ट्यूशन पढ़ाने गई और चुदकर आ गई

Student Teacher Tution Sex Story in Hindi – ट्यूशन पढ़ाने गई थी अपने स्टूडेंट को, पर उसने मुझे बिस्तर पर पटककर चोदा और मेरी चूत को अपने लंड से भर दिया—एक हॉट और सेक्सी कहानी

मेरा नाम प्रीति है। मैं 25 साल की हूँ, गोरी, जवान और भरे हुए जिस्म वाली लड़की। मेरी चूचियाँ बड़ी, गोल और रसीली हैं, जैसे दो पके खरबूजे, जो मेरी टाइट सलवार-कमीज़ में हमेशा उभरे रहते हैं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी हैं, जो कपड़े के ऊपर से भी हल्के-हल्के नज़र आते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गाँड मोटी, नरम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और मर्दों की आँखें उस पर टिक जाती हैं। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परत, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे की चमक से झलकती है। मैं दिल्ली में एक छोटे से फ्लैट में अकेली रहती हूँ और पास के मोहल्ले में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर गुज़ारा करती हूँ। लेकिन एक दिन, ट्यूशन पढ़ाने गई थी, और चुदकर वापस आई। ये मेरी कहानी है।

बारिश की वो रात जब सब शुरू हुआ

ये मार्च 2025 की बात है। दिल्ली में उस दिन ज़ोरदार बारिश हो रही थी। हवा ठंडी थी, और सड़कें पानी से भरी थीं। मैंने अपने स्टूडेंट, अंकित, को ट्यूशन पढ़ाने जाना था। अंकित 19 साल का था, 12वीं का स्टूडेंट, गोरा, लंबा और मज़बूत। उसकी आँखों में एक चमक थी, जो मुझे हमेशा थोड़ा परेशान करती थी। उस दिन मैंने नीली सलवार-कमीज़ पहनी थी। मेरा दुपट्टा मेरी चूचियों पर बार-बार सरक रहा था, और बारिश में भीगने की वजह से मेरी कमीज़ मेरे जिस्म से चिपक गई थी। मेरी चूचियाँ साफ़ उभर रही थीं, और मेरे निप्पल सख्त होकर कपड़े पर निशान बना रहे थे। मैंने सोचा, “जल्दी पढ़ाकर वापस आ जाऊँगी,” लेकिन मुझे क्या पता था कि उस रात मेरी चूत की प्यास बुझने वाली थी।

मैं अंकित के घर पहुँची। उसका घर मोहल्ले के आखिरी छोर पर था, एक छोटा सा मकान। मैंने दरवाज़ा खटखटाया। “कौन है?” अंकित की आवाज़ आई। “मैं हूँ, प्रीति मैम,” मैंने कहा। दरवाज़ा खुला, और अंकित सामने खड़ा था। वो सिर्फ बनियान और शॉर्ट्स में था। उसकी चौड़ी छाती और मोटी बाहें नंगी थीं, और उसकी शॉर्ट्स में उसका लंड हल्का सा उभर रहा था। “मैम, आप भीग गईं? अंदर आइए,” उसने कहा और मुझे अंदर ले गया। उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर टिकी थीं। मैं शरम से लाल हो गई। “अंकित, बारिश बहुत है। जल्दी पढ़ाई शुरू करते हैं,” मैंने कहा। “हाँ मैम, लेकिन पहले आप ये गीले कपड़े उतार लीजिए, नहीं तो बीमार पड़ जाएँगी,” उसने कहा। उसकी बात में दम था, लेकिन मेरे पास और कपड़े नहीं थे। “मैं ठीक हूँ,” मैंने कहा, पर वो हँसा। “मैम, मेरी टी-शर्ट पहन लीजिए। मैं लाता हूँ।” वो अंदर गया और एक ढीली टी-शर्ट ले आया।

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कमरे में अकेले और गर्मी का खेल शुरू

मैंने उसकी टी-शर्ट ली और बाथरूम में चली गई। मेरी सलवार-कमीज़ पूरी तरह भीग चुकी थी। मैंने अपनी कमीज़ उतारी। मेरी चूचियाँ ब्रा में कैद थीं, लेकिन ब्रा भी गीली थी। मैंने ब्रा भी उतार दी। मेरी चूचियाँ नंगी हो गईं। मेरे निप्पल सख्त थे, और ठंडी हवा उन्हें छू रही थी। मैंने उसकी टी-शर्ट पहनी, जो मेरे जिस्म पर ढीली थी, लेकिन मेरी चूचियाँ उसमें उभर रही थीं। मैंने सलवार भी उतार दी, क्योंकि वो भी गीली थी। अब मैं सिर्फ उसकी टी-शर्ट और अपनी पैंटी में थी। मेरी चूत हल्की गीली थी—बारिश से या मेरी उत्तेजना से, ये मुझे समझ नहीं आ रहा था। मैं बाहर आई। अंकित मुझे देखकर मुस्कुराया। “मैम, आप तो मस्त लग रही हैं,” उसने कहा। उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर थीं। “अंकित, पढ़ाई शुरू करो,” मैंने सख्ती से कहा, लेकिन मेरी आवाज़ में कमज़ोरी थी।

