गाँव की चचेरी बहन की मस्त चूत

Village Sex Story Brother Sister – मेरा नाम अर्जुन है, उम्र 24 साल। मैं एक जवान, मज़बूत और हॉट लड़का हूँ। मेरा रंग साँवला है, चौड़ा सीना, मज़बूत बाँहें और एक ऐसा लंड जो किसी भी लड़की को तड़पा दे। मैं दिल्ली में रहता हूँ, लेकिन हर गर्मियों में अपने गाँव जाता हूँ। मेरा गाँव हरियाणा में है, जहाँ मेरी चचेरी बहन, राधा, रहती है। राधा 20 साल की है, और वो ऐसी हसीना है कि गाँव के सारे लड़के उस पर मरते हैं। उसका रंग गेहुआँ, चूचियाँ भारी, रसीली और उभरी हुई, गांड मोटी, गोल और थिरकती हुई, और उसकी कमर इतनी पतली कि उसे देखकर हर मर्द का लंड खड़ा हो जाए। ये कहानी उस गर्मी की है, जब मैंने राधा की मस्त चूत चोदी और उसकी जवानी का मज़ा लिया।

हमारा गाँव खेतों और हरियाली से भरा है। मैं हर साल गर्मियों में गाँव जाता हूँ, और राधा के साथ खूब मस्ती करता हूँ। वो मुझसे छोटी है, लेकिन उसकी जवानी देखकर मैं हमेशा तड़पता था। जब वो लहँगा-चोली या टाइट सलवार-कमीज़ पहनती, उसकी चूचियाँ और गांड साफ उभरती थीं। वो खेतों में दौड़ती, और उसकी गांड मटकती थी। मैं उसे चोरी-छिपे घूरता, और मेरा लंड खड़ा हो जाता। वो मेरी नज़रें देखकर मुस्कुराती, और मुझे लगता था कि वो जानबूझकर मुझे तड़पाती है। इस बार जब मैं गाँव गया, राधा और हॉट हो गई थी। उसकी चूचियाँ और मोटी हो गई थीं, और उसकी गांड देखकर मेरा मन डोलने लगा।

एक दोपहर की बात है। गाँव में बिजली चली गई थी, और गर्मी से सब परेशान थे। मैं और राधा घर के आँगन में बैठे थे। राधा ने एक पतला सा कुरता और लहँगा पहना था, जो उसके जिस्म से चिपक रहा था। उसकी चूचियाँ कुरते से बाहर आने को बेताब थीं, और उसका लहँगा उसकी जाँघों तक सरक गया था। वो मेरे सामने बैठी थी, और उसकी गोरी जाँघें मेरे सामने थीं। मैं उसे घूर रहा था, और मेरा लंड तन गया। उसने मेरी नज़रें देखी और हँसते हुए बोली, “क्या देख रहा है, भैया?” मैंने हिम्मत की और बोला, “राधा, तू बहुत हॉट लग रही है।” वो शरम से लाल हो गई, लेकिन उसकी आँखों में एक चमक थी।

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वो उठी और बोली, “चल, खेतों में नहाने चलते हैं। गर्मी बहुत है।” मैंने हाँ कहा, और हम दोनों अपने खेतों की ओर चल पड़े। खेतों में एक छोटा सा तालाब था, जहाँ हम बचपन में नहाते थे। वहाँ कोई नहीं था, और चारों तरफ सन्नाटा था। राधा ने अपना कुरता उतार दिया, और वो सिर्फ चोली और लहँगा में थी। उसकी चूचियाँ चोली से बाहर आने को बेताब थीं, और मैं उसे देखकर पागल हो रहा था। वो तालाब में उतर गई और पानी में खेलने लगी। उसने मुझे बुलाया, “भैया, तू भी आ!” मैंने अपनी शर्ट और पैंट उतार दी, और सिर्फ कच्छे में तालाब में कूद गया।

राधा मेरे पास आई और मुझ पर पानी उछाला। उसका गीला जिस्म चमक रहा था, और उसकी चोली उसकी चूचियों से चिपक गई थी। मैंने उसकी कमर पकड़ ली, और वो मेरे सीने से टकरा गई। उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं, और मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उसकी आँखों में देखा और बोला, “राधा, तू बहुत मस्त है।” उसने शरमाते हुए कहा, “भैया, ये गलत है।” लेकिन मैंने उसकी बात नहीं सुनी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और वो मेरे चुम्बन में डूब गई। उसका चुम्बन गर्म और रसीला था, और मैं उसकी जीभ चूसने लगा। वो सिसक उठी, “आह्ह… भैया, ये क्या कर रहे हो?”

