Cricket Team Tournament Sex Story – मेरा नाम रोहन है, उम्र 27 साल, और मैं एक ऐसा जवान मर्द हूँ जिसका जिस्म और लंड हर लड़की को तड़पा दे। मेरा रंग साँवला, छाती चौड़ी, बाँहें पत्थर सी सख्त, और मेरा लंड इतना मोटा और लंबा कि हर चूत उसकी दीवानी हो जाए। मैं दिल्ली में एक छोटे से खेल क्लब का कोच हूँ, जहाँ मैं क्रिकेट सिखाता हूँ। मेरा क्लब ज़्यादातर कॉलेज की लड़कियों और लड़कों के लिए है, और मैं अपनी हॉट ट्रेनिंग स्टाइल की वजह से काफ़ी मशहूर हूँ। लेकिन ये कहानी उस गर्मी की छुट्टियों की है, जब एक लड़कियों की क्रिकेट टीम मेरे क्लब में टूर्नामेंट के लिए आई, और मैंने उनकी चूत और गांड को अपने लंड की आग से जला डाला।
बात पिछले साल की है। दिल्ली में गर्मी का मौसम था, और मेरा क्लब एक इंटर-कॉलेज क्रिकेट टूर्नामेंट की मेज़बानी कर रहा था। कई कॉलेजों की टीमें आई थीं, लेकिन मेरी नज़र एक खास लड़कियों की टीम पर थी। वो नोएडा के एक कॉलेज से थीं, और उनकी टीम में 11 हसीनाएँ थीं, एक से बढ़कर एक माल। उनकी कप्तान थी प्रिया, 23 साल की, गोरी, भारी चूचियाँ, मोटी गांड और लचकती कमर वाली। उसकी ड्रेस टाइट थी, और उसकी जाँघें मैदान में चमक रही थीं। दूसरी थी शिखा, 22 साल की, साँवली, रसीली चूचियाँ और टाइट गांड वाली। तीसरी थी नेहा, 21 साल की, गोरी, पतली कमर और उछलती चूचियों वाली। बाकी लड़कियाँ भी कम नहीं थीं—हर एक का जिस्म ऐसा कि लंड तड़प जाए।
टूर्नामेंट शुरू हुआ, और मैं उनकी प्रैक्टिस सेशन का कोच था। प्रिया मैदान में बल्ला घुमाती तो उसकी चूचियाँ उछलतीं, और मैं उसे घूरता। शिखा गेंद फेंकती तो उसकी गांड मटकती, और मेरे लंड में हलचल होने लगती। नेहा फील्डिंग करती तो उसकी जाँघें चमकतीं, और मैं उसकी चूत की कल्पना करता। मैंने देखा कि वो भी मुझे चोरी-छिपे घूरती थीं। मैंने सोचा, इन हसीनाओं को चोदने का मौका मिलना चाहिए। टूर्नामेंट के दूसरे दिन मैंने प्रिया को अपने केबिन में बुलाया। मैंने कहा, “प्रिया, तुम्हारी टीम में दम है, लेकिन मेरी खास कोचिंग चाहिए।” वो हँसी और बोली, “रोहन सर, आप तो बहुत हॉट कोच हो। क्या सिखाओगे?”
उसकी बातों ने मेरी हवस जगा दी। मैंने उसकी कमर पकड़ ली और बोला, “प्रिया, मैं तुम्हारी चूत को बल्ला और मेरे लंड को गेंद बनाना सिखाऊँगा।” वो शरमाई, लेकिन उसकी आँखों में चमक थी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, और वो मेरे चुम्बन में डूब गई। उसका चुम्बन गर्म और रसीला था, और मैं उसकी जीभ चूसने लगा। मैंने उसकी टी-शर्ट फाड़ दी, और उसकी भारी चूचियाँ मेरे सामने थीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मैंने एक चूची को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया। वो चीख पड़ी, “आह्ह… सर, चूसो, मेरी चूचियाँ जल रही हैं!”
मैंने उसकी शॉर्ट्स उतार दी, और उसकी चिकनी चूत मेरे सामने थी। मैंने उसकी चूत पर जीभ फिराई, और वो सिसक उठी, “उफ्फ… सर, चाटो, मेरी चूत प्यासी है!” मैं उसकी चूत चूस रहा था, और उसका रस मेरे मुँह में बह रहा था। वो चीख रही थी, “आह्ह… और ज़ोर से!” मैंने अपनी पैंट उतारी, और मेरा मोटा लंड उसके सामने था। वो बोली, “सर, ये तो बहुत बड़ा है!” मैंने हँसते हुए कहा, “प्रिया, ये तेरी चूत का खिलाड़ी है।” मैंने उसका सिर पकड़ा और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। वो उसे ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, और मैं सिसक रहा था, “उफ्फ… प्रिया, तेरा मुँह जन्नत है!”