हम उसके कमरे में गए। वहाँ एक छोटा सा टेबल और दो कुर्सियाँ थीं। मैं बैठ गई, और वो मेरे सामने। मैंने किताब खोली। “अंकित, आज मैथ्स का चैप्टर 5 पढ़ेंगे,” मैंने कहा। वो किताब की बजाय मुझे घूर रहा था। “मैम, आपकी चूचियाँ बहुत मस्त हैं,” उसने अचानक कहा। मैं चौंक गई। “अंकित, ये क्या बदतमीज़ी है?” मैंने गुस्से से कहा। “मैम, सच कह रहा हूँ। आप बहुत सेक्सी हैं,” वो बोला और मेरे पास खिसक आया। उसका हाथ मेरी जाँघ पर रखा। “आह्ह… अंकित… ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत गीली हो रही थी। “मैम, कुछ गलत नहीं। मुझे आप चाहिए,” उसने कहा और मेरी टी-शर्ट ऊपर उठा दी। मेरी चूचियाँ नंगी हो गईं। मेरे निप्पल सख्त थे। “अंकित, मत करो,” मैंने कहा, लेकिन मेरी आवाज़ में तड़प थी।

चूचियों का खेल और चूत की प्यास

उसने मेरी एक चूची अपने मुँह में ले ली। उसकी गर्म जीभ मेरे निप्पल पर फिसली। “आह्ह… अंकित… चूसो… आह्ह…” मैं सिसक पड़ी। उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। “मैम, आपकी चूचियाँ कितनी रसीली हैं,” वो बोला। उसने मेरे निप्पल को हल्का सा काटा। “आह्ह… मज़ा आ रहा है,” मैं चीखी। मेरी चूचियाँ लाल हो गईं। उसने मेरी टी-शर्ट पूरी उतार दी। मैं ऊपर से नंगी थी। “मैम, आपकी चूत भी देखूँ?” उसने पूछा। मैं शरम से मर गई, लेकिन मेरी चूत उसकी बात से और गीली हो गई। उसने मेरी पैंटी नीचे खींच दी। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरी हल्की झाँटें गीली थीं, और मेरी फाँकें चमक रही थीं। “अंकित, ये क्या कर रहे हो?” मैंने कहा। “मैम, आपकी चूत को चोदूँगा,” उसने कहा और अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी। “आह्ह… अंकित… धीरे…” मैं चीखी। उसकी उंगली मेरी चूत को चोद रही थी। मेरी चूत टाइट और गीली थी। “मैम, आपकी चूत कितनी गरम है,” वो बोला और दूसरी उंगली डाल दी। “आह्ह… और डालो… चोदो मुझे,” मैं तड़प रही थी।

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उसने मुझे टेबल पर लिटाया। मेरी टाँगें चौड़ी कर दीं। मेरी चूत पूरी खुल गई। मेरी जाँघें मोटी और गोरी थीं, और मेरी गाँड टेबल पर फैल गई थी। उसने अपनी शॉर्ट्स उतारी। उसका 7 इंच का लंड सख्त, मोटा और काला था। उसकी टोपी गीली थी। “मैम, मेरा लंड लो,” उसने कहा और मेरी चूत पर रगड़ा। “आह्ह… अंकित… डाल दो,” मैं चिल्लाई। उसने एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह्ह… अंकित… फट गई… आह्ह…” मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। वो मेरी चूचियाँ दबाते हुए मुझे चोदने लगा। “मैम, आपकी चूत टाइट है। मैं आपको रंडी बना दूँगा,” वो बोला। हर धक्के से मेरी गाँड उछल रही थी। “अंकित, और जोर से… मेरी चूत फाड़ दो,” मैं चिल्ला रही थी। मेरी चूत गीली होकर लाल हो गई थी।

गाँड की चुदाई और मज़े की बारिश

उसने मुझे आधे घंटे तक चोदा। “मैम, अब आपकी गाँड चोदूँगा,” उसने कहा। उसने मुझे पलटा। मेरी गाँड गोल और नरम थी। उसने मेरी गाँड पर थूक दिया। “अंकित, धीरे,” मैंने कहा। उसने अपनी उंगली मेरी गाँड में डाली। “आह्ह… अंकित…” मैं सिसक पड़ी। फिर उसने अपना लंड मेरी गाँड में डाला। “आह्ह… फट गई… आह्ह…” मैं रो पड़ी। “मैम, आपकी गाँड मस्त है,” वो बोला और मेरी गाँड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं। “अंकित, मेरी चूत भी चोदो,” मैंने कहा। उसने मुझे फिर पलटा और मेरी चूत में लंड पेल दिया। “मैम, आपकी चूत में झड़ूँगा,” वो बोला। उसने मुझे चोदा और मेरी चूत में माल छोड़ा। उसका गर्म माल मेरी चूत से बह रहा था। “अंकित, ये क्या किया?” मैं हाँफते हुए बोली। “मैम, आपकी चूत की प्यास बुझाई,” उसने कहा और मेरे होंठ चूसने लगा।

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हर ट्यूशन का नया खेल

उस रात के बाद हर ट्यूशन में वो मुझे चोदता। कभी बेड पर, कभी सोफे पर, कभी बाथरूम में। एक दिन उसने मुझे शावर के नीचे चोदा। मेरी चूत गीली थी। “अंकित, फाड़ दो,” मैं चीखी। उसने मेरी गाँड और चूत दोनों चोदी। “मैम, आप मेरी रंडी हो,” वो कहता। मैं उसकी चुदाई की दीवानी हो गई। उसकी चूचियाँ चूसने की आदत, उसका लंड मेरी चूत में डालने का तरीका—सब मुझे पागल कर देता था।

आज का सच

अब मैं हर ट्यूशन के बाद चुदकर आती हूँ। मेरी चूत उसके माल से भर जाती है। मैं जानती हूँ ये गलत है, लेकिन मेरी जवानी की आग सिर्फ अंकित बुझा सकता है। ट्यूशन पढ़ाने गई थी, और चुदकर आ गई।

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