेबल पर टपक रहा था, और उसकी चुदाई से मेरा जिस्म थरथरा रहा था।

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बिस्तर पर आखिरी जुनून

रात गहराती गई। मौसा जी ने मुझे फिर बिस्तर पर पटक दिया। मेरी गांड ऊपर की, और उसने पीछे से मेरी चूत में लंड ठूंस दिया। उसका लंड मेरी चूत की दीवारों को रगड़ रहा था। मैं चीख रही थी, “आह… मौसा जी, तेरा लंड मेरी जान लेगा!” उसने मेरे चूचियाँ अपने हाथों में भरे और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे। मेरी चूत का खून और पानी बिस्तर को भिगो रहा था, और उसकी चुदाई से बिस्तर की चरमराहट गूँज रही थी। वो बोला, “काजल, तेरी चूत को जवान कर दिया!” मैं सिसक रही थी, “चोद… और चोद… मेरी चूत और गांड तेरे लंड की गुलाम हैं!” उसने एक ज़ोरदार धक्के के साथ अपना माल मेरी चूत में छोड़ दिया। उसका गरम माल मेरी चूत में भर गया, और मैं भी झड़ गई। मेरा जिस्म काँप रहा था, और मेरी साँसें तेज़ थीं।

रात भर का जलवा

रात भर मौसा जी ने मुझे चोदा। उसने मुझे गोद में उठाकर छत पर ले जाया, जहाँ ठंडी हवा में मेरी चूत को फिर चोदा। उसकी चुदाई से मेरी चीखें गाँव की शांति को भंग कर रही थीं। मैंने उसके लंड को अपने मुँह में लिया, उसका माल चूसा, और उसकी हर हरकत से मेरी चूत और गांड थरथरा उठी। उसने मेरे चूचियाँ चूसे, मेरी गांड थपथपाई, और मेरी चूत को रगड़-रगड़कर लाल कर दिया। मेरी कुंवारी चूत अब पूरी तरह जवान हो चुकी थी।

सुबह का नशा

सुबह हुई, और मैं मौसा जी की बाहों में नंगी पड़ी थी। मेरी चूत सूज गई थी, उसमें से खून और माल का मिश्रण टपक रहा था। मेरी गांड लाल थी, और मेरे चूचियाँ उनके दबाने से नीले पड़ गए थे। वो मेरे माथे पर चूमा और बोला, “काजल, तुझे चोदकर जवान कर दिया। तेरी चूत अब मेरे लंड की दीवानी है।” मैंने उसका लंड सहलाया और सिसकते हुए कहा, “मौसा जी, तेरा लंड मेरी चूत का मालिक है।” मेरे जिस्म में एक नई गर्मी थी, जो उसकी चुदाई ने जगा दी थी।

चुदाई का अनंत सिलसिला

उस रात के बाद, जब भी मौसा जी को मौका मिलता, वो मुझे चोदते। कभी खेत में, कभी नदी किनारे, कभी रात के अंधेरे में। मेरी चूत और गांड उनके लंड की गुलाम बन गईं। उनकी हर चुदाई मुझे और जवान बनाती गई। यह कहानी एक ऐसी आग थी, जो मेरे जिस्म में हमेशा जलती रही।