मेरी भाभी की आग: एक कामुक कहानी

Bhabhi Devar Kamukta Ki Sex Kahani : मेरा नाम राघव है। मैं मथुरा का रहने वाला हूँ, जहाँ हमारा पुराना घर गलियों के बीच बसा है। मेरा बड़ा भाई, विक्रम, दिल्ली में नौकरी करता है, और उसकी शादी रेशमा भाभी से हुई थी। भाभी का जलवा ऐसा था कि गली के मर्द उनकी एक झलक पाने को तरसते थे। गोरी चमड़ी, काले घने बाल, और वो कटीली कमर जो साड़ी में लहराती थी—उनकी हर अदा में एक नशा था। मैं उनका देवर था, लेकिन सच कहूँ, उनके सामने दिल की धड़कनें बेकाबू हो जाती थीं।

जब भाभी पहली बार घर आईं, मैं छत पर लेटा था। वो लाल साड़ी में नीचे आँगन में खड़ी थीं। हवा चल रही थी, और उनका पल्लू बार-बार उड़कर उनकी नाजुक कमर को नंगा कर रहा था। मैंने नीचे झाँका और मजाक में कहा, “भाभी, ये पल्लू तो आपकी इज्जत की दुश्मन बन रहा है।” वो ऊपर देखकर हँसीं और बोलीं, “देवर जी, मेरी इज्जत का ध्यान रखना तेरा काम है, या बस यूँ ही ताकते रहोगे?” उनकी आवाज में एक चुलबुली ठसक थी, और उनकी आँखों में चमक ने मेरे सीने में आग सी लगा दी।

रसोई का खेल

एक दिन माँ-पिताजी मंदिर गए थे, और भैया दिल्ली में। घर में सिर्फ मैं और भाभी थे। भाभी रसोई में थीं, और मैं बोर होकर उनके पास चला गया। वो आटा गूँथ रही थीं, और उनकी चूड़ियाँ खनक रही थीं। उनकी साड़ी का आँचल थोड़ा सरक गया था, और पसीने से भीगी उनकी कमर चमक रही थी। मैंने कहा, “भाभी, आप तो रोटी से ज्यादा गर्म लग रही हो।” वो हँस पड़ीं और मेरी ओर मुड़कर बोलीं, “राघव, तू बड़ा बेशरम हो गया है। ये बातें कहाँ से सीखीं?”

मैं पास गया और मजाक में कहा, “भाभी, आप जैसी गुरु मिलेगी तो शिष्य तो बेशरम बनेगा ही।” वो मेरे करीब आईं, और आटे से सने हाथों से मेरे गाल पर एक छाप छोड़ दी। उनकी उंगलियाँ मेरे चेहरे पर रुकीं, और वो धीरे से बोलीं, “अब बोल, कौन ज्यादा गर्म है?” उनकी साँसें मेरे चेहरे को छू रही थीं, और उस पल में मेरे जिस्म में एक सिहरन दौड़ गई। मैंने हँसकर कहा, “भाभी, आपकी ये आग तो मुझे जला देगी।” वो शरमा गईं और हँसते हुए पीछे हट गईं।

Hot Sex Kahani  भाभी की चूचियां चूस-चूसकर चोदा

होली की मस्ती

होली का दिन आया। भैया बाहर थे, और घर में रंगों की महफिल सज गई। भाभी ने सफेद कुर्ता पहना था, जो पानी से भीगकर उनके जिस्म की हर नजाकत को उभार रहा था। मैंने पिचकारी उठाई और उन्हें भिगो दिया। वो चिल्लाईं, “राघव, रुक जा, वरना मैं तुझे नहीं छोड़ूँगी!” मैं भागा, लेकिन वो दौड़कर मेरे पास आईं और मेरे सीने पर गुलाल मल दिया। उनकी उंगलियाँ मेरे जिस्म पर फिसलीं, और वो मेरे कान के पास फुसफुसाईं, “देवर जी, तेरा रंग तो मुझसे भी गहरा है।”

मैंने उनके हाथ पकड़े और कहा, “भाभी, ये रंग तो बस बहाना है, असली आग तो आपकी नजरों में है।” वो हँसीं और मेरे सीने पर हल्का सा धक्का देकर बोलीं, “बड़ा आया आग वाला, अभी तो तुझे ठंडा करना पड़ेगा।” फिर वो बाल्टी से पानी उठाकर मेरे ऊपर डाल दीं। हम दोनों भीग गए, और उस ठंडे पानी में भी मेरे जिस्म में गर्मी सी दौड़ रही थी।