मैंने उसे टेबल पर लिटाया और उसकी जाँघें फैला दीं। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला और एक ज़ोरदार धक्का मारा। वो चीख पड़ी, “आह्ह… सर, मेरी चूत फट गई!” मैं ज़ोर-ज़ोर से ठाप मारने लगा, और उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। वो सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से चोदो, मेरी चूत को फाड़ दो!” मेरी ठापों से टेबल हिल रहा था, और उसकी सिसकियाँ केबिन में गूँज रही थीं। मैंने उसकी चूचियाँ मसलीं, और वो चीख रही थी, “आह्ह… नोच डालो इन्हें!”
तभी दरवाज़ा खुला, और शिखा और नेहा अंदर आ गईं। वो हमें देखकर चौंक गईं, लेकिन उनकी आँखों में हवस थी। मैंने हँसते हुए कहा, “आ जाओ, तुम दोनों की भी कोचिंग हो जाए!” प्रिया हँस रही थी, और शिखा बोली, “सर, हम भी खेलना चाहते हैं।” मैंने शिखा को पकड़ा और उसकी टी-शर्ट फाड़ दी। उसकी रसीली चूचियाँ मेरे सामने थीं, और मैंने उन्हें चूसना शुरू किया। वो चीख रही थी, “आह्ह… सर, चूसो, मेरी चूचियाँ तड़प रही हैं!” नेहा मेरी पैंट उतार रही थी, और उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया। मैं सिसक रहा था, “उफ्फ… नेहा, तेरा मुँह आग है!”
मैंने शिखा को टेबल पर लिटाया और उसकी चूत में लंड डाल दिया। वो चीख पड़ी, “आह्ह… सर, मेरी चूत जल रही है!” मैं ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और उसकी गांड हिल रही थी। प्रिया मेरी चूचियाँ चूस रही थी, और नेहा मेरी गांड सहला रही थी। मैंने नेहा को अपनी गोद में उठाया और उसकी चूत में ठाप मारने लगा। वो चीख रही थी, “आह्ह… सर, मुझे उड़ा दो!” मैं ज़ोर-ज़ोर से ठाप मार रहा था, और उसकी चूचियाँ मेरे मुँह में थीं। मैं सिसक रहा था, “नेहा, तेरी चूत रसीली है!”
फिर मैंने तीनों को बारी-बारी चोदा। मैंने प्रिया की गांड में लंड डाला, और वो चीख रही थी, “आह्ह… मेरी गांड फट गई!” मैंने शिखा की चूत में ठाप मारी, और वो सिसक रही थी, “उफ्फ… और ज़ोर से!” मैंने नेहा का मुँह चोदा, और वो चीख रही थी, “आह्ह… तेरा लंड स्वर्ग है!” हमारी सिसकियाँ केबिन में गूँज रही थीं, और मैं उनकी हवस का राजा बन गया था। मैंने प्रिया को फिर से लिटाया और उसकी चूत में ठाप मारने लगा। वो चीख रही थी, “सर, मेरी चूत फाड़ दो!” मैं सिसक रहा था, “प्रिया, तेरी चूत मेरे लंड की रानी है!”
टूर्नामेंट के आखिरी दिन मैंने पूरी टीम को अपने फ्लैट पर बुलाया। वहाँ प्रिया, शिखा, नेहा और बाकी लड़कियाँ थीं। मैंने वाइन पिलाई, और नशा चढ़ गया। मैंने प्रिया की चूत चाटी, शिखा की गांड मारी, और नेहा की चूचियाँ चूसीं। बाकी लड़कियाँ भी मेरे लंड की दीवानी हो गईं। मैंने एक-एक करके उनकी चूत और गांड को चोदा। उनकी सिसकियाँ मेरे फ्लैट में गूँज रही थीं, और मेरा लंड उनकी हवस का खिलाड़ी बन गया था। मैंने प्रिया की चूत में झड़ गया, शिखा की गांड में, और नेहा के मुँह में। बाकी लड़कियों की चूत भी मेरे माल से भर गई।
हम सब बिस्तर पर ढेर हो गए, और हमारा जिस्म पसीने और रस से तर-बतर था। प्रिया मेरे पास आई और बोली, “सर, आपका लंड बेस्ट कोच है।” मैं हँसते हुए बोला, “प्रिया, तुम सब मेरी बेस्ट प्लेयर हो।” टूर्नामेंट खत्म हुआ, लेकिन वो लड़कियाँ मेरे फ्लैट पर अक्सर आती रहीं। मैं उनकी चूत और गांड को हर बार नई जन्नत दिखाता। ये हमारा गुप्त खेल बन गया, जो मेरे लंड और उनकी चूत को ज़िंदा रखता है।