मैं पति को नहीं बल्कि अपने नौकर से सेक्स की भूख मिटाती हूँ

मेरा नाम रिया है, उम्र 31 साल। मैं एक ऐसी औरत हूँ जिसे देखकर हर मर्द की साँसें रुक जाएँ। मेरा रंग दूध सा गोरा है, चूचियाँ बड़ी, रसीली और उभरी हुई, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और मेरी कमर इतनी पतली कि उस पर हाथ फेरने का मन करे। मेरे होंठ गुलाबी और मांसल हैं, और मेरी आँखों में एक नशीली चमक है जो किसी को भी अपनी ओर खींच लेती है। मैं बहुत कामुक हूँ, और सेक्स मेरी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है। मेरी शादी अजय से हुई थी, जो 36 साल का है। अजय एक बिजनेसमैन है, और उसका काम उसे अक्सर बाहर ले जाता है। लेकिन मेरी ये कहानी मेरे नौकर, गोपाल, के साथ मेरे गुप्त संबंधों की है, जो मेरी सेक्स की भूख को शांत करता है।

हमारा घर दिल्ली के एक बड़े बंगले में है। अजय और मैं शादी के शुरुआती सालों में बहुत मस्ती करते थे। वो रात को मेरी चूचियाँ चूसता, मेरी चूत में लंड डालता, और मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदता। उसका लंड मोटा था, और उसकी ठापों से मेरी चूत की आग बुझ जाती थी। लेकिन कुछ साल बाद उसका जोश ठंडा पड़ गया। वो जल्दी थक जाता, और मुझे अधूरी तड़प के साथ छोड़ देता। मैं रातभर बिस्तर पर करवटें बदलती, और मेरी चूत में आग लगी रहती। मैं अपनी उंगलियों से खुद को शांत करने की कोशिश करती, लेकिन वो मज़ा अधूरा रहता। मेरी कामुकता बढ़ती गई, और मैंने अपने नौकर, गोपाल, को अपनी हवस का शिकार बनाया।

गोपाल 28 साल का है, साँवला, मज़बूत और जवान। उसका जिस्म पत्थर की तरह सख्त है, चौड़ा सीना, मज़बूत बाँहें, और उसकी आँखों में एक जंगली चमक है। वो हमारे घर में पिछले दो साल से काम करता है। वो घर की सफाई करता, खाना बनाता, और मेरे हर काम में मदद करता। जब वो झाड़ू लगाता, उसकी बनियान में उसकी मज़बूत छाती उभरती, और मैं उसे घूरती। वो मुझे देखता, और उसकी नज़रें मेरी चूचियों और गांड पर टिक जातीं। मैं जानबूझकर टाइट साड़ी या नाइटी पहनती, जिसमें मेरा जिस्म साफ दिखे। जब मैं झुकती, मेरी चूचियाँ उसके सामने उभर आतीं, और वो बेचैन हो जाता। मैं उसकी बेचैनी को देखकर मुस्कुराती, और मेरी चूत गीली हो जाती।

एक दिन की बात है। अजय सुबह-सुबह एक हफ्ते के लिए मुंबई चला गया। मैं घर पर अकेली थी। मैंने एक पतली नाइटी पहनी थी, जो मेरे शरीर से चिपककर मेरी चूचियों और गांड को उभार रही थी। गोपाल सुबह घर की सफाई करने आया। मैं रसोई में थी, और जानबूझकर एक गिलास नीचे गिरा दिया। मैंने उसे बुलाया, “गोपाल, इधर आ, ये गिलास टूट गया।” वो जल्दी से आया और झाड़ू लेकर साफ करने लगा। मैं उसके सामने झुकी, और मेरी चूचियाँ नाइटी से बाहर झाँकने लगीं। उसकी नज़रें मेरी चूचियों पर टिक गईं, और मैंने देखा कि उसकी पैंट में उभार बन गया था। मैंने हँसते हुए कहा, “क्या देख रहा है, गोपाल?”

Hot Sex Kahani  बॉयफ्रेंड ने पहले खूब चोदा फिर रंडी बनाया और बाजार में बेचा

वो शरमा गया और बोला, “कुछ नहीं, मालकिन।” मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी कमर पर रख दिया। वो चौंक गया और बोला, “मालकिन, ये क्या कर रही हैं?” मैंने उसकी आँखों में देखा और बोली, “गोपाल, मुझे तेरी ज़रूरत है। अजय घर पर नहीं है, और मेरी चूत में आग लगी है।” मेरी बातों ने उसके अंदर की आग भड़का दी। उसने मुझे अपनी मज़बूत बाँहों में खींच लिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसका चुम्बन सख्त और गर्म था, और मैं उसके होंठ चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे मुँह में घूम रही थी, और मेरे शरीर में आग लग गई थी। मैं सिसक उठी, “आह्ह… गोपाल, कितना मज़ा आ रहा है!”

उसने मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूचियों को दबाया। उसकी मज़बूत पकड़ ने मुझे पागल कर दिया। मैं चीख रही थी, “उफ्फ… गोपाल, और ज़ोर से दबा!” उसने मेरी नाइटी फाड़ दी, और मेरी नंगी चूचियाँ उसके सामने थीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और उसने एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। मैं सिसक रही थी, “आह्ह… गोपाल, चूस इसे, मुझे जलन हो रही है!” उसकी जीभ मेरे निप्पल पर नाच रही थी, और उसका दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची को मसल रहा था। मेरी चूत गीली हो गई थी, और मैं तड़प रही थी। मैंने उसकी बनियान उतार दी, और उसकी मज़बूत छाती मेरे सामने थी। मैंने उसकी छाती पर हाथ फेरा और बोली, “गोपाल, तेरा जिस्म बहुत मस्त है!”

उसने मेरी पैंटी उतार दी, और मेरी चिकनी चूत उसके सामने थी। उसने मेरी जाँघों को फैलाया और मेरी चूत पर अपनी उंगली फिराई। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… गोपाल, अंदर डाल!” उसने अपनी उंगली मेरी चूत में डाल दी, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और कर!” उसने अपनी पैंट उतारी, और उसका मोटा लंड मेरे सामने था। वो काला, लंबा और सख्त था। मैं बोली, “ये तो बहुत बड़ा है!” उसने हँसते हुए कहा, “मालकिन, ये आपके लिए है।” उसने मुझे रसोई के स्लैब पर लिटाया और मेरी चूत पर अपना लंड रखा। मैं काँप रही थी और बोली, “गोपाल, आहिस्ता डालना।” उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… गोपाल, मेरी चूत फट गई!”

Hot Sex Kahani  मंत्री ने मेरी बहन की बुर चोदी तो मैंने उसकी लड़की चोदकर हिसाब बराबर किया

वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… गोपाल, और ज़ोर से चोद!” उसकी ठापों से मेरा पूरा शरीर हिल रहा था, और मेरी चूत से रस बह रहा था। उसने मेरी चूचियों को पकड़ा और उन्हें मसलने लगा। मैं चीख रही थी, “आह्ह… गोपाल, मेरी चूचियाँ दबा, मुझे जलन चाहिए!” उसने मेरे निप्पल काटे, और मैं तड़प उठी, “उफ्फ… और कर!” उसकी ठापों से रसोई गूँज रही थी, और मेरी सिसकियाँ तेज़ हो रही थीं। मैं अपनी कामुकता में डूब चुकी थी, और मुझे सिर्फ उसका लंड चाहिए था।

कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाया। मेरी गांड उसके सामने ऊँची हो गई, और उसने मेरी गांड पर हाथ फेरा। वो बोला, “मालकिन, आपकी गांड बहुत मस्त है।” मैं सिसकते हुए बोली, “गोपाल, इसे भी चोद दे!” उसने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरी गांड में डाल दिया। मैं चीख पड़ी, “आह्ह… गोपाल, मेरी गांड फट गई!” वो मेरी गांड में ठाप मारने लगा, और मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से, मुझे दर्द चाहिए!” उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे, और मैं चीख रही थी, “आह्ह… मारो और, मेरी गांड लाल कर दो!” उसकी ठापों से मेरी गांड जल रही थी, और मेरी चूत से रस टपक रहा था।

फिर उसने मुझे अपनी गोद में उठाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं उसके कंधों पर थी और चीख रही थी, “आह्ह… गोपाल, मुझे उड़ा दे!” उसने मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदा, और उसकी ठापों से मेरा पूरा शरीर काँप रहा था। मैं सिसक रही थी, “उफ्फ… गोपाल, तेरा लंड बहुत मस्त है!” उसने मेरी चूचियों को चूसा, और मैं तड़प रही थी, “आह्ह… और चूस!” उसने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरी चूत में फिर से ठाप मारने लगा। मैं चीख रही थी, “गोपाल, मेरी चूत फाड़ दे!” उसकी ठापों से बिस्तर हिल रहा था, और मेरी सिसकियाँ आसमान तक जा रही थीं।

Hot Sex Kahani  मालिक के बेटी की चुदाई, से मेरे लंड की हुई कटाई

कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड में फिर से ठाप मारी। मैं सिसक रही थी, “आह्ह… गोपाल, मेरी गांड जल रही है!” उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारे, और मैं चीख रही थी, “उफ्फ… और मारो!” उसकी ठापों से मेरी गांड लाल हो गई थी, और मेरी चूत से रस बह रहा था। मैंने कहा, “गोपाल, मेरे मुँह में डाल!” उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, और मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। वो सिसक रहा था, “आह्ह… मालकिन, तेरा मुँह बहुत गर्म है!” मैं उसका लंड चूस रही थी, और मेरी जीभ उसके टोपे पर नाच रही थी।

आखिर में उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी चूत में ठाप मारने लगा। मैं सिसक रही थी, “गोपाल, मुझे चोद डाल!” वो ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और मेरी चूचियाँ उछल रही थीं। उसने कहा, “मालकिन, मैं झड़ने वाला हूँ!” मैं चीख रही थी, “गोपाल, मेरी चूत में झड़ जा!” उसने तेज़ ठाप मारी, और उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। मैं काँपते हुए बिस्तर पर गिर पड़ी, और वो मेरे ऊपर ढेर हो गया। हम दोनों हाँफ रहे थे, और मेरा शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।

उसने मेरे कान में फुसफुसाया, “मालकिन, आप बहुत कामुक हैं।” मैं हँसते हुए बोली, “गोपाल, तूने मेरी भूख मिटा दी।” उस दिन के बाद जब भी अजय बाहर जाता है, मैं गोपाल को अपने बिस्तर पर बुलाती हूँ। वो मेरे जिस्म को नोचता है, और मैं उसकी ठापों में अपनी हवस मिटाती हूँ। अजय को कुछ पता नहीं, और मैं गोपाल के लंड से अपनी सेक्स की भूख शांत करती हूँ। ये हमारा गुप्त संबंध है, जो मेरी कामुकता को ज़िंदा रखता है।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments