जुए में हार गया मेरा पति, उसके बाद उन लोगों ने खूब चोदा मुझे

jua me haar gaya mera pati sex kahani : मेरा नाम सोनिया है, और मैं 30 साल की एक हॉट, चुदास भरी औरत हूँ। मेरा गोरा, भरा हुआ बदन, बड़ी-बड़ी चूचियाँ, गोल गांड, और पतली कमर हर मर्द के लंड में आग लगा देता है। मेरे रसीले होंठ, गुलाबी निप्पल, और गीली चूत चुदाई का खुला न्योता देती है। मेरी आँखों में एक मादक चमक और मेरी मटकती चाल किसी भी मर्द को पागल कर देती है। मेरा पति, अमित, 35 साल का है, लेकिन उसकी जुए की लत ने हमारी जिंदगी को बर्बाद कर दिया। वह हर रात अपने दोस्तों—रमेश, सुनील, और विकास—के साथ जुआ खेलता था। ये तीनों गठीले, चुदास भरे मर्द थे, जिनके मोटे, काले लंड मेरी चूत में चुदास की सिहरन पैदा करते थे। मैंने कई बार उनकी आँखों में मेरे चूचों और गांड के लिए जंगली प्यास देखी थी। ये कहानी उस रात की है, जब अमित जुए में सब कुछ हार गया, और रमेश, सुनील, और विकास ने मेरी चूत, गांड, और चूचियों को खूब चोदा, जिससे मैं चरम सुख की आग में जल उठी।

उस रात हमारे घर में जुए का अड्डा जमा था। अमित ने अपनी सारी जमा-पूँजी, गहने, और यहाँ तक कि हमारा घर भी दाँव पर लगा दिया था। मैं रसोई में चाय और नाश्ता तैयार कर रही थी, ताकि जुए के खेल को और रंग मिले। मैंने एक टाइट, लाल ड्रेस पहनी थी, जो मेरी चूचियों और गांड के उभारों को पूरी तरह उजागर कर रही थी। ड्रेस का गहरा गला मेरे चूचों की गहरी रेखा को दिखा रहा था, और मेरी नंगी जाँघें चमक रही थीं। मैंने जानबूझकर ब्रा नहीं पहनी थी, ताकि मेरे सख्त निप्पल ड्रेस में उभरें। मेरी पैंटी इतनी पतली थी कि मेरी गीली चूत का आकार साफ दिख रहा था। मेरी चूत में पहले से ही चुदास सुलग रही थी, क्योंकि मैंने रमेश, सुनील, और विकास की भूखी नजरें अपने बदन पर महसूस की थीं। उनकी पैंट में उनके मोटे लंडों के उभार मेरी चूत को बेकरार कर रहे थे।

रात के 12 बजे तक जुआ अपने चरम पर था। अमित शराब के नशे में डूबा हुआ था, और उसकी हर चाल गलत साबित हो रही थी। मैं रसोई से चाय का ट्रे लेकर लिविंग रूम में आई, और मेरी मटकती गांड ने सबका ध्यान खींच लिया। रमेश ने मेरी चूचियों को घूरते हुए कहा, “सोनिया भाभी, तुम्हारा ये बदन तो जुए से भी बड़ा दाँव है।” सुनील ने ठहाका लगाया और बोला, “अमित, अपनी बीवी को दाँव पर लगा दे, शायद तेरा नुकसान पूरा हो जाए।” विकास ने मेरी जाँघों को घूरते हुए कहा, “सोनिया, तेरी चूत और गांड को चोदने का मौका मिले, तो मैं सारा जुआ छोड़ दूँ।” उनकी बातें सुनकर मेरी चूत और गीली हो गई, और मैंने शरारत से कहा, “विकास, मेरी चूत को जीतने की हिम्मत है तुममें?” मेरे शब्दों ने कमरे में आग लगा दी, और अमित की आँखों में शर्मिंदगी के साथ-साथ चुदास की चमक दिखी।

रात के 1 बजे, अमित की हार की चीखें गूँजीं। उसने जुए में सब कुछ हार लिया—पैसे, गहने, और हमारा घर। रमेश, सुनील, और विकास ने ठहाके लगाए, और रमेश ने अमित को ताना मारा, “अमित, अब तो सिर्फ तेरी बीवी बची है। उसे दाँव पर लगाएगा?” अमित शराब के नशे में डूबा था और शर्मिंदगी में सिर झुकाए चुप रहा। मेरी चूत में एक अजीब सी सिहरन दौड़ गई। मैंने ट्रे रखा और रमेश की आँखों में देखकर कहा, “रमेश, अगर तुमने मुझे जीत लिया, तो मेरी चूत, गांड, और चूचियाँ तुम्हारी हैं।” मेरे शब्दों ने तीनों के लंड तना दिए, और उनकी आँखें चुदास से चमक उठीं। अमित ने कमजोर आवाज में कहा, “सोनिया, ये क्या कह रही हो?” लेकिन मैंने उसकी ओर देखकर कहा, “अमित, तुमने सब हार दिया, अब मेरी चूत ही तुम्हारा कर्ज चुकाएगी।”

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सुनील ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मेरे रसीले होंठों पर एक गहरा, अश्लील चुंबन छोड़ दिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसका मोटा लंड मेरी जाँघों से टकरा रहा था। विकास ने मेरी ड्रेस को फाड़कर उतार दिया, और मेरी बड़ी, नंगी चूचियाँ उनके सामने उछल पड़ीं। मेरे निप्पल सख्त और गुलाबी थे, और मेरी गोरी त्वचा चाँदनी में चमक रही थी। रमेश ने मेरी पैंटी फाड़कर उतार दी, और मेरी चिकनी, गीली चूत और गोल गांड उनके सामने नंगी थी। मेरा चूत का रस मेरी जाँघों पर टपक रहा था, और मेरी चुदास उनकी भूखी नजरों से और भड़क गई। अमित कोने में बैठा हमें देख रहा था, लेकिन उसकी पैंट में उसका लंड तन गया था। उसकी शर्मिंदगी अब चुदास में बदल रही थी।

रमेश ने मेरे एक चूचे को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा, जैसे कोई भूखा शेर अपनी शिकार को चबा रहा हो। उसकी जीभ मेरे निप्पल को चाट रही थी, और मेरी सिसकारी कमरे में गूँज रही थी। सुनील ने मेरे दूसरे चूचे को अपनी उंगलियों से मसला, और मेरे गुलाबी निप्पल को खींचकर मेरी चीखें निकाल दीं। विकास ने मेरी जाँघें चौड़ी कीं और मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। उसकी जीभ मेरी चूत के दाने को चूस रही थी, और मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका मुँह अपनी चूत में और गहरा दबा रही थी। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मैं चुदास में चीख रही थी। “रमेश… सुनील… विकास… मेरी चूत और गांड को चोदो… मुझे फाड़ दो,” मैंने चीखते हुए कहा। अमित की साँसें तेज हो गईं, और उसने अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया।

रमेश ने अपनी पैंट उतारी, और उसका 8 इंच का मोटा, काला लंड तन गया। उसकी नसें फूली हुई थीं, और मेरी चूत ने उसे देखकर और रस छोड़ा। सुनील ने भी अपने कपड़े उतारे, और उसका 9 इंच का काला लंड मेरे सामने था, जो मेरी चूत को चीरने के लिए तैयार था। विकास का 7 इंच का लंड भी तना हुआ था, और उसकी आँखें मेरी गांड पर टिकी थीं। मैंने रमेश के लंड को अपने रसीले होंठों में लिया और गहराई तक चूसने लगी। उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था, और उसकी सिसकारियाँ निकल रही थीं। सुनील ने मेरे चूचियों को मसला और अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया। मैं बारी-बारी उनके लंड चूस रही थी, और मेरी चूत चुदाई के लिए तड़प रही थी। विकास ने मेरी गांड के छेद को अपनी उंगली से सहलाया, और फिर अपनी जीभ से मेरी गांड को चाटने लगा। मेरी चूत और गांड चुदास में पागल हो रही थीं।

रमेश ने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरी जाँघें चौड़ी कीं। उसने अपना मोटा लंड मेरी गीली चूत में डाल दिया, और मैं चीख पड़ी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था, लेकिन दर्द जल्दी ही मादक सुख में बदल गया। वह जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और मेरे चूचे हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैं अपनी गांड को हिलाकर उसका लंड और गहरा ले रही थी, और मेरी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूँज रही थीं। सुनील ने मेरे मुँह में अपना 9 इंच का लंड डाल दिया, और मैं उसे गहराई तक चूस रही थी। विकास ने मेरी गांड में अपनी उंगली डाली, और फिर धीरे-धीरे अपना 7 इंच का लंड मेरी गांड में डाल दिया। मैं दर्द और सुख में चीख पड़ी, लेकिन मेरी गांड ने जल्दी ही उसके लंड को गले लगा लिया।

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तीनों मिलकर मुझे चोद रहे थे—रमेश मेरी चूत में, विकास मेरी गांड में, और सुनील मेरे मुँह में। मेरी चूत और गांड उनके मोटे लंडों से भरी हुई थीं, और मेरी सिसकारियाँ और चीखें कमरे में तूफान ला रही थीं। “रमेश… सुनील… विकास… मेरी चूत और गांड को फाड़ दो… मुझे चोदो,” मैंने चुदास में चीखते हुए कहा। रमेश ने मेरे चूचियों को मसला, और मेरे गुलाबी निप्पलों को अपने दाँतों से हल्के से काट लिया। सुनील ने मेरे बाल पकड़कर मेरा मुँह अपने लंड पर और जोर से दबाया, और विकास ने मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए अपने लंड से चोदा। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और मेरी गांड उनके लंड से चुदाई के लिए तड़प रही थी। अमित कोने में बैठा अपनी पैंट के ऊपर से अपने लंड को रगड़ रहा था, और उसकी आँखें मेरी चुदाई को देखकर चमक रही थीं।

उन्होंने मुझे घोड़ी बनाया, और अब सुनील ने मेरी चूत में अपना 9 इंच का मोटा लंड डाल दिया। उसका लंड मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था, और मैं सुख से चीख रही थी। रमेश ने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया, और उसकी हर धक्के से मेरी गांड थरथरा रही थी। विकास ने मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया, और मैं तीनों लंडों को एक साथ ले रही थी। मेरी चूत और गांड बार-बार झड़ रही थी, और मेरा रस उनकी जाँघों पर टपक रहा था। “सोनिया, तेरा ये मस्त बदन हमारे लंड का गुलाम है,” रमेश ने गुर्राते हुए कहा। “हाँ, रमेश… मेरी चूत और गांड तुम सबके लंड के लिए तड़पती है,” मैंने सिसकारी के साथ चीखते हुए कहा।

चुदाई का दौर घंटों चला। उन्होंने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा। एक बार रमेश ने मुझे अपनी गोद में बिठाया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर-जोर से उछाला। मेरे चूचे उसके चेहरे पर उछल रहे थे, और वह मेरे निप्पलों को चूस रहा था। सुनील ने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया, और दोनों मिलकर मुझे सैंडविच की तरह चोद रहे थे। विकास ने मेरे चूचियों को मसला और मेरे रसीले होंठों पर अपना लंड रगड़ा। मेरी चूत और गांड उनके लंडों से चुदाई की आग में जल रही थीं, और मेरी सिसकारियाँ रात भर गूँजती रहीं। मैं चुदास में पागल हो रही थी, और मेरी चूत उनके लंडों की गुलाम बन चुकी थी।

“सोनिया, हम सब तेरी चूत में झड़ेंगे,” सुनील ने चुदास में गुर्राते हुए कहा। “हाँ, सुनील… रमेश… विकास… मेरी चूत को अपने वीर्य से भर दो,” मैंने चीखते हुए कहा। पहले विकास ने मेरे मुँह में अपना गर्म वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे निगल लिया। उसका वीर्य मेरे गले से नीचे उतर गया, और मेरी चुदास और बढ़ गई। फिर रमेश ने मेरी गांड में अपना गाढ़ा वीर्य छोड़ा, और मेरी गांड उसके वीर्य से लबालब भर गई। आखिर में सुनील ने मेरी चूत में अपने गर्म, गाढ़े वीर्य की पिचकारी मारी, और मैं सुख से चीख पड़ी। मेरी चूत और गांड उनके वीर्य से चमक रही थी। उन्होंने मेरे चूचियों, रसीले होंठों, और मेरे पूरे बदन पर अपना वीर्य छोड़ा, और मैंने उसे अपनी जीभ से चाट लिया। मेरा बदन उनके वीर्य से गीला और चिपचिपा हो गया था।

चुदाई के बाद हम चारों हाँफ रहे थे। मेरी चूत और गांड चुदाई से सुज गई थी, और मेरा बदन उनके वीर्य से चमक रहा था। अमित कोने में बैठा अपनी पैंट में झड़ चुका था। उसकी आँखों में शर्मिंदगी थी, लेकिन वह चुप रहा। रमेश ने अमित को ताना मारा, “अमित, तू हार गया, लेकिन तेरी बीवी ने हम सबको जीत लिया।” सुनील ने मेरी चूचियों को सहलाते हुए कहा, “सोनिया, तेरी चूत और गांड ने हमारे लंड को पागल कर दिया।” विकास ने मेरी गांड पर एक आखिरी थप्पड़ मारा और बोला, “सोनिया, अब जब भी अमित जुआ हारेगा, तेरी चूत हमारी होगी।” मैंने उनकी ओर देखकर मादक मुस्कान दी और कहा, “रमेश, सुनील, विकास… मेरी चूत और गांड तुम्हारे लंड की गुलाम है।”

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उस रात के बाद, मेरी चुदास और बढ़ गई। रमेश, सुनील, और विकास हर हफ्ते हमारे घर जुआ खेलने आते, और अमित की हार मेरी चूत के लिए चरम सुख बन गई। एक रात, जब अमित फिर हार गया, उन्होंने मुझे बेडरूम में ले जाकर चोदा। रमेश ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरी चूत को अपने मोटे लंड से चोदा, जबकि सुनील ने मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया। विकास ने मेरे चूचियों को चूसा और मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया। मेरी चूत और गांड उनके वीर्य से फिर से भर गई, और मेरी सिसकारियाँ पूरे घर में गूँज रही थीं। अमित दरवाजे के पास खड़ा हमें देख रहा था, और उसका लंड फिर से तन गया था।

कभी-कभी, जब जुआ नहीं होता, तब भी मैं रमेश, सुनील, और विकास को बुला लेती। एक दोपहर, जब अमित ऑफिस में था, मैंने उन्हें हमारे घर बुलाया। मैंने एक पारदर्शी, काली नाइटी पहनी थी, जो मेरी चूचियों और गीली चूत को पूरी तरह उजागर कर रही थी। जैसे ही वे आए, रमेश ने मुझे रसोई के काउंटर पर झुकाया और मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया। सुनील ने मेरी गांड को थप्पड़ मारते हुए अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया, और विकास ने मेरे चूचियों को मसला। मेरी चूत और गांड उनकी चुदाई से थरथरा रही थी, और मैं चीख रही थी, “रमेश… सुनील… विकास… मेरी चूत को फाड़ दो!” उन्होंने मेरी चूत, गांड, और चूचियों को अपने वीर्य से चमका दिया, और मैं चरम सुख में डूब गई।

जब अमित को इसकी भनक पड़ी, उसने मुझसे नाराजगी दिखाई, लेकिन मैंने उसकी पैंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाया और कहा, “अमित, तुम जुआ खेलते रहो, ताकि मेरी चूत को ऐसे चरम सुख मिलते रहें।” उसने चुपके से मुस्कुराया, और मैं समझ गई कि मेरी चुदाई अब उसकी हार का इनाम बन चुकी थी। मेरी चूत और गांड रमेश, सुनील, और विकास के लंडों की गुलाम बन गई थीं। हर रात, जब वे मेरी चुदाई करते, मेरी सिसकारियाँ और चीखें घर में गूँजती थीं। मेरी चूत उनके वीर्य से चमकती थी, और मैंने सोचा कि अमित की जुए की लत ने मेरी चुदास को एक नया चरम सुख दिया है।

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