मैंने उसकी चोली खींच दी, और उसकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थीं। वो भारी, रसीली और गुलाबी निप्पल वाली थीं। मैंने एक चूची को मुँह में लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। वो चीख रही थी, “आह्ह… भैया, चूसो, मुझे जलन हो रही है!” मैंने उसकी दूसरी चूची को मसला, और वो तड़प रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से!” मेरी जीभ उसके निप्पल पर नाच रही थी, और उसकी सिसकियाँ तालाब में गूँज रही थीं। मैंने उसका लहँगा उतार दिया, और उसकी चूत मेरे सामने थी। वो चिकनी, गीली और मस्त थी। मैंने उसकी चूत पर उंगली फिराई, और वो चीख पड़ी, “आह्ह… भैया, अंदर डाल!”

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मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में डाल दी, और वो सिसक रही थी, “उफ्फ… और कर!” मैंने उसे तालाब के किनारे लिटाया और उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी। मैं उसकी चूत चाटने लगा, और वो चीख रही थी, “आह्ह… भैया, चाटो इसे, मुझे मज़ा आ रहा है!” मेरी जीभ उसकी चूत में अंदर तक जा रही थी, और उसका रस मेरे मुँह में आ रहा था। मैंने अपने कच्छे उतार दिए, और मेरा मोटा लंड उसके सामने था। वो बोली, “भैया, ये तो बहुत बड़ा है!” मैंने हँसते हुए कहा, “राधा, ये तेरी मस्त चूत के लिए है।”

मैंने उसका सिर पकड़ा और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैं सिसक रहा था, “आह्ह… राधा, कितना मज़ा दे रही है!” उसकी जीभ मेरे लंड पर नाच रही थी, और मैं पागल हो रहा था। मैंने उसे फिर से लिटाया और उसकी जाँघें फैला दीं। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। वो चीख पड़ी, “आह्ह… भैया, मेरी चूत फट गई!” मैं ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। मैं सिसक रहा था, “राधा, तेरी चूत बहुत मस्त है!” वो चीख रही थी, “भैया, और ज़ोर से चोद, मुझे फाड़ दे!”

मेरी ठापों से उसका पूरा शरीर हिल रहा था, और उसकी चूत से रस बह रहा था। मैंने उसकी चूचियों को पकड़ा और मसलने लगा। वो चीख रही थी, “आह्ह… भैया, मेरी चूचियाँ नोच दे!” मैंने उसके निप्पल काटे, और वो तड़प रही थी, “उफ्फ… और कर!” मेरी ठापों से तालाब का पानी हिल रहा था, और उसकी सिसकियाँ आसमान तक जा रही थीं। कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी मोटी गांड मेरे सामने थी, और मैंने उस पर थप्पड़ मारा। वो चीख पड़ी, “आह्ह… भैया, और मार!” मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में डाल दिया। वो चीख पड़ी, “आह्ह… भैया, मेरी गांड फट गई!”

मैं उसकी गांड में ठाप मारने लगा, और वो सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से!” मैंने उसकी गांड पर और थप्पड़ मारे, और वो चीख रही थी, “आह्ह… मेरी गांड लाल कर दे!” मेरी ठापों से उसकी गांड जल रही थी, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और उसकी चूत में ठाप मारने लगा। वो मेरे कंधों पर थी और चीख रही थी, “आह्ह… भैया, मुझे‘आह्ह… भैया, मुझे उड़ा दे!” मैंने उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदा, और उसका पूरा शरीर काँप रहा था। मैं सिसक रहा था, “राधा, तेरी चूत स्वर्ग है!” वो चीख रही थी, “भैया, और ज़ोर से!”

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मैंने उसे फिर से लिटाया और उसकी चूत में ठाप मारने लगा। वो चीख रही थी, “भैया, मेरी चूत फाड़ दे!” मेरी ठापों से ज़मीन हिल रही थी, और उसकी सिसकियाँ तेज़ हो रही थीं। मैंने कहा, “राधा, अब मुँह में ले!” मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, और वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैं सिसक रहा था, “आह्ह… राधा, तेरा मुँह बहुत गर्म है!” उसकी जीभ मेरे लंड पर नाच रही थी, और मैं पागल हो रहा था।

आखिर में मैंने उसे लिटाया और उसकी चूत में ठाप मारने लगा। मैं सिसक रहा था, “राधा, मैं झड़ने वाला हूँ!” वो चीख रही थी, “भैया, मेरी चूत में झड़ जा!” मैंने तेज़ ठाप मारी, और मेरा गर्म माल उसकी चूत में भर गया। मैं काँपते हुए उसके ऊपर गिर पड़ा, और वो भी हाँफ रही थी। हम दोनों का शरीर पसीने और रस से भीगा हुआ था।

वो मेरे कान में बोली, “भैया, तूने मेरी चूत को जन्नत बना दिया।” मैं हँसते हुए बोला, “राधा, तेरी मस्त चूत ने मुझे पागल कर दिया।” उस गर्मी के बाद मैं जब भी गाँव जाता हूँ, राधा और मैं खेतों में चुदाई का खेल खेलते हैं। वो मेरी मस्त चूत बन गई है, और मैं उसका लंड। ये हमारा गुप्त रिश्ता है, जो हमारी जवानी को ज़िंदा रखता है।

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