छत का नशा

एक रात गर्मी की वजह से हम छत पर सोने गए। भाभी ने हल्की सी साड़ी पहनी थी, जो हवा में लहरा रही थी। उनका पल्लू बार-बार सरक रहा था, और चाँदनी में उनकी गोरी कमर चमक रही थी। मैं उनके पास लेटा था, और वो बोलीं, “राघव, तुझे नींद नहीं आ रही?” मैंने कहा, “भाभी, आप इतने करीब हों तो नींद कैसे आएगी?” वो हँसीं और मेरी ओर करवट लेकर बोलीं, “अच्छा, तो मेरे पास से दूर चला जा।”

मैंने मजाक में कहा, “दूर जाऊँगा तो आपकी ये मस्तानी अदा कौन देखेगा?” वो मेरे करीब सरकीं और धीरे से बोलीं, “तो देख ले, कितना देखना है।” उनकी साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं, और उनकी आँखों में एक चमक थी जो मुझे पागल कर रही थी। मैंने कहा, “भाभी, आपकी ये बातें मेरे दिल में आग लगा रही हैं।” वो शरमाईं और बोलीं, “तो बुझा ले, देवर जी।” उस रात हमारी बातें एक कच्ची सी मिठास लिए आगे बढ़ीं, लेकिन हम दोनों ने वो हद कभी पार नहीं की।

Hot Sex Kahani  शादी में मिली नई नवेली दुल्हन की कामुक चुदाई

बाजार का रोमांच

एक दिन भाभी ने कहा, “राघव, मेरे साथ बाजार चल।” हम स्कूटी पर निकले। भाभी मेरे पीछे बैठी थीं, और उनकी कमर मेरे हाथों को छू रही थी। रास्ते में एक झटका लगा, और वो मेरे और करीब आ गईं। उनकी साँसें मेरे कंधे पर महसूस हुईं, और वो बोलीं, “देवर जी, धीरे चलाओ, वरना मैं गिर जाऊँगी।” मैंने कहा, “भाभी, आप गिरेंगी तो मैं थाम लूँगा।” वो हँसीं और मेरे कान के पास फुसफुसाईं, “थाम लेगा या बस बातें बनाएगा?” उनकी वो गर्म साँस और नजदीकी मेरे लिए नशे से कम नहीं थी।

बाजार में भाभी ने एक साड़ी पसंद की और मुझे दिखाते हुए बोलीं, “राघव, ये कैसी लगेगी मुझ पर?” मैंने कहा, “भाभी, आप पर तो बोरी भी पहन लो, वो भी हसीन लगेगी।” वो हँसीं और बोलीं, “बड़ा चिकना बोलता है तू।” फिर उन्होंने मेरे लिए एक कुर्ता लिया और कहा, “ये पहनकर मेरे सामने आना, देखूँ मेरा देवर कितना जवान लगता है।”

आखिरी रंग

एक दिन भैया घर आए, लेकिन भाभी और मेरे बीच वो चुलबुलापन कम नहीं हुआ। एक शाम वो रसोई में थीं, और मैं उनके पास गया। वो चाय बना रही थीं, और उनकी साड़ी का पल्लू गिर गया। मैंने पास जाकर कहा, “भाभी, आपकी ये कमर तो मुझसे बातें करती है।” वो पलटीं और मेरी आँखों में देखकर बोलीं, “राघव, तू बड़ा बदमाश हो गया है।” फिर वो मेरे करीब आईं और धीरे से मेरे सीने पर उंगली फेरते हुए बोलीं, “लेकिन ये बदमाशी मुझे अच्छी लगती है।” उस पल में मेरे जिस्म में बिजली सी दौड़ गई, लेकिन तभी भैया की आवाज आई, और हम दोनों हँसते हुए अलग हो गए।

Hot Sex Kahani  ससुर जी ने अपने पहलवान दोस्त को बुलाकर लाया मुझे चोदने

निष्कर्ष

भाभी और मेरे बीच का ये खेल एक अनकही आग की तरह था। उनकी हर अदा, हर बात, और वो नजदीकी मुझे बेकरार करती थी। लेकिन हम दोनों जानते थे कि ये सिर्फ एक मस्ती थी—एक ऐसा नशा जो दिल को छूता था, पर हदें नहीं लाँघता था। भाभी मेरे लिए वो सपना थीं जो हकीकत में कभी पूरा नहीं हो सकता था, और शायद यही उस रिश्ते की खूबसूरती थी।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments